hi_2ki_tn/18/26.txt

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Plaintext

[
{
"title": "एलयाकीम ...हिल्किय्याह... शेबना.... योआह ",
"body": "यह पुरषो के नाम है।"
},
{
"title": "शहरपनाह पर बैठे हुए लोगों के सुनते* ",
"body": "“क्‍योकि शहरपनाह पर खड़े लोग रह सुनेगे और ड़र जाऐंगे“"
},
{
"title": "क्या मेरे स्वामी ने मुझे तुम्हारे स्वामी ही के, या तुम्हारे ही पास ये बातें कहने को भेजा है? क्या उसने मुझे उन लोगों के पास नहीं भेजा, जो शहरपनाह पर बैठे हैं, ताकि तुम्हारे संग उनको भी अपना मल खाना और अपना मूत्र पीना पड़े?”",
"body": "“मेरे स्‍वामी ने मुजे सिरफ तेरे और तेरे मालिक से नही परंतू इस शहर के लोगो को भी बताने के लिऐ भेजा है जो तुमहारे साथ उनको भी अपना मल खाना और मूत्र पीना पड़ेगा”"
}
]