hi_2ki_tn/13/20.txt

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Plaintext

[
{
"title": "तब ",
"body": "“उस समय”"
},
{
"title": " प्रति वर्ष वसन्त ऋतु में ",
"body": "“हर साल वसन्‍त ऋतु के दोरान”"
},
{
"title": "लोग किसी मनुष्य को मिट्टी दे रहे थे,",
"body": "“कुछ इस्राएल के लोग आदमी की देह को मिट्टी दे रहे थे”"
},
{
"title": " कि एक दल उन्हें दिखाई पड़ा, ",
"body": "“उन्‍होने देखा के मोआबीयो का एक दल उनकी तरफ आ रहा है तो वह ड़र गये”"
},
{
"title": "एलीशा की कब्र ",
"body": "“कब्र जिसमें एलीशा को दफनाया गया था”"
},
{
"title": "एलीशा की हड्डियों से छूते ही ",
"body": "“जैसे ही मरे हुवे आदमी का सरीर एलीशा की हड्डीयो से टकराया”"
},
{
"title": "वह जी उठा*, और अपने पाँवों के बल खड़ा हो गया।",
"body": "“मरा हुवा आदमी पुनर जीवित हो गया और खड़ा हो गया”"
}
]