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\v 17 कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर जो महिमा का पिता है, तुम्हें बुद्धि की आत्मा और अपने ज्ञान का प्रकाश दे, \v 18 कि और तुम्हारे मन की आँखें ज्योतिर्मय हों; कि तुम जान लो कि उसके बुलाहट की आशा क्या है, और पवित्र लोगों में उसकी विरासत की महिमा का धन कैसा है, |