Sun Nov 17 2024 23:08:13 GMT+0530 (India Standard Time)
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\v 13 \v 14 \v 15 13 पर हे प्रभु में प्रिय भाईयों, तुम्हारे विषय में हमें सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहना चाहिए, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्र बनकर, और सत्य पर विश्वास करके उद्धार पाओ। (इफि. 1:4-5, 1 पत. 1:1-5, व्य. 33:12) 14 जिसके लिये उसने तुम्हें हमारे सुसमाचार बताने के द्वारा बुलाया, कि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह की महिमा को प्राप्त करो। 15 इसलिए, हे भाइयों, स्थिर रहो; और जो शिक्षा तुमने हमारे वचन या पत्र के द्वारा प्राप्त किया है, उन्हें थामे रहो।
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\v 13 पर हे प्रभु में प्रिय भाईयों, तुम्हारे विषय में हमें सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहना चाहिए, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्र बनकर, और सत्य पर विश्वास करके उद्धार पाओ। (इफि. 1:4-5, 1 पत. 1:1-5, व्य. 33:12) \v 14 जिसके लिये उसने तुम्हें हमारे सुसमाचार बताने के द्वारा बुलाया, कि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह की महिमा को प्राप्त करो। \v 15 इसलिए, हे भाइयों, स्थिर रहो; और जो शिक्षा तुमने हमारे वचन या पत्र के द्वारा प्राप्त किया है, उन्हें थामे रहो।
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\v 16 हमारा प्रभु यीशु मसीह आप ही, और हमारा पिता परमेश्वर, जिस ने हम से प्रेम रखा और अनुग्रह से अनन्त शान्ति और उत्तम आशा दी है, \v 17 तुम्हारे मनों में शान्ति दे*, और तुम्हें हर एक अच्छे काम में और वचन में दृढ़ करे।।
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"02-03",
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"02-05",
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"02-08",
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"02-11"
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"02-11",
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"02-13",
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"02-16"
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