From b6c2ce4634dae9147f308a2d3628692e46dd04fa Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Tue, 12 Nov 2024 16:36:29 +0530 Subject: [PATCH] Tue Nov 12 2024 16:36:29 GMT+0530 (India Standard Time) --- 08/23.txt | 2 +- 08/26.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 08/26.txt diff --git a/08/23.txt b/08/23.txt index 2df087b..125218a 100644 --- a/08/23.txt +++ b/08/23.txt @@ -1 +1 @@ -\v 23 \v 24 \v 25 23 और केवल वही नहीं पर हम भी जिनके पास आत्मा का पहला फल है, आप ही अपने में कराहते हैं; और लेपालक होने की, अर्थात् अपनी देह के छुटकारे की प्रतीक्षा करते हैं। 24 आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहाँ रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उसकी आशा क्या करेगा? \v 25 परन्तु जिस वस्तु को हम नहीं देखते, यदि उसकी आशा रखते हैं, तो धीरज से उसकी प्रतीक्षा भी करते हैं। \ No newline at end of file +\v 23 और केवल वही नहीं पर हम भी जिनके पास आत्मा का पहला फल है, आप ही अपने में कराहते हैं; और लेपालक होने की, अर्थात् अपनी देह के छुटकारे की प्रतीक्षा करते हैं। \v 24 आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहाँ रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उसकी आशा क्या करेगा? \v 25 परन्तु जिस वस्तु को हम नहीं देखते, यदि उसकी आशा रखते हैं, तो धीरज से उसकी प्रतीक्षा भी करते हैं। \ No newline at end of file diff --git a/08/26.txt b/08/26.txt new file mode 100644 index 0000000..f654d27 --- /dev/null +++ b/08/26.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 26 इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये विनती करता है। \v 27 और मनों का जाँचनेवाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है? क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्‍वर की इच्छा के अनुसार विनती करता है। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 4db7887..5b6dc55 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -139,6 +139,7 @@ "08-14", "08-16", "08-18", - "08-20" + "08-20", + "08-23" ] } \ No newline at end of file