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\v 15 और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उसकी सुधि करते तो उनके पास फिर लौट जाने का अवसर था। \p \v 16 पर वे एक उत्तम अर्थात् स्वर्गीय देश के अभिलाषी हैं, इसलिए परमेश्वर उनका परमेश्वर कहलाने में नहीं लजाता, क्योंकि उसने उनके लिये एक नगर तैयार किया है। (निर्ग. 3:6, निर्ग. 3:15) |