\v 20 फिर भोर को जब वे उधर से जाते थे तो उन्होंने उस अंजीर के पेड़ को जड़ तक सूखा हुआ देखा। \v 21 पतरस को वह बात स्मरण आई, और उसने उससे कहा, “हे रब्बी*, देख! यह अंजीर का पेड़ जिसे तूने श्राप दिया था सूख गया है।”