1 line
544 B
Plaintext
1 line
544 B
Plaintext
|
\c 18 \v 1 निराश नेय वेता नेहमी प्रार्थना केहकी करा जोजे ई शिष्याये हिका जोते त्या ला केहता त्याये त्याहाले एक दाखलो आख्यो \v 2 त्याय आख्यो एका नगरामें एक न्यायधीश आथो तो देवाल बीतलो नेय आणे लोकांहाल बी मान देतलो नेय
|