1 line
1.4 KiB
Plaintext
1 line
1.4 KiB
Plaintext
\v 3 मानु के उ आन तरिकासे शिक्षा दै हई आ परमेश्वरके कहल बात अपनासबके विश्वासयोग्यके शिक्षा अर्थात अपनासबके प्रभु येशूमशिहके वचनके स्वीकार न ई करैइ हई । आ ओई शिक्षा सं सहमत नई होइय, जे असली भक्ती उत्पन करई हई । \v 4 उ आदमी घमण्डी आ अज्ञानी हई । ओकरा झगडा करेकेआ शब्द सबके विषयमे बिना मतलब वाद-विवाद करेके रोग लागल हई । अई प्रकारके वाद-विवाद से दुश्मनी, निन्दा आ दोसर लोकसब पर यी शब्दसबसे डाह,कलह,बदनामी आ खराब संखा सब उत्पन करबैछई । \v 5 जेकरा सब के वुद्धि भ्रष्ट भ गेल हइ ओहने लोक हरदम झगडा करबैइ छई । उ लोकसब सत्यबातसे दुर रहइछई । जे सब भक्तीके धनिक होइके साधन मानीइछई । |