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\v 5 उसने पूछा, “हे प्रभु, तू कौन है?” उसने कहा, “मैं यीशु हूँ; जिसे तू सताता है। तुम्हारे लिए काँटे के खिलाफ लात मारना मुश्किल है।" \v 6 तो उसने कांपते और चकित होकर कहा, "हे प्रभु, आप मुझसे क्या चाहते हैं?" तब यहोवा ने उस से कहा, "परन्तु अब उठकर नगर में जा, और जो तुझे करना है, वह तुझ से कहा जाएगा।” \v 7 जो मनुष्य उसके साथ थे, वे चुपचाप रह गए; क्योंकि आवाज़ तो सुनते थे, परन्तु किसी को देखते न थे। |