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\v 3 ताहा पेत्राय आख्यो, “हनन्या, तु पवित्र आत्म्याहारी काहा लबाडी केतोहो आन जागाआ किंमतमने थोडो थोवी ली एहकी सैतानाय तो मोनाम काहा पोयो, \v 4 तो जागो आथेा ताऊलुगू तो सोता आथो का अन ता वेच्यो तिया आल्ली किमत तोच आथोम आली काय ई गोठ्या तुयुय तो मानाम काहा लावी तु माहाआरी नाहा तर देवाआरी लबाडी केयी. \v 5 ताहा हनन्याय ओ शब्द उनाताच ऐडा पोडीन जीव सोड्यो आन ई उनानाराल बाठाहाल खुप बिख लागी. \v 6 ताहा काहि जुवान्याही उठीन तियाल गंडालाव्यो बारे जिजान पुरी देदो.