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\v 45 फांसे शास्त्रलेखं होमजा खातोर तियाय तियाहा मने उगडयो \v 46 फांसे तो तियाहान आखा लाग्यो एहेकी लिखलो हाय का ख्रिस्ताये दु:ख भोगाजोजे आण मोलामनु तिसऱ्या हिहाल उठीजे \v 47 आण यरूशलेम शेहेंरामनु चाल किन आख्या राष्टाम तिया नावाकी पश्चात्ताप आण पापांहा क्षमा प्रचार केराम आवी