From 839f4d63211e3ab98a20a90bc839fab9347a99e3 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Wed, 6 Nov 2024 20:47:40 +0530 Subject: [PATCH] Wed Nov 06 2024 20:47:40 GMT+0530 (India Standard Time) --- 04/01.txt | 2 +- manifest.json | 3 ++- 2 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/04/01.txt b/04/01.txt index ef7b362..32ba734 100644 --- a/04/01.txt +++ b/04/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 4 \v 1 \v 2 \v 3 1 इसलिए मैं जो प्रभु में बन्दी हूँ तुम से विनती करता हूँ कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो, 2 अर्थात् सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो, 3 और शान्ति के बन्धन में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो। \ No newline at end of file +\c 4 \v 1 इसलिए मैं जो प्रभु में बन्दी हूँ तुम से विनती करता हूँ कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो, \v 2 अर्थात् सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो, \v 3 और शान्ति के बन्धन में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 0f9128b..c8052da 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -61,6 +61,7 @@ "03-12", "03-14", "03-17", - "03-20" + "03-20", + "04-01" ] } \ No newline at end of file