hi_1ch_tn/21/01.txt

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[
{
"title": "इस्राएल के विरुद्ध उठकर",
"body": "उच्‍च बनाने का और अधिक शक्‍तिशाली का वर्णन करते है कि “इस्राएल के शत्रु अधिक शक्ति शाली थे”।"
},
{
"title": "उकसाया",
"body": "कोई कार्य करने का कारण होना।"
},
{
"title": "बेर्शेबा से ले दान ",
"body": "इस्राएलियों ने इन दों शहरो का दक्षिण ओर से ज्‍यादा जाना है। दाऊद इन शहरों का इस्‍तेमाल इस्राएल के लोगों को दर्शाने के लिए करता है।"
},
{
"title": "वह उनको सौ गुना बढ़ा दे",
"body": "योआब एक सेना को अपनी इच्छा के अनुसार 100 सेनाओ के आकार को व्यक्त करता है। वह यह कहन चाहता है कि सेना मे अधिक सेनिक हो और वह और शक्तिशाली हो।"
},
{
"title": "परन्तु हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या वे सब राजा के अधीन नहीं हैं? मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है? वह इस्राएल पर दोष लगने का कारण क्यों बने?”",
"body": "परन्‍तू मेरा राजा वे सभी आपकी सेवा पहले से ही कर रहे हैं। मेरे मालिक को यह निवेदन नहीं करना चाहिए। आप केवल सैन्य शक्ति के लिए इस्राएल के लोगों पर अपराध बोध लाएंगे।"
},
{
"title": "मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है?",
"body": "शब्‍द “इस” ये दर्शाता है कि दाऊद की योजना इस्राएल के पोरुषों की संख्‍या करना है। "
}
]