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\v 11 हे कोरिन्थीके विश्‍वासीसब हो हमनी तोहनीसबके सब्दीन सच्चा बात बतैलेछी आ हमनीके हृदय खुल्ला है । \v 12 तोहनीसबके हृदय हमनीसे नियन्त्रीत नैहौ । लेकिन तोहनीसब अपने भावनाद्वारा नियन्त्रीत छे । \v 13 अब यकरा सट्टामे,हम बालसबके जेखा बोलेछी, कि अपन हृदयके खुल्ला रख ।

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06/14.txt Normal file
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\v 14 अविश्‍वाससबके साथे न सटीयो । कैलाकी धार्मिकताके व्यवस्‍थाहिन सबके साथे कौन सहभागीता ? आ ज्योतिके अन्धकारसे कौन संगत \v 15 मशिहके झुट्टा बोलेबाला साथे कौन समझौता ? अर्थात विश्‍वाससबके अविश्‍वासीसबके साथे कौन साहभागीता \v 16 आ परमेश्‍वरके मन्दिर आ मुर्ति बिच कौन समझौता ? इ कारण हमनीसब जीवित परमेश्‍वरके मन्दिर छी, जैसे उ कहने छै, हम तोहनीके बिचमे चलम आ बास करबै हम तोहनीके परमेश्‍वर होएब आ हमर आदमीसब होतै”

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06/17.txt Normal file
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” \v 17 यी कारण ओकनीके बिचमे से बाहर निकलके आओ आ अपनाके अलगे कर परमप्रभु कहैछै । अशुद्ध चिजके न छुउ आ हम तोहनीसबके हमर अपनाएबे । \v 18 हम तोहनीसबके बाबु होबै आ तोहनीसब हमर बेटा आ बेटी सब होएबे सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर कहै छै ।

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07/01.txt Normal file
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\c 7 \v 1 प्रिय सब हमनिके साथ यी प्रतिज्ञा भेल के कारण हमनीके शरीर आ आत्मामे हमनीके अशुद्ध करेबाला बातसबसे अपनाके शुद्ध रख । परमेश्‍वर के भयमे पवित्रता के पिछे चले ।

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अध्याय ७

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"05-20",
"06-01",
"06-04",
"06-08"
"06-08",
"06-11",
"06-14",
"06-17",
"07-01"
]
}