hi_2ki_tn/04/42.txt

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Plaintext

[
{
"title": "बालशालीशा",
"body": "यह एक शहर का नाम है।"
},
{
"title": "बीस रोटियाँ",
"body": "“20 रोटियाँ”।"
},
{
"title": "बोरी में हरी बालें",
"body": "“नई फसल से आनाज बनाया”।"
},
{
"title": "बोरी में हरी बालें",
"body": "“आनाज के नये सिरे से“ यह नई फसल को दर्शाता है।"
},
{
"title": "क्या मैं सौ मनुष्यों के सामने इतना ही रख दूँ?",
"body": "वह पुरुष 100 पुरुषो को रोटी खिलाने को कहता है। यह स्पष्ट रूप से का जा सकता है कि “यह एक सौ पुरुषो को खिलाने के लिए कम है”।"
},
{
"title": "सौ मनुष्यों",
"body": "“100 पुरुष”।"
},
{
"title": "यहोवा के वचन",
"body": "यहाँ यहोवा क्या कह रहे है उसे दर्शाता है। इस वाक्यांश मे यहोवा संव्य को कह रहे है कि “यहोवा”।"
}
]