hi_2ki_tn/04/25.txt

14 lines
847 B
Plaintext

[
{
"title": "तो वह चलते-चलते कर्मेल पर्वत को परमेश्‍वर के भक्त के निकट पहुँची",
"body": "“तो वह चलती-चलती कर्मेल के पर्वत पर परमेश्‍वर के भक्त एलीशा के पास पहुँच गई।"
},
{
"title": "उसे दूर से देखकर परमेश्‍वर के भक्त ने अपने सेवक से कहा",
"body": "“जब वह अभी भी दूर था, और एलीशा उसे ने उसे आते हुए देखा“।"
},
{
"title": "हाँ, कुशल से हैं",
"body": "“हाँ, सब कुछ ठीक है”।"
}
]