hi_1ch_tn/22/06.txt

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Plaintext

[
{
"title": "उसे बुलाकर",
"body": "“दाऊद बुलाकर”।"
},
{
"title": "भवन बनाने की आज्ञा दी… “मेरी मनसा तो थी कि अपने ",
"body": "“मजदूरों को निर्माण करने की आज्ञा दी… मेरे योजना मजदूरों को बनाने की थी”।"
},
{
"title": "परमेश्‍वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाऊँ",
"body": "“मेरे यहोवा परमेश्‍वर का सम्मान करने के लिए”।"
},
{
"title": "तूने लहू बहुत बहाया",
"body": "“तुम ने कई लोगों को मारा”।"
},
{
"title": "इसलिए तू मेरे नाम का भवन न बनाने पाएगा, ",
"body": "“तू मेरे सम्‍मान के लिए भवन नहीं बना पाऐगा”।"
},
{
"title": "क्योंकि तूने भूमि पर मेरी दृष्टि में बहुत लहू बहाया है।",
"body": "“कयोंकि मैं जानता हूँ कि तमने कई लोगो को मारा है”।"
}
]