Tue Nov 12 2024 15:24:11 GMT+0530 (India Standard Time)

This commit is contained in:
Vachaa 2024-11-12 15:24:11 +05:30
parent 2ee0a5a5f6
commit 5ed7f9d98e
3 changed files with 4 additions and 2 deletions

View File

@ -1 +1 @@
\v 19 \v 20 \v 21 19 मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूँ। जैसे तुम ने अपने अंगों को अशुद्धता और कुकर्म के दास करके सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धार्मिकता के दास करके सौंप दो। \v 20 जब तुम पाप के दास थे, तो धार्मिकता की ओर से स्वतंत्र थे। \v 21 तो जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? क्योंकि उनका अन्त तो मृत्यु है।
\v 19 मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूँ। जैसे तुम ने अपने अंगों को अशुद्धता और कुकर्म के दास करके सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धार्मिकता के दास करके सौंप दो। \v 20 जब तुम पाप के दास थे, तो धार्मिकता की ओर से स्वतंत्र थे। \v 21 तो जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? क्योंकि उनका अन्त तो मृत्यु है।

1
06/22.txt Normal file
View File

@ -0,0 +1 @@
\v 22 परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्‍वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। \v 23 क्योंकि पाप की मजदूरी* तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्‍वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है।

View File

@ -112,6 +112,7 @@
"06-10",
"06-12",
"06-15",
"06-17"
"06-17",
"06-19"
]
}