hi_2ki_tn/18/33.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामन्‍य जानकारी",
"body": "रबशाके अश्‍शूर के राजा का संदेश राजा हिजकिय्‍याह के पुरषो को बताना जारी है।"
},
{
"title": "क्या और जातियों के देवताओं ने.... अश्शूर",
"body": "“लोगो का कोई भी भगवान उनको छुड़ाऐगा…अश्‍शूर।”"
},
{
"title": "अर्पाद.... के देवता कहाँ रहे?",
"body": "“अर्पाद ..., के देवता का मैने नाश कर दिया है”"
},
{
"title": "हमात...अर्पाद....सपर्वैम... हेना....इव्वा...सामरिया",
"body": "“यह उन स्‍थानो के नाम है जो दर्शाता है कि लोग वहा रहते हैं।”"
},
{
"title": "मेरे हाथ से",
"body": "“मेरे नियंत्रण से बाहर”"
},
{
"title": "सब देवताओं में से ऐसा कौन है, जिस ने अपने देश को मेरे हाथ से बचाया हो?",
"body": "“मेरे बल से उनको बचाने वाला कोई भगवान नही है”"
},
{
"title": " मेरे हाथ से",
"body": "“मुझसे”"
},
{
"title": "क्या यहोवा यरूशलेम को मेरे हाथ से बचाएगा।",
"body": "“यहा कोई रास्‍ता नही है कि यहोवा यरूशलम को मेरी शकती से बचा सके”"
}
]