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\id 1CH गतिशील बाइबिल अनलॉक
\ide UTF-8
\h 1 क्रोनिकल्स
\toc1 इतिहास की पहली पुस्तक
\toc2 पहला इतिहास
\toc3 1ch
\mt1 पहली श्रृंखला
\s5
\c 1
\s2 ये आदम के वंशज हैं
\p
\v 1 पहला पुरुष जिसे परमेश्वर ने बनाया, वह आदम था। आदम का बेटा शेत था। शेत का बेटा एनोश था। एनोश का बेटा केनान था।
\v 2 केनान का बेटा महललेल था। महललेल का बेटा येरेद था। येरेद का बेटा हनोक था।
\v 3 हनोक का पुत्र मतूशेलह था। मतूशेलह का पुत्र लेमेक था। लेमेक का बेटा नूह था।
\v 4 नूह के पुत्र शेम, हाम और येपेत थे।
\s2 ये येपेत के पुत्र हैं।
\q
\s5
\v 5 येपेत के बेटा गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक और तिरास थे।
\q2
\v 6 गोमर के बेटा अश्कनाज, दीपत और तोगर्मा थे।
\q2
\v 7 यावान के बेटा एलीशा, तर्शीश, कित्ती और रोदानी थे।
\s2 ये हाम के बेटे हैं।
\q
\s5
\v 8 हाम के बेटे कूश, मिस्र, पूत और कनान थे।
\q
\v 9 कुश के बेटे सबा, हबीला, सबाता, रामा और सब्तका थे।
\q2 रामा के बेटे शबा और ददान थे।
\q
\v 10 कुश का एक और बेटा निम्रोद था। जब वह बड़ा हुआ, वह धरती पर एक शक्तिशाली योद्धा बन गया।
\q
\s5
\v 11 मिस्र लूदी, अनामी, लहावी, नप्तही का पूर्वज था,
\v 12 पत्रूसी, कसलूही, और कप्तोरी लोग समूह। पलिश्ती के क्षेत्र के लोग कसलूही लोगों के समूह से उत्पन्न हुए थे।
\q
\s5
\v 13 कनान का पहला पुत्र सीदोन था। वह हित्तियों के समूह का पूर्वज था,
\v 14 यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी,
\v 15 हिब्बी, अर्की, सीनी,
\v 16 अर्वदी, समारी और हमाती लोग।
\s2 ये शेम के वंशज हैं
\q
\s5
\v 17 शेम के पुत्र एलाम, अश्शूर, अर्पक्षद, लूद और अराम थे।
\q अराम के पुत्र ऊस, हूल, गेतेर और मेशेक थे।
\q
\v 18 अर्पक्षद शेलह का पिता था, जो एबेर का पिता था।
\q2
\v 19 एबर के दो बेटे थे। एक को पेलेग नाम दिया गया था जिसका अर्थ है ‘विभाजित’ क्योंकि उस समय पृथ्वी पर लोगों को विभिन्न भाषा समूहों में विभाजित किया गया था। पेलेग का छोटा भाई योक्तान था।
\q2
\s5
\v 20 योक्तान अल्मोदाद, शुलेप, हसर्मावेत, येरह का पूर्वज था,
\v 21 हदोराम, ऊजाल, दिक्ला,
\v 22 एबाल, अबीमाएल, शबा,
\v 23 ओपीर, हवीला, और योबाब।
\q
\s5
\v 24 ये शेम के वंशज हैं, उसके बाद अब्राहम तक क्रमवार अर्पक्षद, शेलह,
\v 25 एबर, पेलेग, रू,
\v 26 सरूग, नाहोर, तेराह,
\v 27 और अब्राम, जिसका नाम बाद में अब्राहम हुआ था।
\s2 ये अब्राहम के वंशज हैं।
\q
\s5
\v 28 अब्राहम के पुत्र इसहाक और इश्माएल थे।
\q
\v 29 अब्राहम की दासी हाजिरा का पुत्र इश्माएल था। इश्माएल के बारह बेटा थे, उनका पहला बेटा नवायोत, तब केदार, अदवेल, मिबसाम,
\v 30 मिश्मा, दुमा, मस्सा, हदद, तेमा,
\v 31 यतूर, नापीश और केदेमा।
\q
\s5
\v 32 अब्राहम की पत्नी सारा की मृत्यु के बाद, उसने कतूरा नाम की एक और पत्नी ली। उसके पुत्र ज़िम्रान, योक्षान, मदान, मिद्यान, यिशबाक और शूह थे।
\q2 योक्षान के पुत्र शबा और ददान थे।
\q2
\v 33 मिद्यान के पुत्र एपा, एपेर, हनोक, अबीदा और एलदा थे।
\s2 ये एसाव के वंशज हैं।
\q
\s5
\v 34 अब्राहम की पत्नी सारा का बेटा इसहाक था, और इसहाक के बेटे एसाव और याकूब थे, याकूब नाम बाद में इस्राएल हो गया था।
\q
\v 35 एसाव के पुत्र एलीपज, रूएल, यूश, यालाम और कोरह थे।
\q2
\v 36 एलीपज के पुत्र तेमान, ओमार, सपी, गातान, कनज, तिम्ना और अमालेक थे।
\q2
\v 37 रूएल के बेटे नहत, जेरह, शम्मा और मिज्जा थे।
\s2 ये सेईर के वंशज हैं।
\q
\s5
\v 38 एसाव का एक और वंशज सेईर था। उसके वंशज अदोम के क्षेत्र में रहते थे। सेईर के बेटे लोतान, शोबाल, सिबोन, अना, दीशोन, एसेर और दीशान थे।
\q2
\v 39 लोतान के पुत्र होरी और होमाम थे, और लोतान की बहन तिम्ना थीं।
\q2
\v 40 शोबाल के बेटे अल्यान, मानहत, एबाल, शपी और ओनाम थे।
\q2 सिबोन के बेटे अय्या और अना थे।
\q2
\s5
\v 41 अना का बेटा दीशोन था।
\q2 दीशोन के बेटे हम्रान , एशबान, यीत्रान और कशन थे।
\q2
\v 42 एसेर के बेटे बिल्हान, जावान और याकान थे।
\q2 दीशान के बेटे ऊस और अरान थे।
\s2 ये एदोम के राजा हैं।
\p
\s5
\v 43 ये उन राजाओं के नाम हैं जिन्होंने इस्राएलियों पर शासन करने से पहले एदोम के क्षेत्र पर शासन किया था:
\q बोर का बेटा बेला, अदोम में राजा था, और जिस नगर में वह रहता था उसका नाम दिन्हाबा था।
\q
\v 44 जब बेला की मृत्यु हो गई, तो बोस्राई जेरह का बेटा योबाब राजा बन गया।
\q
\v 45 जब योबाब की मृत्यु हो गई, तो हूशाम राजा बना। वह उस क्षेत्र से थे जहाँ तेमानी लोग रहते थे।
\q
\s5
\v 46 जब हूशाम की मृत्यु हो गई, तब बदद का बेटा हदद राजा बना। उसने अवीत शहर में शासन किया। हदद की सेना ने मोआब के क्षेत्र में मिद्यानी लोगों की सेना को हरा दिया।
\q
\v 47 जब हदद की मृत्यु हो गई, तब सम्ला राजा बन गया। वह मस्रेक शहर से था।
\q
\v 48 जब सम्ला की मृत्यु हो गई, तो शाऊल राजा बन गया। वह रहोबोत हनहर शहर से था।
\q
\s5
\v 49 जब शाऊल की मृत्यु हो गई, तो अकबोर का बेटा बाल्हानान राजा बन गया।
\q
\v 50 जब बाल्हानान की मृत्यु हो गई, तो हदद राजा बन गया। वह पाई शहर से था। उनकी पत्नी का नाम महेतबेल था; वह मत्रेद की बेटी और मेज़ाहाब की नातिन थी।
\s5
\v 51 तब हदद की मृत्यु हो गई।
\q एदोम लोगों के समूह के प्रमुख सरदार थे: तिम्ना, अल्या, यतेत थे,
\v 52 ओहोलीवामा, एला, पीनोन,
\v 53 कनज, तेमान, मिबसार,
\v 54 और मग्दीएल, ये एदोम के मुखिया थे।
\s5
\c 2
\p
\v 1 याकूब के पुत्र रूबेन, शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, जबूलून,
\v 2 दान, यूसुफ, बिन्यामीन, नप्ताली, गाद और आशेर।
\s2 ये यहूदा के वंशज हैं।
\q
\s5
\v 3 यहूदा के पुत्र एर, ओनान और शेला थे। उनकी मां कनान जाति के समूह से शूआ की बेटी बतशू थीं। जब यहूदा का सबसे बड़ा पुत्र एर बड़ा हुआ, तो उसने ऐसा काम किया जिसे यहोवा बहुत बुरा मानते थे, इसलिए यहोवा ने उसे मार डाला।
\v 4 यहूदा और उसकी बहू तामार के पास पेरेस और जेरह नाम के जुड़वां लड़के थे। इस प्रकार यहूदा के पांच बेटे थे।
\q
\s5
\v 5 पेरेस के पुत्र हेस्रोन और हामूल थे।
\q
\v 6 जेरह के पांच पुत्र थे: जिम्री, एतान, हेमान, कालकोल और दारा।
\q2
\v 7 जिम्री के बेटों में से एक कर्मी था। कर्मी के बेटे आकार ने इस्राएल के लोगों के लिए बहुत परेशानी उत्पन्न की थी, क्योंकि उसने उन वस्तुओं को चुरा लिया जिन्हें नष्ट किया जाना था क्योंकि वे देवताओं को समर्पित थे।
\q2
\v 8 एतान का पुत्र अजर्याह था।
\q
\s5
\v 9 हेस्रोन के पुत्र यरह्येल, राम और कलूबै थे।
\q2
\v 10 राम अम्मीनादाब का पिता था, और अम्मीनादाब नहशोन का पिता था। नहशोन यहूदा के गोत्र का प्रधान था।
\q2
\v 11 नहशोन सल्मा का पिता था, और सल्मा बोअज का पिता था।
\v 12 बोअज ओबेद का पिता था, और ओबेद यिशै का पिता था।
\q2
\s5
\v 13 यिशै का सबसे बड़ा बेटा एलीआब था। उनके अन्य पुत्र अबीनादाब, शिमा,
\v 14 नतनेल, रद्दें ,
\v 15 ओसेम। सबसे छोटा दाऊद था।
\q2
\s5
\v 16 उनकी बहनें सरूयाह और अबीगैल थीं। सरूयाह के तीन पुत्र अबीशै, योआब और असाहेल थे।
\v 17 अबीगैल का पति इश्माएल का वंशज येतेर था, और उनका बेटा अमासा था,
\s2 हेस्रोन के वंशज थे
\b
\q
\s5
\v 18 हेस्रोन के छोटे बेटे कालेब की दो पत्नियां थीं। उनमें से एक, अजूबा ने तीन पुत्रों, येशेर, शोबाब और अर्दोन को जन्म दिया। (दूसरी पत्नी का नाम यरीओत था।)
\v 19 जब अजूबा की मृत्यु हो गई, कालेब ने एप्रात से विवाह किया। उनका बेटा हूर था।
\v 20 हूर ऊरी का पिता था, और ऊरी बसलेल का पिता था।
\q
\s5
\v 21 जब हेस्रोन साठ वर्ष का था, तब उसने माकीर की एक बेटी से विवाह किया, जो गिलाद का पिता भी था। हेस्रोन और माकीर का बेटा सगूब था।
\v 22 सेगुब याईर का पिता था। याईर की सेना ने गिलाद द्वारा शासित क्षेत्र में तेईस शहरों को नियंत्रित किया।
\q
\s5
\v 23 परन्तु गशूर और अराम की सेनाओं ने उन नगरों पर अधिकार कर लिया जो याईर द्वारा नियंत्रित थे। उन्होंने कनत और आस-पास के कस्बों पर भी अधिकार कर लिया; उन्होंने कुल साठ शहरों पर अधिकार कर लिया। वहां रहने वाले लोग गिलाद के पिता माकीर के वंशज थे।
\q
\v 24 हेस्रोन की मृत्यु के कुछ ही समय बाद, कालेब अपने पिता की विधवा एप्राता के साथ सो गया। उससे कालेब के लिए एक बेटा का जन्म हुआ, जिसका नाम अशहूर था। अशहूर तेको का पिता था।
\s2 यरह्येल के वंशज
\q
\s5
\v 25 हेस्रोन का सबसे बड़ा पुत्र यरह्येल था। उसके पुत्र राम, बूना, ओरेन, ओसेम और अहिय्याह थे। यरह्येल का सबसे बड़ा बेटा राम था।
\v 26 यरह्येल की एक और पत्नी थी जिसका नाम अतारा था। उसका बेटा ओनाम था।
\q
\v 27 यरह्येल के सबसे बड़े बेटे राम के पुत्र थे, मास, यामीन और एकेर।
\q
\v 28 ओनाम के पुत्र शम्मै और यादा थे।
\q शम्मै के पुत्र नादाब और अबीशूर थे।
\q2
\s5
\v 29 अबीशूर की पत्नी अबीहैल थी। अबीशूर और अबीहैल के पुत्र अहबान और मोलीद थे।
\q2
\v 30 नादाब के पुत्र सेलेद और अप्पैम थे। सेलेद के पास कोई सन्तान नहीं थी।
\v 31 अप्पैम का पुत्र यिशी था; यिशी का बेटा शेशान था। शेशान की बेटियों में से एक का नाम अहलै था।
\v 32 शम्मै का छोटा भाई यादा था। यादा के बेटे येतेर और योनातन थे। येतेर के पास कोई सन्तान नहीं थी।
\q
\v 33 योनातन के पुत्र पेलेत और जाजा थे।
\q वे यरह्येल के वंशज यही थे।
\q
\s5
\v 34 शेशान के पास कोई बेटा नहीं था; उसके पास केवल बेटियां थीं। उसके पास मिस्र से एक दास था जिसका नाम यर्हा था।
\v 35 शेशान ने अपनी बेटी को यर्हा से विवाह करने की अनुमति दी, और उनका पुत्र अत्तै था।
\q
\s5
\v 36 अत्तै, नातान का पिता था।
\q नातान, ज़ाबाद का पिता था।
\q
\v 37 ज़ाबाद, एपलाल का पिता था।
\q एपलाल, ओबेद का पिता था।
\q
\v 38 ओबेद, येहू का पिता था।
\q येहू, अजर्याह का पिता था।
\q
\s5
\v 39 अजर्याह, हेलैस का पिता था।
\q हेलैस, एलासा का पिता था।
\q
\v 40 एलासा, सिस्मै का पिता था।
\q सिस्मै, शल्लूम का पिता था।
\q
\v 41 शल्लूम, यकम्याह का पिता था।
\q और यकम्याह, एलिशामा का पिता था।
\s2 कालेब के वंशज
\q
\s5
\v 42 यरह्येल का छोटा भाई कालेब था।
\q कालेब का सबसे बड़ा बेटा मेशा था। मेशा, जीप का पिता था। जीप, मारेशा का पिता था। मारेशा, हेब्रोन का पिता था।
\v 43 हेब्रोन के पुत्र कोरह, तप्पूह, रेकेम और शेमा थे।
\v 44 शेमा, रहम का पिता था। रहम, योर्काम का पिता था। रेकेम, शम्मै का पिता था।
\q
\s5
\v 45 शम्मै, माओन का पिता था। माओन, बेत्सूर का पिता था।
\q
\v 46 कालेब की एक दासी थी जिसे एपा नाम दिया गया था। कालेब और एपा के बेटे हारान, मोसा और गाजेज़ थे। हारन का बेटा था जिसे उसने गाजेज़ नाम दिया था।
\q
\v 47 एपा के पिता याहदै थे। याहदै छह पुत्रों के पिता थे: रेगेम, योताम, गेशान, पेलेत, एपा और शाफ।
\q
\s5
\v 48 कालेब की एक और दासी थी जिसका नाम माका था। कालेब और माका के पुत्र शेबर, तिर्हाना थे,
\v 49 शाप और शेप। शवा, मदमन्ना का पिता था। शेबा और मकबेना और गिबा का पिता शबा था। कालेब की बेटी अकसा थी।
\q
\v 50-51 ये लोग कालेब के वंशज भी थे: कालेब की एक और पत्नी थी जिसका नाम एप्राता था। उनका सबसे बड़ा बेटा हूर था। हूर के पुत्र शोबाल, सल्मा और हारेप थे। शोबाल ने किर्यत्यारीम शहर स्थापना की। सल्मा ने बैतलहम शहर की स्थापना की। हारेप ने बेतगादेर शहर की स्थापना की।
\q
\v 52 शोबाल के वंशज हारो थे, और मनुहोत लोगों के समूह का आधा भाग था।
\v 53 उनके वंशजों ने किर्यत्यारीम: यित्री, पूती, शुमाती, और मिश्राई में। सारेई और एश्ताओली के कुलों मिश्राई के वंश के वंशज थे।
\q
\v 54 सल्मा के वंशज बैतलहम के लोग थे, नतोपाई के कुल, अत्रोतबेत्योआब के कुल और मानहती के आधे लोग थे, जो सोरी थे।
\v 55 सल्मा के वंशजों में याबेस शहर के परिवार जिन्होंने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को लिखा और प्रतिलिपि बनाई। ये तिराती के वंश थे, शिमाती के वंश और सूकाती के वंश थे। वे सब केनी लोगों के समूह से थे जो रेकाब के परिवार के पूर्वज हम्मत से निकले थे।
\s5
\c 3
\s2 राजा दाऊद के पुत्र
\p
\v 1 राजा दाऊद के छः बेटों का जन्म हेब्रोन शहर में हुआ था।
\q उसका सबसे बड़ा बेटा अम्नोन था, जिसकी माता अहीनोअम यिज्रेल शहर से थी।
\q उसका दूसरा बेटा दानिय्येल था, जिसकी माता कर्मेल शहर से अबीगैल थी।
\v 2 उसका तीसरा बेटा अबशालोम था, जिसकी माता माका थी, जो तल्मै की बेटी थी, तल्मै राजा गशूर शहर में शासन करता था।
\q उसका चौथा बेटा अदोनिय्याह था, जिसकी माता हग्गीथ थी।
\v 3 पाँचवा बेटा शपत्याह था, जिसकी माता अबीतल थी।
\q उसका सबसे छोटा बेटा यित्राम था, जिसकी माता एग्ला थी।
\q
\s5
\v 4 वे सब हेब्रोन में पैदा हुए थे, जहाँ दाऊद ने साढ़े सात वर्ष तक शासन किया था।
\p उसके बाद, दाऊद ने यरूशलेम में तैंतीस वर्ष तक शासन किया।
\v 5 दाऊद की कई सन्तान यरूशलेम में जन्मी थी।
\q अम्मीएल की बेटी बतशेबा ने अपने चार बेटों को जन्म दिया: शिमा, शोबाब, नातान और सुलैमान।
\q
\s5
\v 6 दाऊद के नौ अन्य बेटे भी हुए थे। वे यिभार, एलीशामा, एली पेलेत,
\v 7 नेगाह, नेपेग, यापी,
\v 8 एलीशामा, एल्यादा, और एली पेलेत।
\q
\v 9 उन सभी बेटों के अलावा, दाऊद की दासियों से भी उसके बेटे उत्पन्न हुए थे। दाऊद की तामार नाम की बेटी भी थी।
\s2 यहूदा के राजा
\q
\s5
\v 10 सुलैमान का बेटा राजा रहबाम था।
\q रहबाम का बेटा राजा अबिय्याह था।
\q अबिय्याह का बेटा राजा आसा था।
\q आसा का बेटा राजा यहोशापात था।
\q
\v 11 यहोशापात का बेटा राजा योराम था।
\q योराम का बेटा राजा अहज्याह था।
\q अहज्याह का बेटा राजा योआश था।
\q
\v 12 योआश का बेटा राजा अमस्याह था।
\q अमस्याह का बेटा राजा अजर्याह था।
\q अजर्याह का बेटा राजा योताम था।
\q
\s5
\v 13 योताम का बेटा राजा आहाज था।
\q आहाज का बेटा राजा हिजकिय्याह था।
\q हिजकिय्याह का बेटा राजा मनश्शे था।
\q
\v 14 मनश्शे का बेटा राजा आमोन था।
\q आमोन का बेटा राजा योशिय्याह था।
\q
\s5
\v 15 योशिय्याह का सबसे बड़ा बेटा योहानान था। उसके अन्य बेटे यहोयाकीम, सिदकिय्याह और शल्लूम थे।
\q
\v 16 यहोयाकीम का बेटा यहोयाकीन था। आखिरी राजा सिदकिय्याह था।
\s2 यहूदा वासियों को बंधुआई में ले जाने के बाद राजा दाऊद के अन्य वंशज थे
\q
\s5
\v 17 यहोयाकीन को बन्दी बनाकर, बाबेल में ले जाया गया। उसका बेटा शालतीएल था,
\v 18 मल्कीराम, पदायाह, शेनस्सर, यकम्याह, होशामा और नदब्याह।
\q
\s5
\v 19 पदायाह के बेटे जरुब्बाबेल और शिमी थे।
\q जरुब्बाबेल के बेटों में से दो मेशुल्ला और हनन्याह थे, और उनकी बहन शलोमीत थी।
\v 20 जरुब्बाबेल के पांच अन्य बेटे हशूबा, ओहेल, बेरेक्याह, हसद्याह और यूशमेसेद थे।
\q
\v 21 हनन्याह के बेटे पलत्याह और यशायाह थे। यशायाह का बेटा रपायाह था। उसके बाद, हनन्याह के अन्य वंशज अरणान, ओबद्याह और शकेन्याह थे।
\q
\s5
\v 22 तकन्याह का बेटा शमायाह था। शमायाह के पाँच बेटे हत्तूश, यिगाल, बारीह, नायहि और शपात थे।
\q
\v 23 नायहि के तीन बेटे एल्योएनै, हिजकिय्याह और अज़्रीकाम थे।
\q
\v 24 एल्योएनै के सात बेटे होदब्याह, एल्याशीब, पलयाह, अक्कूब, जोहानान, दलायाह और अनानी।
\s5
\c 4
\s2 अन्य कुल जो यहूदा से निकले
\p
\v 1 यहूदा के वंश पेरेस, हेस्रोन, कर्मी, हूर और शोबाल थे।
\q
\v 2 शोबाल का बेटा रायाह था। रायाह यहत का पिता था, और यहत अहूमै और लहद का पिता था। वे सोराई लोगों के पूर्वज थे।
\q
\s5
\v 3 नीचे जो नाम दिए गए हैं, वे तीन पुरुष हैं जिनसे एतामवासी कुलों का आरंभ हुआ था। यिज्रेल, यिश्मा यिव्दाश और उनकी एक बहन हस्सलेलपोनी थी।
\v 4 हूर एप्राता का बड़ा बेटा था; उसने बैतलहम शहर की स्थापना की। हूर के वंशज थे: पनूएल और एज़ेर। पनूएल से गदोर शहर में रहने वाले कुल निकले, और एज़ेर से हूशा शहर में रहने वाले कुल निकले।
\q
\s5
\v 5 तको हेस्रोन के बेटे अशहूर के बेटे तको की दो पत्नियां थीं जिनके नाम हेबा और नारा थे।
\q
\v 6 अशहूर और उसकी पत्नी नारा के बेटे थे अहुज्जाम, हेपेर, तेमनी और हाहशतारी थे।
\q
\v 7 अशहूर और उसकी पत्नी हेबा के बेटे सेरेत, यिसहर, और एत्ना थे,
\v 8 और कोस। कोस आनूब, सोबेबा, और अहर्हेल से निकले कुलों के पूर्वजों का पिता था। अहहैल हारम का बेटा था।
\p
\s5
\v 9 यहूदा का एक और वंशज था जिसका नाम याबेस था। वह अपने भाइयों की तुलना में अधिक सम्मानित था। उनकी माता ने उसे जन्मते समय याबेस नाम दिया जिसका अर्थ है ‘पीड़ा’ क्योंकि उसने कहा, “जब मैंने उसे जन्म दिया तो मुझे बहुत पीड़ा हो रही थी।”
\v 10 एक दिन उसने परमेश्वर से प्रार्थना की जिनकी आराधना उसके साथी इस्राएली करते थे, “कृपया मुझे बहुत आशीष दें और मेरी भूमि बढ़ा दें। मेरे साथ रहें, और किसी को भी मुझे हानि पहुंचाने न दें। यदि आप मेरे लिए ऐसा करते हैं, तो मुझे कोई कष्ट नहीं होगा।” “और परमेश्वर ने याबेस की विनती स्वीकार की।”
\q
\s5
\v 11 यहूदा का एक और वंशज शूहा था। उसके छोटे भाई कलूब, महीर का पिता था। महीर, एशतोन का पिता था।
\v 12 एशतोन से बेत रामा, पासेह और तहिन्ना उत्पन्न हुए। तहिन्ना ने नाहाश शहर बसाया, परन्तु उनके परिवार रेका नामक एक स्थान में रहते थे।
\q
\s5
\v 13-15 यहूदा का एक और वंशज यपुन्ने था। उसका बेटा कालेब था। कालेब के पुत्र इरु, एला और नाम थे। एला का बेटा कनज था। कनज के बेटे ओत्नीएल और सरायाह थे।
\q2 ओत्नीएल के बेटे हतत और मोनोतै थे। मोनोतै, ओप्रा का पिता था।
\q2 सरायाह योआब का पिता था। योआब उन लोगों का पूर्वज था जो कारीगर की घाटी में रहते थे। घाटी के यही नाम दिया गया था क्योंकि वहां रहने वाले बहुत से लोग कारीगर थे।
\q
\v 16 यहूदा का एक और वंशज यहल्लेल था। उनके बेटे जीप, जीपा, तीरया और असरेल थे।
\q
\s5
\v 17-18 यहूदा का एक और वंशज एज्रा था। एज्रा के बेटे येतेर, मेरेद, एपेर और यालोन थे। मेरेद ने बित्या से विवाह किया, जो मिस्र के राजा की बेटी थी। मेरेद और बित्या की सन्तान, मिर्य्याम, शमै और यिशबह थे। यिशबह एशतमो का पिता था। मेरेद की यहूदा भी पत्नी थी। उसने येरेद, हेबर और यकूतीएल को जन्म दिया। येरेद गदोर का पिता था; हेबेर सोको का पिता था, और यकूतीएल जनोआ का पिता था।
\q
\s5
\v 19 होदिय्याह की पत्नी नहम की बहन थी। होदिय्याह की पत्नी दो बेटों की माता थी। उनमें से एक गेर लोग समूह के पूर्वज कीला का पिता था, और दूसरा माकाई लोगों के समूह के पूर्वज एशतमो का पिता था।
\q
\v 20 यहूदा का एक अन्य वंशज शिमोन था। शिमोन के बेटे अम्नोन, रिन्ना, बेन्हानान और तोलोन थे।
\q यहूदा का एक और वंशज यिशी था। उसके वंशज जोहेत और बेनजोहेत थे।
\q
\s5
\v 21 यहूदा के बेटों में से एक शेला था। शेला के वंशज लेका के पिता एर, मरेशा के पिता लादा और उन लोगों के कुल जिन्होंने बेत-अशबे में सन के कपड़े का काम करते थे,
\v 22 योकीम, और कोर्जबा शहर के लोग, योआश और सराप, दो पुरुष जिन्होंने मोआब के क्षेत्र की स्त्रियों से विवाह किया था और याशूब लेहेम में शासन किया। उनके सभी नाम और उनके द्वारा किए गए कामों का लेखा पुस्तक में लिखा गया है।
\v 23 शेला के इन वंशजों में से कुछ ने राजा के लिए मिट्टी के बरतन बनाए। उनमें से कुछ नताईम शहर में रहते थे, और कुछ गदेरा शहर में रहते थे।
\q
\s5
\v 24 शिमोन के पुत्र नमूएल, यामीन, यारीब जेरह और शाऊल थे।
\q2
\v 25 शाऊल का बेटा शल्लूम था। शल्लूम का बेटा मिबसाम था। मिबसाम का बेटा मिश्मा था।
\q2
\v 26 मिश्मा का बेटा हम्मूएल था। हैमूल का बेटा जक्कर था। जक्कर का बेटा शिमी था।
\p
\s5
\v 27 शिमी के सोलह पुत्र और छः बेटियां थीं, लेकिन उसके किसी भी भाई के अधिक सन्तान नहीं थीं। तो शिमोन के वंशज कभी भी अपने छोटे भाई यहूदा के वंशजों के बराबर नहीं थे।
\v 28 शिमोन के वंशज इन नगरों और कस्बों में रहते थे: बेर्शबा, मोलादा, हसर्शूआल,
\s5
\v 29 बिल्हा, एसेम, तोलाद,
\v 30 बेतूएल, हार्म, सिकलग,
\v 31 बेतमर्काबोत, हसर्सूसीम, बेतबिरी और शारैम। वे तब तक उन जगहों पर रहते थे जब तक दाऊद राजा बन गया।
\s5
\v 32 वे उन कस्बों के पास गांवों में भी रहते थे: एताम, ऐन, रिम्मोन, तोकेन और आशान।
\v 33 वहां अन्य गांव थे जहाँ वे दक्षिण-पश्चिम में बालत तक में रहते थे। ये वे स्थान थे जहाँ वे रहते थे, और उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के नाम लिखे थे।
\p
\s5
\v 34-38 निम्नलिखित सूची में से पुरुष अपने कुलों के प्रधान थे: मशोबाब, यम्लेक, अमस्याह का बेटा योशा, योएल और योशिब्याह का बेटा येहू। योशिब्याह सरायाह का पोता और असीएल के पोता था। अन्य कुलों के प्रधान एल्योएनै, याकोबा, यशोहायाह, असायाह, अदीएल, जेसीमीएल, बनायाह और ज़िज़ा थे। जिज़ा शिपी का पुत्र था और यदायाह के पुत्र अलोन के पोता था, जो शमायाह के बेटे सिम्री का बेटा था।
\p उन कुलों के सदस्य असंख्य हो गए।
\s5
\v 39 वे घाटी के पूर्व की ओर गदोर शहर के पास भेड़ों के लिए चरागाह की तलाश में गए।
\v 40 उन्हें बहुत घास के साथ अच्छी चरागाह मिला। वह स्थान शांतिपूर्ण और शांत थी।
\p प्राचीनकाल में नूह के बेटे हाम के वंशज वहां रहते थे।
\v 41 परन्तु हिजकिय्याह यहूदा का राजा था, तब शिमोन के गोत्र के उन प्रधानों ने गदोर के पास आकर हाम के वंशजों के विरुद्ध युद्ध किया और उनके तम्बुओं को नष्ट कर दिया। उन्होंने मूनी के वंशजों से भी युद्ध जो वहां रह रहे थे और उन्होंने उन सब को मार डाला। तो अब वहां रहने वाले मूनी के कोई वंशज नहीं हैं। शिमोन के वंशज वहां रहने लगे, क्योंकि वहां उनकी भेड़ों के लिए अच्छी चरागाह थी।
\p
\s5
\v 42 यिशी के चार बेटे पलत्याह, नार्याह, रपायाह और उज्जीएल को शिमोन के पाँच सौ अन्य वंशजों का नेतृत्व किया और उन लोगों पर हमला किया जो एदोम के पहाड़ी देश में रहते थे।
\v 43 उन्होंने अमालेक के कुछ वंशजों को मार डाला जो अब भी जीवित थे। उस समय से शिमोन के वंशज एदोम के क्षेत्र में रहते थे।
\s5
\c 5
\s2 ये रूबेन के वंशज हैं।
\p
\v 1 रूबेन याकूब का सबसे बड़ा बेटा था। इसलिए, उसे सबसे बड़ा बेटा होने का विशेष अधिकार प्राप्त होने थे। परन्तु वह अपने पिता की दासी पत्नी के साथ सो गया, इसलिए उसके पिता ने उसके छोटे भाई यूसुफ के बेटों को ये अधिकार दिए। और इसलिए पारिवारिक अभिलेखों में, रूबेन का उल्लेख सबसे पहले नहीं किया गया है, जैसा कि सबसे बड़े बेटे का सदैव होता हैं।
\v 2 यद्यपि यहूदा अपने भाइयों में अधिक प्रभावशाली हो गया, और यहूदा के द्वारा एक शासक निकला, परन्तु यूसुफ के परिवार को पहले बेटों के अधिकार प्राप्त हुए।
\v 3 परन्तु रूबेन, याकूब का सबसे बड़ा बेटा था।
\q रूबेन के बेटे हनोक, पल्लू, हेस्रोन और कर्मी थे।
\q
\s5
\v 4 रूबेन का एक और वंशज योएल था। योएल का बेटा शमायाह था। शमायाह का पुत्र गोग था। गोग का बेटा शिमी था।
\v 5 शिमी का पुत्र मीका था। मीका का पुत्र रायाह था। रायाह का बेटा बाल था।
\v 6 बाल का बेटा बेरा था। बेरा रूबेन के गोत्र का प्रधान था। लेकिन अश्शूर के राजा तिगलत्पिनेसेर उसे बन्दी बनाकर अश्शूर ले गया।
\q
\s5
\v 7 इन कुलों के नाम यहाँ उनके परिवार के लेखों के अनुसार लिखे गए हैं।
\q लिखे गए नाम थे: योएल (प्रधान), फिर जकर्याह,
\v 8 योएल के पुत्र शेमा के पुत्र आजाज के पुत्र बेला। रूबेन का कबीला बहुत बड़ा था। उनमें से कुछ अब तक उत्तर में अरोएल शहर और नबो शहर और बाल्मोन शहर में रहते थे।
\v 9 उनमें से कुछ और आगे पूर्व में रहते थे, जहाँ तक फरात नदी के दक्षिण में रेगिस्तान के किनारे थे। वे वहां गए क्योंकि उनके पास बड़ी मात्रा में मवेशी थे, जिसके परिणामस्वरूप गिलाद के क्षेत्र में उनके लिए पर्याप्त चरागाह नहीं था।
\q
\s5
\v 10 जब शाऊल इस्राएल का राजा था, तब रूबेन के गोत्र के लोगों ने हग्री के वंशजों के विरूद्ध युद्ध किया और उन्हें पराजित कर दिया। उसके बाद, वे वहाँ तम्बुओं में रहने लगे थे जिन तम्बुओं में पहले हग्री लोग रहते थे वे गिलाद के क्षेत्र के पूर्व में रहते थे।
\q
\s5
\v 11 गाद का गोत्र रूबेन के गोत्र के पास रहता था; वे बाशान के क्षेत्र में पूर्व सल्का तक रहते थे।
\v 12 योएल उनका प्रधान था, शापाम उसका सहायक था; बाशान में अन्य अगुवे यानै और शापात थे।
\q2
\v 13 गोत्र के अन्य सदस्य सात कुलों के थे, जिनके मुखिया, मीकाएल, शबा, योरै, याकान, जी और एबेर थे।
\q2
\s5
\v 14 वे अबीहैल के वंशज थे। अबीहैल, हूरी का पुत्र था, हूरी, जराह का पुत्र था, जराया, गिलाद का पुत्र था, गिलाद, मिकाएल का पुत्र था, मिकाएल, यशीशै का पुत्र था, यशीशै, यहदो का पुत्र था, और यहदो, बूज का पुत्र था।
\q2
\v 15 अही, अब्दीएल का पुत्र था। अब्दीएल, गुनी का बेटा था। अही अपने कुल का नेता था।
\q
\s5
\v 16 गाद के वंशज गिलाद और बाशान के क्षेत्र में और शारोन के मैदान पर सब चरागाहों के नगरों में रहते थे।
\v 17 वे सब नाम गाद के कुलों के अभिलेखों में लिखे गए थे, जब योताम यहूदा का राजा था और यारोबाम इस्राएल का राजा था।
\s2 यरदन नदी के पूर्व में रहने वाले कुलों की सेनाएँ हैं:
\p
\s5
\v 18 रूबेन और गाद के गोत्र में और मनश्शे के गोत्र के पूर्वी आधे भाग में 44,760 सैनिक थे। वे सब ढाल और तलवारें और धनुष और तीर रखते थे। वे सब युद्धों में अच्छी तरह से लड़ने के लिए प्रशिक्षित थे।
\v 19 उन्होंने हग्रियों के वंशजों और यतूर, नापीश और नोदाब के नगरों में लोगों पर हमला किया।
\s5
\v 20 उन तीन गोत्रों के पुरुषों ने युद्ध के समय परमेश्वर से प्रार्थना की, और उनकी सहायता करने के लिए उनसे अनुरोध किया। इसलिए उन्होंने उनकी सहायता की, क्योंकि वे उस पर भरोसा करते थे। उन्होंने उन्हें हग्री के वंशजों और उन की सहायता करने वालों को पराजित करने में उनकी सहायता की।
\v 21 उन्होंने हग्री के वंशजों के पशुओं को ले लिया: उन्होंने पचास हजार ऊंट, 250,000 भेड़ और दो हजार गधे ले लिए। उन्होंने 100,000 लोगों को भी बन्दी बना लिया।
\v 22 परन्तु हग्री के कई वंशज मारे गए क्योंकि परमेश्वर ने रूबेन, गाद और मनश्शे के गोत्रों के लोगों की सहायता की थी। उसके बाद, ये तीनों गोत्र उस क्षेत्र में रहने लगे थे जब तक कि बाबेल की सेना ने उन्हें पकड़ कर बाबेल नहीं ले गई।
\s2 ये वे हैं जो मनश्शे के गोत्र के पूर्वी आधे भाग के साथ रहते थे
\p
\s5
\v 23 मनश्शे के गोत्र के पूर्वी भाग के बहुत से लोग थे। वे यरदन नदी के पूर्व में बाशान के क्षेत्र में रहते थे, जहाँ तक उत्तर में बाल्हेर्मोन, सनीर और हेर्मोन पर्वत थे।
\p
\v 24 उनके वंश के प्रधान एपेर, यिशी, एलीएल, अज्रीएल, यिर्मयाह, होदव्याह और याहदीएल थे। वे सब शक्तिशाली, बहादुर और प्रसिद्ध सैनिक थे, और कुलों के प्रधान थे।
\s5
\v 25 परन्तु उन्होंने परमेश्वर के विरूद्ध पाप किया, जिनकी आराधना उनके पूर्वजों ने की थी। उन्होंने देवताओं की पूजा करना आरंभ कर दिया था जो क्षेत्र के लोग करते थे, जिन लोगों को परमेश्वर ने उन्हें नष्ट करने में समर्थ किया था।
\v 26 इसलिए जिन परमेश्वर की इस्राएलियों ने उपासना की थी, उन्होंने अश्शूरों के राजा पूल को उभारा कि इन गोत्रों को जीत ले। पूल का दूसरा नाम तिग्लत्पिलेसेर था। उनकी सेना ने रूबेन, गाद और मनश्शे के गोत्र के पूर्वी भाग के गोत्रों के लोगों को बन्दी बना लिया, और उन्हें अश्शूर के विभिन्न स्थानों पर ले गया: हलह, हाबोर, हारा और गोजान नदी के पास। वे उस समय से आज तक वहीं रहते हैं।
\s5
\c 6
\s2 ये लेवी के वंशज हैं।
\p
\v 1 लेवी के पुत्र गेर्शोन, कहात और मरारी थे।
\q
\v 2 कहात के पुत्र अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल थे।
\q
\v 3 अम्राम की सन्तान मिर्याम और उसके छोटे भाई हारून और मूसा थे।
\q हारून के पुत्र नादाब, अबीहू, एलीआज़ार और ईतामार थे।
\q2
\s5
\v 4 एलीआज़ार, पानहास का पिता था।
\q2 पानहास, अबीशू का पिता था।
\q2
\v 5 अबीशू, बुक्की का पिता था।
\q2 बुक्की, उज्जी का पिता था।
\q2
\v 6 उज्जी, जरहयाह का पिता था।
\q2 जरहयाह, मरायोत का पिता था।
\q2
\s5
\v 7 मरायोत, अमर्याह का पिता था।
\q2 अमर्याह, अहीतूब का पिता था।
\q2
\v 8 अहीतूब, सादोक का पिता था।
\q2 सादोक, अहीमास का पिता था।
\q2
\v 9 अहीमास, अजर्याह का पिता था।
\q2 अजर्याह, योहानान का पिता था।
\q2
\s5
\v 10 योहानान, अजर्याह का पिता था। अजर्याह यरूशलेम में सुलैमान के मंदिर में एक याजक था।
\q2
\v 11 अजर्याह अमर्याह का पिता था।
\q2 अमर्याह, अहितूब का पिता था।
\q2
\v 12 अहीतूब, सादोक का पिता था।
\q2 सादोक, शल्लूम का पिता था।
\q2
\s5
\v 13 शल्लूम, हिलकिय्याह का पिता था।
\q2 हिलकिय्याह, अजर्याह का पिता था।
\q2
\v 14 अजर्याह, सरायाह का पिता था।
\q2 सरायाह, यहोसादक का पिता था।
\v 15 यहोसादक को अपना घर छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा जब यहोवा ने राजा नबूकदनेस्सर की सेना को यरूशलेम और यहूदा के अन्य स्थानों पर कई लोगों को बन्दी बनाने के लिए भेजा जिन्होंने उन्हें बाबेल जाने के लिए विवश किया।
\q
\s5
\v 16 लेवी के पुत्र गेर्शोन, कहात और मरारी थे।
\q2
\v 17 गेर्शोन के पुत्र लिब्नी और शिमी थे।
\q2
\v 18 कहात के पुत्र अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल थे।
\q
\s5
\v 19 मरारी के पुत्र महली और मूशी थे।
\m यहाँ लेवी के वंशजों की एक सूची है, जो अपने गोत्र का प्रधान था।
\q
\v 20 गेर्शोन का सबसे बड़ा पुत्र लिब्नी था।
\q2 लिब्नी का पुत्र यहत था।
\q2 यहत का पुत्र जिम्मा था।
\q2
\v 21 जिम्मा का पुत्र योआह था।
\q2 योआह का पुत्र इद्दो था।
\q2 इद्दो का पुत्र जेरह था।
\q2 जेराह का पुत्र यातरै था।
\q
\s5
\v 22 कहात का दूसरा पुत्र अम्मीनादाब था।
\q2 अम्मीनादाब का पुत्र कोरह था।
\q2 कोरह का बेटा अस्सीर था।
\q2
\v 23 अस्सीर का पुत्र एल्काना था।
\q2 एल्काना का पुत्र एब्यासाप था।
\q2 एब्यासाप का बेटा अस्सीर था।
\q2
\v 24 अस्सीर का पुत्र ताहत था।
\q2 ताहत का बेटा उरीएल था।
\q2 ऊरीएल का पुत्र उज्जियाह था।
\q2 उज्जियाह का पुत्र शाऊल था।
\q
\s5
\v 25 एल्काना के पुत्र अमासै और अहीमोत थे,
\q2
\v 26 और एल्काना नाम का एक और पुत्र था।
\q2 एल्काना का पुत्र सोपै था
\q2 सोपै का पुत्र नहत था।
\q2
\v 27 नहत का पुत्र एलीआब था।
\q2 एलियाब का पुत्र यरोहाम था।
\q2 यरोहाम का पुत्र एल्काना था।
\q
\s5
\v 28 शमूएल का सबसे बड़ा पुत्र योएल था; उसका दूसरा पुत्र अबिय्याह था।
\q
\v 29 मरारी का सबसे बड़ा बेटा महली था।
\q2 महली का बेटा लिब्नी था।
\q2 लिब्नी का बेटा शिमी था।
\q2 शिमी का पुत्र उज्जा था।
\q2
\v 30 उज्जा का पुत्र शिमा था।
\q2 शिमा का पुत्र हग्गिय्याह था।
\q2 हग्गिय्याह का पुत्र असायाह था।
\s2 ये मंदिर संगीतकार हैं।
\p
\s5
\v 31 पवित्र सन्दूक के यरूशलेम में आ जाने के बाद, राजा दाऊद ने लेवी के वंशजों में से कुछ को उस स्थान में संगीत की सेवा के लिए नियुक्त कर दिया था।
\v 32 ये संगीतकार ने पहले पवित्र तम्बू में जिसे मिलाप वाला तम्बू भी कहते थे गाते थे और बजाते थे, और जब तक सुलैमान के काम करने वालों ने यरूशलेम में यहोवा के मंदिर का निर्माण नहीं किया तब तक वे ऐसा करते रहे। उनके सब कामों में, उन्होंने उन निर्देशों का पालन किया जो दाऊद ने उन्हें दिए थे।
\p
\s5
\v 33 संगीतकारों और उनके पुत्रों की एक सूची यहाँ दी गई है:
\q कहात के वंशजों से गायकों के अगुवा हेमान था।
\q2 हेमान, योएल का पुत्र था।
\q2 योएल, शमूएल का पुत्र था।
\q2
\v 34 शमूएल, एल्काना का पुत्र था।
\q2 एल्काना, यरोहाम का पुत्र था।
\q2 यरोहाम, एलीएल का पुत्र था।
\q2 एलीएल, तोह का पुत्र था।
\q2
\v 35 तोह, सूप का पुत्र था।
\q2 सूप, एल्काना का पुत्र था।
\q2 एल्काना, महत का पुत्र था।
\q2 महत, अमासै का पुत्र था।
\q2
\s5
\v 36 अमासै एक और पुरुष का पुत्र था जिसका नाम एल्काना था।
\q2 एल्काना, योएल का पुत्र था।
\q2 योएल, अजर्याह का पुत्र था।
\q2 अजर्याह, सपन्याह का पुत्र था।
\q2
\v 37 सपन्याह, तहत का पुत्र था।
\q2 तहत, अस्सीर का पुत्र था।
\q2 अस्सीर, एब्यासाप का पुत्र था।
\q2 एब्यासाप, कोरह का पुत्र था।
\q2
\v 38 कोरह, यिसहार का पुत्र था।
\q2 यिसहार, कहात का पुत्र था।
\q2 कहात, लेवी का पुत्र था।
\q2 लेवी, याकूब का पुत्र था।
\q
\s5
\v 39 हेमन का सहायक असाप था। उनका समूह हेमन के दाहिनी ओर खड़ा था।
\q2 आसाप बेरेक्याह का पुत्र था।
\q2 बेरेक्याह, शिमा का पुत्र था।
\q2
\v 40 शिमा, मीकाएल का पुत्र था।
\q2 मीकाएल, बासेयाह का पुत्र था।
\q2 बासेयाह, मल्किय्याह का पुत्र था।
\q2
\v 41 मल्किय्याह, एत्नी का पुत्र था।
\q2 एत्नी, जेरह का पुत्र था।
\q2 जेरह, अदायाह का पुत्र था।
\q2
\v 42 अदायाह, एतान का पुत्र था।
\q2 एतान, जिम्मा का पुत्र था।
\q2 जिम्मा, शिमी का पुत्र था।
\q2
\v 43 शिमी, यहत का पुत्र था।
\q2 यहत, गेर्शोन का पुत्र था,
\q2 और गेर्शोन, लेवी का पुत्र था।
\q
\s5
\v 44 मरारी के परिवार के गायकों के एक समूह ने हेमन और आसाप की सहायता करते थे। वे हेमन के बाईं ओर खड़े थे। इस समूह के अगुवा किशी का बेटे एताव था।
\q2 किशी, अब्दी का पुत्र था।
\q2 अब्दी, मल्लूक का पुत्र था।
\q2
\v 45 मल्लूक, हाशब्याह का पुत्र था।
\q2 हशब्याह, अमस्याह का पुत्र था।
\q2 अमस्याह, हिल्किय्याह का पुत्र था।
\q2
\v 46 हिल्किय्याह, अमसी का पुत्र था।
\q2 अमसी, बानी का पुत्र था।
\q2 बानी, शमेर का पुत्र था।
\q2
\v 47 शेमेर, महली का पुत्र था।
\q2 महली, मूशी का पुत्र था।
\q2 मूशी, मरारी का पुत्र था,
\q2 और मरारी, लेवी का पुत्र था।
\p
\s5
\v 48 लेवी के अन्य वंशजों को पवित्र तम्बू में जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती थी अन्य काम करने के लिए नियुक्त किया गया था।
\p
\s5
\v 49 हारून और उसके वंशजों ने वेदी पर रखे बलिदानों को पूरी तरह जलाने, और वे धूप को एक और वेदी पर जलाते थे। ये बलिदान इस लिए थे कि जिन इस्राएलियों ने पाप किए उनसे यहोवा अब क्रोधित नहीं है। ये लोग पवित्र तम्बू में परमपवित्र स्थान में अन्य काम भी करते थे, जो परमेश्वर के सच्चे सेवक मूसा ने उन्हें निर्देश दिए थे।
\q
\s5
\v 50 ये हारून के वंशज थे:
\q2 हारून का पुत्र एलीआज़ार था।
\q2 एलीआज़ार का बेटा पीनहास था।
\q2 पीनहास का पुत्र अबीशू था।
\q2
\v 51 अबीशू का पुत्र बुक्की था।
\q2 बुक्की का बेटा उज्जी था।
\q2 उज्जी का पुत्र जरहयाह था।
\q2
\v 52 जरहयाह का पुत्र मरायोत था।
\q2 मरायोत का पुत्र अमर्याह था।
\q2 अमर्याह का पुत्र अहीतूब था।
\q2
\v 53 अहीतूब का पुत्र सादोक था,
\q2 और सादोक का पुत्र अहीमास था।
\s2 यह लेवी के वंशजों के लिए भूमि थी:
\p
\s5
\v 54 यहाँ उन स्थानों की एक सूची है जहाँ हारून के वंशज रहते थे। जो लोग कहात के वंशज वह पहला समूह था जिसे वे रहने वाले शहर दिए गए थे।
\v 55 उन्हें यहूदा में हेब्रोन शहर और शहर के चारों ओर चरागाह दी गई थी,
\v 56 परन्तु नगर से दूर के खेत और शहर के पास के गांव को यपुन्ने के बेटे कालेब को दिए गए थे।
\s5
\v 57 हारून के वंशज जो कहात के वंशज थे, उन्हें हेब्रोन दिया गया था, उन शहरों में से एक जहाँ लोग भाग सकते थे और यदि वे गलती से किसी को मार डाले तो सुरक्षित रहें। उन्हें लिब्ना, यात्तीर एशतमो, तथा चारागाहों के साथ
\v 58 हीलेन, दबीर,
\s5
\v 59 आशान, युत्ता और बेतशेमेश नगर दिये गये थे।
\v 60 उन्हें बिन्यामीन के गोत्र से गेबा, अलेमेत और अनातात के नगर भी दिए गए थे। कुल मिलाकर, कहात से निकले इन कुलों को तेरह शहर दिए गए थे।
\p
\s5
\v 61 कहात से निकले अन्य कुलों को यरदन नदी के पश्चिम में मनश्शे के गोत्र के कुलों के दस नगर दिए गए थे।
\p
\v 62 गेर्शोन के वंशजों को इस्साकार, आशेर, नप्ताली और यरदन नदी के पूर्व की ओर बाशान के क्षेत्र में रहने वाले मनश्शे के गोत्र का हिस्सा तेरह नगर और कस्बों को आवंटित किया गया था।
\p
\s5
\v 63 मरारी के वंशजों को रूबेन, गाद और जबूलून के गोत्रों के बारह नगर और कस्बे दिए गए थे।
\p
\v 64 इस्राएल के अगुवों ने उन नगरों और आस-पास की चरागाहों को लेवी के वंशजों को दिया।
\v 65 उन्होंने यहूदा, शिमोन और बिन्यामीन के गोत्रों से ये नगर और कस्बे दिए जिनका नाम ऊपर दिया गया है।
\p
\s5
\v 66 कहात के कुछ वंशजों को एप्रैम के गोत्र से नगर दिए गए थे।
\v 67 उन्हें शकेम दिया गया था, जो उन शहरों में से एक था जहाँ लोग भाग कर शरण ले सकते थे यदि उन्होंने गलती से किसी की हत्या कर दी हो, उन्हें एप्रैम की पहाड़ियों में पास के चरागाह भी मिले। उन्हें इन नगरों और चरागाहों के साथ गेज़ेर उनके,
\v 68 योकमाम, बेथोरोन,
\v 69 अय्यालोन, और गत्रिम्मोन भी मिले।
\s5
\v 70 कहात के अन्य वंशजों को यरदन नदी के पश्चिम में रहने वाले मनश्शे के गोत्र के भाग से आनेर और बिलाम और पास के चरागाह के नगर दिए गए थे।
\p
\s5
\v 71 गेर्शोन के वंशज, जो मनश्शे के गोत्र का एक भाग थे, और यरदन नदी के पूर्व में रहते थे। उन्हें उनके चारों ओर शहर और कस्बे और चरागाह दिए गए: बाशान का गोलन और अश्तारोत दिया गया।
\q2
\v 72 इस्साकार के गोत्र से उन्हें केदेश, दाबरात,
\v 73 रामोत, और आनेम तथा उनके पास के चारागाह और गाँव दिए गए।
\q2
\s5
\v 74 आशेर के गोत्र से उन्हें माशाल, अब्दोन,
\v 75 हुकोक, और रहोब के पास के गाँव तथा चारागाह दिए गए।
\q2
\v 76 नप्ताली के गोत्र से उन्हें चरागाहों के साथ गलील के केदेश, और हम्मोन और किर्यातैमक के पास गाँव मिले।
\q
\s5
\v 77 मरारी से निकले लेवी के अन्य वंशजों को जबूलून के गोत्र में से योकनेम, कार्ता, शिम्मोन और ताबोर के पास के गाँव तथा चारागाह दिए गए।
\q2
\v 78-79 रूबेन के गोत्र से उन्हें मरुभूमि, में यहसा, कदेमोत और मेपाता बेसेर के पास के नगर और गाँव और चरागाह दिए गए। रूबेन का गोत्र यरीहो के पास यरदन नदी के पूर्व में रहता था।
\q2
\s5
\v 80 गाद के गोत्र से, उन्हें गिलाद, महनैम के क्षेत्र में रामोत के पास नगर और गाँव और चरागाहों के साथ,
\v 81 हेशोबोन, और याजेर दिए गए।
\s5
\c 7
\s2 ये इस्साकार के वंशज हैं।
\p
\v 1 इस्साकार के चार पुत्र तोला, पूआ, याशूब और शिम्रोन थे।
\q
\v 2 तोला के पुत्र उज्जी, रपायाह, यरीएल, यहमै, यिबसाम और शमूएल थे। वे उनसे निकले कुलों के प्रधान थे।
\q2 तोला के वंशजों के अभिलेख में 22,600 पुरुषों के नाम थे जो राजा दाऊद के समय सेना के योग्य थे।
\q
\v 3 उज्जी का पुत्र यिज्रह्याह था। यिज्रह्याह के पांच पुत्र थे: मीकाएल , ओबद्याह, योएल और यिशि्बय्याह थे। यिज्रह्याह और उसके पुत्र अपने-अपने कुलों के सभी प्रधान थे।
\q2
\s5
\v 4 यिज्रह्याह के वंशजों के अभिलेख में छत्तीस हजार पुरुष थे जो सेना के योग्य थे क्योंकि उनकी कई पत्नियां और बच्चे थे।
\q
\v 5 इस्साकार से निकले कुलों के अभिलेखों में सेना के योग्य सत्तासी हजार पुरुषों के नाम थे।
\s2 बिन्यामीन के वंशजों की सूची आगे दी गई है।
\q2
\s5
\v 6 ये बिन्यामीन के वंशज हैं। बिन्यामीन के तीन पुत्र बेला, बेकर और यदीएल थे।
\q
\v 7 बेला के पांच पुत्र थे एसबोन, उज्जी, उज्जीएल, यरीमोत और ईरी। अपने-अपने वे कुलों के प्रधान थे।
\q2 बेला से निकले कुलों के अभिलेखों में 22,034 पुरुष थे जो सेना के योग्य थे।
\q2
\s5
\v 8 बेकर के पुत्र जमीरा, योआश, एलीएजेर, एल्योएनै, ओम्री, यरेमोत, अबिय्याह, अनातोत और अालेमेत थे।
\q2
\v 9 बेकर से निकले कुलों के अभिलेखों में 20,200 पुरुष थे जो कुलों के प्रधान थे और सेना के योग्य।
\q
\v 10 यदीएल का पुत्र बिल्हान था। बिल्हान के पुत्र यूश, बिन्यामीन, एहूद, कनाना, जेतान, तर्शीश और अहीशहर थे।
\q
\s5
\v 11 वे उनसे निकले कुलों के प्रधान थे।
\q2 उनमें से 17,200 थे जो सेना के योग्य थे।
\q
\v 12 शुप्पीम और हूपीम भी इस कुल के सदस्य थे।
\q दान के वंशजों में से एक हूशीम था।
\s2 अगली सूची नप्ताली के वंशजों की हैं।
\q
\s5
\v 13 ये नप्ताली के वंशज हैं। नप्ताली के पुत्र अहसीएल, गूनी, येसेर और शल्लूम थे। वे याकूब की दासी पत्नी बिल्हा के वंशज थे।
\s2 अगली सूची मनश्शे के वंशजों की है।
\q
\s5
\v 14 ये मनश्शे के वंशज हैं। मनश्शे के पास दासी पत्नी थी जो अराम से थी। वह अस्रीएल और माकीर की माता थीं।
\q माकीर गिलाद का पिता था।
\q2
\v 15 माकीर की दो पत्नियां थीं। वे हुप्पीम और शुप्पीम के कुलों से थीं।
\q2 माकीर की पत्नियों में से एक का नाम माका नाम था।
\q2 माकीर का एक और पुत्र था जिसका नाम सलोफाद था। सलोफाद के पुत्र नहीं थे; उसके पास केवल बेटियां थीं।
\q2
\v 16 माकीर की पत्नी माका ने दो पुत्रों को जन्म दिया जिन्हें उसने पेरेस और शेरेश नाम दिया था। शेरेश के पुत्र ऊलाम और राकाम थे।
\q2
\s5
\v 17 ऊलाम का पुत्र बदान था।
\q वे माकीर के पुत्र गिलाद और मनश्शे के पोते के वंशज थे।
\q
\v 18 माकीर की बहन हम्मोलेकेत थी, जो ईशहोद, अबीएजेर और महला की माता थी।
\q
\v 19 गिलाद का एक और पुत्र शमीदा था, जिसका पुत्र अहयान, शेकेम, लिखी और अनीआम थे।
\s2 अगली सूची में एप्रैम के वंशज हैं।
\q
\s5
\v 20 ये एप्रैम के वंशज हैं।
\q2 एप्रैम का एक पुत्र शुतेलह था।
\q2 शुतेलह का बेटा बेरेद था।
\q2 बेरेद का बेटा तहत था।
\q2 तहत का पुत्र एलादा था।
\q2 एलादा के पुत्र का नाम भी तहत था।
\q2
\v 21 तहत का पुत्र जाबाद था।
\q2 जाबाद का पुत्र शूतेलह था।
\q एप्रैम के अन्य पुत्र, एज़र और एलाद, कुछ गायों और भेड़ों को चुराने के लिए गत शहर गए थे। परन्तु उन्हें उस शहर के लोगों ने मार डाला था।
\v 22 उनका पिता एप्रैम उनके लिए कई दिनों तक रोया, और उसका परिवार उसे शान्ति देने आया।
\q
\s5
\v 23 तब वह अपनी पत्नी के साथ सोया वह गर्भवती हुई और एक बेटे को जन्म दिया। एप्रैम ने उसका नाम बरीआ रखा जिसका अर्थ है, विपत्ति जिसका अनुभव उसके परिवार ने किया था।
\v 24 एप्रैम की बेटी शेरा थी। एप्रैम के श्रमिकों ने तीन नगरों का निर्माण किया: नीचले और ऊपरी बेथोरोन और उज्जेन शेरा।
\q
\s5
\v 25 एप्रैम का एक और पुत्र रेपा था।
\q2 रेपा का बेटा रेशेप था।
\q2 रेशेप का बेटा तेलह था।
\q2 तेलह का पुत्र तहन था।
\q2
\v 26 तहन का बेटा लादान था।
\q2 लादान का बेटा अम्मीहूद था।
\q2 अम्मीहूद का बेटा एलीशामा था।
\q2
\v 27 एलीशामा का पुत्र नून था।
\q2 नून का पुत्र यहोशू था, वह व्यक्ति जिसने मूसा के मरने के बाद इस्राएलियों का नेतृत्व किया था।
\p
\s5
\v 28 यह उन शहरों और क्षेत्रों की एक सूची है जहाँ एप्रैम के वंशज रहते थे:
\q बेतेल और पास के गांव;
\q पूर्व में नारान;
\q पश्चिम की ओर गेजेर और आस-पास के गांव तथा
\q शकेम और पास के गांव। उन गांवों ने उत्तर में अज्जा और आस-पास के गांव।
\q
\v 29 उस क्षेत्र की सीमा के साथ जहाँ मनश्शे के वंशज रहते थे, ये नगर थे: बेतशान, तानाक, मगिद्दो, और दोर और आस-पास के गांव।
\m उन सभी जगहों पर रहने वाले लोग याकूब के पुत्र यूसुफ के वंशज थे।
\s2 ये आशेर के वंशज हैं।
\q
\s5
\v 30 आशेर के पुत्र यिम्ना, यिश्वा, यिश्वी और बरीआ थे। उनकी बहन सेरेह थी।
\q
\v 31 बरीआ के पुत्र हेबेर और मल्कीएल थे।
\q2 मल्कीएल बिर्जोत का पिता था
\q2
\v 32 हेबर जैफलेट, शोमर और होताम का पिता था। उनकी बहन शूआ थी।
\q
\s5
\v 33 यपलेत के पुत्र पासक, बिम्हाल और अश्वात थे।
\q
\v 34 यपलेत का छोटा भाई शेमेर था। शेमेर के पुत्र रोहगा, यहुब्बा और अराम थे।
\q
\v 35 शोमर का छोटा भाई हेलेम था। हेलेम के पुत्र सोपह,यिम्ना, शेलश और अामाल थे।
\q2
\s5
\v 36 सोपह के पुत्र सूह, हर्नेपेर, शूआल, बेरी, इम्रा,
\v 37 बेसेर, होद, शाम्मा, शिल्सा, यित्रान और बेरा थे यित्रान का दूसरा नाम येतेर था।
\q2
\v 38 येतेर के पुत्र यपुन्ने, पिस्पा और अरा थे।
\q
\s5
\v 39 आशेर का एक और वंशज उल्ला था, जिसका पुत्र अरा, आरह हन्नीएल और रिस्या थे।
\p
\v 40 वे सब आशेर के वंशज थे, और वे अपने-अपने कुलों के प्रधान थे। वे बहादुर योद्धाओं और उत्तम अगुआ भी थे। आशेर से निकले कुलों के अभिलेख में छब्बीस हजार पुरुष थे जो सेना के योग्य थे।
\s5
\c 8
\s2 ये बिन्यामीन के वंशज हैं।
\p
\v 1 बिन्यामीन के पांच पुत्र थे: बेला, अशबेल, अह्रह,
\v 2 नोहा, और रापा।
\q
\v 3 बेला के पुत्र अद्दार, गेरा, अबीहूद,
\v 4 अबीशू, नामान, अहोह,
\v 5 गेरा, शेपूपान, और हूराम थे।
\q2
\s5
\v 6 गेरा के पुत्रों में से एक एहूद था। एहूद के वंशज अपने कुलों के प्रधान थे जो गेबा शहर में रहते थे, लेकिन उन्हें बन्दी बनाकर मानहत शहर ले जाया गया था।
\v 7 एहूद के पुत्र थे नामान, अहिय्याह और गेरा थे।
\q2 मानहत जाते समय गेरा ने उनकी अगुवाई की थी। गेरा उज्जा और अहिलूद का पिता था।
\q
\s5
\v 8-11 बिन्यामीन का एक और वंशज शहरैम था। वह और उसकी पत्नी हूशीम के दो पुत्र अबीतूब और एल्पाल थे। मोआब के क्षेत्र में, शाहरैम ने हूशीम और उनकी दूसरी पत्नी बारा को तलाक दे दिया। तब उसने एक स्त्री से विवाह किया जिसका नाम होदेश था, और उनके सात बेटे थे: योआब, सिब्या, मेशा, मल्काम, यूस, सोक्या और मिर्मा। वे अपने-अपने कुलों के प्रधान थे।
\q
\s5
\v 12-13 एल्पाल के पुत्र एबेर, मिशाम, शामेद, बरीआ और शेमा थे। शेमा ने ओनो और लोद के उनके आस-पास के गांवों को बसाया था। बरीआ और शेमा अपने-अपने कुलों के प्रधान थे, वे अय्यालोन में रहते थे। उन्होंने गतवासियों को निकाल दिया था।
\q2
\s5
\v 14-16 बरीआ के पुत्र अहयो, शाशक, यरमोत, जबद्याह, अराद, एदेर, मीकाएल, यिस्पा, योहा थे।
\q
\v 17-18 एल्पाल के अन्य वंशजों भी थे: जबद्याह, मशुल्लाम, हिजकी, हेबर,
\q यिशमरै, यिजलीआ, और योबाब।
\q
\s5
\v 19-21 बिन्यामीन का एक और वंशज शिमी था। शिमी के वंशजों में याकीम, ज़िक्री, ज़ब्दी, एलीएनै, सिल्लतै, एलीएल, अदायाह, बरायाह और शिम्रात थे।
\q
\s5
\v 22-25 शाशक के पुत्र थे: यिशपान, यबर, एलीएल, अब्दोन, ज़िक्री, हानान, हनन्याह, एलाम, अन्तोतिय्याह, यिपदयाह, और पनूएल।
\q
\s5
\v 26-27 बिन्यामीन का एक और वंशज यरोहाम था, जिसके पुत्र शमशरै, शहर्याह, अतल्याह, यारेश्याह, एलिय्याह और जिक्री।
\p
\v 28 इन कुलों के अभिलेखों में यह लिखा गया है कि वे सब अपने-अपने कुलों के प्रधान थे, और वे यरूशलेम में रहते थे।
\q
\s5
\v 29 बिन्यामीन का एक और वंशज यीएल था। वह गिबोन शहर में रहता था, और वह वहां रहने वाले लोगों का प्रधान था। उसकी पत्नी का नाम माका था।
\v 30 उसका सबसे बड़ा बेटा अब्दोन था। उनके अन्य पुत्र शूर, कीश, बाल, नेर, नादाब,
\v 31 गदोर, अहयो, ज़ेकर और मिकोत।
\q
\s5
\v 32 मिकोत, शिमा का पिता था। यियेल के ये सभी पुत्र यरूशलेम में अपने रिश्तेदारों के पास भी रहते थे।
\q
\v 33 नेर, कीश का पिता था, और कीश, राजा शाऊल का पिता था।
\q शाऊल, योनातान, मलकीश, अबीनादाब और एशबाल का पिता था।
\q
\v 34 योनातन का पुत्र मरीब्बाल था।
\q मरीब्बाल, मीका का पिता था।
\q
\s5
\v 35 मीका के पुत्र थे: पीतोन, मेलेक, तारे और आहाज।
\q
\v 36 आहाज, यहोअद्दा का पिता था।
\q यहोअद्दा, अालेमेत, अजमावेत और जिम्री का पिता था।
\q जिम्री, मोसा का पिता था।
\q
\v 37 मोसा बिना का पिता था।
\q बिना का पुत्र रापा था।
\q रापा का पुत्र एलासा था।
\q एलासा का पुत्र आसेल था।
\q
\s5
\v 38 आसेल के छ: पुत्र थे: अज़्रीकाम, बोकरू, यिश्माएल, शर्याह, ओबद्याह और हानान।
\q
\v 39 आसेल का छोटा भाई एशेक था।
\q एशेक का सबसे बड़ा बेटा ऊलाम था। उसके अन्य बेटे: यूश और एलीपेलेत थे।
\q2
\v 40 ऊलाम के पुत्र बहादुर योद्धा और अच्छे तीरंदाज थे। कुल मिलाकर उनके 150 बेटे और पोते थे।
\m ये सब बिन्यामीन के वंशज थे।
\s5
\c 9
\p
\v 1 इस्राएल के सभी लोगों के नाम “इस्राएल के राजाओं के इतिहास” नामक पुस्तक में लिखे हैं।
\p यहूदा के बहुत से लोगों को बन्दी बनाकर बाबेल ले जाया गया था यह उनके पापों का परिणाम था।
\v 2 बहुत से लोग कई साल बाद पहली बार यहूदा लौट कर आए और अपनी-अपनी भूमि में रहने लगे उनमें से कुछ इस्राएली याजक थे और लेवी के अन्य वंशज भी थे, कुछ मन्दिर में सेवा करनेवाले भी थे।
\p
\v 3 यहूदा, बिन्यामीन, एप्रैम और मनश्शे के गोत्रों के अन्य लोग यहूदा लौटकर आए और यरूशलेम में रह रहे थे। यहूदा के गोत्र के उन लोगों की एक सूची निम्नलिखित है।
\q
\s5
\v 4 यहूदा का गोत्र: अम्मीहुद का पुत्र ऊतै; अम्मीहूद; ओम्री का पुत्र था और ओम्री, इम्री का बेटा था और; बनी पेरेस का वंशज था; तथा पेरेस यहूदा का बेटा था।
\q
\v 5 असायाह और उसके पुत्र शीलाई के वंशज थे। असायाह अपने परिवार में सबसे बड़ा बेटा था।
\q
\v 6 जेरह के वंशजों में यूएल और उसके भाई कुल 6 9 0 थे।
\q
\s5
\v 7 बिन्यामीन के गोत्र से: मशुल्लाम का पुत्र सल्लू; होदव्याह का पुत्र मशुल्लाम; हस्सनूआ का पुत्र होदव्याह;
\q
\v 8 योराम का पुत्र यिब्रिय्याह;
\q उज्जी का पुत्र एला; मिक्री के पुत्र उज्जी;
\q शपत्याह का पुत्र मशुल्लाम; रूएल का पुत्र शपत्याह, यिन्बिय्याह
\q
\v 9 बिन्यामीन के वंशजों के अभिलेख में, यरूशलेम में रहने वाले 956 लोगों के नाम हैं। ये सब अपने-अपने कुलों प्रधान थे।
\p
\s5
\v 10 यहूदा में लौटे कुछ याजक थे:
\q यदायाह, यहोयारीब, और याकीन,
\q
\v 11 और हिल्किय्याह का पुत्र अजर्याह।
\q2 मशुल्लाम का पुत्र हिल्किय्याह; था,
\q2 सादोक का पुत्र मशुल्लाम था,
\q2 मरायोत का पुत्र सादोक;
\q2 अहीतूब का पुत्र मरायोत; था,
\q2 अहितूब, जो मंदिर की देखभाल करने वाले सब सेवकों का प्रधान था।
\q
\s5
\v 12 यरोहाम का पुत्र अदायाह;
\q2 यरोहाम; पराहूर का बेटा था,
\q2 मल्कियाह का पुत्र पशहूर;
\q अदोएल का पुत्र मासै;
\q2 यहजेरा का पुत्र अदोएल;
\q2 मशुल्लाम का पुत्र यहजेरा;
\q2 मशिल्लीत के पुत्र मशुल्लाम;
\q2 इम्मेर का बेटे मशिल्लीत।
\q
\v 13 याजक कुल मिलाकर 1760 थे जो यहूदा लौट आए। वे अपने-अपने कुलों के प्रधान थे, और वे सभी परमेश्वर के मंदिर में काम करने के लिए उत्तरदायी थे।
\q
\s5
\v 14 लेवी के वंशज मरारी जो यहूदा लौट आए वे थे: हश्शूव के पुत्र शमायाह;
\q2 अज़्रीकम का पुत्र हश्शूव;
\q2 हशव्याह का पुत्र अज़्रीकम;
\q2 हशव्याह लेवी के सबसे छोटे बेटे मरारी का वंशज था।
\q
\v 15 यहूदा लौटे लेवी के अन्य वंशज थे: मक्का के पुत्र बकबक्कर, हेरेश, गालाल और;
\q2 मीका का बेटा मत्तन्याह;
\q2 आसाप के पुत्र जिक्री;
\q
\v 16 शमायाह का पुत्र ओबद्याह भी था;
\q2 गालात का बेटा शमायाह;
\q2 यदूतून का बेटा गालात;
\q आसा का बेटा बेरेक्याह भी थे;
\q2 एल्काना का पुत्र आसा, जो नतोपाइयों के एक गांवों में रहता था।
\q
\s5
\v 17 लेवी के वंशजों से जो यहूदा लौट आए, जो मंदिर के द्वारों की रक्षा करते थे, वहां शल्लूम, अक्कूब, तल्मोन, अहीमान और उनके भाई थे। शल्लूम उनका प्रधान था।
\v 18 लेवी के गोत्र के ये द्वारपाल शहर के पूर्व की ओर राजा के फाटक पर खड़े होते थे:
\q2
\v 19 कोरे का पुत्र शल्लूम:
\q2 एब्यासाप का पुत्र; कोरे
\q2 कोरे का बेटा एब्यासाप था।
\q शल्लूम और उसके भाई बन्धु द्वारपाल थे, और वे यहोवा के मन्दिर के द्वारों की रक्षा करने के उत्तरदायी थे, जैसा कि उनके पूर्वजों ने किया था।
\q
\s5
\v 20 पहले एलीआज़ार का बेटा पीनहास द्वारपालों की निगरानी करता था, और यहोवा पीनहास के साथ था।
\q
\v 21 मेशेलेम्याह का पुत्र जकर्याह मंदिर के प्रवेश द्वार पर द्वारपाल था।
\p
\s5
\v 22 कुल मिलाकर, 212 पुरुष थे जिन्हें द्वारों की रक्षा करने के लिए चुना गया था। उनके नाम उनके गांवों के कुलों के अभिलेखों में लिखे गए थे। राजा दाऊद और भविष्यवक्ता शमूएल ने उन पुरुषों को नियुक्त किया था क्योंकि वे लोग विश्वासयोग्य थे।
\v 23 उन द्वारपालों और उनके वंशजों का काम यहोवा के मन्दिर के द्वारों की रक्षा करना था। पवित्र तम्बू के स्थान पर मन्दिर बनाया गया था।
\v 24 मंदिर के चारों ओर पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में द्वारपाल थे।
\s5
\v 25 कभी-कभी उन गांवों में रहने वाले द्वारपालों के संबन्धियों के लिए भी आवश्यक था कि उनकी सहायता करने के लिए आएँ वे जब भी आते थे तो उन्हें सात दिन तक द्वारपालों की सहायता करनी होती थी।
\v 26 लेवी के चार वंशज थे जो प्रतिदिन काम करते थे, और वे द्वारपालों की निगरानी करते थे। वे परमेश्वर के मंदिर में गोदामों और अन्य कमरों की भी देखभाल करते थे।
\v 27 वे रात में मंदिर की रक्षा करने के लिए जागते थे, और सुबह द्वार खोलते थे।
\p
\s5
\v 28 कुछ द्वारपाल मंदिर में रखे गये सामानों की देखभाल करते थे। वे बलिदान के काम में आनेवाले आटे, दाखमधु, जैतून का तेल, धूप और मसालों की भी देखभाल करते थे।
\v 29 मंदिर में अन्य सामान की देखभाल करने के लिए अन्य द्वारपाल नियुक्त किए गए थे।
\s5
\v 30 लेकिन कुछ याजकों का काम था, मसालों को मिलाकर तैयार करना।
\v 31 लेवी का एक वंशज था, मतित्याह नामक शल्लूम का सबसे बड़ा बेटा था, जो कोरह के वंश का था। वह बहुत विश्वासयोग था इसलिए उन्होंने उसे रोटी पकाने का काम दिया जो वेदी पर चढ़ाई जाती थी।
\v 32 कहात से निकले वंश के कुछ द्वारपाल परमेश्वर के सामने भेंट वाली रोटियाँ तैयार करते थे, जिन्हे प्रत्येक सब्त के दिन मंदिर में रखना होता था।
\p
\s5
\v 33 लेवी के कुछ वंशज मंदिर के संगीतकार थे। उन परिवारों के प्रधान मंदिर के कमरों में रहते थे। वे मंदिर में कोई अन्य काम नहीं करते थे क्योंकि वे दिन-रात संगीत की सेवा करने के लिए उत्तरदायी थे।
\p
\v 34 ये लेवी वंश के कुलों के प्रधानों के नाम हैं। उनके नाम कुलों के अभिलेखों में लिखे गए थे। वे सब यरूशलेम में रहते थे।
\q
\s5
\v 35 बिन्यामीन के वंशजों में से एक, यीएल , गिबोन शहर में रहता था। वह शहर का प्रधान था। उनकी पत्नी का नाम माका था।
\q
\v 36 उसका सबसे बड़ा बेटा अब्दोन था।
\q उनके अन्य पुत्र खूर, कीश, बाल, नेर, नादाब,
\v 37 गदोर, अहयो, जकर्याह, और मिल्कोत थे।
\q2
\s5
\v 38 मिल्कोत शिमाम का पिता था। यीएल का परिवार यरूशलेम में अपने संबन्धियों के साथ रहता था।
\q
\v 39 नेर कीश का पिता था। कीश राजा शाऊल का पिता था। शाऊल योनातान, मल्कीश, अबीनादाब और एशबाल का पिता था।
\q
\v 40 योनातान का पुत्र मरीब्बाल था। मरीब्बाल मीका का पिता था।
\q
\s5
\v 41 मीका के पुत्र पितन, मेलेक, तहय और आहाज थे।
\q2
\v 42 आहाज यारा का पिता था। यारा अालेमेत, अजमावेत और जिम्री का पिता था।
\q2 जिम्री, मोसा का पिता था।
\v 43 मोसा, बिना का पिता था।
\q2 बिना का पुत्र रपायाह था। रपायाह का पुत्र एलासा था। एलासा का पुत्र आसेल था।
\q2
\v 44 आसेल के छ: पुत्र थे: अज़्रीकाम, बोकरू, यिश्माएल, शार्याह, ओबद्याह और हनान।
\s5
\c 10
\p
\v 1 पलिश्ती की सेना फिर से इस्राएलियों के विरूद्ध लड़ी। इस्राएली सैनिक उनसे आगे भाग गए, और गिलबोआ पर्वत पर कई इस्राएली मारे गए।
\v 2 पलिश्ती सैनिकों ने शाऊल और उसके पुत्रों का पीछा किया, और उन्होंने शाऊल के पुत्र योनातान, अबीनादाब और मल्कीश को मार डाला।
\v 3 शाऊल के चारों ओर युद्ध बहुत भयंकर थी, और तीरंदाजों ने शाऊल पर तीर चलाए और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया।
\p
\s5
\v 4 शाऊल ने अपने हथियार उठानेवाले से कहा, “अपनी तलवार निकाल और मुझे मार डाल, कि ये अन्यजातिय पलिश्ती मुझे और अधिक घायल न कर सकें और मेरे मरते समय मेरा ठट्ठा न कर सकें।”लेकिन शाऊल के हथियारों को उठानेवाला वह डर गया और ऐसा करने से इन्कार कर दिया। तो शाऊल ने अपनी तलवार ली और उस पर गिर गया और मर गया।
\p
\s5
\v 5 जब उसके हथियार उठानेवाले ने देखा कि शाऊल मर चुका है, तो वह भी अपनी तलवार पर गिर गया और मर गया।
\v 6 अत: शाऊल और उसके तीन पुत्रों की मृत्यु हो गई, और उसके वंश में से कोई भी राजा न बन सका।
\p
\s5
\v 7 जब घाटी में रहने वाले इस्राएलियों ने देखा कि उनकी सेना भाग गई है और शाऊल और उसके तीनों बेटे मर गए हैं, तो उन्होंने अपने नगर छोड़ दिए और भाग गए। तब पलिश्ती सैनिक आए और उन गाँवों पर कब्जा कर लिया।
\p
\v 8 अगले दिन, जब पलिश्ती मरे हुए इस्राएली के सैनिकों के हथियारों को उठाने आए, तो उन्होंने शाऊल और उसके तीनों बेटों के शवों को गिलबो पर्वत पर पाया।
\s5
\v 9 उन्होंने शाऊल के शव से कपड़े उतारे और उसका सिर काट दिया और शाऊल के कवच को ले लिया।
\v 10 तब उन्होंने अपने पूरे देश में समाचार प्रचार करने के लिए दूत भेजे, अपनी मूर्तियों और अन्य लोगों के लिए। उन्होंने शाऊल के कवच को मंदिर में रखा जहाँ उनकी मूर्तियां थीं, और उन्होंने शाऊल के सिर को अपने देवता दागोन के मंदिर में लटका दिया।
\p
\s5
\v 11 गिलाद के क्षेत्र में याबेश में रहने वाले लोगों ने सुना कि पलिश्तियों ने शाऊल के साथ क्या किया था।
\v 12 तब याबेश के योद्धा चले गए और शाऊल और उसके पुत्रों की लाशें पाई और उन्हें वापस याबेश लाया। उन्होंने याबेश में एक बाँज पेड़ के नीचे उसकी हड्डियों को दफ़नाया। तब याबेश के लोगों ने सात दिन उपवास किया।
\p
\s5
\v 13 शाऊल की मृत्यु का कारण था कि उसने यहोवा के आदेश का पालन नहीं किया था। वह आत्माओं से बात करनेवाली एक स्त्री के पास भी भविष्य पूछने गया था,
\v 14 इसकी अपेक्षा कि वह यहोवा से पूछता कि उसे क्या करना चाहिए। इसलिए यहोवा ने उसकी मृत्यु का कारण उत्पन्न किया, और उसने इस्राएल का राजा होने के लिए यिशै के बेटे दाऊद को नियुक्त किया।
\s5
\c 11
\p
\v 1 तब इस्राएल के लोग हेब्रोन शहर में दाऊद के पास आए और उससे कहा, “सुन, हमारे और तेरे पूर्वज एक ही हैं।
\v 2 अतीत में, जब शाऊल हमारा राजा था, तब भी तू ही था जो युद्ध में इस्राएली सैनिकों की अगुवाई करता था। तू ही है जिसके लिए हमारे परमेश्वर यहोवा ने प्रतिज्ञा की थी, ‘तू मेरे लोगों का अगुवा होगा और उनका राजा होगा। ‘“
\p
\v 3 तब सभी इस्राएली वृद्ध हेब्रोन में दाऊद के पास आए। वहां दाऊद ने यहोवा के सुनते हुए उनके साथ एक पवित्र समझौता किया। उन्होंने उसे इस्राएलियों का राजा होने के लिए अलग करने हेतु जैतून का तेल लेकर अभिषेक किया। यहोवा ने भविष्यवक्ता शमूएल को यही बताया था।
\p
\s5
\v 4 दाऊद और सब इस्राएली सैनिक यरूशलेम गए। उस समय, यरूशलेम को यबूस कहा जाता था, और वहां रहने वाले लोग यबूस समूह के थे।
\v 5 उन्होंने दाऊद से कहा, “तुम्हारे सैनिक हमारे शहर के भीतर नहीं जा पाएंगे!”लेकिन दाऊद के सैनिकों ने शहर पर अधिकार कर लिया, भले ही उसके चारों ओर दृढ़ दीवारें थीं, और तब से उसे दाऊदपुर कहा जाता है।
\p
\v 6 हुआ यह कि दाऊद ने अपने सैनिकों से कहा, “जो यबूसियों पर आक्रमण करने के लिए हमारे सैनिकों का नेतृत्व करेगा वही हमारी सेना का सेनापति बन जाएगा।”सरुयाह के पुत्र योआब ने सैनिकों का नेतृत्व किया, इसलिए वह पूरी सेना का सेनापति बन गया।
\p
\s5
\v 7 चारों ओर अपनी दृढ़ दीवारों के उस शहर पर अधिकार करने के बाद, दाऊद वहां रहने चला गया। यही कारण है कि उन्होंने उस शहर का नाम दाऊदपुर रखा।
\v 8 दाऊद के श्रमिकों ने शहर का पुनर्निर्माण किया, और शहर के चारों ओर की दीवारों तक भूमि भरकर समतल कर दी गई। योआब के पुरुषों ने शहर के अन्य भागों की मरम्मत की।
\v 9 दाऊद अधिक से अधिक शक्तिशाली होता गया क्योंकि स्वर्गदूतों की सेना का प्रधान यहोवा उसके साथ था।
\p
\s5
\v 10 यहोवा ने प्रतिज्ञा की थी दाऊद राजा बन जाएगा। और सब इस्राएली लोग आनन्दित थे कि दाऊद उनका राजा बना।
\p ऐसे कई सैनिक थे जिन्होंने दाऊद के राज्य को दृश बने रहने में सहायता की।
\v 11 यह दाऊद के सबसे उत्तम योद्धाओं की एक सूची है:
\p हक्मोनी याशोबाम। वह अधिकारियों का प्रधान था। एक बार वह तीन सौ शत्रुओं से लड़ा और उन्हें अपने भाले से मार डाला।
\p
\s5
\v 12 अगला अहो के वंश से दोदो का पुत्र एलीआज़ार था। वह दाऊद के तीन शक्तिशाली पुरुषों में से एक था।
\v 13 एक दिन जब वह पसदम्मीम में दाऊद के साथ था, तब पलिश्ती के सैनिक युद्ध के लिए वहां एकत्र हुए। वहाँ जौ का एक खेत था। पहले तो इस्राएली सैनिक पलिश्ती के सैनिकों के सामने से भाग गए,
\v 14 परन्तु तब दाऊद और एलीआज़ार खेत के बीच में रुक गए और उसकी रक्षा करने के लिए लड़े और पलिश्त के कई सैनिकों को मार डाला। यहोवा ने उन्हें उस दिन एक महान विजय पाने में समर्थ किया।
\p
\s5
\v 15 एक बार दाऊद के तीस महान योद्धाओं में से तीन योद्धा अदुल्लाम के पास की गुफा में दाऊद के पास आए वहाँ एक विशाल चट्टान थी। उसी समय, पलिश्ती सेना ने रपाईम की घाटी में छावनी डाली थी।
\v 16 दाऊद एक किले में था, और पलिश्ती सैनिक बैतलहम में चौकी डाले हुए थे,
\v 17 एक दिन दाऊद को बहुत प्यास लगी तो उसने कहा, “मेरी इच्छा है कि कोई मेरे लिए बैतलहम के द्वार के पास कुएँ से पानी लाए!”
\s5
\v 18 इसलिए वे तीन महान योद्धा ने पलिश्ती सैनिकों के शिविर से होकर गए और कुएँ से पानी खींचा, और इसे दाऊद के पास लाए। परन्तु उसने वह पानी नहीं पीया। इसकी अपेक्षा, उसने वह पानी यहोवा के लिए चढ़ाकर भूमि पर गिरा दिया।
\v 19 उसने कहा, “हे यहोवा, यह पानी मेरे पीने के लिए सही नहीं होगा! यह उन मनुष्यों के खून को पीने जैसा होगा जो मेरे लिए मरने को तैयार थे!”तो उसने उसे पीने से इन्कार कर दिया।
\p यह उन कामों में से एक था जो दाऊद के तीन महान योद्धाओं ने किया था।
\p
\s5
\v 20 योआब का छोटा भाई अबीशै महानतम योद्धाओं (जिसे “मुख्य तीन” कहा जाता है) का प्रधान था और उन्होंने दाऊद के लिए महान सम्मान प्राप्त किया था। एक बार अबीशै ने अपने भाले से तीन सौ शत्रु सैनिकों से लड़कर, उन्हें मार डाला था।
\v 21 अत: वह तीन महान योद्धाओं के साथ प्रसिद्ध हो गया। वह उनका सेनापति बन गया यद्यपि वह “मुख्य तीन” में माना गया था ।
\p
\s5
\v 22 यहोयादा का पुत्र बनायाह, कबज़ेल शहर से एक बहादुर सैनिक था उसने भी महान काम किए। उसने मोआबियों के दो सर्वश्रेष्ठ योद्धाओं की हत्या कर दी। एक दिन जब वह एक गड्ढे में गिर गया और वहां शेर को मार डाला जबकि वह बर्फ गिरने की ॠतु थी ।
\v 23 उसने मिस्र से एक सैनिक को भी मार डाला जो लगभग साढ़े सात फुट लम्बा था। मिस्र के सैनिक ने एक भाला लिया हुआ था जो जुलाहों का ढेका सा था। बन्याह के पास केवल एक लाठी थी, उसने उस मिस्री से भाला छीनकर उसे मार डाला।
\s5
\v 24 बनाया के अन्य काम भी है जिससे वह तीन महान योद्धाओं के बराबर प्रसिद्ध हो गया।
\v 25 वह तीस योद्धाओं में सबसे अधिक सम्मानित था परन्तु वह मुख्य तीन का सदस्य नहीं बन पाया था दाऊद ने उसे अपने अंगरक्षकों का प्रधान नियुक्त किया।
\q
\s5
\v 26 उन महान योद्धाओं के नाम हैं:
\q2 योआब का छोटा भाई असाहेल;
\q2 बैतलहम के दोदो का पुत्र अएल्हानान;
\q2
\v 27 हरोरी, सम्मोत से;
\q2 पलोनी, हेलेस;
\q2
\v 28 तको के इक्केश का बेटा ईरा,
\q2 अनातोत एबीएजेर;
\q2
\v 29 होसा का सिब्बके;
\q2 अहोका ईलै;
\q2
\s5
\v 30 नतोपा का नहरै;
\q2 एक और नतोपाई बाना का बेटा हेलेद;
\q2
\v 31 बिन्यामीन के गोत्र से गिबा नगर के रीबै का बेटा इतै;
\q2 पीरतोन शहर से बनायाह ;
\q2
\v 32 पर्वत गाश की घाटियों में रहने वाला हूरै;
\q2 अरबबासी अबीएल;
\q2 बहूरीम से अजमावेत
\v 33 शाल्बोन का
\q2 एल्यहबा;
\q2
\s5
\v 34 गीजो के हाशेम के बेटे;
\q2 हारार के शागे का पुत्र योनातान;
\q2
\v 35 हरार के सकार का बेटा अहीआम;
\q2 ऊर का पुत्र एलीपाल;
\q2 मकेरा कुल का हेपेर
\v 36 पलोन का; अहिय्याह;
\q2 ;
\q2 कर्मेल से
\v 37 कर्मेल का हेस्रो;
\q2 एज्बै; का बेटा नारै
\q2
\s5
\v 38 नातान के छोटे भाई योएल;
\q2 हग्री के पुत्र मिभार;
\q2
\v 39 अम्मोनी लोगों का सेलेक
\q2 योआब का हथियार ढोनेवाला बरोत का नारै;
\q2
\v 40 येतेर से ईरा और गारेब;
\q2
\v 41 उरीया, बतशेबा का पति, हित्तीऊरीय्याह;
\q2 अहलै का पुत्र जाबाद;
\q2
\s5
\v 42 रूबेन के गोत्र के प्रधान शीजा का बेटा अदीना, जिनके साथ तीस सैनिक थे;
\q2
\v 43 माका के पुत्र हानान;
\q2 मेतेन का योशापात;
\q2
\v 44 अश्तारोत से उज्जिय्याह;
\q2 अरोएर के होताम के पुत्र शामा और यीएल ।
\q2
\s5
\v 45 शिम्री के पुत्र यदीएल
\q2 और उनके छोटे भाई जोहा, तीस शहर से योहा;
\q2
\v 46 महवीम से एलीएल;
\q2 एलनाम के पुत्र यरीबै और योशब्याह;
\q2
\v 47 मोआब से यित्मा, ओबेद और मसोबा का यासीएल।
\s5
\c 12
\p
\v 1 दाऊद राजा शाऊल से बचने के लिए सिकलग शहर गया। जब वह वहां था, तो कई योद्धा आए और उससे जुड़ गए, और उन्होंने युद्धों में उसकी सहायता की।
\v 2 वे धनुष और तीर रखते थे। वे तीर चलाने और गोफन चलाने में और पत्थरों से मारने में सक्षम थे। वे दाहिने और बाएँ हाथ दोनों से वार करते थे वे बिन्यामीन के गोत्र से शाऊल के संबन्धी थे।
\p
\s5
\v 3 उनका प्रधान अहीएज्रेर था। और उसके बाद योआज था जो गिबाह शहर से शमाआ का पुत्र था। ये उन योद्धाओं के नाम हैं:
\q अजमावेत के बेटे यजीएल और पेलेत;
\q बराका; और अनातोत का येहू;
\q
\v 4 गिबोन शहर से यिशमायाह, जो तीस महान योद्धाओं का प्रधान था;
\q यिर्मयाह, यहज़ीएल, योहानान और गेदेरा शहर से योजाबाद;
\q
\s5
\v 5 एलुजै, यरीमोत, बाल्याह, शर्मयाह और हारूप का शपत्याह;
\q
\v 6 एल्काना, यिशिय्याह, अज़रेल, योएजर और याशोबाम, ये सब कोरह के वंशज थे;
\q
\v 7 गेदोर शहर से यरोहाम के पुत्र योएला और जबद्याह।
\p
\s5
\v 8 यरदन नदी के पूर्व में गाद के गोत्र के कुछ लोग दाऊद के साथ हो गए जब वह मरुभूमि में गुफाओं में अपने सुरक्षित स्थान में था। वे बहादुर योद्धा थे जो युद्ध लड़ने और ढाल और भाले का उपयोग करने में सक्षम थे। वे शेरों के से भयंकर थे, और वे पहाड़ियों पर हिरण के समान तेजी से भाग सकते थे।
\q
\s5
\v 9 एज़ेर उनके प्रधान थे।
\q दूसरा आदेश में ओबद्याह था।
\q तीसरा एलीआब था।
\q
\v 10 चौथा मिश्मन्ना था।
\q पाँचवा यिर्मयाह था।
\q
\v 11 छठवाँ अत्तै था।
\q सातवाँ एलीएल था।
\q
\v 12 आठवाँ योहानान था।
\q नौवाँ एलजाबाद था।
\q
\v 13 दसवाँ एक और यिर्मयाह था।
\q ग्यारवाँ मकबनै था।
\p
\s5
\v 14 गाद के गोत्र के लोग सभी सेना अधिकारी थे। उनमें से कुछ ने एक हज़ार सैनिकों पर अधिपति थे, और उनमें से कुछ एक सौ सैनिकों पर थे।
\v 15 वे मार्च के महीने में जब यरदन नदी में बाढ़ आती थी तब नदी को पार करके पश्चिम की ओर गए थे। उन्होंने वहां से उन सब लोगों को भगा दिया जो नदी के दोनों किनारों पर घाटियों में रहते थे।
\p
\s5
\v 16 बिन्यामीन के गोत्र और यहूदा के गोत्र से कुछ अन्य लोग भी किले में दाऊद के पास आए।
\v 17 दाऊद उनसे मिलने के लिए गुफा से बाहर गया और उनसे कहा, “यदि तुम मेरी सहायता करने के लिए शान्ति से आए हो, तो मैं तुमे अपने साथ लेने के लिए उत्सुक हूँ। परन्तु यदि तुम मुझे मेरे शत्रुओं को पकड़वाने के लिए आए हो जबकि मैंने तुम्हे कोई हानि नहीं पहुँचाई है, मुझे आशा है कि जिन परमेश्वर हमारे पूर्वजों ने आराधना की है वह इसे देखें और तुम्हे दोषी ठहराएँ।
\p
\s5
\v 18 तब परमेश्वर के आत्मा अामासै में समाया, जो तीस महान योद्धाओं का प्रधान था, और उसने कहा,
\q1 “हे दाऊद, हम तेरे साथ रहना चाहते हैं;
\q2 तू यिशै का बेटा हैं, हम तेरे साथ होंगे।
\q1 हम जानते हैं कि तेरे साथ और तेरे साथियों के साथ कुशल ही होगा,
\q2 क्योंकि तेरा परमेश्वर तेरी सहायता कर रहे हैं।” इसलिए दाऊद ने उन लोगों का स्वागत किया, और उन्हें अपने सैनिकों का प्रधान नियुक्त किया।
\p
\s5
\v 19 मनश्शे के गोत्र के कुछ लोग भी दाऊद से जुड़ गए जब वह पलिश्तियों के साथ शाऊल की सेना से युद्ध करने गया था। परन्तु दाऊद और उसके पुरुषों ने वास्तव में पलिश्ती सेना की सहायता नहीं की थी। पलिश्ती सेनापतियों ने दाऊद और उसके सैनिकों के विषय में बात करने के बाद, दाऊद को लौटा दिया था। उन्होंने कहा, “यदि दाऊद फिर से अपने स्वामी शाऊल के साथ हो गया तो हम सब को मार डाला जाएगा।”
\v 20 जब दाऊद सिकलग गया, तब मनश्शे के गोत्र के लोग उसके पास आए थे: अदना, योजाबाद, यदीएल, मीकाएल, योजाबाद, नाम का एक और पुरुष एलीहू और सिल्लतै था। उनमें से प्रत्येक शाऊल की सेना में एक एक हजार पुरुषों के अधिपति थे।
\s5
\v 21 वे सभी बहादुर सैनिक थे, और उन्होंने लुटेरों के दलों से लड़ने में दाऊद की सहायता की जो पूरे देश में घूमते थे, और लोगों को लूटते थे। तो वे लोग दाऊद की सेना के प्रधान बन गए।
\v 22 प्रतिदिन अधिक से अधिक लोग दाऊद के दल से जुड़ गए, और उनकी सेना बड़ी हो गई, जैसे कि परमेश्वर की सेना।
\p
\s5
\v 23 यह उन सैनिकों की संख्या हैं जो हेब्रोन शहर में दाऊद से जुड़ने के लिए तैयार थे। वे शाऊल के स्थान में इस्राएल का राजा होने में उसकी सहायता करने आए थे, जैसी यहोवा ने प्रतिज्ञा की थी।
\q
\v 24 यहूदा के 6,800 पुरुष थे, जिनके पास ढाल और भाले थे।
\q
\v 25 शिमोन के गोत्र में 7,100 पुरुष थे। वे युद्ध करने में प्रशिक्षित एवं बलवन्त योद्धा थे।
\q
\s5
\v 26 लेवी के गोत्र से 4,600 पुरुष थे।
\q2
\v 27 यहोयादा, जो हारून से निकला एक प्रधान था, लेवी के वंशजों के समूह में था, और उसके साथ 3,700 पुरुष थे।
\q2
\v 28 सादोक, एक वीर युवा सैनिक भी उस समूह में था, और उसके साथ उसके वंश के 22 अन्य प्रधान थे।
\q
\s5
\v 29 बिन्यामीन के गोत्र के तीन हजार लोग थे जो शाऊल के संबन्धी थे। उनमें से आधे से अधिक पहले शाऊल के वंशजों में से किसी एक को राजा बनना चाहते थे।
\q
\v 30 एप्रैम के गोत्र में से 20,800 पुरुष थे जो सभी बहादुर योद्धा थे और युद्ध के लिए प्रशिक्षित थे तथा अपने-अपने कुलों में प्रसिद्ध थे।
\q
\v 31 मनश्शे के आधे गोत्र से अठारह हजार लोग थे जो यरदन नदी के पश्चिम में रहते थे। वे दाऊद को राजा बनने और उसकी सहायता करने के लिए चुने गए थे।
\q
\s5
\v 32 इस्साकार के गोत्र के प्रधानों के साथ दो सौ पुरुष थे जो उनके संबन्धियों के साथ थे। वे सदैव जानते थे कि इस्राएलियों को क्या करना चाहिए, और उन्हें यह करने का सही समय पता था। उनके संबन्धी उनके साथ थे, जो अपने-अपने अधिपतियों के आदेश के आधीन थे।
\q
\v 33 जबुलून के गोत्र में पचास हजार पुरुष थे। वे सब अनुभवी योद्धा थे और जानते थे कि सब प्रकार के हथियारों का उपयोग कैसे किया जाए। वे दाऊद के प्रति पूरी तरह से वफादार थे।
\q
\s5
\v 34 नप्ताली के गोत्र में से एक हजार प्रधान थे। उनके साथ तीस हजार सैनिक थे, प्रत्येक ढाल और भाले रखते थे।
\q
\v 35 दान के गोत्र से 28,600 सैनिक थे, सब युद्ध के लिए प्रशिक्षित थे।
\q
\s5
\v 36 आशेर के गोत्र के छत्तीस हज़ार अनुभवी सैनिक थे, सब युद्ध के लिए प्रशिक्षित थे।
\q
\v 37 यरदन नदी के पूर्व में से 120,000 सैनिक भी थे जो दाऊद से जुड़ गए थे। वे रूबेन, गाद और मनश्शे के गोत्र के पूर्वी भाग के गोत्रों में से थे। उनके पास सब प्रकार के हथियार थे।
\p
\s5
\v 38 वे सब सैनिक थे जो दाऊद की सेना में स्वयं सेवक थे। वे हेब्रोन आए कि दाऊद को सब इस्राएली लोगों का राजा बना सकें।
\v 39 उन पुरुषों ने दाऊद के साथ तीन दिन बिताए, खाया और पीया, क्योंकि उनके परिवारों ने उन्हें उनके साथ ले जाने के लिए खाना दिया था।
\v 40 इसके अतिरिक्त, उनके साथी इस्राएली उस दूर के क्षेत्र से आए, जहाँ इस्साकार, जबूलून और नप्ताली के गोत्र रहते थे, गधे, और वे ऊंटों, खच्चरों और बैलों पर भोजन लेकर आए थे। उन्होंने बहुत सारे आटे, सूखे अंजीर, किशमिश, दाखमधु, जैतून का तेल, मवेशी और भेड़ लाए। और पूरे इस्राएल में, लोग बहुत आनन्दित थे।
\s5
\c 13
\p
\v 1 एक दिन दाऊद ने अपने सब सेना अधिकारियों से बात की। उनमें से कुछ एक सौ सैनिकों के प्रधान थे और कुछ एक हजार सैनिकों के प्रधान थे।
\v 2 फिर उसने अन्य इस्राएली प्रधानों को बुलाया और उन सब से कहा, “यदि तुम्हारी समझ में यह भला है और हमारा परमेश्वर यहोवा चाहता है, तो हम अपने देश के सब क्षेत्रों में इस्राएली भाइयों को संदेश भेजें जिसमें उनके नगरों और आस-पास के चरागाहों में रहने वाले लेवी के वंशज और लेवी भी हैं, कि वे आएँ और हम से जुड़ जाएँ,
\v 3 क्योंकि हम अपने परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को वापस ले आना चाहते हैं। जब शाऊल राजा था तब, हमने परमेश्वर से नहीं पूछा था कि हमें क्या करना चाहिए। “
\v 4 सब लोग दाऊद से सहमत हुए, क्योंकि उन सब ने सोचा कि ऐसा करना उचित है।
\p
\s5
\v 5 तब दाऊद ने मिस्र की शीहोर नदी से उत्तर में हमात शहर में सब इस्राएली लोगों को एकत्र किया, और उनसे कहा कि वह चाहता था कि परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को किर्यत्यारीम शहर से यरूशलेम में लाने में सहायता करें।
\v 6 दाऊद सब इस्राएली लोगों के साथ बाला शहर गया, जो किर्यत्यारीम कहलाता था कि परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को ले आए, लोगों का मानना था कि परमेश्वर पंखोंवाले प्राणियों की प्रतिमाओं के बीच से शासन करते हैं जो पवित्र सन्दूक के ढक्कन के ऊपर थे, और पवित्र सन्दूक यहोवा से संबंधित है।
\p
\s5
\v 7 लोगों ने पवित्र सन्दूक को एक नई बैल गाड़ी पर रखा और उसे अबीनादाब के घर से लेकर चले। उज्जा और अह्यो गाड़ी खींच रहे बैलों को हाँक रहे थे।
\v 8 दाऊद और सारे इस्राएली लोग परमेश्वर की उपस्थिति में उत्सव मना रहे थे। वे अपनी सारी शक्ति के साथ गा रहे थे, और वीणा, सारंगी, ढफ, और झांझ, बजाते और तुरही फूंकर रहे थे।
\p
\s5
\v 9 परन्तु जब दाऊद के लोग उस स्थान पर आए जहाँ कीदोन अनाज को झाड़ता था, तो बैलों ने ठोकर खाई। और उज्जा ने हाथ बढ़ाकर पवित्र सन्दूक को गाड़ी से गिरने से रोका।
\v 10 यहोवा उज्जा से बहुत क्रोधित हो गए, और देखते ही देखते उन्होंने उज्जा को मार डाला। उज्जा ने अपना हाथ पवित्र सन्दूक पर रखा था, यहोवा ने आज्ञा दी थी कि केवल लेवी के वंशज जो याजकों की सहायता करते हैं, वे ही पवित्र सन्दूक को छू सकते हैं।
\p
\v 11 दाऊद अप्रसन्न था क्योंकि यहोवा ने उज्जा को दण्ड दिया था। और अब उस स्थान को जहाँ उज्जा की मृत्यु हुई थी, “उज्जा का दण्ड” कहा जाता है।
\p
\s5
\v 12 उस दिन, दाऊद परमेश्वर से डर गया था। उसने स्वयं से पूछा, “मैं अपने शहर में परमेश्वर के पवित्र सन्दूक कैसे ला सकता हूँ?
\v 13 अत: दाऊद के साथी पवित्र सन्दूक को यरूशलेम में नहीं लाए। इसके अपेक्षा, वे उसे ओबेदेदोम के घर ले गए, जो गत शहर से था।
\v 14 पवित्र सन्दूक ओबेदेदोम के परिवार के साथ तीन महीने तक उसके घर में रहा। उस समय तक यहोवा ने ओबेदेदोम के परिवार और जो उसका था, उसे आशीष दी।
\s5
\c 14
\p
\v 1 एक दिन सोर शहर के राजा हीराम ने दाऊद के पास दूत भेजे कि उनके देशों के बीच समझौता करने के विषय में बात करें। तब हीराम ने दाऊद के लिए महल बनाने के लिए देवदार के लट्ठे, राजमिस्त्री और बढ़ई भेजे।
\v 2 जब ऐसा हुआ, तब दाऊद समझ गया कि यहोवा ने ही उसे इस्राएल का राजा बनाया है, और उन्होंने उसके राज्य को बहुत सम्मानित किया है। यहोवा ने ऐसा इसलिए किया कि वह अपने इस्राएली लोगों से प्रेम करते थे।
\p
\s5
\v 3 दाऊद ने यरूशलेम में और अधिक स्त्रियों से विवाह किया, और उन स्त्रियों ने उसके लिए बेटों और बेटियों को जन्म दिया।
\v 4 यरूशलेम में जन्म लेनेवाली उसकी सन्तान के नाम थे शम्मू, शोबाब, नातान, सुलैमान,
\v 5 यिमार, एलीशू, एलपेलेत,
\v 6 नोगह, नेपेग, यापी,
\v 7 एलीशामा, बेल्यादा, और एलीपेलेत।
\p
\s5
\v 8 जब पलिश्ती की सेना ने सुना कि दाऊद को इस्राएल का राजा होने के लिए नियुक्त किया गया है, तो वे उसे पकड़ने का प्रयास करने लगे। परन्तु दाऊद ने सुना कि वे आ रहे है, तो वह और उसके सैनिक उनका सामना करने के लिए गए।
\v 9 पलिश्ती की सेना ने यरूशलेम के दक्षिण-पश्चिम में रपाईम की घाटी में लोगों पर हमला किया और उन्हें लूट लिया था।
\s5
\v 10 दाऊद ने परमेश्वर से पूछा, “क्या मेरे पुरुष और मैं पलिश्ती सेना पर आक्रमण कर सकते हैं? यदि हम जाते हैं, तो क्या आप उन्हें पराजित करने में हमें समर्थ करेंगे?”
\p यहोवा ने उत्तर दिया, “हाँ, जाओ, और मैं तुम्हें उन्हें पराजित करने में समर्थ करूंगा।”
\p
\v 11 तब दाऊद और उसके लोग उस नगर में गए जहाँ पलिश्ती सैनिक रह रहे थे और पलिश्ती सैनिकों को पराजित कर दिया। तब दाऊद ने कहा, “परमेश्वर ने मेरे और मेरी सेना के हाथों हमारे शत्रुओं को पूरी तरह से पराजित कर दिया है।”इसलिए उसने उस स्थान का नाम “बालपरासीम” रखा, जिसका अर्थ है “परमेश्वर तोड़ देता है।”
\v 12 पलिश्ती सैनिक वहाँ से भागे वहां अपनी मूर्तियाँ छोड़ गए। इसलिए दाऊद ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि उन मूर्तियों को जला दें।
\p
\s5
\v 13 परन्तु शीघ्र ही पलिश्ती सेना ने उस घाटी में लोगों पर फिर आक्रमण किया।
\v 14 तब फिर दाऊद ने फिर से परमेश्वर से पूछा कि उसे क्या करना चाहिए, और परमेश्वर ने उत्तर दिया, “पलिश्ती सेना पर आगे से आक्रमण मत करना। इसकी अपेक्षा, उनके पीछे की ओर तूत के वृक्षों के सामने से उन पर आक्रमण कर।
\s5
\v 15 जब तूत के वृक्षों की कोंपलों में से सैनिकों के चलने की सी आवाज़ सुनाई देता आक्रमण कर देना क्योंकि मैं, परमेश्वर तेरे आगे जाऊंगा कि तू पलिश्ती सेना को पराजित कर सके।”
\v 16 तब दाऊद ने वही किया जो परमेश्वर ने उसे करने का आदेश दिया, और उसने और उसकी सेना ने पलिश्ती सेना को गिबोन शहर से लेकर गेजेर शहर तक पूरी तरह पराजित किया।
\p
\v 17 तब दाऊद सब आस-पास के देशों में प्रसिद्ध हो गया, और यहोवा ने सब जातियों के शासकों से उससे डरने का कारण उत्पन्न कर दिया।
\s5
\c 15
\p
\v 1 दाऊद ने अपने कर्मचारियों को यरूशलेम में उसके लिए घर बनाने का आदेश दिया। उसने उन्हें एक तम्बू स्थापित करने का आदेश भी दिया कि उसमें पवित्र सन्दूक को रखें।
\v 2 उसने कहा, “केवल लेवी के वंशजों को परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को लाना है क्योंकि वे ही हैं जिन्हें यहोवा ने चुना है कि उसे उठाएँ और सदा के लिए उनकी सेवा करें।”
\p
\v 3 दाऊद ने इस्राएल के सब लोगों को यरूशलेम आने के लिए कहा। वह चाहता था कि यहोवा के पवित्र सन्दूक का वह उस स्थान में रखे जिसे उसने बनाया है।
\s5
\v 4 उसने सबसे पहले महायाजक हारून के वंशजों को और लेवी के वंशजों को बुलाया।
\v 5 लेवी के दूसरे बेटे कहात के 120 वंशज, उनके प्रधान ऊरीएल के साथ आए।
\q
\v 6 लेवी के तीसरे बेटे, मरारी के 220 वंशज थे, उनके प्रधान असायाह के साथ आए।
\q
\s5
\v 7 लेवी के पहले पुत्र, गेर्शोन के 130 वंशज उनके प्रधान योएल के साथ आए।
\q
\v 8 इसके अतिरिक्त, एलीसापान के वंश के 200 लोग उनके प्रधान शमायाह के साथ आए।
\q
\v 9 हेब्रोन के वंश से 80 लोग आए, जो उनके प्रधान एलीएल के साथ आए।
\q
\v 10 और उज्जीएल के वंश के 112 लोग उनके प्रधान अम्मीनादाब के साथ आए।
\p
\s5
\v 11 दाऊद ने याजक सादोक और एब्यातार और लेवी के इन वंशज ऊरीएल, असायाह, योएल, शमायाह, एलएल और अम्मीनादाब को भी बुलाया।
\v 12 दाऊद ने उन से कहा, “तुम लेवी से निकले कुलों के प्रधान हो। तुम और लेवी के अन्य वंशजों को यहोवा के इस विशेष काम करने के लिए अपने आप को शुद्ध करना होगा। तुम्हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का पवित्र सन्दूक यरूशलेम में उस स्थान पे लाना होगा जिस स्थान को मैंने तैयार किया है।
\s5
\v 13 पहली बार हमने इसे लाने का प्रयास किया था, हमने यहोवा से यह नहीं पूछा था कि हमें इसे कैसे लेना चाहिए। उसे लाने के लिए तुम लेवी के वंशज वहाँ नहीं थे इसलिए हमारे परमेश्वर यहोवा ने हमें दण्ड दिया। “
\p
\v 14 तब याजकों और लेवी के वंशजों ने अपने को शुद्ध करने का संस्कार किया, कि इस्राएलियों के परमेश्वर यहोवा के पवित्र सन्दूक को ले आने का काम उचित रीति से।
\v 15 लेवी के वंशजों ने पवित्र सन्दूक को मूसा के आदेश के अनुसार डंडों के सहारे अपने कंधों पर उठाया जैसा यहोवा ने कहा था।
\p
\s5
\v 16 दाऊद ने लेवी के वंशजों के प्रधानों से कहा कि वे अपने कुछ संबन्धियों को सारंगी, वीणा, और झांझ बजाने तथा ऊँचे शब्द में आनन्द के गीत गाने के लिए नियुक्त करें, जब वे पवित्र सन्दूक को लेकर चलें।
\p
\v 17 अत: उन्होंने हेमान और उसके संबन्धी आसाप और एतान को नियुक्त किया। योएल का पुत्र हेमान; बेरेक्याह के पुत्र आसाप। कूशायाह का पुत्र एतान, मरारी के वंशज थे।
\v 18 लेवी के वंशजों का एक और समूह भी था, नियुक्त किया: जकर्याह, याज़ीएल, शमीरामोत, यहीएल, उन्नी, एलीआब, बनायाह, मासेयाह, मत्तित्याह, एलीपलेह, मिकनेयाह और मंदिर के द्वारपालों ओबेदेदोम और पीएल को नियुक्त किया।
\p
\s5
\v 19 हेमान, आसाप और एतान ने गाया, और पीतल की झांझ भी बजाईं।
\v 20 जकर्याह, अज़ीएल, शमीरामोत, यहीएल, उन्नी, एलीआब, मासेयाह और बनायाह ने सारंगी बजाई।
\v 21 मत्तित्याह, एलीपलेह, मिकनेयाह, ओबेदेदोम यीएल और अज़ज्याह ने वीणा बजाई।
\s5
\v 22 लेवी के वंशजों के प्रधान कनन्याह गानों का निर्देशक था क्योंकि वह इस काम में निपुण था।
\p
\v 23 बेरेक्याह और एल्काना पवित्र सन्दूक के रक्षक थे।
\v 24 याजक शबन्याह, योशापाटत, नतनेल, अामासै, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर को पवित्र सन्दूक के सामने तुरहियाँ बजाने के लिए नियुक्त किया गया था। ओबेदेदोम और अहिय्याह ने पवित्र सन्दूक की रक्षा की।
\p
\s5
\v 25 दाऊद और इस्राएली अगुवे और एक हज़ार सैनिकों के दलों के अधिकारी पवित्र सन्दूक ओबेदेदोम के घर से बड़े आनन्द के साथ लाने के लिए गए। वे बहुत खुशी से चले गए।
\v 26 परमेश्वर ने यहोवा के सन्दूक को उठाकर चलने वाले लेवी के वंशजों की सहायता की तब दाऊद और अगुवों ने परमेश्वर को धन्यवाद देने के लिए सात बैल और सात मेढ़े बलि चढ़ाए।
\s5
\v 27 लेवी के सभी वंशज जो पवित्र सन्दूक उठानेवाले, सब गायक और गायकों के निर्देशक कनन्याह सफ़ेद, सन के बागे पहने थे। दाऊद ने भी सफ़ेद सन का एपोद पहने हुए था।
\v 28 अत: सब इस्राएली लोग पवित्र सन्दूक को यरूशलेम में लाने में सहभागी हो गए। उन्होंने जयजयकार किया नरसिंगे फूंके और तुरहियाँ और झांझ, सारंगियाँ और बीणा बजाते हुए चले।
\p
\s5
\v 29 जब वे पवित्र सन्दूक को यरूशलेम में ला रहे थे, तब शाऊल की बेटी मीकल ने उन्हें खिड़की से झांककर राजा दाऊद को नाचते और उत्सव मनाते, देखा तो उसने उसे तुच्छ जाना।
\s5
\c 16
\p
\v 1 उन्होंने पवित्र सन्दूक को यरूशलेम में लाकर उस पवित्र तम्बू के भीतर रखा जो दाऊद ने अपने कर्मचारियों को स्थापित करने के लिए कहा था। तब उन्होंने वेदी पर बत्तियाँ जलाई और परमेश्वर के साथ मेल की प्रतिज्ञा की बलियाँ चढ़ाई।
\v 2 जब दाऊद ने उन सभी भेंटों को प्रस्तुत करना समाप्त कर दिया, तो उसने लोगों को आशीर्वाद देने के लिए यहोवा से विनती की।
\v 3 उसने वहाँ उपस्थित प्रत्येक इस्राएली स्त्री-पुरुष को रोटी खजूर और किशमिश दीं।
\p
\s5
\v 4 तब दाऊद ने लेवी के कुछ वंशजों को पवित्र तम्बू के सामने खड़े रहने के लिए नियुक्त किया, जिसमें पवित्र सन्दूक रखा गया था कि इस्राएल के परमेश्वर की आराधना स्तुति और धन्यवाद करने मेंआराधकों की अगुआई करें।
\v 5 झांझ बजाने वाला आसाप उनका प्रधान था। जकर्याह उसका सहायक था। आसाप की सहायता करने वाले लेवी के अन्य वंशज थे: यीएल , शमीरामोत, यहीएल, मत्तित्याह, एलीआब, बनायाह, ओबेदेदोम और यीएल थे। वे सारंगी और वीणा बजाते थे।
\v 6 बनायाह और यहज़ीएल याजक थे जिन्हे पवित्र तम्बू के सामने जिसमे पवित्र सन्दूक रखा था, तुरही बजाने के लिए नियुक्त किया गया था।
\p
\s5
\v 7 उसी दिन, दाऊद ने आसाफ और उसके सहायकों को यहोवा की स्तुति करने के लिए यह भजन दिया:
\q1
\v 8 यहोवा का धन्यवाद करो और उससे प्रार्थना करो।
\q2 सब देशों के लोगों में उनके कामों का वर्णन करो।
\q1
\v 9 उनके लिए गीत गाओ, उसके लिए स्तुति के भजन गाओ।
\q2 उनके आश्चर्य के कामों की चर्चा करो।
\q1
\s5
\v 10 आनन्द मनाओ कि तुम उसके हो।
\q2 जो यहोवा को और अधिक जानना चाहते हैं वे आनन्दित हों।
\q1
\v 11 यहोवा से सहायता पाने और उसकी शक्ति पाने की विनती करो,
\q2 उनकी संगति की खोज में लगे रहो!
\q1
\s5
\v 12 उनके अद्भुत कामों को,
\q2 उनके चमत्कारों और निष्पक्ष कानून को जो उन्होंने हमें दिए मत भूलो।
\q1
\v 13 हम उनके दास याकूब के वंशज हैं;
\q2 हम इस्राएली हैं जिन्हें उन्होंने चुना है।
\q1
\v 14 यहोवा हमारे परमेश्वर है।
\q2 उनके निष्पक्ष कानून संपूर्ण पृथ्वी में के लोग जाने जाते हैं।
\q1
\s5
\v 15 वह अपनी वाचा को कभी नहीं भूलते हैं;
\q2 उनकी प्रतिज्ञा हज़ारों पीढ़ियों तक की है।
\q1
\v 16 यही वह वाचा है उन्होने उसने अब्राहम के साथ बाँधी थी,
\q2 और इसी वाचा को इसहाक को दोहराया।
\q1
\v 17 यह वाचा इस्राएलियों के लिए भी थी,
\q2 और वह उस वाचा को सदाकाल की रखना चाहते थे।
\q1
\v 18 उन्होंने कहा था, “मैं कनान देश को तुझे दूंगा,
\q2 कि तेरा और तेरे वंशजों के लिए सदा का हो। “
\q1
\s5
\v 19 जब यहोवा के लोग केवल कुछ ही संख्या में थे,
\q2 लोगों का एक छोटा सा समूह जो उस देश परदेशी होकर रहता था,
\q1
\v 20 वे एक स्थान से दूसरे स्थान,
\q2 एक राज्य से दूसरे राज्य में फिरते रहते थे।
\q1
\v 21 उन्होने किसी को भी उन पर अत्याचार करने नहीं दिया,
\q2 और उन्होंने राजाओं को यह कहकर चेतावनी दी,
\q1
\v 22 “जिन लोगों को मैंने चुना है उन्हें हानि मत पहुँचाना!
\q2 मेरे भविष्यवक्ताओं को हानि मत पहुँचाना! “
\q1
\s5
\v 23 हे संपूर्ण पृथ्वी के लोगों, यहोवा के लिए गीत गाओ।
\q2 प्रतिदिन प्रचार करो कि उन्होंने हमें बचाया है।
\q1
\v 24 सब देशों को सुनाओ कि वह महान हैं;
\q2 सब जातियों में उनके किए गए आश्चर्य के कामों का वर्णन करो।
\q1
\s5
\v 25 यहोवा महान है, और बहुत स्तुति के योग्य है।
\q2 सब देवताओं से अधिक उनका सम्मान किया जाना चाहिए,
\q1
\v 26 क्योंकि अन्य देवता जिनकी लोग पूजा करते हैं केवल मूर्तियां हैं,
\q2 लेकिन यहोवा वास्तव में महान है; उन्होंने आकाश को बनाया।
\q1
\v 27 परमेश्वर अपनी महिमा और एश्वर्य को प्रकट करते हैं, वे उनके शासन के साथ चमकते हैं।
\q2 उनके निवास में शक्ति और सौन्दर्य हैं।
\q1
\s5
\v 28 पृथ्वी की सब जातियाँ, यहोवा की स्तुति करो!
\q2 यहोवा की महिमा भय शक्ति के लिए उनकी स्तुति करो!
\q1
\v 29 यहोवा के नाम के योग्य महिमा से उनकी स्तुति करो।
\q2 उन्हें चढ़ाने के लिए भेंट लेकर उपस्थित हो जाओ!
\q2 यहोवा को दण्डवत् करो और उनकी आराधना करो क्योंकि वह पवित्र हैं, और उनकी पवित्रता अद्भुत महिमा के साथ उनसे निकलती है।
\q1
\s5
\v 30 उनकी उपस्थिति में बहुत डरें, क्योंकि वह भले और शक्तिशाली है, जो तुमसे बिल्कुल अलग हैं।
\q2 उन्होंने पृथ्वी को दृढ़ता से अपने स्थान पर रखा; और उसे कोई भी हिला नहीं सकता है।
\q1
\v 31 आकाश और पृथ्वी पर सबकुछ आनन्दित हो।
\q2 संपूर्ण जगत के लोग कहें, “यहोवा हमारे राजा हैं!”
\q1
\s5
\v 32 महासागरों और महासागरों के प्राणी जयजयकार करे;
\q2 मैदान और जो कुछ उसमें आनन्दित हो।
\q1
\v 33 जब ऐसा होता है तब ऐसा प्रतीत होता है जैसे जंगल के सब पेड़ यहोवा के सामने आनन्द से गाते है।
\q2 ऐसा तब होगा जब वह पृथ्वी पर सब का न्याय करने के लिए आएंगे है।
\q1
\s5
\v 34 यहोवा का धन्यवाद, क्योंकि वह जो कुछ भी करते हैं वह अच्छा है।
\q2 वह हमसे सदा का सच्चा प्रेम करते हैं।
\q1
\v 35 उनसे कहो, “हे हमारे परमेश्वर, आप ही हैं जो हमें बचाते हैं,
\q2 हमें एक साथ एकत्र करें और हमें अन्य जातियों की सेनाओं से बचाएँ।
\q1 आपके इस काम के लिए हम आपको धन्यवाद देंगे,
\q2 और हम आपकी स्तुति करने में प्रसन्न होंगे। “
\q1
\s5
\v 36 हम इस्राएलियों के परमेश्वर यहोवा की स्तुति करो,
\q2 वह आरंभ से अन्त तक जीवित हैं।
\m जब लोगों ने इस भजन को गाकर समाप्त किया तब सब ने कहा “आमीन!”, और उन्होंने यहोवा की स्तुति की।
\s5
\v 37 तब दाऊद ने आसाप और उसके वंश के अन्य सदस्यों को तम्बू के सामने छोड़ दिया जिसमें यहोवा की पवित्र सन्दूक रखा गया था। उसने उनसे कहा कि उन्हें प्रतिदिन वहाँ अपना काम करना होगा।
\v 38 दाऊद ने ओबेदेदोम और लेवी के 68 अन्य वंशजों को उनके साथ काम करने के लिए छोड़ दिया। होसा और ओबेदेदोम ने पवित्र तम्बू के प्रवेश द्वार की रक्षा की।
\p
\v 39 दाऊद ने महायाजक सादोक और अन्य याजकों को इस्राएल की आराधना के लिए गिबोने के ऊँचे स्थान में स्थित जिसे यहोवा के पवित्र तम्बू के सामने सेवा करने के लिए रख दिया।
\s5
\v 40 कि वे प्रतिदिन सुबह और शाम मूसा द्वारा लिखे नियमों का पालन करते हुए वेदी पर बलियाँ चढ़ाएँ क्योंकि, यहोवा ने इस्राएली लोगों को यह नियम दिया था।
\v 41 उनके साथ हेमान और यदूथून और लेवी के अन्य वंशज थे। उन्हें चुना गया कि यहोवा की स्तुति के लिए भजन गाएँ क्योंकि वह अपने लोगों से सच्चा प्रेम करते हैं।
\s5
\v 42 हेमान और यदूतून को तुरही और झांझ बजाने के लिए नियुक्त किया गया था कि जब लेवी के अन्य वंशज पवित्र भजन गाएँ तो वे बजाएँ। पवित्र तम्बू के द्वारों की रक्षा के लिए यदूतून के पुत्रों को नियुक्त किया गया था।
\p
\v 43 तब सब लोग चले गए। वे सब अपने घर लौट आए, और दाऊद अपने घर लौट आया कि यहोवा से अपने परिवार को आशीर्वाद देने की विनती करे।
\s5
\c 17
\p
\v 1 दाऊद अपने महल में रहने लगा तब उसने भविष्यवक्ता नातान से कहा, “यह उचित नहीं कि मैं इस देवदार की लकड़ी से बने महल में रहता हूँ, परन्तु यहोवा का पवित्र सन्दूक तम्बू में रखा हुआ है!”
\p
\v 2 नातान ने दाऊद से कहा, “जो भी तू करने का विचार करता हो, वैसा कर क्योंकि परमेश्वर तेरे साथ है।”
\p
\s5
\v 3 लेकिन उस रात परमेश्वर ने नातान से बात की। उन्होंने कहा,
\v 4 “जा और मेरे दास दाऊद से कह कि मैं यहोवा, यह कह रहा हूँ: ‘तू वह नहीं जो मेरे रहने के लिए मंदिर बनाए।
\v 5 मैं जिस दिन से इस्राएलियों को मिस्र से निकलकर लाया उस दिन से आज तक भवन में नहीं रहा हूँ। मैं तो सदा ही तम्बू में रहा और जब जब इस्राएली एक स्थान से दूसरे स्थान पर गए तब तब स्थान-स्थान फिरता रहा हूँ।
\v 6 मैं इस्राएलियों के साथ जहाँ भी गया, मैं उनके साथ यात्रा करता था, सभी इस्राएली लोगों के साथ जहाँ भी अगुवे ठहराए थे उनसे कभी नहीं कहा कि मेरे लिए देवदार की लकड़ी का भवन क्यों नहीं बनवाया?”
\s5
\v 7 इसलिए, यह मेरे दास दाऊद से कहना स्वर्गदूतों की सेना के प्रधान, मुझ यहोवा ने तुझे भेड़ों को चरानेवाली चारागाह से उठाकर मेरी प्रजा इस्राएल का शासक बनाया है।
\v 8 जहाँ भी तू गया मैं तेरे साथ रहा हूँ, और मैं ने तेरे सामने से सब शत्रुओं को निकाला है। और अब मैं तुझे बहुत प्रसिद्ध होने का कारण उत्पन्न करूँगा और पृथ्वी के महानतम पुरुषों के नामों के समान महान बना दूँगा।
\s5
\v 9-10 पूर्व में, जब मैंने अपने इस्राएली लोगों के लिए अगुओं को नियुक्त किया था, कई हिंसक जातियों ने उन पर अत्याचार किए थे। परन्तु यह ऐसा नहीं होगा। मैंने एक ऐसा स्थान चुना है जहाँ मेरे इस्राएली लोग शान्ति से रह सकें और कोई भी उन्हें परेशान नहीं करेगा। मैं उन्हें शत्रुओं के आक्रमणों से विश्राम दूंगा। और मैं उनके सब शत्रुओं को पराजित करूंगा। मैं यह घोषणा करता हूँ कि मैं, यहोवा, तेरे वंशजों को तेरे मरने के बाद शासन करने योग्य करूँगा।
\s5
\v 11 जब तेरा जीवन समाप्त होता है और तू मर जाता हैं और अपने पूर्वजों के पास चला जाएगा, तब मैं तेरे पुत्रों में से एक को राजा बनने के लिए नियुक्त करूंगा, और मैं उसके राज्य को दृढ़ता प्रदान करूंगा।
\v 12 वही है जो मेरे लिए एक मंदिर बनाने की व्यवस्था करेगा। और मैं उसके वंशजों में से एक का शासन इतना दृढ़ कर दूंगा कि यह हमेशा के लिए चलेगा।
\s5
\v 13 मैं उसके पिता के समान रहूंगा, और वह मेरे लिए एक पुत्र के समान होगा। मैंने शाऊल से प्रेम करना समाप्त कर दिया, जो तेरे राजा बनने से पहले राजा था, लेकिन मैं तेरे बेटे से प्रेम करना कभी नहीं त्यागूँगा।
\v 14 मैं उसे अपने लोगों पर शासन करने का कारण बनूँगा और उसका राज्य सदैव स्थिर रहेगा। ‘“
\p
\v 15 तब नातान ने दाऊद को यहोवा द्वारा प्रकट सब बातें सुना दीं।
\p
\s5
\v 16 तब दाऊद पवित्र तम्बू में गया और यहोवा की उपस्थिति में बैठा, और प्रार्थना की: “हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं निश्चय आप के इन सब उपकारों के योग्य नहीं जो आप ने मुझ पर किए हैं मेरा परिवार भी इस योग्य नहीं हैं।
\v 17 और हे परमेश्वर, इस सबके उपरान्त आपने भविष्य में मेरे वंशजों के विषय में भी मुझे बता दिया है। हे मेरे परमेश्वर यहोवा, आपने तो मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया है जैसे कि मैं पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हूँ!
\v 18 मैं दाऊद, ऐसे सम्मान के लिए आपसे और क्या कह सकता हूँ? हे यहोवा, आप तो जानते हैं कि मैं कैसा मनुष्य हूँ।
\s5
\v 19 हे यहोवा आपने यह सब किया है, हे यहोवा, क्योंकि आप यही करना चाहते हैं। आपने मेरे लिए ये सब महान काम किए हैं और आपने मुझे उन बातों को भी प्रकट किया है जिन्हें आपने मेरे लिए करने की प्रतिज्ञा की है, क्योंकि आप मुझसे प्रेम करते हैं।
\v 20 हे यहोवा, आप महान हैं। आप जैसा कोई भी नहीं है। केवल आप ही एकमात्र परमेश्वर हैं, जो हमने सदैव सुना है।
\v 21 और इस्राएल के जैसा संसार में कोई देश नहीं है। इस्राएल पृथ्वी पर एकमात्र देश है जिसके लोगों के बचाने के लिए आप उतर आए थे। आपने महान और भयानक चमत्कार किए, कि हमारे पूर्वजों को मिस्र में दास होने से बचाएँ और कनान में रहने वाली अन्य जातियों को बाहर निकाल दिया।
\s5
\v 22 आपने हम, इस्राएली लोगों को सदा के लिए अपना कर लिया है, और आप, हे यहोवा, हमारे परमेश्वर हो गए हैं!
\v 23 और अब हे यहोवा, मैं प्रार्थना करता हूँ कि आपने मेरे और मेरे वंशजों के लिए जो प्रतिज्ञा की है उसे सदा के लिए पूरी होने दे और आप ने जो कहा कर दें।
\v 24 जब ऐसा हो तब आप सदा के लिए प्रसिद्ध होंगे। और लोग कहेंगे, ‘यहोवा, स्वर्गदूतों की सेनाओं के प्रधान ही परमेश्वर हैं जो इस्राएल पर शासन करते हैं! और आप वंश को सदा के लिए राज गद्दी पर बैठाएँगे।
\s5
\v 25 मेरे परमेश्वर आपने मुझ पर प्रकट किया है कि आप मेरे वंशजों में से कुछ को राजा बनाएँगे। अत: मैं आपसे इस तरह प्रार्थना करने का साहस कर रहा हूँ।
\v 26 हे यहोवा, आप परमेश्वर हैं! आपने मेरे लिए इन भली बातों को करने की प्रतिज्ञा की है।
\v 27 और अब हे, यहोवा आपने मेरे वंशजों को आशीष देने की प्रतिज्ञा की है, कि वे सदा के लिए शासन करते रहे। ऐसा इसलिए होगा कि आप, यहोवा, ही हैं जिन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया है, और आप उन्हें सदा आशीष देते रहेंगे। “
\s5
\c 18
\p
\v 1 कुछ समय बाद, दाऊद की सेना ने पलिश्ती सेना पर आक्रमण किया और उन्हें पराजित किया। उन्होंने गत और आस-पास के गांवों पर अधिकार कर लिया।
\p
\v 2 उसकी सेना ने मोआब जाति की सेना को भी पराजित किया। लोगों को विवश किया दाऊद को अपना शासक बनाना पड़ा और प्रति वर्ष दाऊद की सरकार को पैसे का भुगतान करने के लिए विवश होना पड़ा ताकि दाऊद की सेना उनकी रक्षा करे।
\p
\s5
\v 3 दाऊद की सेना ने हमात शहर के पास अराम में सोबा के क्षेत्र के राजा हददेजर की सेना से युद्ध किया, जब हददेजर फरात नदी के पास के क्षेत्र में अपना नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास कर रहा था।
\v 4 दाऊद की सेना ने हददेजर के एक हजार रथ, सात हजार रथ चालक, और बीस हजार सैनिकों को ले लिया। उन्होंने उनके घोड़ों के घुटनों के पीछे की नसें कटवा दीं केवल एक सौ घोड़े थे जिन्हें उन्होंने अपंग नहीं किया था।
\p
\s5
\v 5 जब अराम की सेना दमिश्क के नगर से हददेजर की सेना की सहायता करने के लिए आई, तब दाऊद के सैनिकों ने उन में से बाईस हजार लोगों की हत्या कर दी।
\v 6 तब दाऊद ने दमिश्क में अपनी सैनिक चौकियाँ स्थापित कर दी और अराम के लोगों को विवश होकर दाऊद को अपना शासक स्वीकार करना पड़ा, और प्रति वर्ष दाऊद की सरकार को भुगतान करने के लिए कर देना पड़ा। और यहोवा ने दाऊद की सेना को प्रत्येक स्थान में युद्ध जीतने में समर्थ बनाया था।
\p
\s5
\v 7 दाऊद सैनिकों ने हददेजर की सेना के अधिकारियों की सोने की ढालों को लाकर यरूशलेम में रखा।
\v 8 वे हददेजर के तिमत और कून नगरों से बहुत पीतल भी ले आए जिसे दाऊद के पुत्र सुलैमान ने बाद में “समुद्र” नामक बड़ा हौद और मंदिर के लिए खम्भे तथा वस्तुएँ बनाने में काम में लिया।
\p
\s5
\v 9 जब अराम में हमात शहर के राजा तोऊ ने सुना, कि दाऊद की सेना ने राजा हददेजर की सारी सेना को हरा दिया,
\v 10 उसने अपने पुत्र हदोराम को राजा दाऊद का अभिवादन करने और हदोराम की सेना को पराजित करने के लिए उसे बधाई देने भेजा क्योंकि उसकी सेना तोऊ से युद्ध करती रहती थी हदोराम दाऊद को सोने चाँदी और पीतल से बने कई सामान भेंट किए।
\p
\v 11 राजा दाऊद ने वह सब सामान यहोवा को समर्पित कर दिया, जैसे अपने एदोम और मोआब चाँदी और सोना था, और अम्मोनियों और पलिश्ती लोगों से और अमालेक के वंशजों से लाए गए सोने चाँदी के साथ किया था।
\p
\s5
\v 12 दाऊद के सेनापति सरूयाह के बेटे अबीशै की सेना ने नमक की घाटी में एदोम के अठारह हजार सैनिकों की हत्या कर दी।
\v 13 तब दाऊद ने एदोम में वहां अपने सैनिकों की चौकियाँ बना दीं, और एदोम के लोगों को दाऊद के आधीन होने के लिए विवश होना पड़ा।
\p
\s5
\v 14 दाऊद ने सब इस्राएली लोगों पर शासन किया, और उसने उनके लिए सदा वही किया जो कि उचित और निष्पक्ष था।
\v 15 सरूयाह का पुत्र योआब मुख्य सेनापति था। अहीलूद का पुत्र यहोशापात इतिहास लिखनेवाला था।
\v 16 अहीतूब का पुत्र सादोक और एब्यातार का पुत्र अबीमेलेक प्रधान याजक थे। शाबशा मंत्री हुआ।
\v 17 यहोयादा के पुत्र बनायाह करेतियों और पलेतियों पर जो दाऊद के अंगरक्षक थे प्रधान हुआ। और दाऊद के पुत्र उनके सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी थे।
\s5
\c 19
\p
\v 1 कुछ समय बाद, अम्मोन लोगों का राजा नाहाश भी मर गया। तब उसका बेटा हानून उनका राजा बना।
\v 2 जब दाऊद ने इसके विषय में सुना, तो उसने सोचा, “नाहाश मेरे प्रति दयालु था, इसलिए मैं उनके पुत्र के प्रति दयालु रहूंगा।”अत: दाऊद ने उसके पिता की मृत्यु का शोक प्रकट करने और उसे शान्ति देने अपने अधिकारियों को भेजा।
\p परन्तु जब दाऊद के अधिकारी अम्मोनियों के देश में हानून के पास आए,
\v 3 तब अम्मोनियों के मंत्रियों ने हानून से कहा, “आपके विचार में क्या दाऊद वास्तव में आपके पिता का सम्मान करता है कि उसने इन लोगों को आपके पिता की मृत्यु पर दुःख प्रकट करने भेजा है? हमारी समझ में तो उसने इन लोगों को हमारे देश की जानकारी लेने भेजा है कि वह कैसे अपनी सेना को हमें पराजित करने योग्य कर सकता हैं। “
\p
\s5
\v 4 हानून ने उनकी बात पर विश्वास किया इसलिए उसने अपने कुछ सैनिकों को आज्ञा दी और उन्होंने दाऊद के भेजे गए अधिकारियों को पकड़ कर उनकी दाढ़ी मुंडवायी और उनके वस्त्रों के निचले भाग को काटकर उन्हें अपमानित किया, और फिर उन्हें भेज दिया।
\p
\v 5 अधिकारियों को बहुत अपमानित किया गया था। जब दाऊद को उसके अधिकारियों के साथ हुई इस घटना, के विषय में पता चला, तो उसने कुछ लोगों को उनके पास भेज कर कहलवाया, “जब तक तुम्हारी दाढ़ी फिर से बढ़ न जाए तब तक यरीहो में ही रहो, उसके बाद घर लौट आना।”
\p
\s5
\v 6 तब अम्मोनियों के प्रधानों को यह बोध हुआ कि उन्होंने दाऊद का अपमान किया है। इसलिए हानून और उसके अधिकारियों ने अरम्नहरैम, अरम्माका और इस्राएल के उतर पूर्व के शोबा के क्षेत्रों से रथों और रथ चालकों को किराए पर लेने के लिए तीस हजार किलोग्राम चाँदी भेजी।
\v 7 उन्होंने बत्तीस हजार रथों और रथ चालकों, साथ माका के राजा और उनकी सेनाओं को किराए पर बुलाया और उन्होंने आकर मोआब के क्षेत्र में मेदबा शहर के पास अपने तम्बू लगाए। अम्मोन लोगों के सैनिक भी बाहर निकल गए और अपने राजधानी रब्बा के फाटक पर अपनी स्थिति में खड़े हो गए।
\p
\s5
\v 8 जब दाऊद ने इसके विषय में सुना, तो उसने योआब और उसकी सारी सेना को भेजा।
\v 9 अम्मोनियों के समूह के सैनिक अपने नगर से बाहर निकले और अपनी राजधानी रब्बा के फाटक पर युद्ध के लिए तैयार हो गए। इस बीच, अन्य राजा जो अपनी सेनाओं के साथ आए थे खुले मैदानों में अपनी स्थिति में खड़े थे।
\p
\s5
\v 10 योआब ने देखा कि उसके सैनिकों के सामने और उसके सैनिकों के पीछे भी शत्रु सैनिकों के दल थे। इसलिए उसने सबसे अच्छे इस्राएली सैनिकों को चुना और उन्हें अराम के सैनिकों से लड़ने के लिए पाँति में रखा।
\v 11 उसने अपने बड़े भाई अबीशै को अपने अन्य सैनिकों का नायक किया और उन्होंने उन्हें अम्मोन लोगों के समूह की सेना के सामने स्थिति लेने के लिए कहा।
\s5
\v 12 योआब ने सन से कहा, “यदि अराम के सैनिक पराजित होने के लिए बहुत अधिक शक्तिशाली हो, तो तू अपने सैनिकों के साथ हमारी सहायता करना। और यदि अम्मोन लोगों के सैनिक पराजित होने के लिए बहुत शक्तिशाली हो, तो मेरे सैनिक तेरी सहायता के लिए आएंगे और पुरुषों की सहायता करेंगे।
\v 13 हम अपने लोगों और हमारे शहरों की रक्षा के लिए पूरी शक्ति के साथ घमासान युद्ध करे क्योंकि हमारे शहर परमेश्वर यहोवा वह करेंगे जो उनकी समझ में उत्तम है। “
\p
\s5
\v 14 तब योआब और उसके सैनिक अराम की सेना से लड़ने के लिए आगे बढ़े; और अराम के सैनिकों को इस्राएल की सेना ने पीछे हरा दिया।
\v 15 और जब अम्मोनियों के समूह के सैनिकों ने देखा कि अराम के सैनिक भाग रहे है, तो वे अबीशै और उसकी सेना के सामने से भागने लगे, और पीछे हट कर शहर में प्रवेश कर गए। अत: योआब और उसकी सेना यरूशलेम लौट आई।
\p
\s5
\v 16 अराम की सेना के प्रधानों ने देखा कि वे इस्राएल की सेना से पराजित हुए हैं, तो उन्होंने फरात नदी के पूर्व की ओर अराम के दूसरे हिस्से में दूत भेजे और वहाँ से युद्ध के मैदान में सैनिकों को बुलवाया लाया, शदाक के साथ, हददेजर की सेना का सेनापति शोषक उनका नेतृत्व कर रहा था।
\p
\v 17 जब दाऊद को यह समाचार मिला तो उसने सब इस्राएली सैनिकों को एकत्र किया, और उन्होंने यरदन नदी पार कि और आगे बढ़कर। अराम की सेना पर आक्रमण करने के लिए अपनी स्थिति ली।
\s5
\v 18 परन्तु अराम की सेना इस्राएल के सैनिकों से भाग गई। परन्तु, दाऊद के सैनिकों ने उनके सात हजार रथ चालकों और चालीस हजार अन्य सैनिकों की हत्या कर दी। उन्होंने उनके सेना नायक शोषक को भी मार डाला।
\p
\v 19 जब हददेजर के शासन के अधीन रहनेवाले राजाओं को इस्राएली सेना द्वारा उनकी पराजय का समाचार मिला, तो उन्होंने दाऊद के साथ शान्ति की शपथ खाई और उसके शासन के अधीन होने को तैयार हो गए।
\p इस कारण अराम के शासक अब अम्मोन लोगों के शासकों की सहायता नहीं करना चाहते थे।
\s5
\c 20
\p
\v 1 उस क्षेत्र में, राजा प्राय: वसंत ऋतु में अपने शत्रुओं से युद्ध करने के लिए अपनी सेनाओं के साथ जाते थे। लेकिन अगले वर्ष, दाऊद ने ऐसा नहीं किया। इसके अपेक्षा, वह यरूशलेम में रहा, और उसने योआब के साथ अपनी सेना को भेजा। योआब ने अपनी सेना के साथ यरदन नदी पार करके अम्मोन लोगों के समूह को उजाड़ दिया। तब वे उनकी राजधानी रब्बा गए और उसे घेर लिया। दाऊद थोड़ी देर के लिए यरूशलेम में रहा। लेकिन बाद में उसने और सैनिकों को लिया और योआब की सहायता करने के लिए गया। उनकी सेनाओं ने रब्बा पर हमला किया और इसे नष्ट कर दिया।
\s5
\v 2 तब दाऊद ने रब्बा के राजा के सिर का मुकुट लिया और उसे अपने सिर पर रखा। यह बहुत भारी था; यह तैंतीस किलोग्राम वजन था, और उसमें बहुत मूल्यवान पत्थर जड़े थे। उन्होंने शहर से कई अन्य मूल्यवान सामान लूट लिया।
\v 3 तब वे लोगों को शहर से बाहर लाए और उनसे आरी और लौह की गैंतियों और कुल्हाड़ियों का उपयोग करवाकर अपनी सेना के लिए काम करने को विवश कर दिया। दाऊद के सैनिकों ने अम्मोन लोगों के सब शहरों में ऐसा ही किया था। तब दाऊद और उसकी सारी सेना यरूशलेम लौट आई।
\p
\s5
\v 4 बाद में, दाऊद की सेना ने गेजेर शहर में पलिश्ती सेना के साथ युद्ध किया। युद्ध में हुशा वंश से सिब्बकै ने रापा के वंशज सिपै को मार डाला। अत: पलिश्ती सेना हार गई थी।
\p
\v 5 पलिश्ती सैनिकों के साथ और युद्ध में, याईर के पुत्र एल्हानान ने गथ शहर के विशाल गोल्यत के छोटे भाई लहमी को मार डाला, जिसकी भाले की छड़ जुलाहे की डोंगी समान मोटी था।
\p
\s5
\v 6 गत के पास एक और युद्ध हुआ। वहाँ एक लम्बा चौड़ा मनुष्य था जिसके प्रत्येक हाथ पर छह अंगुलियां थीं और प्रत्येक पाँव पर छह अंगुली थीं। वह रापा दानवों का वंशज था।
\v 7 जब उसने इस्राएली सैनिकों का ठट्ठा किया, तब शिमा के पुत्र यहोनादाब ने उसे मार डाला। शिमा दाऊद का बड़ा भाई था।
\p
\v 8 वे रापा दानवों के वंशज थे जो गत में रहते थे, उन्हें दाऊद और उसके सैनिकों ने मार डाला।
\s5
\c 21
\p
\v 1 शैतान ने इस्राएली लोगों को परेशानी का कारण बनने का फैसला किया। इसलिए उसने दाऊद को उकसाया कि इस्राएलियों की गिनती करके देखे कि कितने लोग सेना में भर्ती हो सकते हैं।
\p
\v 2 तब दाऊद ने योआब और सेना के नायकों को आज्ञा दी, “इस्राएल में रहनेवाले सब लोगों को गिनें, जो सेना में भर्ती होने के योग्य हैं। दक्षिण में बर्शेबा से आरंभ करके उत्तर में दान तक जाएँ। फिर वापस आएं और मुझे रिपोर्ट करें, कि मैं जान सकूँ कि कितने पुरुष हैं। “
\p
\v 3 पर योआब ने कहा, “हे महामहिम, मुझे आशा है कि यहोवा हमारी सेना को अब से सौ गुना बड़ा कर देंगे। परन्तु हम सब तेरी सेवा करते हैं। इसलिए तुझे यह पाप नहीं करना चाहिए और इस्राएल को इसके लिए पीड़ा नहीं देनी चाहिए।”
\p
\s5
\v 4 लेकिन दाऊद ने अपना मन नहीं बदला। तो योआब और उसके सैनिक इस्राएल में और यहूदा में हर स्थान में गए, और लोगों की गिनती की। तब वे यरूशलेम लौट आए,
\v 5 और उन्होंने दाऊद से कहा कि इस्राएल में 1,100,000 पुरुष हैं जो सेना में भर्ती हो सकते हैं, और यहूदा में 470,000 लोग हैं।
\s5
\v 6 हालांकि, योआब ने लेवी और बिन्यामीन के गोत्रों से पुरुषों की गिनती नहीं की, क्योंकि राजा की आज्ञा से घृणा करता था।
\p
\v 7 लोगों की गिनती करने के लिए दाऊद के आदेश से परमेश्वर क्रोधित हो गए, इसलिए उन्होंने दाऊद से कहा कि उसने इस्राएल के लोगों को दण्ड देने का निर्णय ले लिया।
\v 8 तब दाऊद ने परमेश्वर से प्रार्थना की। उसने उनसे कहा, “मैंने जो किया वह बहुत बड़ी मूर्खता है। मैंने जो कुछ किया है वह बहुत बड़ा पाप है। इसलिए अब मैं आपसे विनती करता हूँ, कृपया मुझे माफ़ कर।”
\p
\s5
\v 9 तब यहोवा ने दाऊद के भविष्यद्वक्ता गाद से कहा,
\v 10 “जा और दाऊद को यह कह: ‘मैं तुझे दण्ड देने के लिए तीन बातों में से एक चुनने की अनुमति दे रहा हूँ। जो भी तू चुनेगा मैं वही करूँगा।’”
\p
\s5
\v 11 तब गाद, दाऊद के पास गया और उससे कहा, “यहोवा कहते हैं: ‘तू इन दंडों में से एक चुन ले:
\v 12 इस्राएल में तीन वर्ष का अकाल, या तीन महीने तेरी सेनाएं अपने शत्रुओं के सामने से भाग जाएंगी, जो तलवार से आक्रमण करेंगे, या तीन दिन मैं अपने दूत को देश में महामारी द्वारा कई लोगों को मरने के लिए भेजूंगा। ‘तो तुझे यह निर्णय लेना होगा कि मैं यहोवा को क्या उत्तर दूँ, जिसने मुझे भेजा है। “
\p
\s5
\v 13 दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बहुत परेशान हूँ, परन्तु यहोवा को मुझे दण्ड देने दें क्योंकि वह बहुत दयालु है। मनुष्य को मुझे दण्ड देने दें, क्योंकि वे दयालु नहीं होंगे।”
\p
\v 14 तब यहोवा ने इस्राएल के लोगों पर एक पीड़ा भेजी, और उनमें से सत्तर हजार लोग मर गए।
\v 15 और परमेश्वर ने महामारी द्वारा यरूशलेम में लोगों को नष्ट करने के लिए एक स्वर्गदूत भेजा। परन्तु जब स्वर्गदूत उस भूमि पर खड़ा था जहाँ यबूसी समूह ओर्नान ने अनाज को झाड़ता, तो यहोवा ने उन सभी पीड़ाओं को देखा जो लोगों ने सहन किया था, और वह दुखी हुए। तो उन्होंने स्वर्गदूत से कहा, “तू जो कर रहा है उसे रोक! वह बहुत बुरा है!”
\p
\s5
\v 16 दाऊद ने उस स्वर्गदूत को देखा जिसे यहोवा ने भेजा था, वह आकाश और भूमि के बीच खड़ा था। स्वर्गदूत के हाथ में तलवार थी जो यरूशलेम की ओर खिंची हुई थी। तब दाऊद और नगर के बुजुर्ग, जो टाट के वस्त्र पहन हुए थे, भूमि पर गिरे और दण्डवत् किया।
\p
\v 17 दाऊद ने परमेश्वर से कहा, “मैं ही हूँ जिसने सेना में भर्ती होने के योग्य पुरुषों की गिनती करने का आदेश दिया था मैंने ही पाप किया है और वह बहुत बुरा काम किया है, ये लोग तो भेड़ के समान निर्दोष हैं। उन्होंने निश्चय ही कुछ भी गलत नहीं किया है। इसलिए मेरे परमेश्वर हे यहोवा, मुझे और मेरे परिवार को ही दण्ड दें, और इस महामारी से अपने लोगों को बीमार होकर मरने न दें। “
\p
\s5
\v 18 तब यहोवा के उस दूत ने गाद से कहा कि जाकर दाऊद से कहे कि ओर्नान के अनाज झाड़ने के स्थान में एक वेदी बनवाए जहाँ यहोवा की आराधना की जाएँ।
\v 19 अत: जब गाद ने दाऊद को परमेश्वर का संदेश सुनाया तो दाऊद ने गाद के संदेश के अनुसार किया और वह वहाँ गया।
\p
\v 20 जब ओर्नान गेहूं झाड़ रहा था, तब उसने पीछे मुड़कर और स्वर्गदूत को देखा। उसके चार पुत्र जो उसके साथ थे, उन्होंने भी स्वर्गदूत को देखा, और वे सब छिप गए।
\s5
\v 21 तब दाऊद वहाँ पहुंचा तब ओर्नान ने उसे देखकर अपने अनाज झाड़ने के स्थान को छोड़ दिया और भूमि पर मुहं के बल गिर कर दण्डवत् किया।
\p
\v 22 दाऊद ने उस से कहा, “कृपया मुझे यह अनाज झाड़ने का स्थान बेच दे कि मैं यहोवा की आराधना करने के लिए यहाँ एक वेदी बना सकूँ ताकि वह इस महामारी को रोक दें। मैं इस की पूरी कीमत चुकाऊंगा।”
\p
\s5
\v 23 ओर्नान ने उत्तर दिया, “इसे ले लो! महामहिम, और जो कुछ भी तू चाहता है वही कर। मैं दावनी करनेवाला बैल भी दूंगा कि वह वेदी पर पूरी तरह जला दिया जाए। और मैं जलाने के लिए लकड़ियाँ भी दूँगा की वेदी पर काम आएं। और अन्नबलि के लिए भी दूँगा मैं यह सब सामान तुझे दूँगा। “
\p
\v 24 परन्तु राजा ने ओर्नान से कहा, “नहीं, मैं इन सब वस्तुओं को उपहार के रूप में नहीं लूँगा। मैं तुझे इसकी पूरी कीमत दूंगा। मैं तेरा कुछ भी नहीं लूँगा कि ऐसी बलि चढ़ाऊं जो मेरे लिए बिना मोल की हो कि यहोवा के लिए जलानेवाली बलि चढ़ाऊं।”
\p
\s5
\v 25 तब दाऊद ने उस पूरे स्थान के लिए ओर्नान को साढ़े छः किलोग्राम सोने का भुगतान किया।
\v 26 दाऊद ने वहां यहोवा की उपासना करने के लिए एक वेदी बनाई, और उसने वेदी पर जलाने वाली बलि चढाई यहोवा के साथ मेल करने के लिए भी बलि चढ़ाई। दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की, और यहोवा ने वेदी पर बलि को जलाने के लिए स्वर्ग से आग गिराई।
\p
\v 27 तब यहोवा ने स्वर्गदूत से कहा, कि वह अपनी तलवार वापस म्यान में रखले। स्वर्गदूत ने ऐसा ही किया।
\s5
\v 28 और जब दाऊद ने देखा कि यहोवा ने ओर्नान के उस स्थान पर उसे उत्तर दिया जहाँ वह अनाज को झाड़ता था और महामारी को रोक दिया तो उसने वहां बलिदान चढ़ाए।
\v 29 यहोवा का पवित्र तम्बू, और बलि जलाने की वेदी जिन्हे मूसा ने जंगल में स्थापित करने का आदेश दिया था, वह उस समय, गिबोन शहर में एक पहाड़ी पर थी।
\v 30 परन्तु दाऊद वहां जाकर परमेश्वर से विनती नहीं करना चाहता था कि वह उसे बताएँ कि वह दाऊद से क्या करवाना चाहते हैं, क्योंकि वह डरता था कि यहोवा का भेजा गया दूत उसे अपनी तलवार से न मार डाले उसे ऐसा लगा कि यही वह स्थान है जिसे यहोवा अब बलि के लिए चाहते हैं।
\s5
\c 22
\p
\v 1 तब दाऊद ने कहा, “यरूशलेम के किनारे पर, जही हम अपने परमेश्वर यहोवा के लिए मंदिर का निर्माण करेंगे, और जही हम इस्राएलियों के लिए बलि जलाने की वेदी बनाएँगे।”
\p
\v 2 तब दाऊद ने आज्ञा दी कि इस्राएलियों के बीच रहनेवाले विदेशियों को एकत्र होना चाहिए। जब उन्होंने ऐसा किया, तो उन्होंने उन लोगों में से कुछ को खदानों से भारी पत्थरों को काटने और अपनी सतहों को चिकना करने के लिए नियुक्त किया, कि वे पत्थर परमेश्वर के मंदिर के निर्माण में काम आएँ।
\s5
\v 3 दाऊद ने कीलों के लिए मंदिर के द्वारों की चूलों के लिए बड़ी मात्रा में लोहा एकत्र किया। सब बर्तनों को बनाने के लिए बहुत अधिक मात्रा में पीतल एकत्र किया; और क्योंकि वह इतना अधिक था, कि कोई भी इसका वजन नहीं कर सकता था।
\v 4 उसने बड़ी संख्या में देवदार के लट्ठे खरीदने के लिए धन भी दिया। क्योंकि वे बड़ी संख्या में थे इसलिए, कोई भी उन्हें गिन नहीं पाया था। वे लट्ठे सोर और सैदा के शहरों के लोगों ने दाऊद को भेजे थे।
\p
\v 5 दाऊद ने उन सभी चीजों को एकत्र किया क्योंकि उसने सोचा था, “मेरा पुत्र सुलैमान अभी भी जवान है और वह नहीं जानता कि उसे इमारतों के निर्माण के विषय में उसे कैसा ज्ञान होना चाहिए, और यहोवा का मंदिर वैभवशाली होना है। यह एक ऐसी महिमामय इमारत होना है कि वह प्रसिद्ध हो जाएँ और संपूर्ण पृथ्वी के लोग इसे गौरवशाली माने। इसलिए अब मैं इस की तैयारी करना आरंभ करता हूँ और सुलैमान इसे पूरा करने का उत्तरदायी होगा। “इसलिए दाऊद की मृत्यु से पहले बड़ी संख्या में निर्माण सामग्री एकत्र होगी।
\p
\s5
\v 6 तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को बुलाया, और उससे कहा कि उसे यहोवा के लिए एक मंदिर बनाने की व्यवस्था करनी है, जिन परमेश्वर की इस्राएली आराधना करते हैं।
\v 7 उसने उससे कहा, “मैं अपने परमेश्वर यहोवा का सम्मान करने के लिए एक मंदिर बनाना चाहता था।
\v 8 परन्तु यहोवा ने एक भविष्यद्वक्ता के द्वारा मुझे सन्देश दिया तू ने युद्धों में कई लोगों को मारा है। मैंने उन सब लोगों के खून को देखा है जिन्हें तू ने मारा था, इसलिए तू मेरे सम्मान के लिए मंदिर बनाने की व्यवस्था करेगा।
\s5
\v 9 परन्तु तेरा बेटा जो तेरे मरने के बाद इस्राएल का राजा होगा। वह शांतिपूर्ण और गंभीर होगा न कि मनुष्य का खून बहाने वाला। और मैं उसके और उसके आस-पास के देशों में उसके शत्रुओं के बीच शान्ति उत्पन्न करूँगा। उसका नाम सुलैमान होगा, जिसका अर्थ शान्ति के शब्द का सा होगा उसके राज्य में इस्राएल के लोग शान्ति और सुरक्षा में रहेंगे।
\v 10 वही है जो मेरा सम्मान करने के लिए एक मंदिर बनवाएगा । वह मेरे लिए एक पुत्र की तरह होगा, और मैं उसके कुछ वंशजों को सदा के लिए इस्राएल पर शासन करने का कारण बनूंगा।
\p
\s5
\v 11 इसलिए अब, हे मेरे पुत्र, मुझे आशा है कि यहोवा तेरी सहायता करेंगे, और तुझे तेरे यहोवा के मन्दिर का निर्माण करने में सफल करेंगे जैसा उन्होंने कहा है कि तू यह काम करेगा।
\v 12 मैं यह भी आशा करता हूँ कि वह तुझे बुद्धि दे और तुझे क्या करना है उसकी समझ प्रदान करें और जब तू इस्राएल पर शासन करें तब उनके नियमों का पालन करने योग्य बनाएँ।
\v 13 यदि तू उन सभी नियमों और विधियों का जो यहोवा ने मूसा द्वारा इस्राएल को दिए थे, सावधानीपूर्वक पालन करे तो तू सफल होगा। दृढ़ हो और साहसी बन। किसी बात से मत डर, और निराश न हो!
\p
\s5
\v 14 मैंने यहोवा के मन्दिर के निर्माण के लिए सामग्री उपलब्ध कराने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैंने 3,300 मेट्रिक टन सोना, 33,000 मेट्रिक टन चाँदी एकत्र की है। मैंने लोहा और पीतल एक बड़ी मात्रा में एकत्र किया है, कोई भी इसका वजन नापने में सक्षम नहीं है। मैंने मंदिर की दीवारों के लिए लकड़ी और पत्थर भी एकत्र किए हैं, लेकिन तुझे ऐसी कुछ और वस्तुएँ भी एकत्र करने की आवश्यकता हो सकती है।
\s5
\v 15 इस्राएल में ऐसे कई पुरुष हैं जिनको दीवारों,को बनाने के लिए बड़े बड़े पत्थरों को काटने की योग्यता है और सुतार, और विभिन्न प्रकार की चीजें बनाने में बहुत कुशल लोग हैं।
\v 16 ऐसे कई लोग हैं जो जानते हैं कि कैसे सोने, चाँदी, पीतल और लोहे से चीजें बनाना है। तो अब मैं तुझसे कहता हूँ, मंदिर बनाने का काम शुरू कर और मुझे आशा है कि यहोवा तेरे साथ रहेंगे। “
\p
\s5
\v 17 तब दाऊद ने आज्ञा दी कि सब इस्राएली प्रधानों को सुलैमान की सहायता करनी होगी। उसने उनसे कहा,
\v 18 “हमारे परमेश्वर यहोवा निश्चित रूप से तुम्हारे साथ हैं। उन्होंने आस-पास सब देशों के साथ तुम्हारी शान्ति स्थापित कर दी है। उन्होंने मेरी सेना को विजयी होने में समर्थ किया है, इसलिए अब यहोवा और मेरे लोग उन्हें नियंत्रित करते हैं।
\v 19 अब तुम्हें अपने पूरे मन से यहोवा का आज्ञा पालन करना होगा। हमारे परमेश्वर यहोवा के लिए मंदिर बनाने की व्यवस्था करने में सहायता करें, कि आप उस पवित्र सन्दूक जिसमें दस आज्ञाएं और अन्य पवित्र वस्तुएं जो यहोवा की सब पवित्र वस्तुएँ उस मंदिर में ले आएँ जिसे तुम यहोवा को सम्मानित करने के लिए तैयार करोगे। “
\s5
\c 23
\p
\v 1 दाऊद ने जब अपने बेटे सुलैमान को राजा नियुक्त किया तब बहुत बूढा हो गया था।
\p
\v 2 दाऊद ने इस्राएल के प्रधानों और याजकों और लेवी के अन्य वंशजों को एकत्र किया।
\v 3 उसने अपने कुछ अधिकारियों को लेवी के वंशजों की गिनती करने का आदेश दिया जो कम से कम तीस वर्ष के थे, और उन्होंने पाया कि वे अड़तीस हजार थे।
\s5
\v 4 तब दाऊद ने कहा, “उन अड़तीस हजार में से मैं चाहता हूँ कि चौबीस हजार यहोवा के मन्दिर में काम की निगरानी करें, और मैं चाहता हूँ कि उनमें से छ: हजार अधिकारी और न्यायाधीश हों।
\v 5 मैं चाहता हूँ कि चार हजार द्वारों पर रक्षक बनें, और चार हजार उन संगीत वाद्यों का उपयोग करके यहोवा की स्तुति करें। “
\p
\v 6 दाऊद ने लेवी के वंशजों को तीन समूहों में विभाजित किया; प्रत्येक समूह में ऐसे पुरुष शामिल थे जो लेवी के तीनों बेटे गेर्शोन, कहात और मरारी के वंशज थे।
\s2 गेर्शोन के वंशजों की सूची है।
\m
\s5
\v 7 गेर्शोन के वंशज लादान और शिमी थे।
\q
\v 8 लादान के तीन पुत्र थे: यहीएल सबसे बड़ा था, और उसके छोटे भाई जेताम और योएल थे।
\q
\v 9 शिमी के तीन पुत्र थे: शलोमोत, हजीएल और हारान।
\q2 वे लादान के कुलों के प्रधान थे।
\q
\s5
\v 10 शिमी के पुत्र चार पुरुष थे:
\q2
\v 11 यहत, जो उसका सबसे बड़ा पुत्र था, और उसके छोटे भाई जीना, यूश और बरीआ थे।
\q2 यूश और बरीआ के पास बहुत बेटे नहीं थे, इसलिए उन्हें एक ही परिवार गिना जाता था।
\s2 कहात के वंशजों की सूची हैं।
\m
\s5
\v 12 कहात के चार पुत्र थे: अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल।
\q
\v 13 अम्राम के दो पुत्र थे: हारून और मूसा।
\q2 हारून और उसके वंशजों को यहोवा को पवित्र वस्तुओं को समर्पित करने, यहोवा को बलिदान देने, उनकी उपस्थिति में सेवा करने और लोगों को यह बताने के लिए अलग किया गया कि यहोवा उन्हें आशीर्वाद देने के लिए क्या करेगा। उन्हें सदा के लिए वैसा ही काम करना था।
\q2
\v 14 मूसा जिस ने परमेश्वर की उत्तम सेवा की, उसके बेटों को लेवी के गोत्र में गिना जाता था। उनकी सूची हैं।
\q
\s5
\v 15 मूसा के पुत्र गेर्शोन और एलीएजेर थे।
\q2
\v 16 गेर्शोन का सबसे बड़ा पुत्र शबूएल था।
\q2
\v 17 रहब्याह एलीएजेर का सबसे बड़ा पुत्र था।
\q2 एलीएजेर का कोई पुत्र नहीं था, परन्तु रहब्याह के कई बेटे थे।
\q
\v 18 यिसहार का सबसे बड़ा पुत्र शलोमीत था।
\q
\s5
\v 19 हेब्रोन के चार बेटे थे।
\q2 यरीय्याह उसका सबसे बड़ा पुत्र था, और उसके छोटे भाई अमर्याह, यहज़ीएल और यकमाम थे।
\q
\v 20 उज्जीएल के दो बेटे थे।
\q2 मीका सबसे बड़ा पुत्र था, और उसका छोटा भाई यिशिश्य्याह था।
\s2 मरारी के वंशजों की सूची हैं।
\m
\s5
\v 21 मरारी के दो बेटे थे: महली और मूशी।
\q2 महली के पुत्र एलीआजर और कीश थे।
\q2
\v 22 एलीआजर के पुत्र नहीं थे; उसके पास केवल बेटियां थीं। तो उनसे उनके चाचा कीश के पुत्रों से विवाह किया।
\q
\v 23 मूशी के तीन पुत्र महली, एदेर और येरेमोत थे।
\p
\s5
\v 24 वे लेवी के वंशज थे, जिनके नाम उनके परिवारों के अनुसार सूचीबद्ध थे। उन्हें चिट्ठियाँ डालकर विशेष सेवाओं के लिए चुना गया था। प्रत्येक व्यक्ति जो कम से कम बीस वर्ष का था, उसे सूचीबद्ध किया गया था। वे सब यहोवा के मन्दिर में सेवा करते थे।
\v 25 दाऊद ने पहले कहा था, “हे यहोवा, जिस परमेश्वर के हम इस्राएली लोग हैं, वह शान्ति प्रधान है, और वह सदा के लिए यरूशलेम में रहने आए है।
\v 26 इसलिए, लेवी के वंशजों को अब पवित्र तम्बू और काम में आने वाली वस्तुओं को उठाकर ले जाने की आवश्यकता नहीं है। “
\s5
\v 27 मरने से पहले दाऊद के अंतिम निर्देशों का पालन करते हुए, मंदिर में काम को करने के निर्देशों, के अनुसार उन्होंने केवल लेवी के उन वंशजों की गिनती की जो कम से कम बीस वर्ष के थे।
\p
\v 28 लेवी के उन वंशजों का काम था कि यहोवा के मंदिर में उनके काम में हारून के वंशजों के कामों में सहायता करें। वे मंदिर के आंगनों और कोठरियों सब पवित्र वस्तुओं को शुद्ध करने के अनुष्ठान, और मंदिर में अन्य काम करने के लिए प्रभारी थे।
\v 29 वे परमेश्वर के सामने प्रत्येक सप्ताह रखी जानेवाली भेंट की रोटियों का आटा अन्नबलि के लिए आटा और बिना खमीर की पपड़ियों के प्रभारी थे। उन्हें अवयवों को नापना, उन्हें मिलाकर, रोटी और पपड़ियाँ सेंकना भी होती थी।
\s5
\v 30 उनसे कहा गया था कि प्रतिदिन सुबह मंदिर में खड़े होकर यहोवा का धन्यवाद करें और स्तुति करें उन्हें प्रतिदिन शाम को भी वही काम करना था।
\v 31 सब्त के दिनों में और नए चंद्रमा के उत्सव और अन्य धार्मिक त्योहारों के समय जब यहोवा के लिए बतियाँ जलाई जाएँ उस समय बताया गया कि तब भी उन्हें यही सब सेवाएँ करनी होंगी प्रत्येक समय उनमें से कितने लोग वहां होना चाहिए और उन्हें क्या करना चाहिए।
\p
\s5
\v 32 इसलिए लेवी के वंशजों ने उन कामों को किया जो उन्हें उनके साथी इस्राएलियों ने सौंपा था जो हारून के वंशज थे। उन्होंने पवित्र तम्बू में और तम्बू के भीतर पवित्र स्थान में और बाद में मंदिर में काम किया।
\s5
\c 24
\p
\v 1 ये हारून के वंशजों के पहले महायाजक के भाग हैं: हारून के चार पुत्र नादाब, अबीहू, एलीआज़ार और ईतामार थे।
\p
\v 2 लेकिन नादाब और अबीहू की मृत्यु उनके पिता से पहले हो गई, और उनकी कोई सन्तान नहीं थी। इसलिए उनके छोटे भाई एलीआज़ार और ईतामार याजक बने।
\v 3 सादोक, जो एलीआज़ार के वंशज थे, और अहीमेलेक, जो ईतामार का वंशज था उसने, परिवार को दो समूहों में अलग करने में दाऊद की सहायता की।
\s5
\v 4 एलीआज़ार के वंशजों में ईतामार के वंशजों से अधिक अगुवे थे। इसलिए उन्होंने एलीआज़ार के वंशजों में से सोलह अगुवे और ईतामार के वंशजों में से आठ अगुवे नियुक्त किए।
\v 5 वे मंदिर के अधिकारी और याजक थे, जो एलीआज़ार और ईतामार दोनों के वंशजों में से थे उनका उत्तरदायित्व था कि सुनिश्चित करें कि काम बारबर-बारबर बांटा गया है। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि समूहों का काम चिट्ठियाँ डालकर निर्धारित किया जाएँ।
\p
\s5
\v 6 लेवी के वंशज नतनेल के बेटे शमायाह ने दाऊद और उसके अधिकारियों के देखते हुए प्रत्येक समूह के अगुवों के नाम लिखे। महायाजक सादोक और उसके सहायक अहीमेलेक, और याजकों के परिवारों के अगुवे और लेवी के अन्य वंशजों के परिवार भी देख रहे थे।
\q
\s5
\v 7 यहोयारीब पहला व्यक्ति था जिसके नाम पहली चिट्ठी निकली और वह चुना गया।
\q अगला चुनाव यदायाह का हुआ।
\q
\v 8 फिर, हरीम का चुनाव किया गया था।
\q फिर, सोरीम का चुनाव किया गया था।
\q
\v 9 फिर, माल्किय्याह का चुनाव किया गया था।
\q फिर, मिय्यामीन का चुनाव किया गया था।
\q
\v 10 फिर, हक्कोस चुना गया था।
\q फिर, अबिय्याह का चुनाव किया गया था।
\q
\s5
\v 11 फिर, येशू चुना गया था।
\q फिर, शकन्याह का चुनाव किया गया था।
\q
\v 12 फिर, एल्याशीब का चुनाव किया गया था।
\q फिर, याकीम का चुनाव किया गया था।
\q
\v 13 फिर, हप्पा का चुनाव किया गया था।
\q फिर, येसेबाब का चुनाव किया गया था।
\q
\v 14 फिर, बिल्गा का चुनाव किया गया था।
\q फिर, इम्मेर का चुनाव किया गया था।
\q
\s5
\v 15 फिर, हेज़ीर का चुनाव किया गया था।
\q फिर, हेप्पीत्सेस का चुनाव किया गया था।
\q
\v 16 फिर, पतह्याह का चुनाव किया गया था।
\q फिर, जहेजकेल का चुनाव किया गया था।
\q
\v 17 फिर, याकीन का चुनाव किया गया था।
\q फिर, गामूम का चुनाव किया गया था।
\q
\v 18 फिर, दलायाह का चुनाव किया गया था।
\q फिर, माज्याह का चुनाव किया गया था।
\p
\s5
\v 19 इन लोगों को मंदिर में सेवा करने वाले समूहों के प्रधानों के रूप में चुना गया था, और ये प्रधान हारून द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करते थे, जिन नियमों को यहोवा, जिनके लिए हम इस्राएली लोग हैं, उन्हें दिया था।
\m
\s5
\v 20 यह लेवी के कुछ अन्य वंशजों की एक सूची है:
\q अम्राम के पुत्रों से शूबाएल था।
\q2 शूबाएल के पुत्रों से येहदयाह था।
\q
\v 21 एलीआज़ार के पुत्र रहब्याह से उसका सबसे बड़ा पुत्र यिश्शिय्याह था।
\q
\v 22 कहात के पुत्र इसहार के वंशजों में से शलोमोत था।
\q2 शलोमोत के वंशजों में से यहत था।
\q
\s5
\v 23 कहात के पुत्र हेब्रोन के वंशजों में से उसका सबसे बड़ा पुत्र यरिय्याह और यरिय्याह के छोटे भाई अमर्याह, यहजीएल और यकमाम थे।
\q
\v 24 कहात के पुत्र उज्जीएल के वंशजों में मीका था।
\q2 मीका के वंशजों से शामीर था।
\q2
\v 25 और मीका का छोटा भाई यिशिश्य्याह था।
\q2 यिशिश्य्याह के वंशजों से जकर्याह था।
\q
\s5
\v 26 मरारी के पुत्र महली, मूशी और याजिय्याह थे।
\q2
\v 27 याजिय्याह के वंशजों में से बिनों, शोहम, जक्कू और इब्री थे।
\q2
\v 28 महली के पुत्र एलीआजर के पास कोई बेटा नहीं था।
\q
\s5
\v 29 कीश के वंशजों से उसका पुत्र यरहमेल था।
\q2
\v 30 मूशी के पुत्र महली, एदेर और यरीमोत थे।
\p वे लेवी के वंशज यही थे जो अपने अपने परिवार के प्रधानों के अनुसार सूचीबद्ध किए गए थे।
\v 31 जो काम वे करेंगे, वे उनके साथी हारून के वंशजों के समान चिट्ठियाँ डालकर निर्धारित किए जाएँगे। उन्होंने राजा दाऊद, सादोक, अहीमेलेक, और याजकों के परिवारों के प्रधानों और लेवी के अन्य वंशजों के प्रधानों के देखते हुए चिट्ठियाँ डाली थी । प्रत्येक सबसे बड़े भाई और प्रत्येक सबसे छोटे भाई के परिवारों को दिए गए उत्तरदायित्व बराबर थे।
\s5
\c 25
\p
\v 1 दाऊद और कुछ मंदिर के अधिकारियों ने आसाप, हेमान और यदूथून के कुछ वंशजों को प्रचार और वीणा, सारंगी, और झांझ बजाने का प्रभारी ठहराया इस काम के लिए चुने गए पुरुषों की सूची इस प्रकार है।
\v 2 आसाप के पुत्रों में से उन्होंने जक्कूर, योसेप, नतन्याह और अशरेला को चुना। आसाप ने उनकी निगरानी की। और राजा ने आसाफ को प्रचार करने के लिए नियुक्त किया।
\v 3 यदुथून के पुत्रों से उन्होंने छः पुरुष चुने: गदल्याह, सरी, यशायाह, शिमी, हसब्याह और मत्तित्याह। जेदूथून ने उनको निर्देश दिए और प्रचार भी किया तथा यहोवा का धन्यवाद और स्तुति करते हुए वह वीणा भी बजाता था।
\q
\s5
\v 4 हेमान के पुत्रों से उन्होंने मुक्कियाह, मत्तन्याह, उज्जीएल, शबूल, यरीमोत, हनन्याह, हनानी, एलीआत, गिद्दलती, रोम्मती-एजेर, योशबकाशा, मल्लेत, होतीर और महजीओत को चुना।
\v 5 वे सब हेमान के पुत्र थे, जो राजा दाऊद के भविष्यवक्ता थे। परमेश्वर ने हेमैन से दृढ़ होने की प्रतिज्ञा की थी, इसलिए परमेश्वर ने उसे चौदह पुत्र और तीन बेटियां दीं थी।
\p
\s5
\v 6 उन सभी मनुष्यों का निर्देशन उनके पिता करते थे, जब वे यहोवा के मन्दिर में संगीत बजाया करते थे। वे झांझ, वीणा, और सारंगी बजाते थे। और उनके पिता-आसाप, यदूथून और हेमान-राजा के निर्देशन में रहते थे।
\v 7 ये पुरुष और उनके संबन्धी मंदिर में संगीत वाद्ययंत्र बजाने के लिए प्रशिक्षित और कुशल थे। यह यहोवा के लिए उनकी सेवा थी। उनके संबन्धियों सहित, वे 288 थे।
\v 8 उनमें से सभी, जो युवा थे और जो बूढ़े थे, अपनी सेवा को चिट्ठियों द्वारा निर्धारित करते थे।
\q
\s5
\v 9 आसाप के परिवार से, चिट्ठियों द्वारा निर्धारित सबसे पहले चुने गए योसेप और उसके 12 पुत्र और संबन्धी थे।
\v 10 फिर, गदल्याह और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\v 11 फिर, जक्कूर और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\v 12 फिर, यिस्री और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव नतन्याह और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\q
\s5
\v 13 फिर, बुक्क्याह और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया था।
\v 14 फिर, यसरेला और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया था।
\v 15 फिर, यशायाह और उसके 12 पुत्रों और रिश्तेदारों का चुनाव किया गया।
\v 16 फिर, मत्तन्याह और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\q
\s5
\v 17 फिर, शिमी और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\v 18 फिर, अजरेल और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया था।
\v 19 फिर, हशब्याह और उसके 12 पुत्रों और रिश्तेदारों का चुनाव किया गया।
\v 20 फिर, शूबाएल और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\q
\s5
\v 21 फिर, मत्तिय्याह और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया था।
\v 22 फिर, येरेमोत और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\v 23 फिर, हनन्याह और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\v 24 फिर, जोशबकाशा और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\q
\s5
\v 25 फिर, हनानी और उनके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया था।
\v 26 फिर, मल्लोती और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\v 27 फिर, इलिय्याता और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया था।
\v 28 फिर, होतीर और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\q
\s5
\v 29 फिर, गिद्दलती और उनके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\v 30 फिर, महजीओत और उसके 12 पुत्रों और संबन्धियों का चुनाव किया गया।
\v 31 फिर, रोममतीएजेर और उसके 12 बेटों और संबन्धियों का चुनाव किया गया था।
\s5
\c 26
\p
\v 1 अब उन पुरुषों के समूह की एक सूची है जिन्होंने मंदिर के द्वारों की रक्षा की:
\q कोरह के वंशजों से, कोर के पुत्र मेशेलेम्याह था, जो आसाप के पुत्रों में से एक था।
\q2
\v 2 मेशेलेम्याह का सबसे बड़ा पुत्र जकर्याह था। उनके अन्य पुत्र यदीएल, जबद्याह, जाथनीएल थे,
\v 3 यतीएल, यहोहानान और एल्यहोएनै ।
\q
\s5
\v 4 एक और द्वारपाल आबेदेदोम था।
\q2 उसका सबसे बड़ा बेटा शमायाह था। उनके अन्य पुत्र यहोजाबाद, योआह, साकार, नतनेल थे,
\v 5 अम्मीएल, इस्साकार, और पुल्लतै। ऐसा इसलिए था क्योंकि परमेश्वर ने उसे आशीष दी थी कि उसके कई बेटे होंगे।
\q2
\v 6 आबेदेदोम के पुत्र शमायाह के भी पुत्र थे। वे अपने पिता के परिवार में प्रधान थे क्योंकि वे अनेक काम को करने की योग्यता रखते थे।
\q2
\s5
\v 7 शमायाह के पुत्र ओती, रपाएल, ओबेद और एलज़ाबाद थे। शमायाह के संबन्धी एलीहू और समक्याह भी योग्य पुरुष थे।
\q2
\v 8 आबेदेदोम के वंशज और उनके बेटे और संबन्धी के उन सब योग्य और बलवन्त कर्मी थे, कुल मिलाकर वे 62 थे।
\q
\v 9 एक और रक्षक मेशेलेम्याह था। वह और उसके बेटे और संबन्धी भी योग्य पुरुष थे। वे 18 थे।
\q
\s5
\v 10 एक और रक्षक होसा के पुत्र शिमरी, जो मरारी के वंशज था। होसा ने शिमरी को प्रधान नियुक्त किया, भले ही वह होसा का सबसे बड़ा बेटा नहीं था।
\v 11 होसा के अन्य पुत्र हिल्किय्याह, तबल्याह और जकर्याह थे। होसा के बेटे और संबन्धी कुल 13 थे।
\p
\s5
\v 12 वे मंदिर के द्वारों के रक्षक समूहों के प्रधान थे वे अपने संबन्धियों के समान मन्दिर में सेवा करते थे।
\v 13 प्रत्येक परिवार का प्रधान चिट्ठियाँ डालकर अपने रक्षक दल के लिए एक फाटक को चुनता था। उनमें से सभी, युवा पुरुष और बूढ़े पुरुष चिट्ठियाँ डालते थे ।
\v 14 शेलेम्याह के समूह को पूर्वी द्वार की रक्षा के लिए चुना गया था। शेलेम्याह के पुत्र जकर्याह के समूह, को उत्तर द्वार की रक्षा के लिए चुना गया था जकर्याह एक बुद्धिमान मंत्री था।
\q
\s5
\v 15 तब ओबेदेदोम के समूह को दक्षिण द्वार की रक्षा करने के लिए चुना गया था, और उसके बेटों को मंदिर के भंडार के प्रवेश द्वार की रक्षा करने के लिए चुना गया था।
\v 16 तब शुपीम के समूह और होसा के समूह को पश्चिम के द्वार और मंदिर की ऊपरी सड़क पर शल्लेकेत नामक फाटक की रक्षा के लिए चुना गया था।
\p रक्षक के लिए काम समान रूप से विभाजित किया जाता था।
\s5
\v 17 प्रत्येक दिन लेवी के छः वंशज पूर्व द्वार की रक्षा करते थे, चार और उत्तर द्वार की रक्षा करते थे, चार दक्षिण द्वार की रक्षा करते थे, और दो एक बार में भण्डारों के प्रवेश द्वार की रक्षा करते थे।
\v 18 पश्चिम द्वार पर दो पुरुष होते जो आंगन की रक्षा करते थे और चार आंगन के बाहर सड़क की रक्षा करते थे।
\p
\v 19 ये मन्दिर के द्वारों के रक्षकों के समूह थे जिनमे कोरह और मरारी के वंशज थे।
\p
\s5
\v 20 लेवी के अन्य वंशज जो परमेश्वर के मन्दिर में आराधकों द्वारा परमेश्वर को समर्पित धन के सन्दूकों की निगरानी करते थे।
\v 21 उन लोगों में से एक लादान था, जो गेर्शोन का वंशज था। वह अनेक परिवारिक समूहों का पूर्वज था। यहोएल उन परिवारिक समूहों में से एक का नेता था।
\v 22 जो लोग यहोवा के मन्दिर में पैसों के सन्दूकों के उत्तरदायी थे, वे थे जेताम और उसका छोटा भाई योएल, ये यहोएल के पुत्र थे।
\p
\s5
\v 23 अन्य जो उस काम को करते थे वे अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल के वंशज थे।
\q
\v 24 शबूएल, जो मूसा के पुत्र गेर्शोन का वंशज था वह पैसों के सन्दूकों का उत्तरदायी था।
\v 25 जो लोग उस काम को करते थे वे गेर्शोन के छोटे भाई एलिआजर के वंशज थे। वे लोग एलीआजर का पुत्र रहब्याह, रहब्याह का पुत्र यशायाह, यशायाह का पुत्र योराम, योराम का पुत्र जिक्री और जिक्री का पुत्र शलोमोत थे।
\s5
\v 26 शलोमोत और उसके संबन्धी उन सब मूल्यवान वस्तुओं के उत्तरदायी थे जो राजा दाऊद द्वारा परिवार के समूहों के प्रधान द्वारा, एक हज़ार सैनिकों के सेनापति और 100 सैनिकों के नायक द्वारा और दूसरे सेना नायकों द्वारा यहोवा के लिए समर्पित की गई।
\v 27 कुछ ऐसी वस्तुएँ भी थी जिन्हें सेना के अधिकारियों ने युद्धों में इस्राएल के शत्रुओं से लूटा था जिन्हें उन्होंने यहोवा के मंदिर के सुधार कार्य के लिए समर्पित किया था।
\v 28 और शलोमोत और उसके संबन्धी उन सब वस्तुओं के भी उत्तरदायी थे जिन्हे भविष्यवक्ता शमूएल ने राजा शाऊल और दाऊद के दो सेनापतियों अब्नेर और योआब द्वारा यहोवा को समर्पित किया गया था।
\q
\s5
\v 29 यिसहार के वंशजों से, कनन्याह और उसके पुत्रों को मंदिर के बाहर का काम दिया गया था। वे इस्राएल में विभिन्न स्थानों पर अधिकारी और न्यायाधीश थे।
\q
\v 30 हेब्रोन के वंशजों से, हशब्याह और उसके सत्रह सौ बलवान संबन्धी यहोवा के लिए किए गए काम और राजा के लिए यरदन नदी के पश्चिम में संपूर्ण क्षेत्र के काम के उत्तरदायी थे, वे अपने काम में निपुण थे।
\s5
\v 31 हेब्रोन के वंशजों के अभिलेखों में लिखा गया था कि यरिय्याह उनका प्रधान था। जब दाऊद लगभग चालीसवे वर्ष में शासन कर रहा था, तो उन्होंने उन अभिलेखों की खोज की, और उन्होंने हेब्रोन के वंशजों में से योग्य पुरुषों के नाम पाए जो गिलाद के क्षेत्र में याजेर शहर में थे।
\v 32 यरीयाह के 2,700 संबन्धी थे जो अपने काम को अच्छी तरह से करने में सक्षम थे, और उनके परिवार के प्रधान थे। राजा दाऊद ने उन्हें रूबेन, गाद और मनश्शे के आधे गोत्र के जो पश्चिमी में था उनके नियन्त्रण का उत्तरदायी सौंप दिया था कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परमेश्वर और राजा ने जो उन्हें करने के लिए कहा है वह सब लोगों ने किया हैं।
\s5
\c 27
\p
\v 1 यह उन इस्राएलियों की एक सूची है जिन्होंने सेना में राजा की सेवा की थी। कुछ परिवारों के प्रधान थे, कुछ एक सौ पुरुषों के प्रधान थे, और जो एक हजार पुरुषों के प्रधान थे, और कुछ अन्य अधिकारी थे। प्रत्येक समूह में चौबीस हजार पुरुष थे। प्रत्येक समूह प्रति वर्ष एक महीने की सेवा करता था।
\q
\v 2 जब्दीएल का पुत्र याशोबाम उस समूह का प्रधान था जो प्रति वर्ष के पहले महीने में सेवा करता था।
\v 3 वह पेरेस का वंशज था, और वह प्रति वर्ष के पहले महीने में सब सेना अधिकारियों का प्रधान था।
\q
\s5
\v 4 अहोही के वंश से दोदै उस समूह का प्रधान था जो दूसरे महीने में सेवा करेगा।
\q
\v 5 महायाजक यहोयादा का पुत्र बनायाह, तीसरे महीने में सेवा करने वाले समूह का प्रधान था।
\v 6 वह दाऊद के तीस महान सैनिकों में से एक शक्तिशाली योद्धा था, और वह उनका सेनापति था। उनका बेटा अम्मीजाबाद उनका सहायक था।
\q
\s5
\v 7 योआब का छोटा भाई असाहेल उस समूह का प्रधान था जो चौथे महीने सेवा करता था। असाहेल की हत्या के बाद असाहेल का पुत्र जबद्याह प्रधान बन गया।
\q
\v 8 पाँचवे महीने समूह का प्रधान, यिज्राह का वंशज शम्हूत था।
\q
\v 9 छठवें महीने के समूह का प्रधान तेकोआ शहर से इक्केश का पुत्र ईरा था।
\q
\s5
\v 10 सातवें महीने के समूह का प्रधान एप्रैम के गोत्र से पलोनी का वंशज हेलेस था।
\q
\v 11 आठवें महीने के समूह का प्रधान हुशा नगर से जेरह का वंशज सिबकै था।
\q
\v 12 नौवें महीने के समूह का प्रधान अनाथोत शहर से बिन्यामीन के गोत्र से अबीएजेर था।
\q
\s5
\v 13 दसवें महीने के समूह का प्रधान महरै नपोत शहर सेजेरह का वंशज महरै था।
\q
\v 14 ग्यारहवें महीने के समूह का प्रधान एप्रैम के गोत्र से पिरैतोन शहर का बनायाह था।
\q
\v 15 प्रत्येक वर्ष के अन्तिम महीने के समूह का प्रधान नतोपा हेल्दै था, जो शहर से ओतनीएल का वंशज हेल्दै था।
\p
\s5
\v 16 यह इस्राएल के बारह गोत्रों के प्रधानों की सूची है:
\q ज़िक्री का पुत्र एलीआजर, रूबेन के गोत्र का प्रधान था।
\q माका का पुत्र शपत्याह शिमोन के गोत्र का प्रधान था।
\q
\v 17 केमूएल का बेटा हशब्याह लेवी के गोत्र का प्रधान था।
\q सादोक हारून के वंश का प्रधान था।
\q
\v 18 दाऊद का बड़ा भाई एलीहू, यहूदा के गोत्र का प्रधान था।
\q मीकाएल का पुत्र ओम्नी इस्साकार के गोत्र का प्रशासक था।
\q
\s5
\v 19 ओबद्याह का पुत्र यिशमायाह, जबूलून के गोत्र का प्रधान था।
\q अज्रीएल का पुत्र यरीमोत, नप्ताली के गोत्र का प्रधान था।
\q
\v 20 अज़ज्याह का पुत्र होशे, एप्रैम के गोत्र का प्रधान था।
\q पदायाह का पुत्र योएल, मनश्शे के गोत्र के पश्चिमी भाग का प्रधान था।
\q
\v 21 जकर्याह का पुत्र इद्दो, पूर्वी के क्षेत्र गिलाद में मनश्शे के आधे गोत्र के प्रधान था।
\q अब्नेर का पुत्र यासीएल बिन्यामीन के गोत्र का प्रधान था।
\q
\v 22 यरोहाम का पुत्र अजरेल दान के गोत्र का प्रधान था।
\p
\s5
\v 23 दाऊद ने योआब को उन लोगों की गिनती नहीं करने के लिए कहा जो बीस वर्ष से कम उम्र के थे, क्योंकि यहोवा ने कई वर्षो पूर्व प्रतिज्ञा की थी कि इस्राएल के वंशज आकाश में सितारों के बराबर असंख्य होंगे।
\v 24 योआब और उसके सहायकों ने इस्राएलियों की गिनती तो की परन्तु उसे पूरा नहीं कर पाएं थे क्योंकि योआब जानता था कि यहोवा इस जन गणना के विषय में क्रोधित था। यहोवा ने इस गिनती के कारण इस्राएल के लोगों को दण्ड दिया था, और इस कारण सेना में सेवा करने में योग्य इस्राएली पुरुषों की कुल संख्या राजा दाऊद के शासन के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखी गई थी।
\q
\s5
\v 25 अदीएल का पुत्र अज्मावेथ राजा के भंडारगृह का अधिकारी था। उज्जियाह का पुत्र यहोनातान इस्राएल के अन्य नगरों और गांवों में भंडारगृहों का अधिकारी था, चौकियों का भी।
\v 26 केलूब का पुत्र एज़्री राजा के खेतो पर काम करने वालो का अधिकारी था।
\v 27 रामात शहर से शिमी राजा के दाख के बागों का अधिकारी था।
\li शापम शहर का जब्दी दाख की बारियों में उपजे अंगूर से बने दाखमधु के भंडार का अधिकारी था।
\q
\s5
\v 28 गेदेर शहर का बाल्हानान जैतून के तेल का भंडार करने का अधिकारी था।
\v 29 शारोन के मैदान चरनेवाले मवेशियों का अधिकारी शित्रै था।
\li अदलै के पुत्र शापात घाटियों में मवेशियों का अधिकारी था।
\q
\s5
\v 30 इश्माएल का वंशज, ओबील ऊंटों का अधिकारी था।
\li मेरोनोत शहर से येहयाह गधों का अधिकारी था।
\v 31 हाग्री का वंशज यजीज, भेड़ के राजा की भेड़-बकरियों का अधिकारी था।
\p ये सब अधिकारी राजा दाऊद की सम्पति के अधिकारी थे।
\q
\s5
\v 32 दाऊद के चाचा योनातन उसके लिए एक बुद्धिमान परामर्शदाता थे। हक्मोनी का पुत्र एहीएल राजा के पुत्रों को पढ़ाता था।
\v 33 अहीतोपेल राजा का राजसी परामर्शदाता था।
\v 34 प्रधान वर्ग से हुशाई राजा का विशेष मित्र था।
\q अहीतोपेल की मृत्यु के बाद बनायाह का पुत्र यहोयादा राजा का मुख्य मंत्री बन गया, और बाद में एब्यातार उसका मुख्य मंत्री बन गया।
\li योआब सेना का मुख्य सेनापति था।
\s5
\c 28
\p
\v 1 दाऊद ने इस्राएल के सभी प्रधानों को यरूशलेम में बुलवाया। उन्होंने सब गोत्रों के प्रधानों, राजाओं के लिए काम करने वाले समूहों के प्रधानों को बुलाया, एक सौ सैनिकों के नायकों, एक हजार सैनिकों से सेनापति, जो राजा की संपत्ति और उसके पशुओं के अधिकारियों, उसके बेटों के शिक्षकों, सब महल अधिकारियों, और उनके शक्तिशाली सैनिकों और सबसे बहादुर योद्धाओं को बुलवाया।
\p
\s5
\v 2 दाऊद खड़ा हुआ और कहा, “मेरे साथी इस्राएलियों, मेरी बात सुनो। मैं एक ऐसा मंदिर बनना चाहता था जहाँ हम यहोवा की वाचा के पवित्र सन्दूक को रख सकें, जहाँ पवित्र सन्दूक स्थायी रूप से रहे। और मैंने इसे बनाने की योजना बनाई है।
\v 3 परन्तु परमेश्वर ने मुझसे कहा, ‘मन्दिर बनाने वाला तू नहीं हैं, क्योंकि तू ने युद्ध किए हैं और लोगों की हत्या की है।’
\p
\s5
\v 4 परन्तु यहोवा, जिस परमेश्वर के लिए हम इस्राएल हैं, उन्होंने मुझे और मेरे वंशजों को हमेशा के लिए इस्राएल के राजा बनने के लिए चुना है। सबसे पहले उन्होंने यहूदा को अगुआ होने के लिए चुना, और यहूदा के लोगों में से उन्होंने मुझे सब इस्राएलियों पर राजा होने के लिए चुना।
\v 5 यहोवा ने मुझे कई पुत्र दिए हैं, परन्तु उन्होंने मेरे पुत्र सुलैमान को इस्राएल के राज्य पर शासन करने के लिए अगला राजा चुना है।
\s5
\v 6 उन्होंने मुझसे कहा, ‘तेरा पुत्र सुलैमान ही मेरे मंदिर और उसके चारों ओर के आंगनों का निर्माण करने की व्यवस्था करेगा, क्योंकि मैंने उसे अपने बेटे के समान चुना है और मैं उसके पिता समान होऊँगा।
\v 7 मैं उसके राज्य को सदा के लिए स्थिर करूंगा यदि वह मेरे नियमों और विधियों का पालन करता रहेगा जैसा कि तुम अभी कर रहे हो।
\p
\s5
\v 8 तो अब, जब तुम सब इस्राएली, जो यहोवा के हो, देख रहे हो, और परमेश्वर सुन रहे हैं, तो मैं तुम सब लोगों को आज्ञा देता हूँ कि वे हमारे परमेश्वर यहोवा के सभी आदेशों का ध्यानपूर्वक पालन करे। जिससे कि तुम इस अच्छी भूमि के अधिकारी बने रहो और अपने वंशजों को सदा के लिए इसका वारिस होने दो।
\p
\s5
\v 9 और हे मेरे पुत्र सुलैमान, तेरे लिए आवश्यक है कि तू परमेश्वर को वैसे ही जाने जैसे मैं उन्हे जानता हूँ, और उनकी सच्चे मन से सेवा करे। तुझे ऐसा करना चाहिए क्योंकि वह जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य क्या सोचता है और वह मनुष्यों के काम करने के कारणों को समझते हैं यदि तू उसे जानने की खोज करे हैं, तो वह तेरी प्रार्थनाओं पर ध्यान देंगे। परन्तु यदि तू उन्हे त्याग दे तो वह भी तुझे सदा के लिए त्याग देंगे।
\v 10 यहोवा ने तुझे चुना है कि उनके लिए एक मंदिर बनाने की व्यवस्था करो। तो मैंने जो कहा है उसके विषय में सोच, और दृढ़ रह और वह कर जो वह तुझसे करवाना चाहते हैं।”
\p
\s5
\v 11 तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को वह नक्शा दिया, जिस पर मंदिर के मुख्य कमरे, उसके औसारे, इसके भंडार, अन्य सब ऊपरी और निचले कमरे, पवित्र स्थान और पवित्र सन्दूक और उसके ढक्कन परमपवित्र स्थान की योजना तैयार की गई थी।
\v 12 दाऊद ने परमेश्वर के भवन, आँगनों और मन्दिर के चारों ओर को कोठियों और परमेश्वर को समर्पित पैसे और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के गोदामों का नक्शा उसके लिए बनाकर दे दिया।
\s5
\v 13 उसने याजकों के और अन्य लेवी के अन्य वंशजों के सेवक समूहों को कार्यों के निर्देश दिये कि यहोवा के मन्दिर में उन्हें कैसे-कैसे सेवा करनी है और मन्दिर के सब सामान की देखरेख के निर्देश सुलैमान को दे दिए।
\v 14 उसने यह भी लिखा कि मंदिर में सब वस्तुओं को बनाने के लिए कितना सोना और कितना चाँदी काम में लिया जाना चाहिए।
\v 15 यह एक सूची थी कि दीपक दान और दीपक बनाने के लिए कितने सोने की आवश्यकता होगी, चाँदी के दीपकों और दीपदानों को बनाने के लिए कितनी चाँदी की आवश्यक्ता होगी।
\s5
\v 16 एक सूची इस की भी यहोवा के सामने भेंट की रोटियाँ रखने कि मेज बनाने के लिए कितने सोने की आवश्यकता होगी और कितनी चाँदी की आवश्यक्ता होगी अन्य मेज़ों को बनाने के लिए,
\v 17 और मांस के कांटों और कटोरों और कटोरिया के लिए कितना शुद्ध सोना, और प्रत्येक चाँदी के कटोरे के लिए कितनी चाँदी की आवश्यकता होगी।
\s5
\v 18 एक सूची इस की भी थी वेदी को धूप जलाने की वेदी के लिए शुद्ध सोने की कितनी आवश्यकता होगी। उसने सुलैमान को पंखों वाले प्राणियों की सुनहरी प्रतिमाएँ बनाने की अपनी योजनाओं को भी दिया जो यहोवा के पवित्र सन्दूक से ऊपर होंगे, और उनके लिए रथ के समान होंगे।
\p
\v 19 तब दाऊद ने कहा, “मैंने इन सब योजनाओं को यहोवा के निर्देश में तैयार किया हैं उन्होंने मुझे मंदिर के लिए अपनी योजना की एक-एक बात को समझने में सक्षम बनाया है।”
\p
\s5
\v 20 दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान से कहा, “दृढ़ और साहसी हो, और इस काम को कर। डर मत या निराश न हो, क्योंकि हमारे परमेश्वर यहोवा, जिनकी मैं आराधना करता हूँ, तेरे साथ रहेंगे। वह तेरी सहायता करने में असफल नहीं होंगे या जब तक तू उनका मंदिर बनाने के सब काम पूरे नहीं कर लेता तब तक वह तुझे नहीं छोड़ेंगे।
\v 21 याजक के समूह और लेवी के अन्य वंशज परमेश्वर के मंदिर में अपना काम आरंभ करने के लिए तैयार हैं, और हर एक व्यक्ति जिसमें विशेष कौशल है, वह सब कामों में तेरी सहायता करेंगे। और मेरे अधिकारी और अन्य लोग तेरी आज्ञा पालन करेंगे, जो भी तू उन्हें करने के लिए आदेश देगा। “
\s5
\c 29
\p
\v 1 तब राजा दाऊद ने उन सब लोगों से कहा जो वहां इकट्ठे हुए थे, “मेरे पुत्र सुलैमान, जिसे परमेश्वर ने अगला राजा चुना है, वह जवान है और उसके पास बहुत अनुभव नहीं है। मंदिर बनाने का यह काम महान है , क्योंकि यह महिमामय भवन लोगों का सम्मान नहीं करेगा, बल्कि हमारे परमेश्वर यहोवा का सम्मान करेगा।
\v 2 मेरे पास जो कुछ भी है, मैंने उसे मेरे परमेश्वर के मन्दिर के निर्माण की आवश्यक्ता के लिए दे दिया है सोने का सामान बनाने के लिए सोना चाँदी का सामान बनाने के लिए चाँदी, पीतल का सामान बनाने के लिए पीतल, लोहे का सामान बनाने के लिए लोहा, लकड़ी का सामान बनाने के लिए लकड़ी और बड़ी मात्रा में गोमेद और फ़िरोज़ा और विभिन्न रंगों के अन्य मूल्यवान पत्थर, संगमरमर और सभी प्रकार के मूल्यवान पत्थर।
\s5
\v 3 मैंने जो कुछ भी मंदिर के लिए दिया है, उसके अलावा, मैं सोने और चाँदी का अपना खजाना दे रहा हूँ, क्योंकि मैं सच्चे मन से चाहता हूँ कि मेरे परमेश्वर के लिए यह पवित्र मंदिर बनाया जाए।
\v 4 मैं लगभग 100 मीट्रिक टन ओपीर का सोने और भवनों की दीवारों पर मढ़ने के लिए 230 मीट्रिक टन शुद्ध चाँदी,
\v 5 तथा सोने और चाँदी के अन्य सामान बनाने के लिए, और कारीगरों द्वारा किए जानेवाले अन्य कामों के लिए भी । तो अब, मैं तुमसे पूछता हूँ, मंदिर के निर्माण के लिए अन्य योगदान देकर कौन दिखाना चाहता है कि उसने स्वयं को यहोवा के लिए समर्पित किया है? “
\p
\s5
\v 6 तब परिवारों के प्रधानों, इस्राएल के गोत्रों के प्रधानों, एक हजार सैनिकों के सेनापतियों और एक सौ सैनिकों के नायकों और राजा के काम के अधिकारीयों ने स्वेच्छा से दान दिए।
\v 7 मंदिर में काम के लिए उन्होंने 165 मीट्रिक टन और चौरासी किलोग्राम सोना, 330 मीट्रिक टन चाँदी, 600 मीट्रिक टन पीतल, और 3,300 मीट्रिक टन लौह दिया।
\s5
\v 8 जिनके पास मूल्यवान पत्थर थे उन्होंने गेर्शोन के वंशज यहीएल की देखरेख में मन्दिर के भंडार में दे दिया।
\v 9 लोग यह देखकर प्रसन्न थे कि उनके प्रधान उन वस्तुओं को देना चाहते थे; वे उन वस्तुओं को यहोवा को देने के लिए आनन्दित और उत्साहित थे। और राजा दाऊद अति आनन्दित था।
\p
\s5
\v 10 तब, जब सब लोग सुन रहे थे, तब दाऊद ने यहोवा की स्तुति की। उसने कहा,
\q1 “हे यहोवा हम आपकी स्तुति करते हैं,
\q2 हमारे पूर्वज याकूब ने परमेश्वर की आराधना की थी।
\q2 हम सब आपकी स्तुति करेंगे!
\q1
\v 11 आप ही एकमात्र महान और शक्तिशाली हैं;
\q2 केवल आप वास्तव में महिमा और सामर्थ्य से पूर्ण अद्भुत हैं।
\q2 और यह सच है क्योंकि स्वर्ग और पृथ्वी पर सब कुछ आपका है।
\q1 आप पृथ्वी के सब लोगों के राजा हैं;
\q2 आप सब पर शासक हैं।
\q1
\s5
\v 12 क्योंकि आप बहुत शक्तिशाली हैं,
\q2 आप किसी को भी महान होने और बलवन्त बनाने में सक्षम हैं।
\q1
\v 13 तो अब, हे हमारे परमेश्वर, हम आपको धन्यवाद देते हैं,
\q2 और बहुत महान होने के लिए हम आपकी स्तुति करते हैं।
\p
\s5
\v 14 परन्तु मैं और मेरे लोग वास्तव में आपको कुछ भी देने योग्य नहीं हैं,
\q2 क्योंकि हमारे पास जो कुछ भी है वह आपके पास से आता है;
\q2 जो कुछ आपने हमें दिया हमने आपको दिया है।
\q1
\v 15 आप जानते हैं कि हम आप के लिए विदेशियों और अजनबियों के समान हैं, जैसे हमारे पूर्वज थे।
\q2 धरती पर हमारे वर्ष एक छाया के समान हैं जो शीघ्र ही गायब हो जाती है;
\q2 हम जानते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो हमें मरने से बचने में सक्षम बनाता है।
\q1
\s5
\v 16 हे हमारे परमेश्वर यहोवा, हमने इन सब वस्तुओं को आपके मंदिर के निर्माण में उपयोग करने के लिए एकत्र किया है,
\q2 परन्तु यह सब वास्तव में आपका ही है, और आपने इसे हमें दिया है।
\q1
\v 17 हे मेरे परमेश्वर, मुझे पता है कि आप हम लोगों को परखते हैं,
\q2 और आप प्रसन्न होते हैं जब आपको पता चलता है कि हम उचित काम करते हैं।
\q1 यह सब वस्तुएँ मैंने आपको दी है क्योंकि मैं चाहता हूँ।
\q2 और अब मैंने देखा है कि आपके लोगों ने आपको भी सहर्ष और उदारता से आपके लिए दिया हैं।
\q1
\s5
\v 18 हे यहोवा, जिस परमेश्वर की हमारे पूर्वज अब्राहम, इसहाक और याकूब ने आराधना की थी,
\q2 मैं चाहता हूँ कि आपके लोग सदा के लिए ऐसे कामों की इच्छा करते रहें,
\q2 और वे सब आपके स्वामिभक्त बने रहें।
\q1
\v 19 और अब, कृपया मेरे बेटे सुलैमान को विश्वासयोग्यता से सच्चे दिल से,
\q2 इस सुंदर भवन को बनाने के लिए
\q2 जिसके लिए मैंने इन सब वस्तुओं का संग्रह किया है हर एक आवश्यक काम करने में समर्थ करें। “
\p
\s5
\v 20 तब दाऊद ने उन सब लोगों से कहा जो वहां एकत्र हुए थे, “हमारे परमेश्वर यहोवा की स्तुति करो!” इसलिए उन सब ने उनके पुर्वजों के परमेश्वर की स्तुति की। उन्होंने यहोवा के सामने और राजा के सामने भूमि पर दण्डवत् किया।
\p
\v 21 अगले दिन लोगों ने यहोवा के लिए बलिदान चढ़ाए। उन्होंने कई जानवरों को वेदी पर पूरी तरह जला दिया: एक हजार बैल, एक हजार मेढ़े, एक हजार नर भेड़, दाखमधु का चढ़ावा और इस्राएल के सब लोगों के खाने के लिए कई अन्य बलिदान।
\s5
\v 22 उस दिन लोग आनन्दित थे और यहोवा के सम्मान में उन्होंने खाया और पीया।
\p फिर दूसरी बार उन्होंने घोषणा की कि अब सुलैमान उनका राजा है। फिर यहोवा की आज्ञा के अनुसार, उन्होंने राजा होने के लिए जैतून के तेल से उसका अभिषेक किया, और महायाजक बनने के लिए सादोक अभिषेक किया।
\v 23 तब सुलैमान सिंहासन पर बैठा क्योंकि यहोवा चाहते थे कि वह अपने पिता दाऊद के बाद राजा बने। अगले वर्षों में सुलैमान समृद्ध हुआ और सभी इस्राएली लोगों ने उसकी आज्ञाओं का पालन किया।
\s5
\v 24 राजा दाऊद के अन्य पुत्रों और सब अधिकारियों और शक्तिशाली योद्धाओं ने सुलैमान को अपना राजा स्वीकार किया, और उन्होंने सच्ची प्रतिज्ञा की कि उसकी आज्ञाओं का पालन करेंगे।
\p
\v 25 यहोवा ने सुलैमान को सब इस्राएली लोगों के सम्मान का पात्र बनाया और उन्होंने उसे बहुत सम्मानित किया। इस्राएल के किसी भी राजा को उतना सम्मानित नहीं किया गया था जितना सुलैमान को।
\p
\s5
\v 26 यिशै के पुत्र दाऊद ने पूरे इस्राएल पर शासन किया था।
\v 27 उसने चालीस वर्ष तक शासन किया: हेब्रोन शहर में सात वर्ष और यरूशलेम में तीस वर्ष।
\v 28 वह बहुत समृद्ध और बहुत सम्मानित था, और वह पूरे बुढ़ापे की अवस्था में पहुँचा, तब वह मर गया, और उसका पुत्र सुलैमान इस्राएल का राजा बना।
\p
\s5
\v 29 राजा दाऊद के राज्य के आरंभ से अन्त तक के सब कामों का इतिहास, भविष्यवक्ताओं शमूएल, नातान और गाद ने कुंडली ग्रथों में लिखा था।
\v 30 उन्होंने उसके प्रभावी शासन और राज्य के युग में उसके साथ और इस्राएल के लोगों के साथ और अन्य देशों के राज्यों में जो कुछ भी हुआ सबका वर्णन किया है।