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\v 27 उन्हीं दिनों में कई भविष्यद्वक्ता यरूशलेम से अन्ताकिया में आए। \v 28 उनमें से अगबुस* ने खड़े होकर आत्मा की प्रेरणा से यह बताया, कि सारे संसार में बड़ा अकाल पड़ेगा, और वह अकाल क्लौदियुस कैसर के समय में पड़ा।
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\v 29 तब चेलों ने निर्णय किया कि हर एक अपनी-अपनी पूँजी के अनुसार यहूदिया में रहनेवाले भाइयों की सेवा के लिये कुछ भेजे। \v 30 और उन्होंने ऐसा ही किया; और बरनबास और शाऊल के हाथ प्राचीनों के पास कुछ भेज दिया।
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\c 12 \v 1 उस समय हेरोदेस राजा* ने कलीसिया के कई एक व्यक्तियों को दुःख देने के लिये उन पर हाथ डाले। \v 2 उसने यूहन्ना के भाई याकूब को तलवार से मरवा डाला।
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\v 3 जब उसने देखा, कि यहूदी लोग इससे आनन्दित होते हैं, तो उसने पतरस को भी पकड़ लिया। यह बिना ख़मीर की रोटी के उत्सव के दिनों की बात है । \v 4 और उसने उसे पकड़कर बन्दीगृह में डाला, और रखवाली के लिये सिपाहियों के चार पहरों में रखा, इस मनसा से कि फसह के पर्व के बाद उसे लोगों के सामने लाए।
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\v 5 बन्दीगृह में पतरस की रखवाली हो रही थी; परन्तु कलीसिया उसके लिये लौ लगाकर परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी। 6 और जब हेरोदेस उसे उनके सामने लाने को था, तो उसी रात पतरस दो जंजीरों से बंधा हुआ, दो सिपाहियों के बीच में सो रहा था; और पहरेदार द्वार पर बन्दीगृह की रखवाली कर रहे थे।
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"11-29",
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"12-title",
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"12-03",
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