hi_2ki_tn/18/31.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मुझे प्रसन्‍न करो और मेरे पास निकल आओ,",
"body": "“शहर से निकल कर मेरे अधीन हो जाओ”"
},
{
"title": "अपनी दाखलता... अपनी अंजीर के वृक्ष .... अपनी कुण्ड ",
"body": "यह भोजन और पानी के सरोत सुरक्षा और बहुतायत का प्रतीक हैं। यह विचार को प्रकट करने का एक रास्‍ता भी है।"
},
{
"title": "अनाज और नये दाखमधु का देश...रोटी और दाख की बारियों का देश...जैतून और मधु का देश है",
"body": "“यह रोज के जीवन में भरपूरी और अच्‍छी चीजे होने का संकेत है”"
}
]