From 0dfe36945296a620ea7b7bf3c4492afee703a661 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Larry Versaw Date: Wed, 25 Jul 2018 19:46:57 -0600 Subject: [PATCH] scrub links --- manifest.yaml | 2 +- mat/08/16.md | 2 +- mat/12/19.md | 2 +- mat/14/01.md | 2 +- 4 files changed, 4 insertions(+), 4 deletions(-) diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml index 805c4d5..94985d1 100644 --- a/manifest.yaml +++ b/manifest.yaml @@ -30,7 +30,7 @@ dublin_core: subject: 'Translator Notes' title: 'translationNotes' type: 'help' - version: 'X.2' + version: 'X.3' checking: checking_entity: diff --git a/mat/08/16.md b/mat/08/16.md index 4d4f87b..29e091d 100644 --- a/mat/08/16.md +++ b/mat/08/16.md @@ -2,7 +2,7 @@ # जब साम हुई। -यू.डी.बी. तर्जुमा में [MRK 1:21](../../mrk/01/21.md) और [MRK 1:30](../../mrk/01/29.md) से नतीजा निकाला गया है कि जब 'ईसा कफ़रनहूम में आया तब वह सब्त का दिन था क्योंकि यहूदी उस दिन न तो काम करते थे और न ही सफ़र करते थे, वे शाम तक रूके रहे कि 'ईसा के पास रोमियों को लेकर आएं। आपका सब्त के दिन का जिक्र नहीं करता है जब तक कि गलत मतलब से बचना न हो। +यू.डी.बी. तर्जुमा में [MRK 1:21] और [MRK 1:30](../../mrk/01/29.md) से नतीजा निकाला गया है कि जब 'ईसा कफ़रनहूम में आया तब वह सब्त का दिन था क्योंकि यहूदी उस दिन न तो काम करते थे और न ही सफ़र करते थे, वे शाम तक रूके रहे कि 'ईसा के पास रोमियों को लेकर आएं। आपका सब्त के दिन का जिक्र नहीं करता है जब तक कि गलत मतलब से बचना न हो। # उसने उन रूहों को अपने कलाम से निकाल दिया। diff --git a/mat/12/19.md b/mat/12/19.md index 816ac29..5ffba85 100644 --- a/mat/12/19.md +++ b/mat/12/19.md @@ -2,7 +2,7 @@ # वह .... उसके -"ख़ादिम" [ROM 12:18](../../rom/12/18.md). +"ख़ादिम" [Rom 12:18](../../rom/12/17.md). # वह कुचले हुए सरकण्डे को न कुचलेगा। diff --git a/mat/14/01.md b/mat/14/01.md index 0b77e58..e43d584 100644 --- a/mat/14/01.md +++ b/mat/14/01.md @@ -1,5 +1,5 @@ [MAT 14:3](./03.md) -[MAT 12](./11.md) यहाँ बयान वाक़े'यात से पहले की वाक़े'यात का ज़िक्र करता है। +यहाँ बयान वाक़े'यात से पहले की वाक़े'यात का ज़िक्र करता है। # उस वक़्त