diff --git a/README.md b/README.md index f7ce141..023b56d 100644 --- a/README.md +++ b/README.md @@ -3,3 +3,4 @@ STRs: * https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/595 * https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/842 +* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/869 diff --git a/content/11.md b/content/11.md index 88514ea..bf09540 100644 --- a/content/11.md +++ b/content/11.md @@ -6,15 +6,15 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-11-02.jpg) -परमेश्वर ने उस पर विश्वास करने वाले किसी के भी पहिलौठे पुत्र को बचाने के लिए एक उपाय का प्रबंध किया। हर परिवार को एक निष्कलंक मेमने को लेकर उसका वध करना था। +परमेश्वर ने उस पर विश्वास करने वाले किसी भी व्यक्ति के पहिलौठे पुत्र को बचाने के लिए एक रास्ते का प्रबंध किया। हर परिवार को एक निष्कलंक मेमने को लेकर उसका वध करना था। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-11-03.jpg) -परमेश्वर ने इस्राएलियों से उस मेमने के लहू को लेकर अपने घरों के द्वार पर लगाने के लिए कहा। उनको उसके माँस को भूनना था और फिर उनको अखमीरी रोटी के साथ उसे फुर्ती से खाना था। उसने उस भोजन को खाने के बाद उनको तत्काल मिस्र को छोड़ने को भी तैयार रहने के लिए कहा। +परमेश्वर ने इस्राएलियों से उस मेमने के लहू को लेकर अपने घरों के चौखटों पर लगाने के लिए कहा। उनको उसके माँस को भूनना था और फिर उनको अखमीरी रोटी के साथ उसे फुर्ती से खाना था। उसने उस भोजन को खाने के बाद उनको तत्काल मिस्र को छोड़ने को भी तैयार रहने के लिए कहा। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-11-04.jpg) -जैसा करने के लिए परमेश्वर ने इस्राएलियों को आदेश दिया था उन्होंने उसके अनुसार सब कुछ किया। मध्यरात्रि में, परमेश्वर हर एक पहिलौठे पुत्र को घात करते हुए मिस्र के मध्य से होकर गुजरा। +जैसा करने के लिए परमेश्वर ने इस्राएलियों को आदेश दिया था उन्होंने उसके अनुसार सब कुछ किया। मध्यरात्रि में, परमेश्वर हर एक पहिलौठे पुत्र को घात करते हुए मिस्र के बीच में से होकर गुजरा। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-11-05.jpg) @@ -22,14 +22,14 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-11-06.jpg) -लेकिन मिस्रियों ने परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया था और उसके आदेशों को नहीं माना था। इसलिए परमेश्वर ने उनके घरों को नहीं छोड़ा। परमेश्वर ने मिस्रियों के हर एक पहिलौठे पुत्रों को मार दिया। +लेकिन मिस्रियों ने परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया था और उसकी आज्ञाओं को नहीं माना था। इसलिए परमेश्वर ने उनके घरों को नहीं छोड़ा। परमेश्वर ने मिस्रियों के हर एक पहिलौठे पुत्रों को मार दिया। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-11-07.jpg) -जेल के कैदियों के पहिलौठों से लेकर, फिरौन के पहिलौठे तक, हर एक पहिलौठा नर मर गए। अपनी गहरी वेदना के कारण मिस्र के बहुत से लोग रो रहे थे और विलाप कर रहे थे। +जेल के कैदियों के पहिलौठों से लेकर, फिरौन के पहिलौठे तक, मिस्रियों का हर एक पहिलौठा नर मर गया था। अपनी गहरी वेदना के कारण मिस्र के बहुत से लोग रो रहे थे और विलाप कर रहे थे। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-11-08.jpg) -उसी रात, फिरौन ने मूसा और हारून के बुलाया और कहा, "इस्राएलियों को लेकर तुरन्त ही मिस्र से निकल जाओ!" मिस्र के लोगों ने भी इस्राएलियों से तुरन्त निकल जाने का आग्रह किया। +उसी रात, फिरौन ने मूसा और हारून को बुलाया और कहा, "इस्राएलियों को लेकर तुरन्त ही मिस्र से निकल जाओ!" मिस्र के लोगों ने भी इस्राएलियों से तुरन्त निकल जाने का आग्रह किया। _निर्गमन अध्याय 11:1-12:32 से एक बाइबल की कहानी_ diff --git a/content/12.md b/content/12.md index 3ef3b7b..ba214cd 100644 --- a/content/12.md +++ b/content/12.md @@ -2,7 +2,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-12-01.jpg) -इस्राएली लोग मिस्र से निकल कर बहुत प्रसन्न थे। वे अब दास नहीं थे, और वे प्रतिज्ञा के देश को जा रहे थे! जो कुछ भी इस्राएलियों ने माँगा, मिस्रियों ने उन्हें वह सब कुछ दिया, यहाँ तक कि सोना और चाँदी और अन्य मूल्यवान वस्तुएँ। दूसरे देशों के कुछ लोगों ने परमेश्वर पर विश्वास किया और जब इस्राएली लोग मिस्र से निकले तो वे भी उनके साथ हो लिए। +इस्राएली लोग मिस्र से निकल कर बहुत खुश थे। वे अब दास नहीं थे, और वे प्रतिज्ञा के देश को जा रहे थे! जो कुछ भी इस्राएलियों ने माँगा, मिस्रियों ने उन्हें वह सब कुछ दिया, यहाँ तक कि सोना और चाँदी और अन्य मूल्यवान वस्तुएँ। दूसरे देशों के कुछ लोगों ने परमेश्वर पर विश्वास किया और जब इस्राएली लोग मिस्र से निकले तो वे भी उनके साथ हो लिए। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-12-02.jpg) diff --git a/content/13.md b/content/13.md index 1479e81..85b6483 100644 --- a/content/13.md +++ b/content/13.md @@ -2,11 +2,11 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-13-01.jpg) -इस्राएलियों को लाल समुद्र से पार लेकर जाने के बाद, परमेश्वर उनको जंगल से होकर सीनै कहलाने वाले पर्वत की ओर लेकर चला। यह वही पर्वत था जहाँ पर मूसा ने जलती हुई झाड़ी को देखा था। उन लोगों ने उस पर्वत के नीचे अपने तम्बुओं को स्थापित किया। +इस्राएलियों को लाल समुद्र से पार लेकर जाने के बाद, परमेश्वर उनको जंगल में से होकर सीनै नाम के पर्वत की ओर लेकर चला। यह वही पर्वत था जहाँ पर मूसा ने जलती हुई झाड़ी को देखा था। उन लोगों ने उस पर्वत के नीचे अपने तम्बुओं को स्थापित किया। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-13-02.jpg) -परमेश्वर ने मूसा से और इस्राएल के सब लोगों से कहा, "तुमको हमेशा मेरी बातों को मानना है और जो वाचा मैं तुम्हारे साथ बाँधता हूँ उसे बनाए रखना है। यदि तुम ऐसा करते हो, तो तुम मेरा पुरस्कार बहुमूल्य धन, याजकों का राज्य, और एक पवित्र जाति ठहरोगे।" +परमेश्वर ने मूसा से और इस्राएल के सब लोगों से कहा, "तुमको हमेशा मेरी बातों को मानना है और जो वाचा मैं तुम्हारे साथ बाँधता हूँ उसे बनाए रखना है। यदि तुम ऐसा करते हो, तो तुम मेरी बहुमूल्य संपत्ति, याजकों का राज्य, और एक पवित्र जाति ठहरोगे।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-13-03.jpg) @@ -26,7 +26,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-13-07.jpg) -तब परमेश्वर ने इन दस आज्ञाओं को पत्थर की दो तख्तियों पर लिख कर मूसा को दे दिया। परमेश्वर ने पालन करने के लिए लोगों को अन्य बहुत सी व्यवस्थाएँ दीं। यदि उन्होंने इन व्यवस्थाओं का पालन किया तो परमेश्वर ने उन लोगों को आशीष देने और उनकी सुरक्षा करने की प्रतिज्ञा की। परन्तु उसने कहा कि यदि उन्होंने इनका पालन नहीं किया तो वह उनको दंडित करेगा। +परमेश्वर ने उन लोगों को जो नियम दिए थे वे उनका पालन करने के लिए सहमत हुए। वे केवल परमेश्वर के लोग होने को और केवल उसकी आराधना करने के लिए सहमत हुए। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-13-08.jpg) @@ -38,7 +38,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-13-10.jpg) -परमेश्वर ने उन लोगों को जो नियम दिए थे वे उनका पालन करने के लिए सहमत हुए। वे केवल परमेश्वर के लोग होने को और केवल उसकी आराधना करने के लिए सहमत हुए। +तब परमेश्वर ने इन दस आज्ञाओं को पत्थर की दो तख्तियों पर लिख कर मूसा को दे दिया। परमेश्वर ने पालन करने के लिए लोगों को अन्य बहुत सी व्यवस्थाएँ दीं। यदि उन्होंने इन व्यवस्थाओं का पालन किया तो परमेश्वर ने उन लोगों को आशीष देने और उनकी सुरक्षा करने की प्रतिज्ञा की। परन्तु उसने कहा कि यदि उन्होंने इनका पालन नहीं किया तो वह उनको दंडित करेगा। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-13-11.jpg) diff --git a/content/14.md b/content/14.md index 577d18e..8b0fcfd 100644 --- a/content/14.md +++ b/content/14.md @@ -30,7 +30,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-14-08.jpg) -जब उन लोगों ने ऐसा कहा तो परमेश्वर बहुत क्रोधित हो गया था। वह मिलापवाले तंबू में आया और कहा, "तुमने मेरे विरुद्ध बलवा किया है, इसलिए तुम सबको इस जंगल में भटकना होगा। हर एक जन जो बीस वर्ष या उससे अधिक आयु का है वहाँ मर जाएगा और कभी भी उस देश में प्रवेश नहीं कर पाएगा जो मैं तुमको देता हूँ। केवल कालेब और यहोशू उसमें प्रवेश करेंगे।" +जब उन लोगों ने ऐसा कहा तो परमेश्वर बहुत क्रोधित हो गया था। वह मिलापवाले तंबू में आया और कहा, "तुमने मेरे विरुद्ध बलवा किया है, इसलिए तुम सबको इस जंगल में भटकना होगा। हर एक जन जो बीस वर्ष या उससे अधिक आयु का है वहाँ मर जाएगा और कभी भी उस देश में प्रवेश नहीं कर पाएगा जो मैं तुमको देता हूँ। केवल कालेब और यहोशू उसमें प्रवेश करेंगे।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-14-09.jpg) diff --git a/content/16.md b/content/16.md index 937ccd6..732878f 100644 --- a/content/16.md +++ b/content/16.md @@ -46,11 +46,11 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-16-12.jpg) -तब गिदोन अपने सैनिकों के पास लौटा और उनमें से प्रत्येक को एक-एक नरसिंगा, एक मिट्टी का पात्र, और एक मशाल दी। उन्होंने उस छावनी को घेर लिया जहाँ मिद्यानी सैनिक सो रहे थे। गिदोन के 300 सैनिकों ने अपनी मशालों को पात्रों से ढका हुआ था इसलिए मिद्यानी लोग उन मशालों के प्रकाश के नहीं देख पाए थे। +तब गिदोन अपने सैनिकों के पास लौटा और उनमें से प्रत्येक को एक-एक नरसिंगा, एक मिट्टी का पात्र, और एक मशाल दी। उन्होंने उस छावनी को घेर लिया जहाँ मिद्यानी सैनिक सो रहे थे। गिदोन के 300 सैनिकों ने अपनी मशालों को पात्रों से ढका हुआ था इसलिए मिद्यानी लोग उन मशालों के प्रकाश को नहीं देख पाए थे। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-16-13.jpg) -तब गिदोन के सब सैनिकों ने अपने पात्रों को एक ही समय पर तोड़ कर अचानक से मशालों के आग को प्रकट कर दिया। उन्होंने अपने नरसिंगे फूँके और चिल्लाए, "यहोवा की और गिदोन की तलवार!" +तब गिदोन के सब सैनिकों ने अपने पात्रों को एक ही समय पर तोड़ कर अचानक से मशालों की आग को प्रकट कर दिया। उन्होंने अपने नरसिंगे फूँके और चिल्लाए, "यहोवा की और गिदोन की तलवार!" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-16-14.jpg) diff --git a/content/18.md b/content/18.md index b5043e0..76b51f6 100644 --- a/content/18.md +++ b/content/18.md @@ -18,11 +18,11 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-18-05.jpg) -सुलैमान के मरने के बाद, रहबाम राजा बना। इस्राएल देश के सब लोग उसे अपने राजा के रूप में स्वीकार करने के लिए एक साथ इकट्ठा हुए। उन्होंने रहबाम से शिकायत की कि सुलैमान ने उनसे बहुत कठिन परिश्रम करवाया था और बहुत से कर वसूले थे। उन्होंने रहबाम से अनुरोध किया कि उनसे कम काम करवाए। +सुलैमान के मरने के बाद, रहूबियाम राजा बना। इस्राएल देश के सब लोग उसे अपने राजा के रूप में स्वीकार करने के लिए एक साथ इकट्ठा हुए। उन्होंने रहूबियाम से शिकायत की कि सुलैमान ने उनसे बहुत कठिन परिश्रम करवाया था और बहुत से कर वसूले थे। उन्होंने रहूबियाम से अनुरोध किया कि उनसे कम काम करवाए। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-18-06.jpg) -परन्तु रहबाम ने उनको बड़ी ही मूर्खता से जवाब दिया, "तुम कहते हो कि मेरे पिता सुलैमान ने तुमसे कठिन परिश्रम करवाया। परन्तु मैं तुमसे उससे भी अधिक कठिन परिश्रम करवाऊँगा, और मैं तुमको उससे भी अधिक पीड़ित करूँगा।" +परन्तु रहूबियाम ने उनको बड़ी ही मूर्खता से जवाब दिया, "तुम कहते हो कि मेरे पिता सुलैमान ने तुमसे कठिन परिश्रम करवाया। परन्तु मैं तुमसे उससे भी अधिक कठिन परिश्रम करवाऊँगा, और मैं तुमको उससे भी अधिक पीड़ित करूँगा।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-18-07.jpg) diff --git a/content/19.md b/content/19.md index f1b1d7c..7f1a3ea 100644 --- a/content/19.md +++ b/content/19.md @@ -58,7 +58,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-19-15.jpg) -नामान क्रोधित हो गया। उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया, क्योंकि यह उसे मुर्खता का काम लगता था। परन्तु बाद में उसने अपना मन बदल लिया और जाकर यरदन नदी के पानी में सात बार डुबकी लगाई। जब अंतिम बार वह पानी से बाहर निकला तो परमेश्वर ने उसे ठीक कर दिया। +नामान क्रोधित हो गया। उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया, क्योंकि यह उसे मूर्खता का काम लगता था। परन्तु बाद में उसने अपना मन बदल लिया और जाकर यरदन नदी के पानी में सात बार डुबकी लगाई। जब अंतिम बार वह पानी से बाहर निकला तो परमेश्वर ने उसे ठीक कर दिया। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-19-16.jpg) diff --git a/content/21.md b/content/21.md index 506368b..96e284a 100644 --- a/content/21.md +++ b/content/21.md @@ -6,7 +6,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-21-02.jpg) -परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी कि उसके द्वारा संसार की सारी जातियाँ आशीष पाएँगी। परमेश्वर बाद में किसी समय पर मसीह को भेजने के द्वारा इस प्रतिज्ञा को पूरा करेगा। वह मसीह संसार के हर एक जाति में से लोगों को उनके पाप से छुड़ाएगा। +परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी कि उसके द्वारा संसार की सारी जातियाँ आशीष पाएँगी। परमेश्वर बाद में किसी समय पर मसीह को भेजने के द्वारा इस प्रतिज्ञा को पूरा करेगा। मसीह संसार के हर एक जाति में से लोगों को उनके पाप से छुड़ाएगा। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-21-03.jpg) @@ -14,7 +14,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-21-04.jpg) -परमेश्वर ने राजा दाऊद से प्रतिज्ञा की थी कि उसका एक वंशज मसीह होगा। वह राजा होगा और परमेश्वर के लोगों पर सदा के लिए शासन करेगा। +परमेश्वर ने राजा दाऊद से प्रतिज्ञा की थी कि उसके एक वंशज में से मसीह होगा। वह राजा होगा और परमेश्वर के लोगों पर सदा के लिए शासन करेगा। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-21-05.jpg) diff --git a/content/22.md b/content/22.md index b573764..3527b16 100644 --- a/content/22.md +++ b/content/22.md @@ -22,7 +22,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-22-06.jpg) -यह होने के तुरन्त बाद, मरियम ने जाकर एलीशिबा से भेंट की। जैसे ही मरियम ने उसे नमस्कार किया, एलीशिबा का शिशु उसके भीतर उछला। उनके लिए परमेश्वर ने जो किया था उसके बारे में वे स्त्रियाँ एक साथ आनन्दित हुईं। एलीशिबा के साथ तीन महीने रहने के बाद, मरियम घर लौट गई। +यह होने के तुरन्त बाद, मरियम ने जाकर एलीशिबा से भेंट की। जैसे ही मरियम ने उसे नमस्कार किया, एलीशिबा का शिशु उसके पेट के भीतर उछला। उनके लिए परमेश्वर ने जो किया था उसके बारे में वे स्त्रियाँ एक साथ आनन्दित हुईं। एलीशिबा के साथ तीन महीने रहने के बाद, मरियम घर लौट गई। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-22-07.jpg) diff --git a/content/26.md b/content/26.md index 85d482a..69d8e28 100644 --- a/content/26.md +++ b/content/26.md @@ -1,4 +1,4 @@ -# 26. यीशु अपनी सेवा आरम्भ करता है +# 26. यीशु ने अपनी सेवकाई आरम्भ की ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-26-01.jpg) diff --git a/content/27.md b/content/27.md index 0428d59..7a0e0e0 100644 --- a/content/27.md +++ b/content/27.md @@ -6,7 +6,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-02.jpg) -उस व्यक्ति ने कहा, "वह कहती है कि अपने परमेश्वर से अपने सारे मन, प्राण, सामर्थ, और बुद्धि से प्रेम रख। और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।" यीशु ने जवाब दिया, "तू एकदम सही है! यदि तू ऐसा करे, तो तुझे अनन्त जीवन प्राप्त होगा।" +उस व्यक्ति ने कहा, "वह कहती है कि अपने परमेश्वर से अपने सारे मन, सारे प्राण, सारी सामर्थ, और सारी बुद्धि से प्रेम रख। और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।" यीशु ने जवाब दिया, "तू एकदम सही है! यदि तू ऐसा करे, तो तुझे अनन्त जीवन प्राप्त होगा।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-03.jpg) diff --git a/content/29.md b/content/29.md index 4240061..f529ac3 100644 --- a/content/29.md +++ b/content/29.md @@ -6,7 +6,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-29-02.jpg) -यीशु ने कहा, "परमेश्वर का राज्य एक राजा के समान है जो अपने दास से लेखा लेना चाहता था। उसका एक दास 2,00,000 वर्षों की मजदूरी के एक बड़े कर्ज का कर्जदार था।" +यीशु ने कहा, "परमेश्वर का राज्य एक राजा के समान है जो अपने दास से लेखा लेना चाहता था। उसकाएक दास वर्षों से 2,00,000 रुपये के भुगतान के लिए एक बड़े कर्ज का कर्जदार था।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-29-03.jpg) @@ -18,7 +18,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-29-05.jpg) -"परन्तु जब वह दास राजा के पास से बाहर गया, तो उसे उसका एक साथी दास मिला जो उसके चार महीनों की मजदूरी का कर्जदार था। उस दास ने अपने साथी दास को पकड़ लिया और कहा, 'जो तेरे ऊपर मेरा कर्ज है मुझे उसका भुगतान कर!" +"परन्तु जब वह दास राजा के पास से बाहर गया, तो उसे उसका एक साथी दास मिला जो उसके चार महीनों के भुगतान का कर्जदार था। उस दास ने अपने साथी दास को पकड़ लिया और कहा, 'जो तेरे ऊपर मेरा कर्ज है मुझे उसका भुगतान कर!" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-29-06.jpg) diff --git a/content/30.md b/content/30.md index 1d3279e..365ed6c 100644 --- a/content/30.md +++ b/content/30.md @@ -1,4 +1,4 @@ -# 30. यीशु का पाँच हजार लोगों को भोजन करवाना +# 30. यीशु का पाँच हजार लोगों को भोजन खिलाना ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-30-01.jpg) @@ -30,7 +30,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-30-08.jpg) -फिर यीशु ने रोटी और मछलियों को टुकड़ों में तोड़ा। उसने लोगों को देने के लिए अपने चेलों को वे टुकड़े दे दिए। चेले उस भोजन को बाँटते रहे, और वह कभी समाप्त नहीं हुआ! वे सब लोग खाकर तृप्त हो गए। +फिर यीशु ने रोटी और मछलियों को टुकड़ों में तोड़ा। उसने लोगों को देने के लिए अपने चेलों को वे टुकड़े दे दिए। चेले उस भोजन को बाँटते रहे, और उस भोजन में कोई घटती नहीं हुई! वे सब लोग खाकर तृप्त हो गए। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-30-09.jpg) diff --git a/content/32.md b/content/32.md index ce7c812..b2f0aea 100644 --- a/content/32.md +++ b/content/32.md @@ -30,7 +30,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-32-08.jpg) -अतः वे दुष्टात्माएँ उस व्यक्ति में से निकल कर उन सूअरों में प्रवेश कर गईं। वे सूअर दौड़ कर एक खड़े टीले पर से झील में कूद गए और डूब मरे। उस झुंड में लगभग 2,000 सूअर थे। +अतः वे दुष्टात्माएँ उस व्यक्ति में से निकल कर उन सूअरों में प्रवेश कर गईं। वे सूअर दौड़ कर एक खड़े टीले पर से झील में कूद गए और डूब मरे। उस झुंड में लगभग 2,000 सुअर थे। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-32-09.jpg) @@ -58,7 +58,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-32-15.jpg) -तुरन्त ही, यीशु ने जान लिया कि उसमें से सामर्थ निकला है। इसलिए उसने पीछे मुड़ कर पूछा, "मुझे किसने छुआ?" चेलों ने जवाब दिया, "यहाँ इतने सारे लोगों ने तेरे चारों ओर भीड़ लगाई हुई है, और तुझे ठेल रहे हैं। तो तूने क्यों पूछा कि मुझे किसने छुआ है?" +तुरन्त ही, यीशु ने जान लिया कि उसमें से सामर्थ निकला है। इसलिए उसने पीछे मुड़ कर पूछा, "मुझे किसने छुआ?" चेलों ने जवाब दिया, "यहाँ इतने सारे लोगों ने तेरे चारों ओर भीड़ लगाई हुई है, और तुझे धकेल रहे हैं। तो तूने क्यों पूछा कि मुझे किसने छुआ है?" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-32-16.jpg) diff --git a/content/34.md b/content/34.md index 1e4db0f..11ce500 100644 --- a/content/34.md +++ b/content/34.md @@ -6,11 +6,11 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-34-02.jpg) -"परन्तु जब राई का बीज बढ़ जाता है तो वह बगीचे के सारे पेड़ों में सबसे बड़ा हो जाता है, इतना बड़ा कि पक्षी आकर उसकी शाखाओं पर आराम करते हैं।" +"परन्तु जब राई का बीज बढ़ जाता है तो वह मैदान के सारे पौधों में सबसे बड़ा हो जाता है, इतना बड़ा कि पक्षी आकर उसकी शाखाओं पर आराम करते हैं।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-34-03.jpg) -यीशु ने एक अन्य कहानी बताई, "परमेश्वर का राज्य खमीर के समान है जिसे लेकर एक स्त्री आटे के पिंड में मिला देती है तब वह सारे पिंड में फैल जाता है।" +यीशु ने एक अन्य कहानी बताई, "परमेश्वर का राज्य खमीर के समान है जिसे लेकर एक स्त्री गूंथे हुए आटे में मिला देती है तब वह सारे गूंथे हुए आटे में फैल जाता है।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-34-04.jpg) diff --git a/content/35.md b/content/35.md index 958a330..eda2f08 100644 --- a/content/35.md +++ b/content/35.md @@ -18,7 +18,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-35-05.jpg) -"इसके बाद, जहाँ छोटा पुत्र था उस देश में एक भयंकर अकाल पड़ा, और उसके पास भोजन खरीदने के लिए धन नहीं था। इसलिए उसे जो काम मिला वह सूअरों को चराने का था। वह इतना दुःखी और भूखा था कि वह सूअरों का भोजन खाना चाहता था।" +"इसके बाद, जहाँ छोटा पुत्र था उस देश में एक भयंकर अकाल पड़ा, और उसके पास भोजन खरीदने के लिए धन नहीं था। इसलिए उसे जो काम मिला वह सुअरों को चराने का था। वह इतना दुःखी और भूखा था कि वह सुअरों का भोजन खाना चाहता था।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-35-06.jpg) diff --git a/content/36.md b/content/36.md index 051bc9d..cb46d73 100644 --- a/content/36.md +++ b/content/36.md @@ -18,7 +18,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-36-05.jpg) -जब पतरस बात कर रहा था, तो एक उजले बादल नीचे आकर उन पर छा गया। फिर उन्होंने बादल में से एक आवाज को आते हुए सुना। उसने कहा, "यह मेरा पुत्र है जिससे मैं प्रेम करता हूँ। मैं उससे प्रसन्न हूँ। उसकी सुनो।" वे तीनों चेले डर गए और भूमि पर लेट गए। +जब पतरस बात कर रहा था, तो एक उजले बादल नीचे आकर उन पर छा गया। फिर उन्होंने बादल में से एक आवाज को आते हुए सुना। उसने कहा, "यह मेरा पुत्र है जिससे मैं प्रेम करता हूँ। मैं उससे प्रसन्न हूँ। उसकी सुनो।" वे तीनों चेले डर गए और मुर्छित होकर भूमि पर गिर गए। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-36-06.jpg) diff --git a/content/37.md b/content/37.md index 1a2a8fa..623e337 100644 --- a/content/37.md +++ b/content/37.md @@ -14,7 +14,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-37-04.jpg) -जब यीशु लाज़र के गाँव पहुँचा तो लाज़र को मरे हुए पहले से ही चार दिन हो चुके थे। मार्था यीशु से मिलने के लिए बाहर आई और कहा, "हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता। परन्तु मैं विश्वास करती हूँ कि जो कुछ भी तू परमेश्वर से माँगे वह तुझे देगा।" +जब यीशु लाज़र के गाँव पहुँचा तो लाज़र को मरे हुए पहले से ही चार दिन हो चुके थे। मार्था यीशु से मिलने के लिए बाहर आई और कहा, "हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता। परन्तु मैं विश्वास करती हूँ कि जो कुछ भी तू परमेश्वर से माँगेगा वह तुझे देगा।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-37-05.jpg) diff --git a/content/39.md b/content/39.md index 86e06d5..405c21f 100644 --- a/content/39.md +++ b/content/39.md @@ -1,4 +1,4 @@ -# 39. यीशु पर मुकद्दमा चलता है +# 39. यीशु का परीक्षण किया जाता है। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-39-01.jpg) diff --git a/content/40.md b/content/40.md index 01fb6d2..2bf6d85 100644 --- a/content/40.md +++ b/content/40.md @@ -2,7 +2,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-40-01.jpg) -यीशु का ठट्ठा करने के बाद, सैनिक उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिए ले गए। उन्होंने उस क्रूस को उसी से उठवाया जिस पर वह मरेगा। +यीशु का ठट्ठा करने के बाद, सैनिक उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिए ले गए। उन्होंने उस क्रूस को उसी से उठवाया जिस पर उसे मरना था। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-40-02.jpg) diff --git a/content/41.md b/content/41.md index df75bd1..515fa27 100644 --- a/content/41.md +++ b/content/41.md @@ -1,4 +1,4 @@ -# 41. परमेश्वर यीशु को मरे हुओं में से जिलाता है +# 41. परमेश्वर यीशु को मरे हुओं में से जिलाया ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-41-01.jpg) diff --git a/content/42.md b/content/42.md index 14d3076..daf9a2d 100644 --- a/content/42.md +++ b/content/42.md @@ -2,7 +2,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-42-01.jpg) -जिस दिन परमेश्वर ने यीशु को मृतकों में से जीवित किया था, उसके दो चेले पास के गाँव में जा रहे थे। चलते हुए वे यीशु के साथ जो हुआ था। उसके बारे में बातें कर रहे थे, उनको आशा थी कि वह मसीह था, परन्तु तब भी वह मार डाला गया था। अब वे स्त्रियाँ कहती हैं कि वह फिर से जीवित हो गया है। वे नहीं जानते थे कि किस बात पर विश्वास करना है। +जिस दिन परमेश्वर ने यीशु को मृतकों में से जीवित किया था, उसके दो चेले पास के गाँव में जा रहे थे। चलते हुए वे यीशु के साथ जो हुआ था, उसके बारे में बातें कर रहे थे। उनको आशा थी कि वह मसीह था, परन्तु तब भी वह मार डाला गया था। अब वे स्त्रियाँ कहती हैं कि वह फिर से जीवित हो गया है। वे नहीं जानते थे कि किस बात पर विश्वास करना है। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-42-02.jpg) diff --git a/content/43.md b/content/43.md index befa430..e9b69b9 100644 --- a/content/43.md +++ b/content/43.md @@ -6,7 +6,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-43-02.jpg) -प्रति वर्ष, फसह के पर्व के 50 दिनों के बाद, यहूदी लोग पिन्तेकुस्त नाम के एक महत्वपूर्ण दिन को मनाया करते थे। पिन्तेकुस्त वह समय था जब यहूदी लोग गेहूँ की कटाई को मनाया करते थे। सारे संसार से यहूदी लोग पिन्तेकुस्त के दिन को एक साथ मनाने के लिए यरूशलेम में आए थे। इस वर्ष, पिन्तेकुस्त मनाने का समय यीशु के स्वर्ग को चले जाने के लगभग एक सप्ताह के बाद आया था। +प्रति वर्ष, फसह के पर्व के 50 दिनों के बाद, यहूदी लोग पिन्तेकुस्त नाम के एक महत्वपूर्ण दिन को मनाया करते थे। पिन्तेकुस्त वह समय था जब यहूदी लोग गेहूँ की कटाई के पर्व को मनाया करते थे। सारे संसार से यहूदी लोग पिन्तेकुस्त के दिन को एक साथ मनाने के लिए यरूशलेम में आए थे। इस वर्ष, पिन्तेकुस्त मनाने का समय यीशु के स्वर्ग को चले जाने के लगभग एक सप्ताह के बाद आया था। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-43-03.jpg) diff --git a/content/46.md b/content/46.md index a2be225..b466531 100644 --- a/content/46.md +++ b/content/46.md @@ -1,4 +1,4 @@ -# 46. पौलुस मसीही विश्वासी बन जाता है +# 46. शाऊल (पौलुस) का यीशु का अनुयायी बनना ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-46-01.jpg) diff --git a/content/50.md b/content/50.md index bed36c0..29f58e9 100644 --- a/content/50.md +++ b/content/50.md @@ -1,4 +1,4 @@ -# 50. यीशु वापिस लौटता है +# 50. जब यीशु वापस लौटेगा ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-50-01.jpg) @@ -34,11 +34,11 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-50-09.jpg) -"जंगली पौधे उस दुष्ट जन, शैतान के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उस मनुष्य का शत्रु शैतान का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने जंगली पौधों को बो दिया था। कटाई इस संसार के अंत का प्रतिनिधित्व करती है, और कटाई करने वाले परमेश्वर के स्वर्गदूतों का प्रतिनिधित्व करते हैं।" +“जंगली दाने उन लोगों को दर्शाते हैं जो शैतान के हैं, जो दुष्ट है। मनुष्य का शत्रु, जिसने जंगली पौधे रोपे, वह शैतान को दर्शाता है। कटाई इस संसार के के अन्त को दर्शाती है, और कटाई करने वाले परमेश्वर के स्वर्गदूतों को दर्शाते हैं।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-50-10.jpg) -"जब संसार का अंत होगा तब स्वर्गदूत उन सब लोगों को एक साथ इकट्ठा करेंगे जो शैतान के हैं। वे स्वर्गदूत उनको एक बहुत ही गर्म आग में फेंक देंगे। वहाँ वे लोग भयंकर सताव में रोएँगे और अपने दाँत पीसेंगे। परन्तु जो लोग धर्मी हैं, जिन्होंने यीशु का अनुसरण किया है, वे उनके परमेश्वर पिता के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे।" +"जब संसार का अंत होगा तब स्वर्गदूत उन सब लोगों को एक साथ इकट्ठा करेंगे जो शैतान के हैं। वे स्वर्गदूत उनको एक बहुत ही धधकती आग में फेंक देंगे। वहाँ वे लोग भयंकर पीड़ा में रोएँगे और अपने दाँत पीसेंगे। परन्तु जो लोग धर्मी हैं, जिन्होंने यीशु का अनुसरण किया है, वे उनके परमेश्वर पिता के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-50-11.jpg) @@ -58,7 +58,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-50-15.jpg) -जब यीशु लौटता है, तो वह पूरी रीति से शैतान को और उसके राज्य को नष्ट कर देगा। वह शैतान को नरक में डाल देगा। वहाँ शैतान हमेशा के लिए जलता रहेगा, उन सब के साथ जिन्होंने परमेश्वर की बातों को मानने के बजाए शैतान के पीछे चलने का चुनाव किया था। +जब यीशु वापस लौटेगा, तो वह पूरी रीति से शैतान को और उसके राज्य को नष्ट कर देगा। वह शैतान को नरक में डाल देगा। वहाँ शैतान हमेशा के लिए जलता रहेगा, उन सब के साथ जिन्होंने परमेश्वर की बातों को मानने के बजाए शैतान के पीछे चलने का चुनाव किया था। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-50-16.jpg) diff --git a/content/front/intro.md b/content/front/intro.md index 1fd7756..8b39d6a 100644 --- a/content/front/intro.md +++ b/content/front/intro.md @@ -16,6 +16,6 @@ unfoldingWord का एक रजिस्टर्ड ट्रेडमार आर्टवर्क का आरोपण: इन कहानियों में उपयोग की गई सब तस्वीरें © Sweet Publishing ([www.sweetpublishing.com](http://www.sweetpublishing.com)) से हैं और a Creative Commons Attribution-Share Alike License ([http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)) के अधीन उपलब्ध करवाई गई हैं। -Version 8.1, 2023-02-28 +Version 8.2, 2023-04-24 *सम्पूर्ण संसार – वैश्विक कलीसिया में मसीह में हमारे भाइयों और बहनों के लिए। हमारी यह प्रार्थना है कि परमेश्वर उसके वचन के इस विजूअल अवलोकन का उपयोग आपको आशीषित, मजबूत, और उत्साहित करने के लिए करेगा।* \ No newline at end of file diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml index f0f67e5..2ef6f48 100644 --- a/manifest.yaml +++ b/manifest.yaml @@ -2,7 +2,7 @@ dublin_core: type: book conformsto: 'rc0.2' format: text/markdown - identifier: obs + identifier: 'obs' title: 'Hindi Open Bible Stories' subject: 'Open Bible Stories' description: 'Unrestricted visual Bible stories–50 key stories of the Bible, from Creation to Revelation, in text, audio, and video, in any language, for free. 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