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\v 38 पेन येशु फासला भागाम गाडदीप हुतलो आथो ते तियाल उठविन आखा लाग्या, “गुरुजी आपु बुडी रियाहा तेबी तुल पडली नाहा का ?” \v 39 फांसे तो उठ्यो आन तियाय बारगाल धमाकाव्यो आण दरीयाल आख्यो “शांती राख आण ठाको रे” फांसे वारगो बोंद बेयो आण तिही मोठी शांती आली,