hi_2ki_tn/20/01.txt

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Plaintext

[
{
"title": "अपने घराने के विषय जो आज्ञा देनी हो वह दे",
"body": "“अपने राज्‍य और घराने को आखरी आज्ञा दे”"
},
{
"title": " स्मरण कर*",
"body": "“याद कर”"
},
{
"title": "चलता आया हूँ;",
"body": "“चलता” यह शब्‍द जीवन के चाल-चलन को दर्शाता है। “तुमहारी ईच्‍छा के अनुसार जिया हूँ”"
},
{
"title": "जो तुझे अच्छा लगता है वही मैं करता आया हूँ।",
"body": "“तुमहारे न्‍याय के अनुसार”"
}
]