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\v 10 फासे तिये शिष्य तिया आख्या लाग्या, " जर कोअवाला आने थेई परिस्थिती एहनडी रे ता वोराड नाय केनु हारो रे." \v 11 ईशुई उत्तर देदो,"एहनडी अक्कल आखाज नाहा हाय. जियाल हारी शिकवण हाय एहकी नाव के. \v 12 कारण याहकी गर्भामनुज जन्म नपुंसक एहकी हाय आने माहा केल एहकी नपुसंक हाय आने स्वर्गा राज्या खातोर तियाय आपुहुल नपुसंक की लेटलो हाय. जियाल ई स्वकारता आवे तो स्वीकारे. "