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\v 40 लेकिन पतरस ने सब को बाहर कर दिया, और घुटने टेककर प्रार्थना की; और शव की ओर देखकर कहा, “हे तबीता, उठ।” तब उसने अपनी आँखें खोल दी; और पतरस को देखकर उठ बैठी। \v 41 उसने हाथ देकर उसे उठाया और पवित्र लोगों और विधवाओं को बुलाकर उसे जीवित और जागृत दिखा दिया। \v 42 यह बात सारे याफा में फैल गई; और बहुतों ने प्रभु पर विश्वास किया। \v 43 और ऐसा हुआ कि पतरस याफा में शमौन नामक एक चमड़े का काम करनेवाले के यहां कई दिनों तक रहा। |