hi_2ki_tn/22/03.txt

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Plaintext

[
{
"title": "अपने राज्य के ",
"body": "यदि आप की भाषा में कहानी के नये हिस्‍से की सुरूआत को संकेत करने के लिऐ कोई रास्‍ता है, यहा इसतेमाल करते हुवे समझो।"
},
{
"title": "अठारहवें वर्ष में",
"body": "“18वां साल”"
},
{
"title": "असल्याह... शापान...मशुल्लाम... हिल्किय्याह*",
"body": "“यह पुरुषो के नाम है”"
},
{
"title": " यहोवा के भवन ...भवन में",
"body": "यहा “यहोवा के भवन” और “मंदिर” का एक ही तर्थ है।"
},
{
"title": "हिल्किय्याह* महायाजक के पास जाकर",
"body": "“हिल्‍किय्‍याह के पास जाओ”"
},
{
"title": "जो चाँदी यहोवा के भवन में लाई गई है, और द्वारपालों ने प्रजा से इकट्ठी की है,",
"body": "“मंदिर के द्वारपालो जो कि यहोवा के मंदिर में लोगो द्वारा लाऐ गये धन्‍न को ईकट्ठा करते थे”"
},
{
"title": "यहोवा के भवन में काम करनेवाले कारीगरों को दें,",
"body": "“हिल्‍किय्‍याह को कह कारीगरो की मजदूरी दे”"
}
]