From 0728831f289b261d802a491f83881b5ae130942c Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Wed, 6 Nov 2024 11:56:38 +0530 Subject: [PATCH] Wed Nov 06 2024 11:56:38 GMT+0530 (India Standard Time) --- 04/21.txt | 2 +- 04/24.txt | 1 + manifest.json | 4 +++- 3 files changed, 5 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 04/24.txt diff --git a/04/21.txt b/04/21.txt index ed8e0f4..e04b8e4 100644 --- a/04/21.txt +++ b/04/21.txt @@ -1 +1 @@ -\v 21 \v 22 \v 23 तुम जो व्यवस्था के अधीन होना चाहते हो, मुझसे कहो, क्या तुम व्यवस्था की नहीं सुनते? यह लिखा है, कि अब्राहम के दो पुत्र हुए; एक दासी से, और एक स्वतंत्र स्त्री से। परन्तु जो दासी से हुआ, वह शारीरिक रीति से जन्मा, और जो स्वतंत्र स्त्री से हुआ, वह प्रतिज्ञा के अनुसार जन्मा, \ No newline at end of file +\v 21 तुम जो व्यवस्था के अधीन होना चाहते हो, मुझसे कहो, क्या तुम व्यवस्था की नहीं सुनते? \v 22 यह लिखा है, कि अब्राहम के दो पुत्र हुए; एक दासी से, और एक स्वतंत्र स्त्री से। \v 23 परन्तु जो दासी से हुआ, वह शारीरिक रीति से जन्मा, और जो स्वतंत्र स्त्री से हुआ, वह प्रतिज्ञा के अनुसार जन्मा, \ No newline at end of file diff --git a/04/24.txt b/04/24.txt new file mode 100644 index 0000000..97605c5 --- /dev/null +++ b/04/24.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 24 इन बातों में दृष्टान्त है। ये स्त्रियाँ मानो दो वाचाएँ हैं, एक तो सीनै पर्वत की जिससे दास ही उत्‍पन्‍न होते हैं; और वह हाजिरा है--- \v 25 और हाजिरा अरब का सीनै पर्वत है, और आधुनिक यरूशलेम उसके तुल्य है, क्योंकि वह अपने बालकों समेत दासत्व में है--- \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index fa05a52..f2705f7 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -74,6 +74,8 @@ "04-08", "04-10", "04-12", - "04-15" + "04-15", + "04-21", + "04-24" ] } \ No newline at end of file