diff --git a/18/42.txt b/18/42.txt new file mode 100644 index 0000000..b2b2761 --- /dev/null +++ b/18/42.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 42 यीशु ने उससे कहा, “देखने लग, तेरे विश्वास ने तुझे अच्छा कर दिया है।” \v 43 और वह तुरन्त देखने लगा; और परमेश्‍वर की बड़ाई करता हुआ, उसके पीछे हो लिया, और सब लोगों ने देखकर परमेश्‍वर की स्तुति की। \ No newline at end of file diff --git a/19/01.txt b/19/01.txt new file mode 100644 index 0000000..b17aa0a --- /dev/null +++ b/19/01.txt @@ -0,0 +1 @@ +\c 19 \v 1 वह यरीहो में प्रवेश करके जा रहा था। \v 2 वहाँ जक्कई* नामक एक मनुष्य था, जो चुंगी लेनेवालों का सरदार और धनी था। \ No newline at end of file diff --git a/19/03.txt b/19/03.txt new file mode 100644 index 0000000..855d221 --- /dev/null +++ b/19/03.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 3 वह यीशु को देखना चाहता था, कि वह कौन सा है? परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था। \v 4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि यीशु उसी मार्ग से जानेवाला था। \ No newline at end of file diff --git a/19/05.txt b/19/05.txt new file mode 100644 index 0000000..b97e5ad --- /dev/null +++ b/19/05.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 5 जब यीशु उस जगह पहुँचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उससे कहा, “हे जक्कई, झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है।” \v 6 वह तुरन्त उतरकर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया। \v 7 यह देखकर सब लोग कुड़कुड़ाकर कहने लगे, “वह तो एक पापी मनुष्य के यहाँ गया है।” \ No newline at end of file diff --git a/19/08.txt b/19/08.txt new file mode 100644 index 0000000..3ecbe26 --- /dev/null +++ b/19/08.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 8 जक्कई ने खड़े होकर प्रभु से कहा, “हे प्रभु, देख, मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूँ, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय करके ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूँ।” (निर्ग. 22:1) \v 9 तब यीशु ने उससे कहा, “आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिए कि यह भी अब्राहम का एक पुत्र* है। \v 10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूँढ़ने और उनका उद्धार करने आया है।” (मत्ती 15:24, यहे. 34:16) \ No newline at end of file diff --git a/19/11.txt b/19/11.txt new file mode 100644 index 0000000..c0e397c --- /dev/null +++ b/19/11.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 11 जब वे ये बातें सुन रहे थे, तो उसने एक दृष्टान्त कहा, इसलिए कि वह यरूशलेम के निकट था, और वे समझते थे, कि परमेश्‍वर का राज्य अभी प्रगट होनेवाला है। \v 12 अतः उसने कहा, “एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पा कर लौट आए। \ No newline at end of file diff --git a/19/title.txt b/19/title.txt new file mode 100644 index 0000000..67890cb --- /dev/null +++ b/19/title.txt @@ -0,0 +1 @@ +Chapter 19 \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index cb65c9f..21c8ee0 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -407,6 +407,13 @@ "18-34", "18-35", "18-38", - "18-40" + "18-40", + "18-42", + "19-title", + "19-01", + "19-03", + "19-05", + "19-08", + "19-11" ] } \ No newline at end of file