Tue Nov 05 2024 22:21:23 GMT+0530 (India Standard Time)
This commit is contained in:
parent
ac418a28bb
commit
e031d5fffc
|
@ -1 +1 @@
|
|||
\c 2 \v 1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे, \v 2 जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के अधिपति, अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है, \v 3 इनमें हम भी सब के सब पहले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसा पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
|
||||
\c 2 \v 1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे, \v 2 जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के अधिपति, अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है, \v 3 इनमें हम भी सब के सब पहले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसा पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
|
|
@ -0,0 +1 @@
|
|||
4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण जिससे उसने हम से प्रेम किया, 5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है), 6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया, 7 कि वह अपनी उस दया से जो मसीह यीशु में हम पर है, आनेवाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
|
|
@ -45,6 +45,7 @@
|
|||
"01-15",
|
||||
"01-17",
|
||||
"01-19",
|
||||
"01-22"
|
||||
"01-22",
|
||||
"02-01"
|
||||
]
|
||||
}
|
Loading…
Reference in New Issue