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\v 25 चाल्लुच तो उभी रीयो आणे ज्या खाठ्लाम तो हुतलो आथो तो उसलीन देवाआ गौरव केतो तिया को गीयो, \v 26 ते बाठे बोगलय गीये आणे देवाआ स्तुती केरा लाग्ये ते खुप बीगीये आणे आख्यो आमाहाल आज किदीह वेल्याना ऐहड्या गोठ्या आमा हुंबर वेयाहा
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