From a0d40b9b598f420a0bdf89b7ed560bfecb001050 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Vachaa Date: Mon, 21 Oct 2024 17:53:06 +0530 Subject: [PATCH] Mon Oct 21 2024 17:53:06 GMT+0530 (India Standard Time) --- 05/06.txt | 2 +- 05/09.txt | 1 + 05/11.txt | 1 + manifest.json | 5 ++++- 4 files changed, 7 insertions(+), 2 deletions(-) create mode 100644 05/09.txt create mode 100644 05/11.txt diff --git a/05/06.txt b/05/06.txt index 2f33049..66b801a 100644 --- a/05/06.txt +++ b/05/06.txt @@ -1 +1 @@ -\v 6 \v 8 यह वही है, जो पानी और लहू के द्वारा आया था; अर्थात् यीशु मसीह: वह न केवल पानी के द्वारा, वरन् पानी और लहू दोनों के द्वारा आया था। और यह आत्मा है जो गवाही देता है, क्योंकि आत्मा सत्य है। \p \v 7 और गवाही देनेवाले तीन हैं; \p आत्मा, पानी, और लहू; और तीनों एक ही बात पर सहमत हैं। \ No newline at end of file +\v 6 यह वही है, जो पानी और लहू के द्वारा आया था; अर्थात् यीशु मसीह: वह न केवल पानी के द्वारा, वरन् पानी और लहू दोनों के द्वारा आया था। और यह आत्मा है जो गवाही देता है, क्योंकि आत्मा सत्य है। \p \v 7 और गवाही देनेवाले तीन हैं; \p \v 8 आत्मा, पानी, और लहू; और तीनों एक ही बात पर सहमत हैं। \ No newline at end of file diff --git a/05/09.txt b/05/09.txt new file mode 100644 index 0000000..6836e1c --- /dev/null +++ b/05/09.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 9 जब हम मनुष्यों की गवाही मान लेते हैं, तो परमेश्‍वर की गवाही तो उससे बढ़कर है; और परमेश्‍वर की गवाही* यह है, कि उसने अपने पुत्र के विषय में गवाही दी है। \p \v 10 जो परमेश्‍वर के पुत्र पर विश्वास करता है, वह अपने ही में गवाही रखता है; जिस ने परमेश्‍वर पर विश्वास नहीं किया, उसने उसे झूठा ठहराया; क्योंकि उसने उस गवाही पर विश्वास नहीं किया, जो परमेश्‍वर ने अपने पुत्र के विषय में दी है। \ No newline at end of file diff --git a/05/11.txt b/05/11.txt new file mode 100644 index 0000000..430da10 --- /dev/null +++ b/05/11.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 11 और वह गवाही यह है, कि परमेश्‍वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और यह जीवन उसके पुत्र में है। \p \v 12 जिसके पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिसके पास परमेश्‍वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 78d99e9..e4cab08 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -68,6 +68,9 @@ "04-17", "04-19", "05-01", - "05-04" + "05-04", + "05-06", + "05-09", + "05-11" ] } \ No newline at end of file