Tue Apr 14 2020 17:28:35 GMT+0530 (India Standard Time)
This commit is contained in:
parent
67064a7c65
commit
8827f339a1
|
@ -9,14 +9,14 @@
|
|||
},
|
||||
{
|
||||
"title": "तेरे इन पचास दासों के",
|
||||
"body": "कप्तान कहता है कि उसके सेवक एलिय्याह के सेवक है ताकि वह उसका आदर दिखा सके कि “मेरे पवचाँस सैनिक”।"
|
||||
"body": "कप्तान कहता है अपने सेवकों को एलिय्याह के सेवक कह कर उसे आदर देता है। “मेरे पचास सैनिक”।"
|
||||
},
|
||||
{
|
||||
"title": "मेरा प्राण…तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरें",
|
||||
"body": "इस वाक्यांश मे “तेरी द्दष्टि मे” यह एलिय्याह के सोचने को दर्शाता है कि “कप्तान एलिय्याह से अनुरोध कर रहा है कि वे उन्हे जीने दे”।"
|
||||
"body": " “कप्तान एलिय्याह से अनुरोध कर रहा है कि वे उन्हे जीने दे”।"
|
||||
},
|
||||
{
|
||||
"title": "मेरा प्राण तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरें",
|
||||
"body": "यहाँ कप्तान एलिय्याह के लिए अपने अनुरोध दोहरा रहा है कि “और उस से दया दिखा कर जीने के लिए कह रहाँ है”।"
|
||||
"body": "यहाँ कप्तान एलिय्याह के लिए अपने अनुरोध दोहरा रहा है कि “और उस से दया दिखा कर जीने के लिए कह रहा है”।"
|
||||
}
|
||||
]
|
|
@ -48,7 +48,6 @@
|
|||
"01-07",
|
||||
"01-09",
|
||||
"01-11",
|
||||
"01-13",
|
||||
"01-15",
|
||||
"01-17",
|
||||
"02-title",
|
||||
|
|
Loading…
Reference in New Issue