Merge pull request 'master' (#1) from RPP/hi_tn:master into master
Reviewed-on: #1
This commit is contained in:
commit
4dd887dbaf
10
1CO/01/01.md
10
1CO/01/01.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# भाई सोस्थिनेस
|
||||
इससे प्रकट होता है कि कुरिन्थ के विश्वासी और पौलुस दोनों ही सोस्थिनेस से परिचित थे। वैकल्पिक अनुवाद: “सोस्थिनेस जिसे तुम और मैं दोनों ही जानते हैं”।
|
||||
# पवित्र होने के लिए बुलाए गए हैं।
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने उन्हें पवित्र जन होने के लिए बुलाया है”
|
||||
# उन सब के नाम भी
|
||||
सब विश्वासियों के साथ। वै.अ. “के साथ”
|
||||
# हमारे और अपने प्रभु यीशु मसीह
|
||||
प्रभु यीशु पौलुस का, कुरिन्थ की कलीसिया का और सब कलीसियाओं का प्रभु है।
|
||||
# तुम्हें
|
||||
कुरिन्थ नगर के विश्वासी
|
16
1CO/01/04.md
16
1CO/01/04.md
|
@ -1,16 +0,0 @@
|
|||
# परमेश्वर का धन्यवाद सदा करता हूं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मैं पौलुस परमेश्वर को आभार व्यक्त करता हूं”।
|
||||
# परमेश्वर का यह अनुग्रह तुम पर मसीह यीशु में हुआ।
|
||||
“तुम जो मसीह यीशु में परमेश्वर के अनुग्रह के पात्र हो”
|
||||
# धनी किए गए
|
||||
संभावित अर्थ है 1) “मसीह ने तुम्हें समृद्ध किया” या 2) “परमेश्वर ने तुम्हे संपन्न बनाया है”।
|
||||
# हर बात में धनी किया
|
||||
“अनेक आत्मिक आशिषों से समृद्ध किया”
|
||||
# सारे वचन में
|
||||
परमेश्वर ने तुम्हें अनेक प्रकार से मनुष्यों में परमेश्वर का वचन सुनाने योग्य किया है।
|
||||
# सारे ज्ञान में
|
||||
परमेश्वर ने तुम्हें उसका सन्देश अनेक प्रकार से समझने योग्य किया है।
|
||||
# कि मसीह की गवाही तुम में पक्की निकले
|
||||
“मसीह का सन्देश”
|
||||
# पक्की निकली
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “तुम्हारे जीवन स्पष्ट रूप से बदल गए”
|
10
1CO/01/07.md
10
1CO/01/07.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# यहां तक कि
|
||||
“परिणाम स्वरूप”
|
||||
# किसी वरदान की तुम्हें घटी नहीं
|
||||
“तुम्हारे पास हर एक आत्मिक वरदान है”।
|
||||
# हमारे प्रभु यीशु के प्रगट होने
|
||||
संभावित अर्थ हैं 1) “जिस समय परमेश्वर मसीह यीशु को प्रगट करेगा” या 2) “जिस समय हमारा प्रभु यीशु मसीह प्रकट होगा”।
|
||||
# निर्दोष ठहरो
|
||||
“तुम्हें दोषी ठहराने का परमेश्वर के पास कोई कारण न हो”।
|
||||
# जिसने तुमको.... मसीह की संगति में बुलाया है
|
||||
परमेश्वर ने तुम्हें अपने पुत्र, मसीह यीशु की संगति में बुलाया है
|
10
1CO/01/10.md
10
1CO/01/10.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# तुम सब एक ही बात करो
|
||||
“कि तुम परस्पर सामंजस्य में रहो”
|
||||
# तुम में फूट न हो
|
||||
“कि तुम में विभाजन न हो”
|
||||
# एक ही मन और एक ही मत में मिले रहो
|
||||
“एकता में”
|
||||
# खलोए के घराने के लोगों
|
||||
परिवार के सदस्य, खलोए के कुटुम्ब के दास आदि सब, उनकी मुखिया एक स्त्री है।
|
||||
# तुम में झगड़े हो रहे हैं।
|
||||
“तुम लोग अलग-अलग गुट बनाकर झगड़ते हो”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# तुम में से कोई तो.... कहता है
|
||||
पौलुस विभाजन की एक सामान्य मानसिकता व्यक्त कर रहा है
|
||||
# क्या मसीह बंट गया
|
||||
पौलुस तथ्य पर बल दे रहा है कि मसीह विभाजित नहीं है वह एक है। “तुम जैसा व्यवहार करते हो उसके अनुसार मसीह को भी विभाजित करना संभव नहीं है”।
|
||||
# क्या पौलुस तुम्हारे लिए क्रूस पर चढ़ाया गया?
|
||||
पौलुस इस तथ्य पर बल देना चाहता है कि न पौलुस न अपुल्लोस क्रूस पर चढ़ाया गया, मसीह ही था जो क्रूस पर चढ़ाया गया। "उन्होंने तुम्हारे उद्धार के लिए पौलुस को क्रूस की मृत्यु नहीं दी थी।"
|
||||
# क्या तुम्हें पौलुस के नाम पर बपतिस्मा मिला?
|
||||
पौलुस इस बात पर बल देता है कि हम सब ने मसीह के नाम में बपतिस्मा पाया है। "तुम्हे पौलुस के नाम में बपतिस्मा नहीं दिया गया है।"
|
10
1CO/01/14.md
10
1CO/01/14.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# मै परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ
|
||||
पौलुस कुछ बड़ा चड़ा कर ही कह रहा है कि वह अत्यधिक आभारी है कि उसने कुरिन्थ की कलीसिया में अधिक लोगों को बपतिस्मा नहीं दिया।
|
||||
# क्रिस्पुस
|
||||
वह यहूदी आराधनालय का सरदार था जिसने मसीह को ग्रहण कर लिया था।
|
||||
# गयुस
|
||||
वह पौलुस के साथ यात्रा करके आया था।
|
||||
# कहीं ऐसा न हो, कि कोई कहे, कि तुम्हें मेरे नाम पर बपतिस्मा मिला।
|
||||
"मैने अधिक लोगों को बपतिस्मा देने से अपने आप को रोका क्योंकि मैं डरता था कि वे आगे चलकर घमंड से कहे कि मैने उन्हें बपतिस्मा दिया था।"
|
||||
# स्तिफनास के घराने
|
||||
स्तिफनास के घराने का अभिप्राय है, उसके परिवार के सदस्य और उसके दास
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# मसीह ने मुझे बपतिस्मा देने को नहीं... भेजा है।
|
||||
इसका अर्थ है कि बपतिस्मा देना पौलुस की मसीही सेवा का मुख्य लक्ष्य नहीं था।
|
||||
# शब्दों के ज्ञान के अनुसार
|
||||
"केवल मानवीय ज्ञान के शब्द"
|
||||
# ऐसा न हो कि मसीह का क्रूस व्यर्थ ठहरे
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: "मानवीय ज्ञान मसीह के क्रूस को सामर्थ्य से वंचित न कर दे।"
|
10
1CO/01/18.md
10
1CO/01/18.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# क्रूस की कथा
|
||||
"मसीह के क्रूसीकरण का प्रचार" या "मसीह की क्रूस पर मृत्यु के बारे में संदेश"(यू.डी.बी.)
|
||||
# मूर्खता है
|
||||
"निर्बुद्धि" या "मतिहीन"
|
||||
# नाश होने वालों के निकट
|
||||
नाश होने वालों के निकट - "नाश" का अर्थ है आत्मिक मृत्यु"
|
||||
# परमेश्वर की सामर्थ है
|
||||
"परमेश्वर हम में सामर्थ्य का काम कर रहा है"
|
||||
# ज्ञानवानों के ज्ञान को नाश करूंगा
|
||||
ज्ञानवानों के ज्ञान को नाश करूंगा - वैकल्पिक अनुवाद: "ज्ञानवानों को उलझन में डाल दूंगा" या "बुद्धिमानों की योजना को पूर्णत: व्यर्थ कर दूंगा"
|
10
1CO/01/20.md
10
1CO/01/20.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# कहा रहा ज्ञानवान? कहा रहा शास्त्री?कहा रहा इस संसार का विवादी?
|
||||
पौलुस इस बात पर बल दे रहा है कि सच्चे ज्ञानवान मनुष्य कही नहीं है। वैकल्पिक अनुवाद: सुसमाचार की तुलना में कोई भी मनुष्य, ज्ञानवान नहीं है, चाहे कोई विद्वान हो या विवाद करने वाला हो।
|
||||
# शास्त्री
|
||||
वह व्यक्ति जिसने बहुत अधिक अध्ययन किया हो
|
||||
# विवादी
|
||||
वह व्यक्ति जो अपने ज्ञान के आधार पर विवद करता है या जो विवाद करने में दक्ष हो
|
||||
# क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया?
|
||||
पौलुस इस प्रश्न द्वारा बल देना चाहता है कि परमेश्वर ने इस संसार के ज्ञान का क्या कर दिया है। वैकल्पिक अनुवाद: "परमेश्वर ने निश्चय ही इस संसार के ज्ञान को मुर्खता ठहरा दिया है" या "परमेश्वर उस संदेश से प्रसन्न हुआ जिसे उन लोगो ने मुर्खता समझा था"(यू.डी.बी.)
|
||||
# विश्वास करनेवालों
|
||||
इसके संभावित अर्थ है 1) "वे सब जो विश्वास करते है" (UDB) या 2) "जो उस मे विश्वास करते है"
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# हम... प्रचार करते है
|
||||
यहाँ "हम" शब्द का अर्थ है पौलुस और अन्य सुसमाचार प्रचारक।
|
||||
# क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का
|
||||
"मसीह के बारे में जो क्रूस पर मर गया था"(यू.डी.बी.)
|
||||
# ठोकर का कारण
|
||||
ठीक वैसे ही जैसे मनुष्य मार्ग में किसी पत्थर से ठोकर खाता है, यहूदियों के लिए क्रूस पर चढ़ाये गए मसीह के द्वारा उद्धार का संदेश भी ठोकर का कारण है। वैकल्पिक अनुवाद: "अस्वीकार्य" या "रोषकारी"।
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# जो बुलाए हुए हैं
|
||||
“जिन्हें परमेश्वर ने बुलाया”
|
||||
# हम मसीह का प्रचार करते हैं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “हम मसीह की शिक्षा देते हैं “ या “हम मनुष्यों में मसीह का सन्देश सुनाते हैं”।
|
||||
# मसीह परमेश्वर की सामर्थ और परमेश्वर का ज्ञान है
|
||||
“मसीह ही है जिसके द्वारा परमेश्वर अपना सामर्थ्य और ज्ञान प्रकट करता है”
|
||||
# परमेश्वर की मूर्खता.... परमेश्वर की निर्बलता
|
||||
यह परमेश्वर के स्वभाव और मनुष्य के स्वभाव में अन्तर है। यद्यपि परमेश्वर मूर्खता करे या दुर्बलता दिखाए तौभी वह मनुष्य के सर्वोत्तम स्वभाव से कहीं अधिक श्रेष्ठ होगी।
|
12
1CO/01/26.md
12
1CO/01/26.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# अपने बुलाए जाने को
|
||||
“परमेश्वर ने तुम्हें पवित्र जन होने के लिए कैसे बुलाया है”
|
||||
# न बहुत.... बुलाए गए हैं
|
||||
“तुम में बहुत ही कम”
|
||||
# शरीर के अनुसार
|
||||
“मनुष्यों के विचार में” या “भलाई के विषय में मनुष्यों की समझ के अनुसार”
|
||||
# कुलीन
|
||||
“परिवार के महत्वपूर्ण होने” या “राजसी” होने के द्वारा
|
||||
# परमेश्वर ने मूर्खों को चुन लिया कि ज्ञानवालों को लज्जित करें
|
||||
परमेश्वर ने उन दीन जनों को चुन लिया जिन्हें यहूदी नगण्य मानते थे कि परमेश्वर की दृष्टि में उन जनमान्य अगुओं का महत्व नगण्य ठहरे।
|
||||
# परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है कि बलवानों को लज्जित करे
|
||||
यह पिछले वाक्य के विचार को दूसरे शब्दों में व्यक्त करना है।
|
10
1CO/01/28.md
10
1CO/01/28.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# नीचों और तुच्छों
|
||||
संसार के परित्यक्त जन, वैकल्पिक अनुवाद: “दीन एवं त्यागे हुए लोग”
|
||||
# वरन जो है भी नहीं
|
||||
“जिन्हें मनुष्य अमान्य समझता है” (देखें:Active/Passive)
|
||||
# व्यर्थ ठहराए
|
||||
“उनका महत्व समाप्त कर दे”
|
||||
# जो हैं
|
||||
“जिन्हें मनुष्य मूल्यवान मानता है” या “जिन्हें मनुष्य खरीदने योग्य या सम्मान के योग्य समझता है”
|
||||
# चुन लिया
|
||||
“परमेश्वर ने चुन लिया”
|
10
1CO/01/30.md
10
1CO/01/30.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# परमेश्वर की ओर से
|
||||
अर्थात क्रूस पर मसीह का कार्य
|
||||
# हमारे लिए
|
||||
“हमारे” में पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों को भी समाहित करता है।
|
||||
# तुम मसीह यीशु में हो
|
||||
“तुम ने मसीह यीशु के द्वारा उद्धार पा लिया है”
|
||||
# मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से ज्ञान ठहरा।
|
||||
“मसीह यीशु ने हम पर स्पष्ट प्रकट कर दिया कि परमेश्वर कितना बुद्धिमान है”। (यू.डी.बी.)
|
||||
# “जो घमण्ड करे वह प्रभु में घमण्ड करे”
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “यदि कोई घमण्ड करे तो वह प्रभु की महानता पर घमण्ड करे”
|
|
@ -1,4 +0,0 @@
|
|||
# शब्दों के ज्ञान की उत्तमता के साथ
|
||||
“विवश कराने वाले उत्तम शब्दों के साथ नहीं”
|
||||
# और किसी बात को न जानूं
|
||||
पौलुस का मुख्य विचार मानवीय ज्ञान की अपेक्षा मसीह के क्रूसीकरण पर था। “और किसी बात को न जानूं” अर्थात संपूर्ण एकाग्रता मसीह पर ही
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# तुम्हारे साथ रहा
|
||||
“जब तुम्हारे मध्य रहा”
|
||||
# निर्बलता
|
||||
संभावित अर्थ हैं 1) “शारीरिक दुर्बलता”(देखें यू.डी.बी.), 2) “अपूर्ण शक्ति के बोध के साथ”
|
||||
# लुभानेवाली बातें
|
||||
आश्वस्त कराने वाली या मनुष्य को कुछ करने या विश्वास करने के लिए विवश करने वाली बातें।
|
||||
# मेरे वचन और मेरे प्रचार
|
||||
पौलुस का प्रचार और शुभ सन्देश
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# ज्ञान सुनाते हैं
|
||||
“ज्ञान की बातें सुनाते है”
|
||||
# सिद्ध लोगों में
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“परिपक्व विश्वासियों में”
|
||||
# हमारी महिमा के लिए
|
||||
“हमारी भावी महिमा सुनिश्चित करने के लिए”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# तेजोमय प्रभु
|
||||
“यीशु महिमामय प्रभु”
|
||||
# आंखों ने नहीं देखी और कान ने नहीं सुनी, ...चित्त में नहीं चढ़ी।
|
||||
यहाँ मनुष्यत्व की इन तीन ईन्द्रीयों पर बल देने का अभिप्राय यह है कि कोई भी मनुष्य परमेश्वर द्वारा तैयार की गई बातों को कभी समझ नहीं पाया है।
|
||||
# परमेश्वर ने अपने प्रेम करनेवालों के लिए जिन बातों को तैयार किया है।
|
||||
परमेश्वर ने अपने प्रेमियों के लिए स्वर्ग में अद्भुत आश्चर्य की बातें रखी है
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# उन को
|
||||
यीशु और उसके क्रूस के सत्य
|
||||
# कौन किसी मनुष्य की बातें जानता है, केवल मनुष्य की आत्मा?
|
||||
पौलुस इस प्रश्न द्वारा इस तथ्य पर बल दे रहा है कि विचार करनेवाले को छोड़ और कोई उसके विचार नहीं जान सकता है या मनुष्य की अपनी आत्मा के अतिरिक्त कोई नहीं जो उसके विचारों को जान पाए”।
|
||||
# केवल मनुष्य की आत्मा
|
||||
ध्यान दें, “आत्मा” मनुष्य की अशुद्ध एवं दुष्ट आत्मा का संदर्भ है जो परमेश्वर के आत्मा से भिन्न है।
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# परन्तु हम
|
||||
“हम” अर्थात पौलुस एवं उसके पाठक
|
||||
# परमेश्वर की ओर से है
|
||||
“परमेश्वर ने हमें बिना मोल दिया है” या “परमेश्वर ने हमें मुझ में दिया है”।
|
||||
# आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिलाकर सुनाते हैं
|
||||
पवित्र आत्मा अपने ही शब्दों में मिलकर विश्वासी तक परमेश्वर का सत्य पहुंचाता है और उन्हें अपना ज्ञान प्रदान करता है।
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# शारीरिक मनुष्य
|
||||
अविश्वासी मनुष्य जिसने आत्मा नहीं पाया है
|
||||
# उनकी जांच आत्मिक रीति से होती है
|
||||
“क्योंकि इन बातों को स्वीकरण आत्मा की सहायता की आवश्यकता है”।
|
||||
# आत्मिक जन
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “आत्मा पाया हुआ विश्वासी”
|
||||
# प्रभु का मन किसने जाना है कि उसे सिखाए
|
||||
प्रभु का मन किसने जाना है कि उसे सिखाए पौलुस इस प्रश्न के द्वारा इस तथ्य पर बल दे रहा है कि प्रभु का मन किसी ने नहीं जाना है? वैकल्पिक अनुवाद:“प्रभु का मन कोई नहीं जान सकता। अतः कोई उसे ऐसी बात नहीं सिखा सकता जो वह पहले से नहीं जानता है”।
|
10
1CO/03/01.md
10
1CO/03/01.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# आत्मिक लोगों से
|
||||
आत्मा के सामर्थ्य से पूर्ण लोगों से
|
||||
# शारीरिक लोगों से
|
||||
अपनी अभिलाषाओं के अनुसार चलने वालों में से
|
||||
# मसीह में बालक है
|
||||
कुरिन्थ के विश्वासियों की उन बालकों से तुलना की गई है जो आयु में बहुत कम और अबोध हैं, जैसे मसीह में बहुत कम आयु के विश्वासी।
|
||||
# मैंने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न खिलाया
|
||||
कुरिन्थ के विश्वासी नवजात शिशुओं के सदृश्य केवल दूध जैसे सत्य ही को ग्रहण कर सकते थे। वे विकसित बालकों की नाई ठोस आहार सदृश्य सत्य को अन्तर्ग्रहण नहीं कर सकते थे।
|
||||
# नहीं खा सकते हो
|
||||
“तुम मसीह के अनुसरण की कठिन बातों को ग्रहण करने योग्य नहीं हो”
|
14
1CO/03/03.md
14
1CO/03/03.md
|
@ -1,14 +0,0 @@
|
|||
# अब तब शारीरिक थे
|
||||
अब तब पापी या सांसारिक अभिलाषाओं के दास हो
|
||||
# क्या तुम शारीरिक नहीं?
|
||||
पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों को उनकी पापी प्रकृति के लिए झिड़कता है। “तुम अपने पापी स्वभाव के अनुसार जीवन जी रहे हो”।
|
||||
# क्या मनुष्य की रीति पर नहीं चलते?
|
||||
पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों को मानवीय मानकों के अनुसार जीवन निर्वाह हेतु झिड़कता है। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम मानवीय मानकों पर जीवन आचरण रखते हो”।
|
||||
# क्या तुम मनुष्य नहीं?
|
||||
पौलुस उन्हें पवित्र आत्मा रहित मनुष्यों का सा जीवन जीने के लिए झिड़कता है।
|
||||
# अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है?
|
||||
पौलुस जिस बात पर बल दे रहा है, वह है कि वह और अपुल्लोस सुसमाचार के मूल स्रोत नहीं हैं, अतः विश्वासियों के प्रचारक समूहों को सुसमाचार का स्रोत न बनाए। वैकल्पिक अनुवाद:"यह उचित नहीं कि विश्वासी पौलुस या अपुल्लोस के कारण अलग-अलग दल बनाकर सुसमाचार को विभाजित करे"
|
||||
# केवल सेवक जिनके द्वारा तुम ने विश्वास किया
|
||||
पौलुस स्वयं ही अपने प्रश्न का उत्तर देता है कि वे दोनों ही परमेश्वर के सेवक हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम ने पौलुस और अपुल्लोस की शिक्षाओं द्वारा शुभ सन्देश में विश्वास किया है”।
|
||||
# जैसा हर एक को प्रभु ने दिया
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने पौलुस को और अपुल्लोस को अपना-अपना काम दिया है”।
|
10
1CO/03/06.md
10
1CO/03/06.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# मैंने लगाया
|
||||
परमेश्वर के ज्ञान की तुलना एक बीज से की गई है, जिसे विकसित होने के लिए बोना आवश्यक है।
|
||||
# सींचा
|
||||
जैसे बीज को विकसित होने के लिए पानी की आवश्यकता होती है वैसे ही विश्वास की उन्नति करने के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है।
|
||||
# बढ़ाया
|
||||
जिस प्रकार पौधे विकसित होकर बढ़ते हैं उसी प्रकार विश्वास और परमेश्वर का ज्ञान विकसित होकर गहरा और अधिक दृढ़ होता है।
|
||||
# इसलिए न तो लगानेवाला कुछ है... परमेश्वर ही सब कुछ है जो बढ़ानेवाला है।
|
||||
पौलुस बल देकर कह रहा है कि विश्वासियों के आत्मिक विकास के लिए न तो उस और न ही अप्पुलोस को श्रेय जाता है परन्तु केवल परमेश्वर ही का कार्य है।
|
||||
#
|
||||
|
12
1CO/03/08.md
12
1CO/03/08.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# लगानेवाला और सींचनेवाला दोनों एक हैं
|
||||
लगाए और सींचना दोनों एक ही काम हैं जिसकी तुलना पौलुस कुरिन्थ की कलीसिया में मसीह सेवा निमित्त उसके और अप्पुलोस के कामों से करता है।
|
||||
# हर एक व्यक्ति अपने ही परिणाम के अनुसार अपनी मजदूरी पाएगा।
|
||||
मजदूर की मजदूरी उसके काम के अनुसार दी जाती है।
|
||||
# हमें
|
||||
पौलुस और अप्पुलोस, कुरिन्थ की कलीसिया नहीं
|
||||
# परमेश्वर के सहकर्मी हैं
|
||||
परमेश्वर के सहकर्मी हैं पौलुस अप्पुलोस को और स्वयं को परमेश्वर का सहकर्मी मानता है साथ काम करने वाले।
|
||||
# परमेश्वरी की खेती
|
||||
परमेश्वर कुरिन्थ की कलीसिया की बागवानी करता है जैसे मनुष्य बगीचे की बागवानी करके उसे फल देने योग्य बनाते हैं।
|
||||
# परमेश्वर की रचना ही
|
||||
परमेश्वर ने कुरिन्थ की कलीसिया को रूप देकर रचा है जैसे मनुष्य एक भवन का निर्माण करता है
|
10
1CO/03/10.md
10
1CO/03/10.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# परमेश्वर के इस अनुग्रह के अनुसार जो मुझे दिया गया
|
||||
“उस दायित्व के अनुसार जो परमेश्वर ने मुझे अनुग्रह करके दिया”।
|
||||
# मैंने....नींव डाली
|
||||
पौलुस विश्वास और मसीह यीशु में उद्धार की अपनी शिक्षा की तुलना एक भवन की नींव डालने से करता है।
|
||||
# दूसरा उस पर रद्दा रखता है
|
||||
दूसरा प्रचारक इन विश्वासियों को आत्मिक सहायता प्रदान करते हुए कलीसिया में सुसमाचार प्रचार का निर्माण ही करता है।
|
||||
# हर एक मनुष्य
|
||||
सामान्य रूप में परमेश्वर के सेवक। वैकल्पिक अनुवाद:“परमेश्वर की सेवा करनेवाला हर एक मनुष्य”
|
||||
# उस नींव को छोड़ जो पड़ी है
|
||||
नींव पर निर्माण हो जाने के बाद वह बदली नहीं जा सकती है। यहां मसीह रूपी नींव पर कुरिन्थ की कलीसिया का निर्माण जो पौलुस द्वारा किया गया है। “मुझ पौलुस ने जो नींव डाली उसके अतिरिक्त”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# कोई इस नींव पर सोना या चांदी या बहुमूल्य पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखे।
|
||||
किसी भवन का नवनिर्माण सामग्री की तुलना उन आत्मिक बातो से की जा रही है जिनके द्वारा मनुष्य के संपूर्ण जीवन का व्यवहार एवं कार्य ढाले जाते हैं। “मनुष्य बहुमूल्य स्थाई सामग्री काम में लेता है या घटिया ज्वलनशील सामग्री काम में लेता है”
|
||||
# बहुमूल्य पत्थर
|
||||
“मूल्यवान पत्थर”
|
||||
# हर एक काम प्रकट हो जाएगा क्योंकि वह दिन उसे बताएगा।
|
||||
“जिस प्रकार दिन का प्रकाश निर्माण में काम करने वाले के परिश्रम को प्रकट करता है उसी प्रकार परमेश्वर की उपस्थिति का प्रकाश मनुष्य के परिश्रम एवं कार्य की गुणवत्ता को प्रकट करेगा। “दिन का प्रकाश उसके काम की गुणवत्ता को प्रकट करेगा”।
|
||||
# आग हर एक के कामों की गुणवत्ता प्रकट करेगी।
|
||||
“जिस प्रकार दिन का प्रकाश निर्माण में काम करने वाले के परिश्रम को प्रकट करता है उसी प्रकार परमेश्वर की उपस्थिति का प्रकाश मनुष्य के परिश्रम एवं कार्य की गुणवत्ता को प्रकट करेगा।वैकल्पिक अनुवाद “दिन का प्रकाश उसके काम की गुणवत्ता को प्रकट करेगा”।
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# स्थिर रहेगा
|
||||
“नष्ट न होगा” या “ज्यों का त्यों रहेगा”। (यू.डी.बी.)
|
||||
# किसी का काम जल जाएगा
|
||||
“यदि आग किसी का काम भस्म कर देगी” या “किसी का काम आग में जल कर नष्ट हो गया”
|
||||
# “किसी का”, “वह” “वह आप”
|
||||
ये शब्द उस मनुष्य से संदर्भित है जो सेवा करता है, वैकल्पिक अनुवाद “वह व्यक्ति” या “वह”(यू.डी.बी.)
|
||||
# वह हानि उठाएगा पर वह आप बच जाएगा
|
||||
“वह उस काम से वंचित हो जाएगा और उस प्रतिफल से भी जो अग्नि परीक्षा के बाद उसके काम के स्थिर रहने पर उसे मिलता, परन्तु परमेश्वर उसे बचा लेगा”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है।
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “तुम परमेश्वर का मन्दिर हो और परमेश्वर की आत्मा तुम में वास करता है”।
|
||||
# नष्ट करेगा
|
||||
“नष्ट करेगा” या “क्षतिग्रस्त करेगा”
|
||||
# परमेश्वर उसका नाश करेगा क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है और वह तुम हो।
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर उसका सर्वनाश करेगा क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है और तुम भी पवित्र हो”।
|
12
1CO/03/18.md
12
1CO/03/18.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# कोई अपने आप को धोखा न दे
|
||||
कोई इस भ्रम में न रहे कि वही इस संसार में बुद्धिमान है
|
||||
# इस संसार में
|
||||
“इस समय”
|
||||
# मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए
|
||||
“वह इस संसार द्वारा निर्धारित मूर्खता का अपनाए कि परमेश्वर का सच्चा ज्ञान प्राप्त करे”।
|
||||
# "वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में फंसा देता है"
|
||||
“वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में फंसा देता है और उन्हीं की योजनाओं को उनके लिए जाल बना देता है।
|
||||
# प्रभु ज्ञानियों के विचारों को जानता है।
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “जो सोचते हैं कि वे बुद्धिमान है परन्तु परमेश्वर उनकी योजनाओं को जानता है”। या “परमेश्वर बुद्धिमानों की सब योजनाओं को सुनता है”। (यू.डी.बी.)
|
||||
# व्यर्थ हैं
|
||||
“व्यर्थ”, वैकल्पिक अनुवाद: “निकम्मी”, या “निरर्थक”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# मनुष्यों पर कोई घमण्ड न करे
|
||||
पौलुस कुरिन्थ की कलीसिया को निर्देश दे रहा है। वैकल्पिक अनुवाद, “घमण्ड करना छोड़ दो कि हमारा अगुआ दूसरे से अधिक ज्ञानी है”।
|
||||
# घमण्ड
|
||||
“अत्यधिक गर्व करना” कुरिन्थ की कलीसिया में विभाजित दल मसीह यीशु की उपासना की अपेक्षा अपने नायकों पर गर्व करते थे।
|
||||
# तुम मसीह के हो और मसीह परमेश्वर का है
|
||||
“तुम मसीह के हो और मसीह परमेश्वर का है”
|
|
@ -1,4 +0,0 @@
|
|||
# (इस सम्बन्ध में)
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि हम भण्डारी हैं”
|
||||
# भण्डारी में यह बात देखी जाती है कि
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “हमारे लिए अनिवार्य है कि”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# यह बहुत छोटी बात है कि तुम पर मनुष्यों का कोई न्यायी मुझे परखे
|
||||
पौलुस मनुष्य के न्याय और परमेश्वर के न्याय में तुलना कर रहा है। परमेश्वर मनुष्य का न्याय करता है तब उसके सामने मनुष्य द्वारा किया गया न्याय कोई अर्थ नहीं रखता है।
|
||||
# मेरा मन मुझे किसी बात का दोषी नहीं ठहराता
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मैंने अपने ऊपर कोई दोष लगाया गया नहीं सुना है”।
|
||||
# इससे मैं निर्दोष नहीं ठहरता, क्योंकि मेरा परखनेवाला प्रभु है।
|
||||
दोष न होना मेरी निर्दोषिता को सिद्ध नहीं करता है। केवल प्रभु जानता है कि मैं निर्दोष हूं या दोषी।
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# इसलिए.... किसी बात का न्याय न करो
|
||||
प्रभु जब आएगा तक वह न्याय करेगा, हमें न्याय करने की आवश्यकता नहीं है
|
||||
# जब तक प्रभु न आए
|
||||
प्रभु के पुनः आगमन तक
|
||||
# मनों के अभिप्रायों को
|
||||
“मनुष्यों के आन्तरिक उद्देश्यों को”
|
||||
# वही अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखायेगा और मनों के अभिप्रायों को प्रगट करेगा।
|
||||
परमेश्वर मनुष्य के मन के विचार और उद्देश्यों को सामने लाएगा। प्रभु के समक्ष कुछ भी छिपा नहीं है।
|
12
1CO/04/06.md
12
1CO/04/06.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# तुम्हारे कारण
|
||||
”तुम्हारे लाभ के लिए“
|
||||
# लिखे हुए से आगे न बढ़ना
|
||||
“धर्मशास्त्र में जो लिखा है उसके विपरीत कुछ न करना”
|
||||
# एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में गर्व न करना
|
||||
पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों को झिड़क रहा है क्योंकि वे सोचते थे कि पौलुस या अप्पुलोस द्वारा शुभ सन्देश सुनने के कारण वे दूसरों से अधिक अच्छे हैं। वैकल्पिक अनुवाद, “तुम अन्य मनुष्यों से श्रेष्ठ नहीं”।
|
||||
# तेरे पास क्या है, जो तूने (दूसरे से) नहीं पाया?
|
||||
पौलुस बल देकर कहता है कि उनके पास जो है वह परमेश्वर ने उन्हें अनर्जित दिया है, वैकल्पिक अनुवाद, “तुम्हारे पास जो कुछ भी है, वह परमेश्वर ने तुम्हें दिया है”
|
||||
# तो ऐसा घमण्ड क्यों करता है कि मानो नहीं पाया?
|
||||
पौलुस उन्हें झिड़क रहा है कि क्योंकि वे अपनी सम्पदा पर घमण्ड करते थे, “तुम्हें घमण्ड करने का अधिकार नहीं है” या “घमण्ड कभी नहीं करना”
|
||||
#
|
||||
|
10
1CO/04/08.md
10
1CO/04/08.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# हो चुके
|
||||
पौलुस उपहास द्वारा अपनी बात समझाता है
|
||||
# परमेश्वर ने हम प्रेरितों को... एक तमाशा ठहरे
|
||||
परमेश्वर ने हम प्रेरितों को.... एक तमाशा ठहरे परमेश्वर दो प्रकार से व्यक्त करता है कि परमेश्वर ने संसार में प्रेरितों का प्रदर्शन कैसे किया।
|
||||
# तमाशा ठहरे हैं
|
||||
रोमी सैनिक जुलूस के अन्त में बन्दियों को मृत्युदण्ड से पूर्व अपमानित किया जाता था वैसे ही परमेश्वर ने प्रेरितों के साथ किया है।
|
||||
# उन लोगों के समान.... जिनकी मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है
|
||||
परमेश्वर ने प्रेरितों को मृत्युदण्ड प्राप्त मनुष्यों के सदृश्य प्रदर्शन में रख दिया है।
|
||||
# स्वर्गदूतों और मनुष्यों के लिए
|
||||
अलौकिक और लौकिक दोनों के लिए
|
12
1CO/04/10.md
12
1CO/04/10.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# हम मसीह के लिए मूर्ख हैं, परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो
|
||||
पौलुस संसारिक दृष्टिकोण और मसीह में विश्वास के मसीही दृष्टिकोण में विषमता दर्शाता है।
|
||||
# हम निर्बल है, परन्तु तुम बलवान हो
|
||||
मसीह में विश्वास करने के दृष्टिकोण और संसारिक दृष्टिकोण की विषमता पौलुस प्रकट करता है
|
||||
# तुम आदर करते हो
|
||||
“मनुष्य तुम कुरिन्थवासियों को सम्मान देते है”
|
||||
# हम निरादर होते हैं
|
||||
“मनुष्य हम प्रेरितों का अनादर करते हैं”
|
||||
# हम इस घड़ी तक
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “अब तक” या “आज भी”
|
||||
# घूसे खाते हैं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “हमें कठोरता से पीटा जाता है”
|
10
1CO/04/12.md
10
1CO/04/12.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# लोग हमें बुरा कहते हैं, हम आशीष देते हैं
|
||||
“जब लोग हमारी निन्दा करते हैं तब हम उन्हें आशीर्वाद देते हैं”
|
||||
# बुरा
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “ठट्ठा” संभवतः “अपशब्द” या “कोसते हैं” (यू.डी.बी.)
|
||||
# जब वे सताते हैं
|
||||
“जब मनुष्य हमें सताते हैं”
|
||||
# वे बदनाम करते हैं
|
||||
“जब लोग अनुचित रूप से हमें बुरा करने वाला कहते हैं”
|
||||
# हम आज तक जगत का कूड़ा
|
||||
हम आज तक जगत का कूड़ा “हम तो हो ही गए है और लोग हमें आज तक संसार का कूड़ा कहते है”।
|
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# मैं तुम्हें लज्जित करने के लिए ये बातें नहीं लिखता परन्तु.... चिताता हूं।
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मैं तुम्हें लज्जित करने के अभिप्राय से नहीं परन्तु तुम्हें विश्वास में और उन्नत बनाने के लिए” या “यह नहीं कि मै तुम्हे नीचा दिखाना चाहता हूँ परन्तु यह है कि मै तुम्हारे विश्वास में सुधार करना चाहता हूँ।(यू.डी.बी.)
|
||||
# तुम्हारे सिखाने वाले दस हजार भी होते
|
||||
उन्हें शिक्षा देने वालों की संख्या की अतिशयोक्ति है, परन्तु एक आत्मिक पिता के महत्व पर बल दिया गया है
|
||||
# प्रिय बालक...पिता
|
||||
पौलुस उन्हें मसीह में लाया था इसलिए वह उनका पिता हुआ।
|
||||
# सुधारा
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “उन्नति” या “अधिक अच्छा”
|
||||
# विनती
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “प्रबल प्रोत्साहन देने हेतु” या “प्रबल अनुशंसा हेतु”
|
|
@ -1,2 +0,0 @@
|
|||
# अब
|
||||
पौलुस उनके अभिमानी स्वभाव को झिड़कने पर ध्यान देता है
|
10
1CO/04/19.md
10
1CO/04/19.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# आऊंगा
|
||||
“मैं तुम्हारे मध्य उपस्थित होऊंगा”
|
||||
# बातों में नहीं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “शब्दों का जाल नहीं है” या “तुम्हारे कहने ही से नहीं है”। (यू.डी.बी.)
|
||||
# तुम क्या चाहते हो?
|
||||
पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों को उनकी चूक पर झिड़कते हुए अन्तिम बार आग्रह कर रहा है। “मुझे बताओ कि तुम अब क्या कहते हो कि किया जाए”।
|
||||
# क्या मैं छड़ी लेकर तुम्हारे पास आऊं या प्रेम और नम्रता की आत्मा के साथ
|
||||
पौलुस उनसे कह रहा है कि जब उनके मध्य आए तो दो से एक व्यवहार करे। “क्या तुम चाहते हो कि जब मैं आऊं तो कठोरता के साथ शिक्षा दूं या तुम चाहते हो कि तुम से तुम्हारे साथ प्रेम का सा नम्रता का व्यवहार करूं”?
|
||||
# नम्रता की आत्मा
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “दया” या “कोमलता”
|
10
1CO/05/01.md
10
1CO/05/01.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# अन्यजातियों में भी नहीं होता
|
||||
“अन्यजाति लोग भी ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं करते हैं”।
|
||||
# रखता है
|
||||
“यौन संबन्ध रखता है”
|
||||
# पिता की पत्नी
|
||||
उसके पिता की पत्नी जो संभवतः उसकी माता नहीं है
|
||||
# तुम शोक तो नहीं करते
|
||||
यह प्रभावोत्पादक प्रश्न उन्हें झिड़कने के लिए है, “इसकी अपेक्षा तुम्हें क्या शोक नहीं करना चाहिए”?
|
||||
# ऐसा काम करने वाला तुम्हारे बीच में से निकाला जाता।
|
||||
“उसे तुम अपनी संगति से बहिष्कृत कर दो”
|
12
1CO/05/03.md
12
1CO/05/03.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# आत्मा के भाव से
|
||||
पौलुस के मन में सदैव उनका विचार था। “मैं अपने विचारों में तुम्हारे मध्य था”।
|
||||
# ऐसे काम करनेवाले के विषय में यह आज्ञा दे चुका हूं
|
||||
“मैंने उसे दोषी पाया है”
|
||||
# इकट्ठे हो
|
||||
“सभा करें”
|
||||
# प्रभु यीशु की सामर्थ्य के साथ
|
||||
मसीह यीशु की आराधना में एकत्र होने के लिए यह एक मुहावरा है।
|
||||
# शैतान को सौंपा जाए
|
||||
उस मनुष्य को परमेश्वर के लोगों से अलग कर दिया जाए कि वह शैतान के राज्य में वास करे, कलीसिया के बाहर के संसार में।
|
||||
# शरीर के विनाश के लिए
|
||||
कि वह रोग ग्रस्त हो जाए, परमेश्वर से पाप का दण्ड पाए।
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# क्या तुम नहीं जानते कि थोड़ा सा खमीर पूरे गूंधे हुए आटे को खमीर कर देता है?
|
||||
जिस प्रकार कि थोड़ा सा खमीर पूरे गूंधे हुए आटे को खमीर कर देता है उसी प्रकार एक छोटा पाप भी संपूर्ण मसीही सहभागिता को दूषित कर देता है”।
|
||||
# बलिदान हुआ
|
||||
“प्रभु परमेश्वर ने मसीह यीशु की बलि चढ़ाई”
|
||||
# हमारा भी फसह जो मसीह है, बलिदान हुआ
|
||||
जिस प्रकार फसह का मेमना इस्राएल के पापों को ढांप देता था विश्वास के द्वारा प्रतिवर्ष उसी प्रकार मसीह की मृत्यु मसीह में विश्वास करनेवालों के पाप अनन्तकाल के लिए ढांप देती है।
|
10
1CO/05/09.md
10
1CO/05/09.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# व्यभिचारियों
|
||||
वे लोग जो मसीह में विश्वास का दावा करके ऐसी व्यवस्था करते हैं।
|
||||
# इस जगत के व्यभिचारियों
|
||||
अविश्वासी जो अनैतिक जीवन जी रहें हैं।
|
||||
# लोभियों
|
||||
“लालची लोग” या “दूसरों के पास जो है उसकी लालसा करते है”।
|
||||
# अन्धेर करनेवालों
|
||||
अंधेर करने वालों अर्थात वे लोग जो पैसे या सम्पदा के लिए धोखा करते हैं।
|
||||
# पौलुस का अभिप्राय संसार के भौतिक लोगों से नहीं था क्योंकि ऐसे में तो उन्हें संसार से बाहर चले जाना होगा।
|
||||
संसार में ऐसे व्यवहार से बचा कोई स्थान नहीं है, वैकल्पिक अनुवाद: “इससे बचने के लिए तुम्हें सब मनुष्यों से बचना होगा”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# भाई कहला कर
|
||||
जो स्वयं को मसीह का विश्वासी कहे
|
||||
# मुझे बाहर वालों का न्याय करने से क्या काम?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मैं कलीसिया से बाहर के मनुष्य का न्याय नहीं करता हूं”।
|
||||
# क्या तुम भीतरवालों का न्याय नहीं करते
|
||||
“तुम्हें कलीसिया के सदस्यों का न्याय करना है”। (देखे: )
|
18
1CO/06/01.md
18
1CO/06/01.md
|
@ -1,18 +0,0 @@
|
|||
# झगड़ा
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मतभेद” या “विवाद”
|
||||
# अधर्मियों के पास
|
||||
न्यायालय जहां न्यायाधीश अभियोग के निर्णय देता है
|
||||
# क्या तुम में से किसी को यह हियाव है कि.... फैसले के लिए अधर्मियों के पास जाए?
|
||||
पौलुस कहता है कि विश्वासियों को अपने झगड़े स्वयं निपटा लेना चाहिए। वैकल्पिक अनुवाद: “अपने विश्वासी भाई पर लगाया गया आरोप एक अविश्वासी न्यायधीश के पास न ले जाएं। विश्वासी भाइयों को अपने झगड़े स्वयं निपटा लेना चाहिए।”
|
||||
# क्या तुम नहीं जानते कि पवित्र लोग जगत का न्याय करेंगे?
|
||||
पौलुस संसार के न्याय के भावी परिप्रेक्ष्य की चर्चा कर रहा है।
|
||||
# जब तुम्हें जगत का न्याय करना है तो क्या तुम छोटे से छोटे झगड़े का भी निर्णय करने के योग्य नहीं?
|
||||
पौलुस कहता है कि भविष्य में उन्हें संपूर्ण संसार का न्याय करने का उत्तरदायित्व एवं योग्यता प्रदान की जायेगी। इस कारण उन्हें वर्तमान के छोटे मोटे झगड़े आपस ही में निपटा लेने चाहिए। “तुम भविष्य में संसार का न्याय करोगे, अतः इन छोटी-छोटी बातो का न्याय उस समय स्वयं ही करो”।
|
||||
# सांसारिक बातों
|
||||
“मतभेद” या “विवाद”
|
||||
# क्या तुम नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे?
|
||||
“तुम जानते हो कि हम स्वर्गदूतो का न्याय करेंगे”
|
||||
# हम
|
||||
पौलुस और कुरिन्थ की कलीसिया
|
||||
# तो क्या सांसारिक बातों का निर्णय न करें
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि हमें स्वर्गदूतों का न्याय करने का उत्तरदायित्व एवं योग्यता प्रदान की जाएगी इसलिए हम निश्चय ही इस जीवन की बातों का न्याय कर सकते हैं”।
|
18
1CO/06/04.md
18
1CO/06/04.md
|
@ -1,18 +0,0 @@
|
|||
# यदि तुम्हें सांसारिक बातों का निर्णय करना हो
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “यदि तुम्हें दैनिक जीवन की बातों का निर्णय करना हो” या “तुम्हें इस जीवन के विषयों के संबन्ध में निर्णय लेना हो”। (यू.डी.बी.)
|
||||
# क्या उन्हीं को बैठाओगे
|
||||
“तुम्हें ऐसे लोगों को नहीं बैठाना है”
|
||||
# कलीसिया में कुछ नहीं समझे जाते
|
||||
पौलुस कुरिन्थ की कलीसिया को झिड़क रहा है कि वे इन बातों का कैसे न्याय कर रहे है”। इसके संभावित अर्थ हैं, 1) “तुम्हें अपने विषय कलीसिया में उचित निर्णय लेने में अयोग्य मनुष्यों के समक्ष नहीं रखना चाहिए 2) “तुम्हें कलीसिया के बाहर के लोगों के समक्ष अपने विषय नहीं रखने चाहिए”। 3) “तुम इन विषयों को कलीसिया के उन सदस्यों के समक्ष भी रख सकते हो जिनका मान कलीसिया में नहीं है”।
|
||||
# तुम्हें लज्जित करने के लिए
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “तुम्हारे अपमान के लिए” या “तुम पर प्रकट करने के लिए कि तुम कैसे चूक गए हो”(यू.डी.बी)।
|
||||
# क्या सचमुच तुम में एक भी बुद्धिमान नहीं मिलता जो अपने भाइयों का निर्णय कर सके?
|
||||
“तुम्हें एक बुद्धिमान विश्वासी को खोजकर विश्वासियों के विवाद सुलझाना चाहिए”।
|
||||
# झगड़ा
|
||||
“विवाद” या “मतभेद”
|
||||
# वह भी
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “जैसा हो रहा है” या “इसकी अपेक्षा” (यू.डी.बी.)
|
||||
# भाई-भाई में मुकद्दमा होता है और वह भी अविश्वासियों के सामने
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “आपस में झगड़ने वाले विश्वासी अविश्वासी न्यायधीशों के पास न्याय के लिए जाते है”।
|
||||
# मुकद्दमा होता है
|
||||
“विश्वासी मुकद्दमा करता है”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# अपनी हानि
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “विफलता” या “क्षति”
|
||||
# अन्याय
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “धूर्तता” या “धोखा”
|
||||
# अन्याय क्यों नहीं सहते? हानि क्यों नहीं सहते
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: उचित तो यह है कि न्यायालय में जाने की अपेक्षा अन्याय सह लो, हानि उठा लो।
|
||||
# भाइयों को
|
||||
सब मसीही विश्वासी आपस में भाई-बहन हैं,वैकल्पिक अनुवाद: “साथी विश्वासियों को”
|
|
@ -1,20 +0,0 @@
|
|||
# क्या तुम नहीं जानते
|
||||
वह इस बात पर बल देता है कि उन्हें तो इस तथ्य का ज्ञान होना चाहिए था। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम तो यह जानते ही हो” )
|
||||
# परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे
|
||||
न्याय के समय परमेश्वर उन्हें धर्मी नहीं ठहराएगा और वे अनन्त जीवन नहीं पाएंगे”।
|
||||
# पुरूषगामी
|
||||
पुरूष के साथ संभोग करने वाला आवश्यक नहीं कि वह पैसा ले।
|
||||
# समलैंगिक संबन्ध रखनेवाले
|
||||
पुरूष के साथ संभोग करे
|
||||
# चोर
|
||||
“चोरी करने वाले” या “लूटनेवाले”
|
||||
# लोभियों
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: "वे मनुष्य जो माल संचय करते हे जिससे अन्य लोग वंचित रह जाते हैं।"
|
||||
# अन्धेर करने वाले
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “धोखा देने वाले” या “विश्वासघात करने वाले-चोरी करने वाले”(यू.डी.बी.)
|
||||
# धोए गए
|
||||
परमेश्वर ने तुम्हें शुद्ध कर दिया है
|
||||
# और पवित्र हुए
|
||||
परमेश्वर ने तुम्हें पवित्र कर दिया है।
|
||||
# धर्मी ठहरे
|
||||
परमेश्वर ने तुम्हें अपने साथ उचित संबन्ध में कर लिया है
|
12
1CO/06/12.md
12
1CO/06/12.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# “सब वस्तुएं मेरे लिए उचित तो हैं”
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “कुछ लोग कहते हैं, मैं कुछ भी कर सकता हूं” या “मुझे कुछ भी करने की अनुमति है”।
|
||||
# परन्तु सब वस्तुएं लाभ की नहीं
|
||||
“परन्तु मेरे लिए सब लाभकारी नहीं है”
|
||||
# मैं किस बात के अधीन हूंगा
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मुझ पर कुछ भी स्वामी होकर प्रभुता नहीं करे”।
|
||||
# "भोजन पेट के लिए और पेट भोजन के लिए है, परन्तु परमेश्वर...दोनों को नष्ट करेगा।"
|
||||
परमेश्वर दोनों का अन्त कर देगा “कुछ का कहना है, भोजन पेट के लिए और पेट भोजन के लिए, परन्तु परमेश्वर भोजन और पेट दोनों का अन्त कर देगा।
|
||||
# पेट
|
||||
शरीर का अंग पेट
|
||||
# नष्ट कर देगा
|
||||
“अन्त कर देगा”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# प्रभु को जिलाया
|
||||
“यीशु को पुर्नजीवित किया”
|
||||
# क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं?
|
||||
जिस प्रकार हमारे हाथ और पैर हमारी देह के अंग हैं उसी प्रकार हमारी देह मसीह की देह अर्थात कलीसिया का अंग है। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम्हारी देह मसीह का अंग है”।
|
||||
# तो क्या मैं मसीह के अंग लेकर वैश्या के अंग बनाऊं?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“तुम मसीह की देह का अंग हो, मैं तुम्हें वैश्या से जुड़ने नहीं दूंगा”?
|
||||
# कदापि नहीं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “ऐसा कभी ना हो”
|
|
@ -1,4 +0,0 @@
|
|||
# क्या तुम नहीं जानते
|
||||
“तुम जानते हो”। पौलुस इस तथ्य पर बल दे रहा है कि वे उस बात को जानते है।
|
||||
# जो प्रभु की संगति में रहता है, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “जो प्रभु के साथ जुड़ता है, वह उसके साथ आत्मा में एक हो जाता है”।
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# बचे रहो
|
||||
मनुष्य वैसे संकट से दूर भागता है वैसे ही पाप से भागने का भाव यहां व्यक्त है। “दूर हो जाओ”।
|
||||
# पाप मनुष्य करता है
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “करता है” या “भागी होता है”
|
||||
# वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करनेवाला अपनी ही देह के विरूद्ध पाप करता है।
|
||||
व्यभिचार का पाप का परिणाम मनुष्य के शरीर को रोग ग्रस्त करता है, परन्तु अन्य पाप उसके अपने शरीर को ऐसी हानि नहीं पंहुचाते है।
|
10
1CO/06/19.md
10
1CO/06/19.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# क्या तुम नहीं जानते
|
||||
“तुम जानते हो” पौलुस बल देकर कहता है कि वे इस सत्य से अभिज्ञ हैं।
|
||||
# देह
|
||||
प्रत्येक विश्वासी का शरीर पवित्र आत्मा का निवास स्थान है।
|
||||
# पवित्र आत्मा का मन्दिर
|
||||
मन्दिर अलौकिक शक्ति को समर्पित किया जाता है और वह उसमें वास करती है। इसी प्रकार कुरिन्थ के प्रत्येक विश्वासी की देह एक मन्दिर है, जिसमें पवित्र आत्मा वास करता है।
|
||||
# दाम देकर मोल लिए गए हो
|
||||
परमेश्वर ने कुरिन्थ के विश्वासियों को दाम देकर पाप के दासत्व में से निकाल लिया था।। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने तुम्हारी स्वतंत्रता के लिए कीमत दी है”
|
||||
# इस कारण
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “अतः” या “क्योंकि यह सच है इसलिए....” या “इस सत्य के कारण”
|
14
1CO/07/01.md
14
1CO/07/01.md
|
@ -1,14 +0,0 @@
|
|||
# अब
|
||||
पौलुस अपनी शिक्षा में एक नया प्रसंग आरंभ करता है।
|
||||
# उन बातों के विषय जो तुमने लिखी
|
||||
उन्होंने कुछ बातों के बारे में पौलुस से पत्र लिखकर पूछा था
|
||||
# पुरूष
|
||||
यहाँ कहने का अर्थ है पति
|
||||
# यह अच्छा है
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “यह उचित एवं स्वीकार्य है”
|
||||
# स्त्री को न छूए
|
||||
“पति का पत्नी के साथ यौन संबन्ध नहीं बनाना भी कभी उचित होता है”।
|
||||
# व्यभिचार के डर से
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि मनुष्य यौनाचार के पाप की परीक्षा में गिर सकता है”।
|
||||
# हर एक पुरूष की पत्नी और हर एक स्त्री का पति हो
|
||||
इसे बहु विवाह की संस्कृति के लिए इसे स्पष्ट करता है। “प्रत्येक पुरूष की एक ही पत्नी हो और प्रत्येक स्त्री का एक ही पति हो”।
|
|
@ -1,2 +0,0 @@
|
|||
# पत्नी का हक
|
||||
पति-पत्नी दोनों ही परस्पर यौन दायित्व पूरा करें।
|
16
1CO/07/05.md
16
1CO/07/05.md
|
@ -1,16 +0,0 @@
|
|||
# एक दूसरे से अलग न रहो
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “अपने जीवन साथी को यौनतुष्टि से वंचित मत करो”।
|
||||
# प्रार्थना के लिए अवकाश मिले
|
||||
आपसी सहमति से यौनाचार से वंचित होना उचित है परन्तु केवल गहन प्रार्थना के लिए यहूदियों में यह अवकाश 1-2 सप्ताह का होता था।
|
||||
# फिर एक साथ रहो
|
||||
“समर्पित रहो”
|
||||
# फिर एक साथ रहो
|
||||
“यौन संबन्धों में लौट आओ”
|
||||
# तुम्हारे असंयम के कारण
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि कुछ समय पश्चात तुम्हारी वासना वश में नहीं रहेगी”।
|
||||
# मैं जो यह कहता हूं यह अनुमति है न कि आज्ञा है
|
||||
पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों को परामर्श देता है कि प्रार्थना ही के लिए वे यौन संबन्ध में अन्तराल रखें परन्तु यह एक अलग बात है, एक सतत् अनिवार्यता नहीं है।
|
||||
# जैसा मैं हूं
|
||||
पौलुस के सदृश्य अविवाहित (या तो पूर्वकालिक विवाहित या अविवाहित)
|
||||
# हर एक को परमेश्वर की ओर से विशेष वरदान मिले हैं, किसी को किसी प्रकार और किसी को किसी और प्रकार का
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर ने एक मनुष्य को एक योग्यता से संवारा है तो दूसरे को दूसरी से”
|
10
1CO/07/08.md
10
1CO/07/08.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# अविवाहितों
|
||||
“जो इस समय विवाह के बंधन में नहीं हैं” इसमें अविवाहित और विवाह विच्छेदित एवं विधुर सब हैं।
|
||||
# विधवाओं
|
||||
जिस स्त्री का पति मर गया है,
|
||||
# अच्छा है
|
||||
अच्छा है - यहां “अच्छा शब्द का अर्थ उचित एवं स्वीकार्य है। वैकल्पिक अनुवाद: “उचित एवं स्वीकार्य है”।
|
||||
# विवाह
|
||||
पति-पत्नी हो जाएं
|
||||
# कामातुर
|
||||
कामातुर - लगातार यौन वासना के वश में रहने से”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# विवाह
|
||||
जीवनसाथी से (पति या पत्नी)
|
||||
# अलग न हो
|
||||
अधिकांश यूनानी शब्द स्पष्ट नहीं करते कि वैध विवाह विच्छेद न हो मात्र अलग हों। अधिकांश दम्पतियों के लिए अलग रहने का अर्थ था विवाह विच्छेद।
|
||||
# छोड़े
|
||||
इसका अर्थ भी विवाह विच्छेद से ही है। उपरोक्त टिप्पणी देखें। इसका तात्पर्य वैध विवाह विच्छेद या मात्र अलग रहने से है।
|
||||
# मेल कर ले
|
||||
“वह अपने पति से समझौता करके लौट आए”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# प्रसन्न हो
|
||||
“इच्छुक हो” या “सन्तुष्ट है”
|
||||
# पवित्र ठहरता है
|
||||
“परमेश्वर ने उस अविश्वासी पति को पवित्र कर दिया है”
|
||||
# पत्नी.... पवित्र ठहरती है
|
||||
“परमेश्वर ने इस अविश्वासी पत्नी को पवित्र कर दिया है” )
|
||||
# पवित्र हैं
|
||||
परमेश्वर ने उन्हें पवित्र कर दिया है।
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# ऐसी दशा में कोई भाई या बहिन बंधन में नहीं
|
||||
“ऐसी स्थिति में विश्वासी पति/पत्नी पर विवाह का बन्धन नहीं है”
|
||||
# हे स्त्री, तू क्या जानती है कि तू अपने पति का उद्धार करा लेगी?
|
||||
“तू नहीं जानती कि अपने अविश्वासी पति का उद्धार करा पाएगी या नहीं”?
|
||||
# हे पुरूष, तू क्या जानता है कि अपनी पत्नी का उद्धार करा पाएगा?
|
||||
“तू नहीं जानता कि अपनी अविश्वासी पत्नी का उद्धार करा पाएगा या नहीं”।
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# हर एक को
|
||||
“प्रत्येक विश्वासी को”
|
||||
# सब कलीसियाओं में ऐसा ही ठहराता हूं
|
||||
पौलुस सब कलीसियाओं में विश्वासियों को ऐसी ही आचरण की शिक्षा दे रहा था।
|
||||
# खतना किया हुआ बुलाया गया हो वह खतना रहित न बने।
|
||||
पौलुस खतना वालों (यहूदियों से कह रहा है) जिन्होंने खतना करा लिया था वे बुलाहट के समय खतना की दशा में थे।
|
||||
# जो खतना रहित बुलाया गया हो वह खतना न करवाए
|
||||
अब पौलुस खतनारहितों को कह रहा है। “खतनारहितों परमेश्वर ने जब तुम्हें बुलाया था तब तुम्हारा खतना नहीं हुआ था।”
|
12
1CO/07/20.md
12
1CO/07/20.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# जिस दशा में बुलाया गया हो उसी में रहे
|
||||
यहां “बुलाया गया” का संदर्भ सेवावृत्ति या सामाजिक स्तर से है जिसमें आप थे “वैसे ही रहो और काम करो जैसे थे”।(यू.डी.बी)
|
||||
# यदि तू दास की दशा में बुलाया गया?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर की बुलाहट के समय दास था”
|
||||
# प्रभु का स्वतंत्र किया हुआ
|
||||
यह स्वतंत्रता प्रभु की देन है, अतः शैतान और पाप से मुक्त है
|
||||
# तुम दाम देकर मोल लिए गए हो
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मसीह ने अपनी जान देकर तुम्हें मोल लिया है
|
||||
# बुलाया गया
|
||||
“जब परमेश्वर ने हमें बुलाया कि उसमें विश्वास करें”
|
||||
# (हमारे-हम)
|
||||
सब विश्वासी
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# कुँवारियों के विषय में प्रभु की कोई आज्ञा मुझे नहीं मिली
|
||||
कुँवारियों के विषय में प्रभु की कोई आज्ञा मुझे नहीं मिली - ऐसी स्थिति के बारे में पौलुस को प्रभु की शिक्षा स्मरण नहीं है। वैकल्पिक अनुवाद: “जिन्होंने कभी विवाह नहीं किया उनके लिए मुझे प्रभु से कोई आज्ञा प्राप्त नही है”
|
||||
# मेरी समझ में
|
||||
पौलुस स्पष्टीकरण देता है कि विवाह संबन्धित ये निर्देशन उसके विचार से हैं, प्रभु की आज्ञाएं नहीं हैं।
|
||||
# इस कारण
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “अतः” या “ इस कारण”
|
||||
# क्लेश के कारण
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “आनेवाले विनाश के कारण”
|
12
1CO/07/27.md
12
1CO/07/27.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# यदि तेरे पत्नी है
|
||||
पौलुस विवाहित पुरूषों से कह रहा है, वैकल्पिक अनुवाद: “यदि तू विवाहित है”।
|
||||
# अलग होने का यत्न न कर
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “विवाह के बन्धन से मुक्त होने का प्रयास मत कर”
|
||||
# यदि तेरे पत्नी नहीं
|
||||
अब पौलुस अविवाहितों से कह रहा है, वैकल्पिक अनुवाद: “यदि इस समय तुम पत्नी रहित हो”
|
||||
# “पत्नी की खोज न कर”
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “विवाह का विचार मत कर”
|
||||
# (समर्पित)
|
||||
“किया” या “सहभागी”
|
||||
# मैं बचाना चाहता हूं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मैं नहीं चाहता कि...”
|
12
1CO/07/29.md
12
1CO/07/29.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# समय कम किया गया है
|
||||
वैकल्पिक अमुवाद: “समय बहुत कम है” या “समय लगभग समाप्त हो गया है”
|
||||
# रोते
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “रोएं” या “आंसू बहाकर दुःखी हों”
|
||||
# उनके पास कुछ भी नहीं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “उनके पास सम्पदा है ही नहीं”
|
||||
# संसार के साथ व्यवहार करने वाले
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“जो प्रतिदिन अविश्वासियों के साथ लेन-देन करते है"
|
||||
# संसार में निर्वाह करनेवालों को ऐसा व्यवहार क्यों करना है कि मानों उन्हें संसार से कोई सरोकार नहीं?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “जैसे कि उन्होंने अविश्वासियों के साथ कोई व्यवहार नहीं किया”
|
||||
# संसार की रीति और व्यवहार बदलते जाते हैं
|
||||
क्योंकि संसार पर शैतान का राज शीघ्र ही समाप्त होगा
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# चिन्ता न हो
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “शान्ति मिले” या “निश्चिन्त रहो”
|
||||
# चिन्ता में रहता है
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “ध्यान में रहता है”
|
||||
# संसार की बातों की
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“परमेश्वर को और अपनी पत्नी दोनों को प्रसन्न करना चाहता है”
|
|
@ -1,4 +0,0 @@
|
|||
# फंसने के लिए
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “बोझ डालने के लिए” या “बन्धन में रखने के लिए”
|
||||
# सेवा में
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “प्रभु में ध्यान लगाए रहो”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# हक मार रहा हूं
|
||||
“कठोरता का व्यवहार कर रहा हूं” या “मान प्रदान नहीं करता”
|
||||
# कुंवारी
|
||||
इसके संभावित अर्थ हैं, 1) “जिसे उसे मैंने उसे विवाह का वचन दिया है।” 2)“उसकी कुंवारी पुत्री”
|
||||
# विवाह होने दे
|
||||
संभावित अर्थ है, 1)“वह अपनी मंगेतर से विवाह करे।” 2) “अपनी पुत्री का विवाह कर दे।”
|
12
1CO/07/39.md
12
1CO/07/39.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# जब तक... पति जीवित रहता है
|
||||
“जब तक वह मर न जाए”
|
||||
# जिस से चाहे
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “अपनी इच्छा से”
|
||||
# केवल प्रभु में
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “यदि उसका दूसरा पति विश्वासी है”
|
||||
# मेरे विचार में
|
||||
“परमेश्वर के वचन की मेरी समझ में”
|
||||
# और भी धन्य है
|
||||
“अधिक आनन्दित है” या “अधिक संतुष्टि पाएगी”
|
||||
# जैसे है वैसी ही रहे
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“अविवाहित रहे”
|
12
1CO/08/01.md
12
1CO/08/01.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# अब मूर्तियों.... के विषय में
|
||||
पौलुस इस अभिव्यक्ति द्वारा कुरिन्थ की कलीसिया द्वारा पूछे गए अगले प्रश्न पर आता है
|
||||
# मूर्तियों के सामने बलि की हुई वस्तुओं
|
||||
विजातियां अपने देवताओं को अन्न, मछली, मुर्गी या मांस चढ़ाते थे। पुजारी वेदी पर उसका एक अंश जला देता था परन्तु जो भाग शेष रहता था वह उपासक को लौटा दिया जाता था या बाजार में बेचा जाता था। पौलुस इसी के बारे में चर्चा कर रहा है।
|
||||
# हम जानते हैं कि हम सब को ज्ञान है
|
||||
पौलुस कुछ कुरिन्थ वासियों द्वारा की गई युक्ति का उद्धरण दे रहा है, वैकल्पिक अनुवाद: “हम सब जानते है, जैसा तुम स्वयं कहना चाहते हो कि” हम सब को ज्ञान है”।
|
||||
# घमण्ड उत्पन्न करता है
|
||||
“मनुष्य को घमण्डी बनाता है” या “मनुष्य जो वास्तव में है नहीं उससे अधिक स्वयं को समझे”।
|
||||
# यदि कोई समझे कि मैं कुछ जानता हूं
|
||||
“अपने विचार में कुछ बातों का सर्वज्ञानी है”
|
||||
# परमेश्वर उसे पहचानता है
|
||||
“परमेश्वर उसे जानता है”
|
12
1CO/08/04.md
12
1CO/08/04.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# हमें
|
||||
पौलुस और कुरिन्थ के विश्वासी
|
||||
# पौलुस कुरिन्थ के कुछ विश्वासियों द्वारा प्रयुक्त व्यवस्था ही का उपयोग कर रहा है।
|
||||
“हम सब जानते हें, जैसा तुम स्वयं जानना चाहते हो, वैकल्पिक अनुवाद: “मूर्ति हमारे लिए असमर्थ एवं निरर्थक हैं”
|
||||
# मूर्ति जगत में कोई वस्तु नहीं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “संसार में मूर्ति कुछ भी नहीं है”
|
||||
# बहुत से ईश्वर और बहुत से प्रभु
|
||||
बहुत से ईश्वर और बहुत से प्रभु - पौलुस बहुदेववाद में विश्वास नहीं करता था परन्तु वह स्वीकार करता है कि विजातियों की यह मान्यता थी।
|
||||
# हम
|
||||
पौलुस और कुरिन्थ के विश्वासी
|
||||
# हमारे लिए
|
||||
“हम विश्वास करते हैं”
|
|
@ -1,4 +0,0 @@
|
|||
# सबको... कुछ तो
|
||||
“सब मनुष्यों को... कुछ मनुष्य तो”
|
||||
# अशुद्ध
|
||||
“नष्ट” या “क्षतिग्रस्त”
|
10
1CO/08/08.md
10
1CO/08/08.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# भोजन हमें परमेश्वर के निकट नहीं पहुंचाता
|
||||
“भोजन हमें परमेश्वर का अनुग्रह पात्र नहीं बनाता” या “हमारा भोजन परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करता है”।
|
||||
# यदि हम नहीं खाए तो हमारी कुछ हानि नहीं और यदि खाएं तो हमें कुछ लाभ नहीं।
|
||||
“यदि हम खाएं तो हमें कोई हानि नहीं और खाएं तो कोई लाभ नहीं।”
|
||||
# साहस न हो जाएगा
|
||||
“प्रोत्साहन न मिलेगा”
|
||||
# निर्बल भाई
|
||||
“विश्वास में अस्थिर भाई”
|
||||
# भोजन करते
|
||||
“भोज में” या “खाते देखें”(यू.डी.बी)
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# निर्बल भाई.... नष्ट हो जाएगा
|
||||
“भाई बहन जो विश्वास में दृढ़ नहीं वह पाप में गिरेगा/गिरेगी या विश्वास से भटक जाएगा/जाएगी”
|
||||
# इस कारण
|
||||
“इस अन्तिम सिद्धान्त के कारण”
|
||||
# यदि भोजन... ठोकर खिलाए
|
||||
“यदि भोजन करने से” या “भोजन के प्रोत्साहन से”
|
10
1CO/09/01.md
10
1CO/09/01.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# क्या मैं स्वतंत्र नहीं?
|
||||
इस प्रभावोत्पादक प्रश्न द्वारा पौलुस उन्हें अपने अधिकार स्मरण कराता है। वैकल्पिक अनुवाद: “मैं स्वतंत्र हूं”।
|
||||
# क्या मैं प्रेरित नहीं?
|
||||
इस प्रभावोत्पादक प्रश्न द्वारा पौलुस उन्हें अपने प्रेरित होने का और अपने अधिकार का स्मरण कराता है, “मैं एक प्रेरित हूं”।
|
||||
# क्या मैंने यीशु को... नहीं देखा?
|
||||
इस प्रभावोत्पादक प्रश्न द्वारा पौलुस उन्हें स्मरण कराता है कि वह कौन है। “मैंने अपने प्रभु यीशु को देखा है”।
|
||||
# क्या तुम प्रभु में मेरे बनाए हुए नहीं?
|
||||
इस प्रभावोत्पादक प्रश्न द्वारा पौलुस उन्हें उसके साथ उसके संबन्धों का स्मरण कराता है। “मसीह में तुम्हारा विश्वास मेरी मसीही सेवा का परिणाम है।”
|
||||
# छाप हो
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मसीह में तुम्हारा विश्वास पुष्टि करता है”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# क्या हमें खाने पीने का अधिकार नहीं?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “हमें पूरा अधिकार है कि हम कलीसियाओं से भोजन-पानी लें”
|
||||
# हम
|
||||
अर्थात पौलुस और बरनबास
|
||||
# क्या हमें यह अधिकार नहीं कि किसी मसीही बहन के साथ विवाह करके उसे लिए फिरें जैसा अन्य प्रेरित और प्रभु के भाई और कैफा करते हैं?
|
||||
“यदि हमारे पास विश्वासी पत्नियां हों तो हमें अधिकार है कि उन्हें साथ लेकर यात्रा करें क्योंकि अन्य प्रेरित भी ऐसा ही करते हें, प्रभु का भाई और कैफा”
|
||||
# या केवल मुझे और बरनबास को ही अधिकार नहीं, कि कमाई करना छोड़ें?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “बरनबास और मुझे अधिकार है कि काम करना छोड़ दें” या “परन्तु तुम बरनबास और मुझ से अपेक्षा करते हो कि पैसा कमाने के लिए काम करें”।
|
10
1CO/09/07.md
10
1CO/09/07.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# कौन कभी गिरह से खाकर सिपाही का काम करता है?
|
||||
“सैनिक अपने पैसे से सेवा नहीं करता है”
|
||||
# कौन दाख की बारी लगाकर उसका फल नहीं खाता?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “दाख की बारी लगाने वालों निश्चय ही उसका फल खाएगा” या “दाख की बारी लगानेवाले से कोई भी उसका फल न खाने की अपेक्षा नहीं करता है”। )
|
||||
# कौन भेड़ों का रखवाली करके उसका दूध नहीं पीता?
|
||||
“भेड़ों का रखवाला उनका ही दूध पीता है” या “भेड़ों को रखवाले से कोई अपेक्षा भी करता है कि उनका दूध न पीए”।
|
||||
# क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूं?
|
||||
“मैं ये बातें मानवीय अभ्यास पर आधारित नहीं करता हूं”।
|
||||
# क्या व्यवस्था भी यही नहीं कहती है?
|
||||
“मूसा के विधान में भी यही लिखा है”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# क्या परमेश्वर बैलों ही की चिन्ता करता है?
|
||||
“परमेश्वर केवल बैल ही की चिन्ता सबसे अधिक नहीं करता है”।
|
||||
# या विशेष करके हमारे लिए कहता है?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“परमेश्वर निश्चय ही हमारे बारे में कह रहा है” )
|
||||
# हमारे लिए
|
||||
“हमारे” अर्थात पौलुस और बरनबास
|
||||
# तो क्या यह कोई बड़ी बात है कि तुम्हारी शारीरिक वस्तुओं की फसल काटें?
|
||||
“तुम से भौतिक सहायता लेना हमारे लिए कोई अनहोनी बात नहीं है”।
|
10
1CO/09/12.md
10
1CO/09/12.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# जब दूसरों का
|
||||
“शुभ सन्देश सुनाने वाले अन्य सेवकों को”
|
||||
# यह अधिकार है
|
||||
पौलुस जिस अधिकार की बात कर रहा है वह है कि कुरिन्थ की कलीसिया पौलुस की जीविका का बोझ उठाए क्योंकि उन्हें सर्वप्रथम शुभ सन्देश सुनानेवाला वही था।
|
||||
# तो क्या हमारा इससे अधिक न होगा?
|
||||
“हमारा” अर्थात पौलुस और बरनबास का “हमारा अधिकार और भी अधिक है”। (देखें:
|
||||
# रूकावट न हो
|
||||
“बोझ न हो” या “प्रचार में बाधा न हो”
|
||||
# जो सुसमाचार सुनाते हैं उनकी जीविका सुसमाचार से हो
|
||||
“शुभ सन्देश सुनाने के द्वारा दैनिक सहयोग प्राप्त करे”
|
10
1CO/09/15.md
10
1CO/09/15.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# मैं इनमें से कोई भी बात काम में न लाया
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “ये लाभ” या “जिनके हम योग्य हैं”
|
||||
# मेरे लिए ऐसा किया जाए
|
||||
वैकल्पिक अनवाद: “तुमसे कुछ प्राप्त करूं” या “तुम मेरे लिए दैनिक प्रबन्ध करो”
|
||||
# व्यर्थ ठहराए
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “वंचित करे” या “पहुंचने न दे”
|
||||
# यह तो मेरे लिए अवश्य है
|
||||
“मुझे शुभ सन्देश सुनाना अनिवार्य है”
|
||||
# तो मुझ पर हाय
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मेरा भाग्य फूटे”
|
14
1CO/09/17.md
14
1CO/09/17.md
|
@ -1,14 +0,0 @@
|
|||
# यदि अपनी इच्छा से यह करता हूं
|
||||
“यदि स्वैच्छा से शुभ सन्देश सुनाता हूं”
|
||||
# अपनी इच्छा से
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “सहर्ष” या “अपनी इच्छा पर निर्भर”
|
||||
# भण्डारीपन मुझे सौंपा गया है
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मुझे यह काम करना है क्योंकि परमेश्वर ने इसे संपन्न करने के लिए मुझ पर भरोसा किया है”
|
||||
# मेरी कौन सी मजदूरी है?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “यह मेरा प्रतिफल है”
|
||||
# यह कि सुसमाचार सुनाने में मैं मसीह का सुसमाचार सेंत मेंत कर दूं, यहां तक कि सुसमाचार में मेरा जो अधिकार है उसको भी मैं पूरी रीति से काम में न लाऊं।
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “शुभ सन्देश सुनाने के मेरा जो प्रतिफल है वह है कि मैं किसी के भी आभार से मुक्त शुभ सन्देश सुना सकता हूं”
|
||||
# सुसमाचार सुनाने में
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “शुभ सन्देश सुनाने के निमित्त”
|
||||
# सुसमाचार में जो मेरा अधिकार है
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मेरी प्रचार यात्राओं के लिए विश्वासियों से आर्थिक सहयोग लूं”।
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# अधिक लोगों को खींच लाऊं
|
||||
“मनुष्यों को विश्वास करने के लिए प्रेरित करूं” या “मनुष्यों को मसीह में विश्वास करने में सहायता करूं”
|
||||
# यहूदी बना
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मैंने यहूदियों का सा व्यवहार किया” या “यहूदियों की परम्परा का पालन किया”
|
||||
# व्यवस्था के अधीन बना
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“यहूदी अगुओं की आज्ञा के अधीन रहा और वे धर्मशास्त्र की जैसी भी व्याख्या करते थे, उसे स्वीकार किया”।
|
|
@ -1,2 +0,0 @@
|
|||
# व्यवस्थाहीनों के लिए
|
||||
वे लोग मूसा प्रदत्त नियमों का पालन नहीं करते थे अर्थात अन्य जातियों के लिए, वैकल्पिक अनुवाद: “यहूदियों के विधि-विधान से मुक्त मनुष्यों के लिए”।
|
10
1CO/09/24.md
10
1CO/09/24.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# क्या तुम नहीं जानते कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही है, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है।
|
||||
इस प्रश्न के तथ्यों की समझ की प्रतिक्रिया अपेक्षित है, “हां, मैं जानता हूं कि दौड़ प्रतियोगिता में अनेक प्रतिद्वंदी होते हैं, परन्तु इनाम पाने वाला एक ही होता है”।
|
||||
# दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं
|
||||
पौलुस मसीही जीवन और परमेश्वर की सेवा की तुलना दौड़ और धावक से करता है। जैसे दौड़ का अनुशासन कठोर होता है उसी प्रकार मसीही जीवन और सेवा में भी कठोर अनुशासन तथा एक ही लक्ष्य होता है।
|
||||
# इनाम एक ही ले जाता है
|
||||
एक समर्पण के साथ दौड़ना कि सफलता प्राप्त हो, इसकी तुलना उस सेवा से की गई है जो परमेश्वर हमसे चाहता है।
|
||||
# मुकुट
|
||||
मुकुट सफलता का प्रतीक है जो उस कार्यक्रम के अधिकारी द्वारा दिया जाता है। यह रूपक परमेश्वर को सम्मान प्रदान करने के जीवन की एक उपमा है। परमेश्वर उद्धार का प्रतीक मुकुट देता है।
|
||||
# आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं
|
||||
इसका कर्तृवाच्य अनुवाद होगा, “न्यायी कहीं मुझे अयोग्य न घोषित कर दे”
|
10
1CO/10/01.md
10
1CO/10/01.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# हमारे बाप-दादे
|
||||
पौलुस निर्गमन की पुस्तक में मूसा के समय की बात कर रहा है जब वे मिस्री सेना के भय से लाल सागर पार कर रहे थे। यहां “हमारे” समाविष्ट है “सब यहूदियों के पूर्वज”
|
||||
# सब ने ... मूसा का बपतिस्मा लिया
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “सब मूसा को समर्पित उसका अनुसरण कर रहे थे”
|
||||
# समुद्र के बीच से पार हो गए
|
||||
“मिस्र से पलायन करने के बाद उन सब ने लाल सागर पार किया”
|
||||
# बादल में
|
||||
दिन में उनकी अगुआई करनेवाला बादल परमेश्वर की उपस्थिति का प्रतीक था।
|
||||
# वह चट्टान मसीह था
|
||||
“चट्टान” मसीह की अभेद्य शक्ति का प्रतीक है जो संपूर्ण यात्रा उनके साथ था। वे उसकी सुरक्षा एवं शान्ति पर निर्भर कर सकते थे।
|
10
1CO/10/05.md
10
1CO/10/05.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# प्रसन्न न हुआ
|
||||
“अप्रसन्न” या “क्रोधित” (यू.डी.बी.)
|
||||
# बहुतों से
|
||||
इस्राएलियों के पूर्वजों से
|
||||
# जंगल में
|
||||
मिस्र और इस्राएल के मध्य का जंगल जिसमें वे 40 वर्ष भटक रहे थे।
|
||||
# दृष्टान्त
|
||||
इस्राएलियों के लिए शिक्षा या उदाहरण
|
||||
# बुरी वस्तुओं का लालच
|
||||
परमेश्वर का सम्मान न करने वाली बातों की लालसा करना
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# मूर्तिपूजक
|
||||
“मूर्तियों की पूजा करने वाले”
|
||||
# खाने-पीने बैठे
|
||||
“भोज के लिए बैठे”
|
||||
# एक दिन में तेईस हजार मर गए
|
||||
“परमेश्वर ने एक ही दिन में तेईस हजार लोगों को मार डाला”
|
||||
# इसलिए
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “क्योंकि उन्होंने अवैध यौनाचार किया”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# न तुम कुड़कुड़ाओ
|
||||
शिकायत करना और रोष प्रकट करना”
|
||||
# नष्ट करने वाले के द्वारा नष्ट किए गए
|
||||
“मृत्यु के स्वर्गदूत ने उन्हें नष्ट किया”
|
||||
# नष्ट किया जाए
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“मार डाला”
|
12
1CO/10/11.md
12
1CO/10/11.md
|
@ -1,12 +0,0 @@
|
|||
# ये सब बातें जो उन पर पड़ीं
|
||||
कुकर्मों के परिणाम स्वरूप दण्ड
|
||||
# दृष्टान्त की रीति पर थी और हमारी...
|
||||
“हमारी” अर्थात सब विश्वासियों
|
||||
# जग के अन्तिम समय
|
||||
“अन्तिम दिनों”
|
||||
# कहीं गिर पड़े
|
||||
पाप न करे या परमेश्वर का सम्मान करें
|
||||
# तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद“तुम पर जो परीक्षाएं आती हैं, वे सब पर ही आती है” )
|
||||
# सहने से
|
||||
तुम्हारी शारीरिक और मानसिक शक्ति से परे नहीं
|
14
1CO/10/14.md
14
1CO/10/14.md
|
@ -1,14 +0,0 @@
|
|||
# मूर्तिपूजा से बचे रहो
|
||||
“मूर्तिपूजा से निश्चित रूप से अलग रहो”
|
||||
# धन्यवाद का कटोरा
|
||||
पौलुस इस अभिव्यक्ति द्वारा दाखरस के कटोरे का संकेत देता है जो प्रभु भोज में काम में आता है।
|
||||
# क्या मसीह के लहू की सहभागिता नहीं?
|
||||
जिस दाखरस के कटोरे में हम सहभागिता करते हैं वह मसीह के लहू में सहभागिता का प्रतीक है। “हम मसीह के लहू में सहभागी होते हैं”। (यू.डी.बी.) [[en:ta:vol1:translate:figs_rquestion
|
||||
#
|
||||
]])
|
||||
# वह रोटी जिसे हम तोड़ते हैं, क्या वह मसीह की देह की सहभागिता नहीं ?
|
||||
वह रोटी जिसे हम तोड़ते है, क्या वह मसीह की देह की सहभागिता नहीं? -वैकल्पिक अनुवाद: “रोटी में सहभागी होते समय हम मसीह की देह में सहभागी होते हैं” )
|
||||
# सहभागिता
|
||||
“उसमें भागीदार होना” या “सब के साथ बराबर की हिस्सेदारी करना”
|
||||
# रोटी
|
||||
पक्की हुई संपूर्ण रोटी जिसे बांटने के लिए तोड़ा जाता है
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# क्या बलिदानों के खाने वाले वेदी के सहभागी नहीं?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: जो बलि के भोज्य पदार्थों को खाते हैं वे वेदी के भागीदार होते हैं।
|
||||
# फिर मैं क्या कहता हूं?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मैं अपनी बात दोहराता हूं” या “मेरे कहने का अर्थ यह है”
|
||||
# मूर्ति कुछ है?
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मूर्ति वास्तव में कुछ नहीं है” या “मूर्ति का कोई महत्व नहीं है”।
|
||||
# मूर्तियों के सामने बलि की हुई वस्तुओं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मूर्ति पर चढ़ाया गया भोजन यह महत्व नहीं रखता है” या “मूर्ति को भेंट चढ़ाया हुआ भोजन अर्थहीन है”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# कटोरे में से नहीं पी सकते
|
||||
किसी के द्वारा दिए गए कटोरे की सहभागिता प्रायः उसके पेय पदार्थ का संदर्भ देती है। यह “एक ही मान्यताओं की सहभागिता” के लिए एक रूपक है।
|
||||
# तुम प्रभु की मेज और दुष्टात्माओं की मेज दोनों के सांझी नहीं हो सकते
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “यदि तुम प्रभु की उपासना के साथ-साथ दुष्टात्माओं की उपासना करते हो तो प्रभु की तुम्हारी उपासना निष्ठावान नहीं है”।
|
||||
# क्रोध दिलाते हो
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “रोष दिलाते हो” या “भड़काते हो”
|
||||
# क्या हम उस से शक्तिमान हैं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “हम दुष्टात्माओं की संगति कर सकते हैं जबकि परमेश्वर नहीं करता है” या “हम परमेश्वर से अधिक शक्तिशाली नहीं हैं”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# “सब वस्तुएं मेरे लिए उचित तो हैं
|
||||
पौलुस कुछ कुरिन्थ वासियों की लोकोक्ति का उद्धारण दे रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: “मैं जो चाहूं वह कर सकता हूं”।
|
||||
# कोई अपनी ही भलाई की नहीं वरन दूसरों की भलाई को ढूंढ़े
|
||||
अपना ही नहीं दूसरों का भी भला करो
|
||||
# भलाई
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “लाभ”
|
|
@ -1,6 +0,0 @@
|
|||
# कसाईयों के यहाँ
|
||||
मांस बेचने वालों की दुकान में
|
||||
# पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है
|
||||
परमेश्वर ने पृथ्वी और उसकी सब वस्तुओं को सृजा है
|
||||
# विवेक के द्वारा कुछ न पूछो
|
||||
अपने विवेक के कारण मत पूछो कि भोजन कहां से आया है यह मान लो कि भोजन परमेश्वर देता है चाहे वह मूर्ति को चढ़ाया गया हो या नहीं
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# मेरी स्वतंत्रता दूसरे के विचार से क्यों परखी जाए
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “मेरी अपनी पसन्द किसी के सही या गलत मानने से क्यों बदली जाए।
|
||||
# मैं साझी होता हूं
|
||||
यहां “मैं” पौलुस के लिए नहीं उनके लिए काम में लिया गया है जो धन्यवाद देकर मांस खाते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “यदि मनुष्य.... सहभागी हो” या “जब मनुष्य खाए”
|
||||
# धन्यवाद करके
|
||||
इसके संभावित अर्थ हैं, 1) “परमेश्वर की सराहना एवं धन्यवाद के साथ” 2) अतिथि सत्कार करने वाले की सराहना एवं धन्यवाद के साथ”।
|
||||
# जिस पर मैं धन्यवाद करता हूं उसके कारण मेरी बदनामी क्यों होती है?
|
||||
“जब मैंने भोजन के लिए धन्यवाद किया तो तुम मेरी निन्दा क्यों करते हो? “वैकल्पिक अनुवाद, “मैं किसी को मुझ पर दोष लगाने नहीं दूंगा”
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# तुम.... न ... होकर का कारण बनो
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “अप्रसन्न मत करो” या “ठोकर लगने का कारण मत बनो”
|
||||
# सबको प्रसन्न रखता हूं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “सब मनुष्यों को स्वीकार्य हूं”
|
||||
# अपना ही नहीं बहुतों का लाभ ढूंढ़ता हूं
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद: “अपनी ही लालसा पूर्ति नहीं करता हूं”
|
||||
# बहुतों
|
||||
यथा संभव अधिकाधिक
|
|
@ -1,8 +0,0 @@
|
|||
# स्मरण करते हो
|
||||
वैकल्पिक अनुवाद:“विचार करते हो” या “ध्यान देते हो”
|
||||
# मैं चाहता हूं
|
||||
इसके संभावित अर्थ हैं, 1) इस कारण मैं चाहता हूं” या 2) “तथापि, मैं चाहता हूं”
|
||||
# सिर ढांके हुए
|
||||
“अपने पर कपड़ा डाल कर”
|
||||
# अपने सिर का अपमान करता है
|
||||
इसके संभावित अर्थ हैं, 1) “अपना अपमान करता है” (यू.डी.बी.) या 2) “मसीह जो हमारा सिर है उसका अपमान करता है”।
|
10
1CO/11/05.md
10
1CO/11/05.md
|
@ -1,10 +0,0 @@
|
|||
# उघाड़े सिर
|
||||
परदा जो केवल मुंह खुला रखता है
|
||||
# अपने सिर का अपमान करती है
|
||||
इसके संभावित अर्थ हैं, 1) “अपना अपमान करती है” या 2) “अपने पति के अपमान का कारण होती है”
|
||||
# मुण्डी
|
||||
सिर के बाल मुंडाने के जैसी
|
||||
# यदि स्त्री के लिए.... मुण्डन कराना लज्जा की बात है
|
||||
आज से भिन्न स्त्री के लिए सिर के बाल कटाना या मुण्डन करवाना लज्जा की बात थी।
|
||||
# ओढ़नी ओढ़े
|
||||
“सिर पर कपड़ा डाले या सिर ढांके"
|
Some files were not shown because too many files have changed in this diff Show More
Loading…
Reference in New Issue