hi_2ki_tn/18/19.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामान्य जानकारी",
"body": "रबशाके अश्‍शूर के राजा का संदेश राजा हिजकिय्‍याह के पुरषों को बताना जारी रखता है।"
},
{
"title": " तू किस पर भरोसा करता है?....तू किस पर भरोसा रखता है कि तूने मुझसे बलवा किया है?",
"body": "“किसी पर भी भरोसा मत करो। तुम ने मेरा विरोध करने में मूर्खता दिखाई है।"
},
{
"title": "तू तो उस कुचले हुए नरकट अर्थात् मिस्र पर भरोसा रखता है,",
"body": "“कमजोर मिस्र पर भरोसा रखते है”"
},
{
"title": " यदि कोई टेक लगाए,.... छेदेगा",
"body": "“यदी कोई इसका उपयोग सहायता के लिए करता है वह घायल हो जायगा”"
}
]