Tue May 31 2022 10:26:36 GMT+0545 (Nepal Time)
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\v 14 लेकिन तोहनीके मन कठोर बनाएल गेल छलै । पुरनका करार कैलाकी अजुके दिनतक उ चुनरी रह रहल है । उ खुलल नै छी । कैलाकी मशिहमे माग खुलतै । \v 15 लेकिन आजु भी मोशाके बारेमे बढल जाइछै,तोहनीके हृदयमे वुनरी रहै छै । \v 16 जब कौन व्यक्ती परमप्रभुमे फिरैछै,तब चुनरी हटाएल जाइछै परमप्रभु आत्मा है ।
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\v 17 परमप्रभु आत्मा छै,जाहा परमप्रभुके आत्मा है उहा स्वतन्त्राता होइ छै । \v 18 अब हमनी सब चुनरी हटावल मुहसे परमप्रभुके महिमाके देख बै । हमनी एक महिसे दोसर महिमामे बढैत वहि महिमामे बदलरहल छी यी परमप्रभुसे औवतै,जोन आत्मा है ।
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\c 4 \v 1 उ कारण,हमनी सेहो यी सेवा कार्य भेल आ हमनी यी दया पावलके कारण से हमनी निरास नै होइछी । \v 2 बलकी हमनी गोव्य आ लाजबाला रास्ता त्याग्ले छी । हमनी धुर्ताभे नै जियैछी आ हमनी परमेश्वरके वचनके गलत तरिकासे नै चलवैछी । सत्यता प्रस्तुत करैत परमेश्वरके नजरमे प्रत्येकके विवेकप्रति हमनी अपनाआपके सिफारीस करैछी ।
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अध्याय ४
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"03-04",
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"03-07",
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"03-09",
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"03-12"
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"03-12",
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"03-14",
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"03-17",
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"04-title"
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