\v 60 येशु आऱ्याय खुप लोकाय ई उनाईन आख्यो इ बंथन कठीण हाय ई केडो उनाय ली सकहे. \v 61 आपु आऱ्या ई गोठीप कुरकूर की रीया हा ई येशु होमजायो ताहा येशु तीयान आख्यो ई या गोठया तुमान कठीन वाटत्याहा का ?