hi_2ki_tn/14/06.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामन्‍य जानकारी",
"body": "लेखक बता रहा है कि अमस्‍याह ने अपने पिता, राजा योआश के कतल किये जाने के बाद कया किया।"
},
{
"title": "परन्तु उन खूनियों के बच्चों को उसने न मार डाला,",
"body": "“परंतू उसने अपने दासो को उन अधिकारीओ के बच्‍चो को मारने को नही कहा”"
},
{
"title": "पुत्र के कारण पिता न मार डाला जाए, और पिता के कारण पुत्र न मार डाला जाए;",
"body": "“लोगो को बच्‍चो के पाप के कारन बाप को नही मारना चाहोये और उन्‍हे बच्‍चो के पाप के मात-पिता को नही मारना चाहीऐ”"
},
{
"title": " जिसने पाप किया हो, वही उस पाप के कारण मार डाला जाए।",
"body": "“हर व्‍याकित अपने ही पापो की सजा पाये”"
},
{
"title": "उसी अमस्याह ने मार डाले",
"body": "“अमस्याह की सैना ने मार डाले”"
},
{
"title": "दस हजार एदोमी पुरुष",
"body": "“10.000 सिपाही”"
},
{
"title": "नमक की तराई में ",
"body": "“यह स्‍थान का नाम है जो मोत के समुद्र के दखक्षिण में है”"
},
{
"title": " सेला नगर से युद्ध करके उसे ले लिया, ",
"body": "“राजा अमस्‍याह की सैना ने सेला शहर को बंदी बना लिया”"
},
{
"title": " सेला...योक्तेल",
"body": "“उन्‍होने सेला शहर का बदल दिया। नया नाम जोक्‍तेल था”"
}
]