\v 27 बहुत अनिदोके रातसबमे भुख आ प्यासमे,प्राय उपवासमे,नङगापन आ ठनडामे हम कडा परिश्रम आ कठिनाई मे परल छी । \v 28 यी बात सबके बाहेक सब मण्डलीके फिक्रीके बोझ भी हमरा उपर है । \v 29 कोन कमजोर है आ हम कमजोर नै छी ? कौन ठकर खएले छै आ हम थकित नै छी ।