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\v 20 पेन परमेश्वराय तियाल आखो ओ मुर्खा आज राती तो तो जीव तोमेने लेवाय जायता तुयू जो हेंगलावली हाय तो केडा वेनारो? \v 21 जो माहु स्वत: खोतोर मिलकत हेंगलावी थोवेहे तो परमेश्वरा नजरूम मालदार नाहा पेने तो तिया मुर्ख माहा होच हाय