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\v 18 काहाका जिया नाश वीरीयो तियाकेता वधस्तभां विषयी संदेश मुर्खपणाआ हाय पेन जिया तारण वीरीयो तिया केतां तो देवाआ सामर्थ्य हाय. \v 19 काहाका ऐहकी नियमशास्त्राम लिखलो हाय शाहानाआ शाहाणपण आय नष्ट केहे आणे बुध्दिवंताआ बुध्दि आय व्यर्थ केहे. ज्ञानी माहा की हाय विद्वान की हाय. |