Tue Nov 19 2024 12:35:31 GMT+0530 (India Standard Time)
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45 और यदि तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाएँ तो उसे काट डाल। लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो पाँव रहते हुए नरक में डाला जाए। 46 जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती
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\v 45 और यदि तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाएँ तो उसे काट डाल। लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो पाँव रहते हुए नरक में डाला जाए। \v 46 जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती
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\v 47 \v 48 47 और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाएँ तो उसे निकाल डाल, काना होकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक में डाला जाए। \v 48 जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती। (यशा. 66:24)
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"09-36",
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"09-42"
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"09-42",
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