hi_obs/content/27.md

48 lines
6.3 KiB
Markdown
Raw Permalink Normal View History

2017-05-17 21:11:29 +00:00
# 27. दयालु सामरी की कहानी
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-01.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
एक दिन, यहूदी व्यवस्था का एक विशेषज्ञ यीशु के पास आया। वह सब को यह दिखाना चाहता था कि यीशु गलत रीति से शिक्षा दे रहा था। इसलिए उसने कहा, "हे गुरु, अनन्त जीवन पाने के लिए मैं क्या करूँ?" यीशु ने जवाब दिया, "परमेश्वर की व्यवस्था में क्या लिखा है?"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-02.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2023-04-24 17:18:13 +00:00
उस व्यक्ति ने कहा, "वह कहती है कि अपने परमेश्वर से अपने सारे मन, सारे प्राण, सारी सामर्थ, और सारी बुद्धि से प्रेम रख। और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।" यीशु ने जवाब दिया, "तू एकदम सही है! यदि तू ऐसा करे, तो तुझे अनन्त जीवन प्राप्त होगा।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-03.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
परन्तु वह व्यवस्था का विशेषज्ञ लोगों को दिखाना चाहता था कि उसका जीवन जीने का तरीका सही था। इसलिए उसने यीशु से पूछा, "ठीक है, तो मेरा पड़ोसी कौन है?"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-04.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
यीशु ने उस व्यवस्था के विशेषज्ञ को एक कहानी बताने के द्वारा जवाब दिया। "एक यहूदी व्यक्ति था जो एक सड़क से होकर यरूशलेम से यरीहो की यात्रा कर रहा था।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-05.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
"परन्तु कुछ डाकुओं ने उसे देखा और उस पर हमला कर दिया। उन्होंने उसका सब कुछ ले लिया और उसे लगभग मरने तक मारा-पीटा। तब वे चले गए।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-06.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
"उसके तुरन्त बाद, एक यहूदी याजक उसी सड़क से होकर गुजरा। उस याजक ने उस व्यक्ति को सड़क पर पड़ा हुआ देखा। जब उसने उसे देखा तो वह सड़क की दूसरी ओर जाकर आगे बढ़ गया। उसने उस व्यक्ति को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-07.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
"इसके बाद कुछ ही समय बीतने पर, एक लेवी उस सड़क पर आया। (लेवी यहूदियों का एक गोत्र था जिन्होंने मंदिर में याजकों की सहायता की थी।) वह लेवी भी सड़क की दूसरी ओर से निकल गया। उसने भी उस व्यक्ति को अनदेखा कर दिया।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-08.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
"अगला जन जो उस सड़क पर आया वह सामरिया का एक पुरुष था। (सामरी और यहूदी एक दूसरे से नफरत करते थे।) उस सामरी ने सड़क पर उस व्यक्ति को देखा। उसने देखा कि वह यहूदी था, परन्तु फिर भी उसने उस पर बड़ा तरस खाया। अतः वह उसके पास गया और उसके घावों पर पट्टियाँ बाँधीं।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-09.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
"फिर उस सामरी ने उस व्यक्ति को अपने गधे पर डाला और उसे उस सड़क से एक सराय में ले गया। जहाँ पर उसने उसकी देखभाल करना जारी रखा।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-10.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
अगले दिन, उस सामरी को अपनी यात्रा को जारी रखने की आवश्यकता थी। उसने उस सराय के प्रभारी व्यक्ति को कुछ धन दिया। उसने उससे कहा, "इस व्यक्ति की देखभाल करना। यदि इस धन के अलावा तेरा कुछ और धन खर्च हो तो वापिस आने पर मैं तेरे उन खर्चो का भुगतान कर दूँगा।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2017-05-17 21:11:29 +00:00
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-27-11.jpg)
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
फिर यीशु ने उस व्यवस्था के विशेषज्ञ से पूछा, "तुम क्या सोचते हो? इन तीन लोगों में से कौन उस व्यक्ति का पड़ोसी है जिसे लूटा और पीटा गया था?" उसने जवाब दिया, "वही जो उस पर कृपालु था।" यीशु ने उससे कहा, "तू जा और ऐसा ही कर।"
2016-11-16 19:25:23 +00:00
2021-04-06 23:23:15 +00:00
_लूका अध्याय 10:25-37 से एक बाइबल की कहानी_