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\v 62 जो शब्बात दीही आखजले ताहा बीहीजा दीही मोडा याजक आण परूशी लोक पिलाता ही गीये. \v 63 ते आखा लाग्या महाराज आमान ईत हाय का तो ठोग जीवतो आथो ताहा आखतोलो का माय ती दिहाकी पासे जीवतो वी जाहे उठेहे. \v 64 तीया वाटो तीन दिहालुग कबरीपे हारकी नोजोर थोवा वाटो आखा काहाका तीया चेला आवीन तीया शरीर चोई लीजा वाटो पासे तो मोमामेने फासे उठयो ऐहकी लोकान आखी ई शेवटी ठोगुला पहिला ठोगलो आथो तीया पेने जाहको ठोगी ता हारी नाय गोठ वी. |