\v 9 जो प्रेम परमेश्‍वर हम से रखता है, वह इससे प्रगट हुआ कि परमेश्‍वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है कि हम उसके द्वारा जीवन पाएँ। \v 10 प्रेम इसमें नहीं कि हमने परमेश्‍वर से प्रेम किया पर इसमें है, कि उसने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिये अपने पुत्र को भेजा।