Thr_reg/59-HEB.usfm

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\ide UTF-8
\h हिब्रूनके ताहीं चिट्ठी
\toc1 हिब्रूनके ताहीं चिट्ठी
\toc2 हिब्रूनके ताहीं चिट्ठी
\toc3 heb
\mt हिब्रूनके ताहीं चिट्ठी
\c 1
\cl अध्याय १
\p
\v 1 प्राचीन कालसे हमर पिता पुर्खासंग अगमवक्तानद्वारा गजब और अलग अलग तरीकासे परमेश्‍वर मस्कत रहए ।
\v 2 पर जा आखिरी दिनमे बा अपन पुत्रसे हमसे मस्कि हए। पुत्रके न सबए बातको उत्तरधिकारी नियुक्त करी हए, बहे से सबय सृष्टि रची फिर हए ।
\v 3 बा परमेश्‍वरको महिमाको प्रतिबिम्ब (जैसो के तैसो) और परमेश्‍वर जैसो स्वभावको प्रतिरुप हए, और सबय सँसारके अपन शक्तिके वचनसे समारत हए। पापके शुध्द करके पिछु महिमित परमेश्‍वरको दहिना हात घेन उँचो स्थानमे बा विराजमान भवहए।
\p
\v 4 जैसी बाके पावभव नाउँ स्वर्गदुतसे अच्छो हए, उइसी बा बिनसे बहुत अच्छो ठहिरो हए ।
\v 5 का परमेश्‍वर स्वर्गदुतन मैसे कोईके कबहु आइसो कहिहय और? “तुम मेरे पुत्र हौ, मए आज तुमर पिता भओं हौं?” और फिर, “मए ऊनके ताहीं पिता हुइहौं और बे मिर ताहीं पुत्र हुइहँए?”
\p
\v 6 अपन पहिलो जन्मो भवके संसारमे लातय बा फिर कहात हय, “परमेश्‍वरके सबय स्वर्गदुत बाके आराधना करन पडैगो ।"
\p
\v 7 स्वर्गदुतनके बारेमे बा आइसो कहात हए, “बा अपन स्वर्गदुतनके आत्मा और जौन अपन दासनके आगीको ज्वाला बनात हए।”
\p
\v 8 पर पुत्रके बारेमे त बा कहि, “हे परमेश्‍वर, तुमर सिंहासन सदामानके ताहिँ रहबैगो, और न्यायको राजदण्ड तुमरे राजको राजदण्ड हुइहए ।
\q
\v 9 तुम धार्मिकताके प्रेम करत हौ, और अधर्मके घिणना करत हौ। जहेमारे, हे परमेश्‍वर, तुमर परमेश्‍वर तुमके अनान्दको तेलसे अभिषेक करी हए और सहयोगी बनाइ हय।”
\p
\v 10 बा फिर कहि, “हे परमप्रभु, तुम शुरुमे पृथ्बीको जग बैठारे हौ, और स्वर्ग तुमर हातको काम हए ।
\q
\v 11 बे त नष्ट हुइहएँ, पर तुम त सदिमान रायहौ। बे लत्ता जैसे पुराने होत जयहएँ,
\v 12 पिछौणा जैसो तुम बिनके लपेटेहौ, कुर्ता कता बे बदलेहँए। पर तुम सदामान एकय हानी हौ, और तुमरो वर्षको अन्त कबहू न हुइहए।”
\p
\v 13 “पर कौन स्वर्गदुतके बा अइसे कहि, “तुम मिर दहिना हातघेन बैठओ, जब तक मए तुमर शत्रुनके तुमरे टाँगके पाउदान न बनएहौं?”
\p
\v 14 का बे सब स्वर्गदुत मुक्ति पान बारेनके ताहीं ख्याल करन और सेवा करनके पठाए भयनके आत्मा न हयँ?
\c 2
\cl अध्याय २
\p
\v 1 जहेमारे जो सुनेहौ, बाके उपर हम और जद्धा ध्यान देन हय, और, बासे बहेकके हमके दुर न जानहए।
\v 2 अगर स्वर्गदुत घोषणा करो सन्देश अटल रहए तव, और हरेक अपराध और अनाज्ञारिताके ताहिं ठीक दण्ड दै कहेसे,
\v 3 तव हम इतनो महान मुक्तिको वास्ता न रखङ्गे तव हम कैसे बचंगे? जा मुक्ति सबसे अग्गु प्रभुसे घोषणा करी भै हए, और बाको वचन सुनन बारेनसे हमर ताहिँ पक्को साबित भव ।
\v 4 बहे समयमे परमेश्‍वर जाके चिन्ह, अचम्मोको काम और बहुत शक्तिशाली कामसे और अपन ईच्‍छा अनुसार पवित्र आत्माके वरदान देनकेद्वारा प्रमाणित करदै ।
\p
\v 5 हम बात करत आए बा आनबारो संसारके परमेश्‍वर स्वर्गदुतके अधीनमे न धरी ।
\v 6 धर्मशास्त्रको कोइ एक ठाउँमे अइसो करके गवाही दै हए, “आदमी का हए, और तुम बाको वास्ता करत हौ? औ आदमीको लौणा कौन हए जौनके ताहीं तुम चिन्ता करत हौ?
\q
\v 7 तुम बिनके कुछ छोटो करेहौ। तुम बिनके महिमा और आदरको मुकुट पैंधाए दएहौ और तुम बाके तुमर हातके कामके ऊपर धरे हओ।
\q
\v 8 तुम सब बात बाके अधीनमे धरे हौ।“ काहेकि परमेश्‍वर सब चीज मानवजातीके अधीन धरदए रहओ। बा कोई भी चीज आदमीसे बाहिर रहन न दई। पर हभय समयमे कोई फिर चीज आदमीके आदमिनमे भव देख्त न हयँ।
\v 9 पर, बाके कुछ समयके ताहीं स्वर्गदुतसे कम बनाओभव हम देखे हयँ। बा येशू हय। काहेकि बाको दुःख और मृत्युको कारन येशू ख्रीष्टके महिमा और आदरको मुकुटको पैंधए गव हय, जहेमारे, अभे परमेश्‍वरको अनुग्रहसे येशू ख्रीष्ट सबय आदमीके ताहिँ मृत्युको स्वाद चाखी ।
\p
\v 10 जा ठीक रहए, कि परमेश्‍वर जौनके ताहिँ और जौनद्वारा सब चिज अस्तित्वमे हए, बा बहुत सन्तानके महिमा लान बाके दुःखसे बिनको मुक्तिके पुरा करन बा एक अगुवा बनाओ गओ।
\v 11 काहेकी पवित्र बनान बारो और पवित्र बनाएके फिर सब एकए परिवार होमए जहेमारे बिनके भैया कहान येशू न शर्मानो ।
\v 12 बा कहात हय, “मिर भैयनके जौने तुमरो नाउँ मए घोषणा करत् हौं, सभामे मए तुमके प्रशंसा करत् हौं।
\p
\v 13 और फिर, “मए बाके उपर मेरो भरोसा करङ्गो।” और फिर “देखओ, जहियाँ मय और मिर लौणा लौणियानके जौनके परमेश्‍वर मोके दै हय ।"
\p
\v 14 जहेमारे, पहिले परमेश्‍वरके लौणा लौणिया मासु और रगतको एक भाग होनके बजेसे येशू फिर बहे बात बिनसे बाँटी। जहेमारे, येशू मृत्यु सहेके मृत्युके ऊपर होनबारेके या शैतानके नष्ट करदै,
\v 15 मृत्युके डरसे और जीवनभर शैतानके दास हुईके जिनबारेनके ताहीं छुटकारा देन बा आइसो करी।
\v 16 काहेकी वास्तबमे बा स्वर्गदुतनके वास्ता न करत हय, पर बा अब्राहमको सन्तानको वास्ता करत हए ।
\v 17 जहेमारे, बा भैयन जैसे बनन बाके ताहीं सब ठाऊँमे जरुरी रहय। जहेमारे, बा परमेश्‍वरको बात सम्बन्धी दया से भरो और विश्‍वसिलो हुईके परमेश्‍वरको महान पुजारी भओ । जहेमारे, बा सबय आदमिनको पापको क्षमा लान सिकी।
\v 18 काहेकी येशू अपनए कष्ट भोगी, और परिक्षित भव, बा परीक्षामे पणन बारेंनके बा सहायता कर सकत हए ।
\c 3
\cl अध्याय ३
\p
\v 1 जहेमारे, स्वर्गीय बोलावटमे सहभागी भए पवित्र भैयाओ, हम पक्को से स्वीकार करो प्रेरित औ प्रधान पुजारी येशूके बिचार करओ ।
\v 2 जौन बाके नियुक्त करी, बा परमेश्‍वर घेन येशू बिश्‍वासयोग्य रहए, जैसी मोशा फिर परमेश्‍वरको घरानेमे बिश्‍वासयोग्य रहए ।
\v 3 परमेश्‍वर मोशा से जद्दा येशूके योग्य और महान महिमा दई रहए। काहेकि घर अपने से जाधा घर बनानबारोके जद्धा आदर होतहए ।
\v 4 काहेकी हरेक घर कोइ ना कोइ आदमीसे बनाओ होतहए, पर सब चीज बनान बारो त परमेश्‍वर हए।
\v 5 जब भविष्यमे बोलन बारी बातकि गवाहीके ताहिं मोशा परमेश्‍वर सारा घरानामे दासके रुपमे बिश्‍वसिलो रहए ।
\v 6 पर परमेश्‍वरको घरानाको जिम्मा पुत्र ख्रीष्ट लईहय। यदि हम पक्कासे बाके थामके रखयँ हयँ तव हम गर्बसँग कहे सकत हयँ, कि हम बाके घरानेके हएँ।
\p
\v 7 जहेमारे पवित्र आत्मा कहत हए, “आज तुम बाको बोली सुनेहौ तव,
\v 8 उजाड-स्थानमे परीक्षाके समयमे विद्रोहोके दिनमे करे जैसो अपन ह्रदयके कठोर मत करओ।
\v 9 जहाँ तुमर पुर्खा मिर परीक्षा करीं और चालीस वर्षतक मिर काम देखिं ।
\p
\v 10 जहेमारे बा पुस्तासंग मए क्रोधित भव, मय कहो, “बिनको ह्रदय जब फिर टेणो बनोरहत् हए, और बे मिर डगर न पहिचानी ।"
\p
\v 11 जहेमारे मए अपन दिक्मे अइसे कसम खाओ, 'मिर विश्राममे बे कबहू घुसन न पायँ हयँ ।”
\p
\v 12 भैयओ, होश करओ, तुम मैसे कोइमे भव दुष्ट और अविश्‍वासी ह्रदय तुमके जिन्दा परमेश्‍वरसे दुर न लैजाबए ।
\v 13 पर, जबतक “आजके दिन" कहानबारी बात हए, तब तक एक दुसरेनके उत्साह देओ। जहेमारे, तुमर मइसे कोइको फिर छलकपटको पापसे ह्रदय कठोर न होबए।"
\v 14 अगर हम हमर सुरुको भरोसाके अन्ततक पक्केसे पकणे रहएँ तव, हम ख्रीष्टमे सहभागी होत हएँ ।
\v 15 जाके बारेमे आइसो कहो गओ रहए, “आज तुम बाको बोली सुनेहौ तव बिद्रोहोके दिनमे करे जैसे तुमर ह्रदय कठोर मत करओ।”
\p
\v 16 सुननबारे कौन रहएँ, जौन परमेश्‍वरको आवाज सुनी औेर बिद्रोहो करीं? का बे सब बेहि न हयँ और, जो मोशाको अगुवाईमे मिश्रदेशसे निकरके आए रहएँ?
\v 17 जौन संग बा चालीस वर्षतक क्रोधित का न भव रहय? का बे पाप करनबारे संग न रहयँ, जौनकी मरी शरीर उजाड-स्थानमे पडी रहएँ?
\v 18 बे बाके विश्राममे घुस ना पयँहएँ कहिके कौनसंग बा कसम खाई रहय, का बे बाके आज्ञा न माननबारे न हय?
\v 19 और जहेमारे हम देख्तहएँ, बे अविश्‍वासके कारन बाको बिश्राममे घुस न पाइँ।
\c 4
\cl अध्याय ४
\p
\v 1 जहेमारे परमेश्‍वरके विश्राममे प्रवेश पानके प्रतिज्ञा होतए होत हम होशियार रहमएँ और तुम मैसे कोइ फिर बा प्रतिज्ञासे वन्चित न होबए ।
\v 2 काहेकी हमके फिर बिनके कता सुसमाचार प्रचार सुनाओ गओ हए। पर सुनो वचनसे बिनके कोइ फाइदा न भव, काहेकी सुननबारे विश्‍वाससे जाके ग्रहण न करीं।
\v 3 काहेकी हम विश्‍वास करनबारे त बा बिश्राममे हम घुसङ्गे, जौन बा कहिहए, जहेमारे मय अपनो क्रोधसे अइसे कसम खाओ, 'मिर विश्राममे बे कबहू घुसन न पामंगे।” यहाँतक बाको काम संसारके उत्पत्तिसे पुरा हुइगव रहए ।
\v 4 काहेकी बा और कोइ ठाउँमे सातौं दिनके बारेमे जा हानी कहिहए, “परमेश्‍वर सब कामसे सातौं दिनमे विश्राम लै ।"
\p
\v 5 और फिर अइसे खण्डमे बा कहिहए, “मिर विश्राममे बे कबहू न घुसेहएँ।"
\p
\v 6 जहेमारे, बाके बिश्राममे घुसन और कोईके ताहीं हबए बाँकी हए, और इस्राएली सुसमाचार सुनी, पर बे अाज्ञापालन न करनके कारन जा बिश्राममे घुसन न पाइँ ।
\v 7 “फिर परमेश्‍वर “आज” कहिके एक दिन ठहेराइ हए, जब बा बहुत समय पिछु दाऊदसे अग्गु कहि बात फिर कहि, “आज तुम बाको बोली सुनके तुमर ह्रदय कठोर मतकरओ।”
\p
\v 8 काहेकी यदि यहोशू बिनके विश्राम दई होतो तओ परमेश्‍वर पिछुसे दुसरो दिनके बारेमे न कहते ।
\v 9 जहेमारे परमेश्‍वरके आदमिनके ताहिं एक शबाथ दिनकोको* विश्राम और बाँकी हए ।
\v 10 काहेकी परमेश्‍वरको विश्राममे घुसन जौन फिर अपन परिश्रमसे विश्राम लेतहए ।
\p
\v 11 जहेमारे हम बा विश्राममे जानके ताहिं प्रयास करएँ, और कोइ फिर उइसी किसिमको अनाज्ञाकारितामे न पडय जैसी बे पडे रहयँ।
\v 12 काहेकी परमेश्‍वरको वचन जिन्दा और काम करन बारो हए, और कोइ फिर दुई धारे तरवारसे फिर जद्धा पैनो हए। जा प्राण और आत्मासे बाको जोण-जोणमे और हड्डीको गुदीतक भाग-भाग करके वारपार छेदन और ह्रदयको बिचार और इच्छा जाँचन सिक्त हए ।
\v 13 परमेश्‍वरको द्र्ष्टिमे सृष्टिको कोइ चीज लुकी न हय। बाके नजरके अग्गु सब चीज सफा और खुल्ला हए, बाके हमके लेखा देन पणैगो।
\p
\v 14 जहेमारे, बादर पार करके जानबारो परमेश्‍वरको पुत्र येशू हमर महान प्रधान पूजारी हए बहेमारे, हम पक्केसे स्वीकार करो जा विश्‍वासके पकणे रहए ।
\v 15 काहेकी हमरसंग हमरो कमजोरीमे हमके सान्त्वना न देन सिकन बारो एक जनी प्नधान पुजारी न हय। बाको सट्टामे, हमए संग एक जनी हय जो हमे जैसी परिक्षामे हुइके गओ, तब फिर बा पापरहित हए ।
\v 16 तव हम परमेश्‍वरको अनुग्रहके सिँहासनमे साहससंग जामयँ, ताकी घटीकमिके समयमे हम कृपा और अनुग्रह पान सिकयँ।
\c 5
\cl अध्याय ५
\p
\v 1 काहेकि प्रत्येक प्रधान पूजारी आदमी मैसे छनो होत हए, और आदमीनके पक्षमे पापके ताहिं परमेश्‍वरमे भेटी और बलिदान चढानके नियुक्त करो हए ।
\v 2 अन्जान और कुडगर घेन लागनबारेनसे बे नम्रतासे व्यवहार कर सिकतहएँ, काहेकी बे अपनए फिर कमजोरीसे घिरे होत हएँ ।
\v 3 जहेमारे आदमीके पापके ताहिं इकल्लो नाए, पर अपन पापके ताहिँ फिर बलिदान चढान बिनके कर लागत हए।
\v 4 कोइ भी आदमी अपनए आप आदरलेन न सिकतहयँ, बाको सट्टामे, हारुनके जैसी बाके परमेश्‍वरद्वारा बुलाई हए ।
\v 5 आइसिय करके, ख्रीष्टके प्रधान पूजारी बनानके कारनसे नत बा अपनएके ऊँचो करी। पर बासे मस्कनबारो कही, “तय मिर पुत्र हय, आज मय तुमर पिता भओ हौं।”
\p
\v 6 दुसरो ठाउँमे बा कहिहए, “मलकिसेदेकको दर्जा अनुसार तुम सब दिनके ताहिं पूजारी हौ।”
\p
\v 7 येशू अपन शारीरिक जीवनमे होत बाके मृत्युसे बचान सिकनबारे बा बणो दुखभरो आवाज और आँसुसंग प्रार्थना चढाई रहए, और बाकी आदरखो कारन बा प्रार्थना और नम्र निवेदन सुनी ।
\v 8 बा पुत्र रहए, तहुँ फिर अपन भोगो कष्टसे बा आज्ञापालन करन सिखो,
\v 9 और पक्को बनके बाको आज्ञापालन करन बारेनके सबके ताहिं बा अनन्त मुक्तिको स्रोत बनोहए ।
\v 10 मलकिसेदेकको दर्जा अनुसार प्रधान पूजारीको पद परमेश्‍वरद्वारा बा पाई रहए ।
\p
\v 11 हमर संग येशूके बारेमे कहानके त बहुत हए, पर तुमर सुनन शक्ति बन्द होन के कारनसे जाके बयान करन कररो हए।
\v 12 काहेकी इतनो समय तक ता तुम शिक्षक हुइजाते, पर हबए फिर तुमके कोइ परमेश्‍वरको वचनको साधारण सिद्दान्त सिखान पणरहो हए। तुमके कररो खानु नाय, दुध जरुरी हए ।
\v 13 काहेकि दुध इकल्लो पीके जीनबारे धार्मिकताको वचनमसंग अनुभव न कर सकत हएँ, काहेकी बा अभेतक बालकए हए ।
\v 14 पर कररो खानु त परिपक्क आदमीनके ताहिँ हए। काहेकि यिनको परिपक्ताको समझनको तालिमसे बे खराब और अच्छो छुट्यान सिकनबारे होतहएँ।
\c 6
\cl अध्याय ६
\p
\v 1 जहेमारे, सुरुमे सिको भओ ख्रीष्टको वचनके छोडके हम परिपक्कता घेन अग्गु बढएँ। परमेश्‍वरमे विश्‍वास और मरे कामसे पश्‍चातापको जग बैठानबारो काम न करयँ ।
\v 2 नत बप्तिस्माबारो शिक्षाको जग, हात धरनको काम, मरे आदमिनको पुनरुत्थान, और अनन्त न्यायको जग न बैठामएँ ।
\v 3 यदि परमेश्‍वर अनुमति दे हय तव हम जा भी करङ्गे।
\v 4 काहेकी जौन एक चोटी ज्योति पाएके स्वर्गको वरदान चाखीं रहँए, जो पवित्र आत्मामे सहभागी भए रहएँ, बिनके ताहीं जा असम्भव बात हय।
\v 5 और जौन परमेश्‍वरको अच्छो वचनको और आनबारो युगको शक्तिको स्वाद चाखीं ेरहएँ, बिनके ताहीं जा असम्भव बात हय।
\v 6 पर जो विश्‍वास छोडके पिच्छु हटे हएँ, बिनके फिर पश्‍चातापमे लान असम्भव हए। काहेकी बे फिर अपन ताहीं परमेश्‍वरके पुत्रके क्रूसमे टाँगत् हँए, और खुल्लमखुल्ला बाको अपमान करतहँए।
\v 7 काहेकि जमिन अपने उपर जौन बर्सौनीयाँ पानी पितहए, जोमे लगातार पानी पडत हय और जमिनमे काम करन बारेनके ताहिँ मन पणनबारो अन्न-बाली फरात हए, बा जमिन परमेश्‍वरसे आशीष पातहए ।
\v 8 पर यदि बा काँटो और सिउँडी फराय हय तव, बा बेकामको होतहए, और परमेश्‍वरको सराप पड सक्तहएऔर अन्तमे बाके जलाव जयहए।
\p
\v 9 हम अइसी बात कए हँए तहुँ फिर तुमर बारेमे त, प्रिय हो, मुक्ति सम्बन्धिके और अच्छी बातके बारेमे हम पक्के हँए ।
\v 10 परमेश्‍वर अन्यायी न हय, और तुमरो काम और बाके ताहीं सन्तके सेवामे तुमर दिखओ प्रेम बा न भुलेहए। तुम और फिर उइसी सेवा कर रहे हौ।
\v 11 और हम चाहत हएँ, कि तुम हरेक अपन भरोसाके ताहिं अन्त तक बहे परिपक्कता दिखाबौ।
\v 12 जहेमारे तुम अल्छी मत होबओ, पर विश्‍वास और धैर्यसे प्रतिज्ञाके हकदार होनबारेनके देखासेखी करनबारे होबओ।
\p
\v 13 परमेश्‍वर अब्राहमसे प्रतिज्ञा करत कसम खान अपनेसे बणो और कोइ न पाई तव अपनो नाउँमे अइसे कसम खाई,
\v 14 “मए नेहत्य तोके आशीष देहौं, और तेरो बृध्दि करेहौं ।"
\v 15 और अइसी धैर्य धारण करके अब्राहम प्रतिज्ञा करी भई बात पाई।
\v 16 आदमी अपनेसे बणो नाउँमे कसम खातहए, और बा हरेक बाद-विवाद कसमसे पक्का करत रहत् हए ।
\v 17 परमेश्‍वर अपन प्रतिज्ञाके हकदारनके बदलन होन न सिकनबारो इच्छाके पक्का करके दिखान चाही। बा कसम खाएके बाके पक्का करदै।
\v 18 बदलन होन न सिकन जे दुई बातमे परमेश्‍वरके असत्य ठहिरानो असम्भव हए। जहेमारे हम शरण लेनबारे हम अग्गु धरो आशा प्राप्त करन बडो हौसला पाए हएँ।
\v 19 हमरसंग हमर आत्मा सुरक्षित और बिस्वासिलो परिपक्कतामे गडो हय, आइसो परिपक्कता पर्दा भितरको पवित्रस्थानमे घुसत हय ।
\v 20 जहाँ मलकिसेदेकको दर्जा अनुसार येशू सदाके ताहीं प्रधान पूजारी हुईके हमर ताहीं अगुवाके रुपमे येशू हमसे पहिले बा ठाऊँमे जायके बैठ गयहएँ।
\c 7
\cl अध्याय ७
\p
\v 1 जहे मलकिसेदेक शालोमके राजा और सर्वोच्च परमेश्‍वरको पूजारी रहए। अब्राहाम लडाईं जितके लौटत रहो समयमे मल्कीसेदेक बाके भेटके आशीर्वाद दै ।
\v 2 अब्राहाम मल्कीसेदेकके सब बातको दशांश दई। मल्कीसेदेकको नाउँको अर्थ होत हय, “धार्मिकताके राजा।" बाको दुसरो पद “शालेमको राजा" हए, या “शान्तिको राजा।"
\v 3 बा बिनापिता, बिनामाता, बिनापिता-पुर्खा और जीबनको शुरु और अन्त न होन बारे आदमी हय। पर, बा परमेश्‍वरके पुत्र जैसो सब समयके पुजारी हए।
\p
\v 4 अब विचार करओ त, जे कैसे महान् पुरुष रहएँ, जौनके अब्राहाम कुलपिता फिर विजयमे हासिल करो भव चीजको दशांश दै ।
\v 5 एकघेन, पुजारी पदमे नियुक्त भव लेवी वंशके आदमी अपन ददा भैयासे दशांश लेन ताहिं आज्ञा व्यवस्था अनुसार पाई रहएँ, यहाँतक बे फिर अब्राहामके सन्तानसे आयहयँ ।
\v 6 पर दुसरोघेन, मल्कीसेदेक जौनको वंशावली बिनसे न रहय, जौन अब्राहामसे सबय दशांश पाई, और बा जौनके प्रतिज्ञा करो गओ रहय बाके आशीर्वाद दई।
\v 7 जामे इन्कार करन कछु बात न हय, कि छोटो बडोसे आशीर्वाद पात् हएँ ।
\v 8 आइसो अवस्थामे मरणशील आदमी दशांश पात हएँ कहेसे, दुसरो घेन बा बातमे बा जीवित रहात् हँए कहिके जा प्रमाणित करत हय ।
\v 9 कोइ जा फिर कहान् सिकत हए, अब्राहामद्वारा दशांश पानबारो लेवी फिर दशांश दई ।
\v 10 काहेकि मल्कीसेदेक अब्राहामके मिलतपेति लेवी अपन अपन पुर्खाकी शरीर भीतरे रहए।
\p
\v 11 अब अगर लेबीके पूजारी पदको सिध्दता पात हए तव {काहेकी जाके आधारमे आदमीनको व्यवस्था मिलो हए} हारुनको दर्जा अनुसार न हुइके फिर मलकीसेदेकको दर्जाअनुसार दुसरो पूजारी होनके का जरुरत पणतहए?
\v 12 काहेकी जब पूजारी पद बदलत हय, तब व्यवस्था फिर बदलन पणतहए।
\v 13 काहेकी जौनके बारेमे जा कहि हए, बा त दुसरो कुलको हए, जौन कुलसे कोइके फिर कबहु बेदीको सेवा न करी ।
\v 14 अब जा सफा हय, कि हमर प्रभु त यहूदाको कुलसे जन्मो रहय, पर पूजारीके बारेमे मोशा कबहु फिर न कहि रहय।
\v 15 अगर मल्कीसेदेक जैसो दुसरो पूजारी खणो होनके हए तव जा बात और जद्धा सफा होतहए,
\v 16 जो पुर्खौली सम्बन्धि नियमको आधारमे न हय, पर अविनाशी जीवनको शक्तिके आधारमे पूजारी बनोहए ।
\v 17 काहेकी बाको बिषयमे धर्मशास्त्र आइसे बगाही देत हएः “मल्कीसेदेकके दर्जा जैसो तुम सबदिनके ताहिं पूजारी हौ।”
\p
\v 18 काहेकी पहिलो आज्ञा खारेज भओ हय, काहेकि बा कमजोर और काम नलगनबारो रहए ।
\v 19 काहेकी व्य्वास्था कोइ भी बातके सिध्द न बनाई। और भबिष्यके ताहीं उत्तम आशा हए, जौनसे हम परमेश्‍वरके जौने पुगन सकत हँए।
\p
\v 20 और जा त बिना कसम भव न हए । एकघेन, बे और कसमबिना पुजारी भय रहयँ।
\v 21 पर दुसरोघेन, अग्गु पूजारी होनबारे त नेहत्य बिना कसम पूजारीको पद लए रहएँ, पर बा त कसम सहित पूजारी बनोहए, और बाके बारेमे परमेश्‍वर कहिहए, “परमप्रभु कसम खाईहए, और अपन मन बदलि न हय, तुम सबदिनके ताहिं पूजारी हौ।”
\p
\v 22 जहेमारे येशूके उत्तम करारको परिपक्कता दओ हए,
\v 23 एकघेन, अग्गुके पूजारी बहुत संख्यामे भय रहएँ, पर मृत्यु बिनके काममे लगेरहन न देत रहए ।
\v 24 पर दुसरे घेन, येशू सदामान रयहय, बाकेसंग एक पूजारी पद अटल रयहए।
\v 25 जहेमारे, येशूद्वारा परमेश्‍वरके जौने आनबारे आदमिनके बचानके ताहीं बा पुरो रुपमे शक्तिशाली हय, काहेकी बा बिनके ताहीं मध्यस्ताको प्रार्थना चढ़ानके सबैदिन जिन्दा हए ।
\p
\v 26 काहेकी आइसी किसिमको प्रधान पूजारी हमर ताहीं सुहात हय, जो पवित्र, दोषरहित, निष्कलङ्क, पापसे अलग और बादरसे भी फिर ऊँचो भव हए।
\v 27 और प्रधान पूजारी जैसो पहिले अपन पापके ताहिं और बाके पिछु आदमीनके पापके ताहिं बाके सबदिन बलिदान चढ़ानके न पणैगो। जब बा अपनएके अर्पण करी, तव बा जा सबदिनके ताहिं एकए चोटीमे पूरा करदै ।
\v 28 काहेकी व्यवस्था आदमीनके प्रधान पूजारीको रुपमे नियुक्त करी, जौनसंग कमजोरी होत रहयँ। पर बा व्यवस्था पिछु आओ कसमको वचनसे नियुक्त भओ पुत्र हय जो सदाके ताहीं सिद्द बनाओ गओ हय।
\c 8
\cl अध्याय ८
\p
\v 1 अब हमके कहन बारी बात जहे हए: हमरसंग एक जनी प्रधान पूजारी हए, जो स्वर्गको सिंहासनके दहिना घेन विराजमान हए ।
\v 2 आदमीको बनाओ न, पर परमेश्‍वर बनाओ भव सच्चो पवित्रस्थान, सच्चो पवित्रस्थानमे बा सेवक हए।
\p
\v 3 काहेकी हरेक प्रधान पूजारी भेटी और बलिदान चढानके नियुक्त करो होतहए। जहेमारे, जा प्रधान पूजारीसंग अर्पण करनबारो कुछ समान चढान जरुरी हए ।
\v 4 अब यदि ख्रीष्ट पृथ्बीमे होतो तव, बा सबैको पूजारी न होतो, काहेकी हुवाँ व्यवस्था अनुसार भेटी चढानबारे पूजारी त हैयहँए ।
\v 5 बे स्वर्गीय बातनको नकल और छाहींको इकल्लो सेवा करतहएँ। जैसी मोशा वासस्थान बनातपेति परमेश्‍वरद्वारा मोशाके चेतावनी दओ गओ रहए, परमेश्‍वर कही, “देख, तोके पहाडमे दिखाओ गओ नमुना अनुसार तय हरेक चीज बनइये।”
\v 6 पर अभे ख्रीष्ट पावभव सेवाको काम और जद्धा ऊत्तम हए, काहेकि बा मध्यस्थता करो भव करार बहुत उत्तम हए। जौन करारको जग उत्तम प्रतिज्ञामे स्थापना करो गओ हय ।
\p
\v 7 काहेकी, यदि पहिलो करार खोटरहित होतो तव, दुसरो करारको जरुरतय न पणतो।
\v 8 काहेकी जब परमेश्‍वर आदमिनको दोष पाई, तव बा कही, “देखओ, परमप्रभु कहात हय, बे दिन अमंगे, जब इस्राएलको घरानासंग और यहूदाको घरानासंग मए एक नयाँ करार स्थापना करेहौं ।
\q
\v 9 बे पुर्खानके संग मए बाँधो करार जैसो जा न हुइहए, जब मए बिनके हात पकणके मिश्रदेशसे डुरियाके लाओ रहौं। काहेकि बे मिर करारके पक्के रुपसे न पछयाईं, और परमप्रभु कहात हय, बहेमारे मए बिनको वास्ता न करो।
\q
\v 10 परमप्रभु कहात हए, बे दिनपिछु मए इस्राएलको घरानासंग जा करार बाँधंगो, बिनके मनमे मिर व्यवस्था धरदेहौं, और बिनके ह्रदयमे बा लिखदेहौं, और मए बिनको परमेश्‍वर हुइहौं, और बे मिर प्रजा होमंगे।
\q
\v 11 बे हरेक अपनो परोसीके न सिकामङ्गे, और अपन भैयाके परमप्रभुके चिनओ करके न कहान पडैगो। काहेकी बे मैसे छोटेसे लैके बडेतक सब मोके चिनंगे ।
\q
\v 12 काहेकी बिनको करो भओ अपराध मए क्षमा करेहौं, और बिनके करे भय पापनके सम्झना मय कबहु फिर न न करङ्गो।”
\p
\v 13 “नयाँ" कहातपेति बा पहिलो करारके पुरानो बनाई। और जौन काम न लगनबारो और पुरानो हुइगओ हय, बा हरायके जान लागो हए।
\c 9
\cl अध्याय ९
\p
\v 1 अब पहिलो को करारमे आराधनाके ताहीं नियम और संसारिक वासस्थान रहए ।
\v 2 काहेकि एक पवित्र वासस्थन तयार भव रहए, जौनको पहिलो कोठा भितर सामदान, टेबुल और भेटीकी रोटी रहए, जासे पवित्रस्थान कहत रहएँ।
\v 3 पर्दाको पिच्छुघेन महापवित्र स्थान कहान बारो और दुसरो कोनो रहए,
\v 4 जौनमे धूपके ताहीं एक सोनोको रहय। जामे करारको सन्दुक फिर रहय, जो पुरो रुपसे सोनोसे मोहोरो रहय। जाको भितरघेन रहो सोनोको बर्तनमे मन्‍न धरो वर्तन, गुम्टि लागो हारुनको लकडी और करारको शिला पाटी रहएँ ।
\v 5 करारको सन्दुक उपर ईश्‍वरीय महिमाके करुब प्रायश्‍चितको ढक्कनके छोपे रहएँ। जाके बारेमे हबए हम विस्तारसे न कहे पएहएँ।
\p
\v 6 जे चीजनके तयार करके पिछु पूजारी लगातार रुपमे बासस्थानको बाहिरी कोनोमे सदा अपन सेबाको काम करन भितर घुसत रहएँ ।
\v 7 पर प्रधान पूजारी इकल्लो हरेक वर्षको एक चोटी दुसरो कोनोमे घुसत रहए। बा रगत लैके अपन ताहिं और आदमीनके अन्जानमे करे अपराधके ताहिं बलि चढात हएँ।
\v 8 पवित्र आत्मा दिखत् हए, कि पहिलो पवित्रस्थान रहनतक महा-पवित्रस्थानमे जानके डगर खुली न रहए ।
\v 9 हबए समयके ताहिं जा एक नमुना रहए। चढओ भओ भेटी और बलिदान दोनो आराधकको विवेकके परिपक्क न करन सिकी।
\v 10 बे बहुत किसिमको उत्सबको शुद्दिकरण खान और पिन बातसंग इकल्लो सम्हबन्धित हयँ। बे सबय शरीरके ताहीं नियम इकल्लो रहयँ, जौनके नयाँ किसिमसे न बनन तक एक एक करके रखो गओ रहय।
\p
\v 11 ख्रीष्ट आनबारो अच्छी चीजनके प्रधान पूजारी हुइके आओ, बा और जद्दा महान और सिध्द पवित्रस्थानमे प्रबेश करी, जौनआदमीके हातसे बनो न हय, जौन जा बनो संसारको न हए ।
\v 12 बक्रा और बछ्रानको रगतसे न हुइके बा अपन रगतसे सबएके ताहिं एकए चोटी बा महा-पवित्रस्थान भितर प्रवेश करी और हमर अनन्तको छुटकाराके सुरक्षित करी।
\v 13 काहेकि यदि बक्रा और सण्बाको रगत और कुबारीको भुवा छिर्कत बे अशुध्द होतहएँ और बिनको शरीरके शुद्ध पारन बे परमेश्‍वरमे समर्पित होन पडहय कहिसे,
\v 14 और कितनो जद्धा ख्रीष्टको रगत हमर विवेकके मरे कामसे शुध्द करेहए, जीवित परमेश्‍वरको सेवा करन जौन अनन्त आत्माद्वारा निष्खोट बलिके रुपमे अपनय अर्पण करी रहए?
\p
\v 15 जहे कारनसे, बा नयाँ करारको मध्यस्थकर्ता हए। जा मृत्युको कारनसे स्वतन्त्र करायगय बिनको पापको सजायसे पहिलो करारमे रहत हयँ ताकि परमेश्‍वरद्वारा बुलायभय बारेनके प्रतिज्ञा करो अनन्त उत्तराधिकार पान सिकयँ।
\v 16 काहेकी जहाँ इच्छा होत हए, हुवाँ बा बनानबारो आदमीको मृत्युके प्रमाणित करन पणत् हए ।
\v 17 काहेकि एक इच्छा तव इकल्लो पक्का होतहए, जब हुवाँ मृत्यु भओ होत हय, काहेकि जबतक जाके बनानबारो जिन्दा होत हय, तबतक जाको कोई जोड न होत हय।
\v 18 जहेमारे, पहिलो करार फिर रगतबिना पक्का होन न सिको ।
\v 19 काहेकि जब मोशा आदमिनके व्यवस्थामे भओ हरेक आज्ञा दई, बा बछ्रा और बक्रानको रगत, पानी, लाल ऊन और हिसप लईके बा मुठा औेर सबय आदमी दोनोके उपर छर्कीं ।
\v 20 तब बा कहि, “जा करारको रगत हय, जौन परमेश्‍वर तुमर ताहीं आज्ञा करी रहय।"
\v 21 अइसी करके, बा पवित्रस्थान और सेवामे चलन बारे सबय बरतनके उपर उइसी किसिमसे रगत छिर्कीं ।
\v 22 और व्यवस्था अनुसार रगत हरेक चीजके शुध्द करतहय। रगत न बहाएके पापको क्षमा न होत हय
\v 23 जहेमारे, स्वर्गमे भय चिजनके नक्कलनके जनावरके बलिदानसे शुध्द करन पडतो काहेकि स्वर्गमे भय चीजनके अपनय और कित्तो जद्धा उत्तम बलिदानसे शुद्ध करन जरुरत पणो।
\v 24 काहेकि ख्रीष्ट हातसे बानओ भव महा-पवित्रस्थान भितर न घुसो, जो त सच्चो पवित्रस्थानको नकल इकल्लो हए, पर, बा अपनय स्वर्ग भितर घुसो, और हमर ताहीं बा परमेश्‍वरके अग्गु उपस्थिति हए।
\v 25 येशू अपनय ताहीं बारम्बार बलि चढानके ताहीं हुवाँ न गओ रहय, जैसी प्रधान पुजारी हरेक वर्ष दुसरेको रगत लैके महा-पवित्रस्थान भितर घुसत हएँ ।
\v 26 नत, संसारको उत्पतिसे बा बहुतचोटी दु: ख भोगन पणतो। पर जा युगके अन्तमे एकचोटी बा अपनय बलिदानसे पापके हटान बा सदाके ताहिं एकय चोटी प्रकट भव हए।
\v 27 जैसी हरेक आदमीनके एक चोटी मरनो पक्का हए, और बाके पिछु न्याय आत हय।
\v 28 उइसीय, ख्रीष्ट फिर बहुत जनीके पाप उठानके सदाके ताहीं एकए चोटी बलि हुइगव। बा पापसंग सामना करन दुसरो चोटी बा न दिखाबैगो, पर मुक्तिके ताहीं धैर्यसंग बाके ताहीं ईन्ताजार करनबारेनके ताहिंहय।
\c 10
\cl अध्याय १०
\p
\v 1 काहेकी व्यवस्था अब आनबारो अच्छी बातनको एक छाहीं इकल्लो हए, बे अपनयमे सच्चे चीज त न हयँ। पुजारी वर्षैपिच्छु लगातार रुपमे चढ़ानबारे आइसे बलि परमेश्‍वरके जौने जान कबहु पुरो न बनान सिकी ।
\v 2 नत का बलि चढ़ानबारो काम बन्द न हुइतो? उइसो होतो तव, आराधक एकए चोटीमे सदा के ताहीं शुध्द हुइते, बिनके और पापको चेतना न हुइतो ।
\v 3 पर बे बलिदान हरेक वर्षै पिच्छु पापनको सम्झना करात हएँ ।
\v 4 काहेकी सण्बा और बक्रानको रगतसे पाप हटान असम्भव हए।
\p
\v 5 जब ख्रीष्ट संसारमे आओ, बा कही, “बलि और भेटी तुम न चाहे, पर तुम मिर ताहिं एक शरीर तयार करेहौ ।
\q
\v 6 पापके ताहीं नत पुरै होमबलि न बलिदाननमे तुम खुशी भय ।
\q
\v 7 तव मए कहो, 'देखओ, किताबको मुठामे मिर बारेमे लिखो जैसो तुमरी इच्छा पुरा करन मए हियाँ आओ हौं।”
\p
\v 8 बा पहिले कहि, “पापके ताहीं नत बलिदान, न भेटी और न होमबलिये तुम चाहे, नत जे बातनमे तुम खुशी भए।” (जे त व्यवस्था अनुसार चढ़ात् हँए) ।
\v 9 तव बा कहि, “देखओ, तुमरी इच्छा पुरी करन मए आओ हौं।” दुसरो अभ्यासके स्थापित करन पहिलो अभ्यासके बा खारेज करतहए ।
\v 10 दुसरो अभ्यासमे हम बाको इच्छासे सदाके ताहीं येशू ख्रीष्टके शरीरको बलिदानद्वारा परमेश्‍वरमे समर्पित भयहयँ ।
\p
\v 11 दुसरेघेन, हरेक पूजारी हरेक दिन परमेश्‍वरको सेवा करन खणो रहतहए। बा सदा उईसिय भेटी चढात रहत हय, जौन कबहू फिर पापके उठाय लैजान न सकत हए ।
\v 12 दुसरोघेन, ख्रीष्ट पापके ताहिं सदाके ताहिं एकए बलिदान चढाएके बा परमेश्‍वरको दहिना हातघेन विराजमान भओहय ।
\v 13 और बाके शत्रुनके अपन पाउदानमे न करनतक बा असियात रयहय ।
\v 14 काहेकी बा एकए बलिसे परमैश्‍वरमे समर्पित भयनके सदाके ताहिं सिध्द बनाई हए।
\v 15 और पवित्र आत्मा फिर हमके गवाही देतहए, काहेकि पहिले बा कही,
\v 16 मय बिनके संग बाँधनबारो मेरो करार जहे हए, बे दिन पिच्छु, रमप्रभु कहातहए। बिनको ह्रदयमे मए मेरो व्यवस्था धरदेहौं, और बिनके मनमे फिर बा लिखदेहौं।”
\p
\v 17 मय कबहु फिर बिनको पाप और बिनके दुष्टकर्म न समझङ्गो"
\v 18 अब जहाँ जे बातनको क्षमा होतहए, हुवाँ पापके ताहिं कोइ बलिदान जरुरत न पडतहय।
\p
\v 19 जहेमारे भैयओ, हमरसंग येशूको रगतसे महा-पवित्रस्थान भितर घुसन साहस हए।
\v 20 पर्दा औ बाको अपनो शरीरद्वारा बा हमर ताहिं एक नयाँ और जीन्दा डगर खोल्दैहए।
\v 21 परमेश्‍वरको घरमे हमरसंग महान पूजारी भवहए बहेमारे,
\v 22 हमर ह्रदय अशुद्ध विवेकसे छिणकओसे हमर शरीरके शुद्ध पानीसे धोएके विश्‍वासको पुरो भरोसामे हम सच्चो ह्रदय लैके परमेश्‍वर जौने जामएँ।
\v 23 हमर स्वीकार करो आशाके दुईधारमे न हुईके पक्केसे थामे रहएँ, काहेकी प्रतिज्ञा करनबारो परमेश्‍वर विश्‍वासयोग्य हए ।
\v 24 हम एक दुसरेके प्रेम और अच्छे कामके ताहिं कैसे उत्साहित करएँ बा बात उपर बिचार करएँ ।
\v 25 कित्तोनके संगतिमे न जानके बानी होतहए, पर हम एक-दुसरेसंग ईकट्ठा होनके न छोणएँ। पर प्रभुको दिन जौने आनके कारन जितनो हुईसकय एक दुसरेनके और जद्धा उत्साह देमयँ।
\p
\v 26 काहेकी अगर सत्यताको ज्ञान पाएके फिर हम जान-जानके पाप करेहएँ तव पापके ताहिं कोइ बालिदान बाँकी न रहतहय,
\v 27 बाको सट्टामे, इन्साफको डरौनो आसरा और परमेश्‍वरके विरोधीनके भस्म करनबारो क्रोधको अगनी इकल्लो रयहए।
\v 28 मोशाको व्यवस्थाके उल्लघन करनबारो जो कोई दुई वा तीन साक्षीनके गवाहीमे दया बिना मरत हय ।
\v 29 परमेश्‍वरके पुत्रके टाँगसे कुल्चँनबारे, परमेश्‍वरमे समर्पित करो करारको रगतके अपवित्र बनानबारे और अनुग्रहको आत्माके अपमान करनबारे जो कोई और कित्तो जद्धा कडो दण्ड पयहयँ।
\v 30 “काहेकी “बदला लेनो काम मेरो हए, मए बदला लेमङ्गो।" करके कहान बारेके हम चिनत् हँए। और फिर, परमप्रभु अपन आदमीनके इन्साफ करेहए ।"
\v 31 जिन्दा परमेश्‍वरके हातमे पणनो डरलागन बारी बात हए।
\p
\v 32 बे अग्गुके दिनके सम्झओ, पर तुम ज्योति पाएके पिछु फिर तुम दुःखको कठिन समयमे कैसे सहेरहौ ।
\v 33 तुम सबयके अग्गु निन्दित और तमासा बने रहौ और उइसी समस्यामे पणेनके संग तुम सहभागी भए रहौ ।
\v 34 काहेकि कैदीनके उपर तुम दया दिखाए, अपन सम्पति लुटत् फिर आनन्द संग सहे, जा जानके कि तुमरसंग जद्धा उत्तम और सदा रहनबारो सम्पति हए।
\v 35 जहेमारे, अपन भरोसाके मत त्यागओ, जौनमे बणो इनाम हए ।
\v 36 तुमके धीरज करन जरुरी हय। बहेमारे, परमेश्‍वर तुमसे जो प्रतिज्ञा करी रहय, बाको ईच्छाके पुरा करके पिच्छु, बा पाबैगे।
\v 37 “काहेकी एकए छिनमे जो आनबारो हय, बा जरुर आबैगो और देर न करैगो।
\q
\v 38 पर मिर धर्मी आदमी त विश्‍वाससे जिबैगो, और अगर बा पिछु हटेहए तव मए बासे खुशी न हुइहौं ।"
\p
\v 39 पर हम पिछु हटनबारे और विनाशमे पणन बारे मैसे न हयँ, पर विश्‍वास करके बचाय भयन मैसे हएँ।
\c 11
\cl अध्याय ११
\p
\v 1 अब विश्‍वास त आशा धरो बातको पक्को और अभेतक न देखो बातको मजबुत भरोसा हए ।
\v 2 काहेकी हमर पुर्खा बिनको विश्‍वासके ताहीं आइसे ही प्रमाणित भय रहए ।
\v 3 विश्‍वाससे हम समझत हएँ, कि सबय संसार परमेश्‍वरको आज्ञाद्वारा सृष्टि भव रहय। जहेमारे, जो दिखत हए बे दिखनबारी बातनसे न बनो हय।
\p
\v 4 विश्‍वासद्वारा हाबिल परमेश्‍वरसे कयिनसे जद्धा ग्रहणयोग्य बलि चढाइ, और बहेसे हाबिल धर्मी ठहिरो। बिनको बलि स्वीकार करके परमेश्‍वर अपन सहामति जनाई। बा मरिगओ तहुँफिर विश्‍वासद्वारा बा अभौ मसक रहोहए।
\p
\v 5 विश्‍वाससे मृत्यु न देखके हनोक स्वर्गमे उठाए लैगओ, और बा कहुँ न मिलो, काहेकी परमेश्‍वर बाके ऊठाए लैगओ रहए।" बाके उठानेसे अग्गु परमेश्‍वरके बा खुशी करी बात प्रमाणित भव रहए ।
\v 6 विश्‍वास बिना परमेश्‍वरके खुशी करन असम्भव हए। काहेकी जो परमेश्‍वरको जौने आतहए, बा परमेश्‍वर हए और बाके ढुणनबारेनके बा ईनाम देतहए करके विश्‍वास करन हय।
\p
\v 7 विश्‍वाससे नोआ अभेतक न देखो बातके बारेमे परमेश्‍वरद्वारा बाके सन्देश दओ गओ रहय। बा भक्तिमय सम्मानसंग अपनो घरानाके बचान एक जहाज बनाइ। अइसी करके बा संसारके दोषी ठहराई और विश्‍वास अनुसार बा धार्मिकताको उत्तराधिकारी भओ।
\p
\v 8 विश्‍वाससे अब्राहम आज्ञापालन करी, और बा उत्तरधिकारके रुपमे पानबारो ठाओंघेन गओ। अपनय कहाँ जात हौं पता न पाएके फिर तहुँ बा गओ।
\v 9 बा बिश्‍वासद्वारा एक परदेशी हानी प्रतिज्ञाको देशमे बैठो। बा पाल बनाएके इसहाक और याकुबसंग बहे प्रतिज्ञाको सङ्गी उत्तराधिकारीके रुपमे बैठो।
\v 10 काहेकी बे जग भव सहेरको देखन डटे रहयँ, जौन सहरको बनानबारो और निर्माण करनबारो परमेश्‍वर अपनय हए।
\v 11 विश्‍वाससे सारा बाँझी हुइके फिर गर्भधारण करनके शक्ति पाई। बा एकदमै बुढी हुइके फिर आइसो भओ रहय। काहेकि बिनके प्रतिज्ञा करनबारोघेन बे विश्‍वासयोग्य भए रहएँ ।
\v 12 जहेमारे, मरनए मरन शरीरमे एक आदमीसे बादरको अनगिन्ती तारा और समुद्र किनारेको अनगिन्ती रेता जैसे सन्तान जन्मे, जौनके गिनन न सकत हयँ।
\p
\v 13 जे सबय प्रतिज्ञा न पायके फिर बे सबय दुरसे स्वागत करीं, पृथ्वीमे परदेशी और प्रवासी इकल्लो हयँ कहिबात स्वीकार करतय बे विश्‍वासमे मरे।
\v 14 काहेकि जौन अइसी बात कहात हयँ बे एक स्देवश ढुणरहे हएँ कहि बात सफा होतहए।
\v 15 सचमे बे अपनय निकरके गए देशके ताहीं सोचत रहएँ, बिनके घुमके जान मौका मिलन रहय ।
\v 16 पर बे और उत्तम देश औ एक स्वर्गीय देशको इच्छा करतहयँ। जहेमारे, परमेश्‍वर बिनको परमेश्‍वर होन न शर्मात हय, काहेकी बा बिनके ताहिं एक सहेर तयार करी हए।
\p
\v 17 अपनो जाँच होत विश्‍वासद्वारा अब्राहम इसहाकके बलि चढ़ाइ, जो बाको इकल्लो लौंणा रहय जौनके बा बलिदान चढाई। बहे प्रतिज्ञा पाई रहए।
\v 18 जा बहे अब्राहाम रहय जौनके बारेमे अइसे लिखो रहए, “इसहाकद्वारा तेरो सन्तानको नाउँ रयहए ।"
\v 19 परमेश्‍वर इसहाकके मरेसे फिर जिन्दा कर सिक्तहए करके अब्राहम के पता रहय, और साङ्केतिक अर्थमे कहातपेति बा बिनसे अपन लौंणाके फिर्ता पाई रहय।
\p
\v 20 आनबारे चीजनके बारेमे इसहाक विश्‍वासद्वारा याकूब और एसावके आशीर्बाद दै ।
\p
\v 21 विश्‍वासद्वारा मरन बेरामे याकूब योसेफके हरेक लौंणनके आशीष् दई। लट्ठीकी चुटियामे अडेस लगायके याकुब परमेश्‍वरको आराधना करी।
\v 22 विश्‍वासद्वारा योसेफ अपन जीवनके अन्त घेन मिश्रसे इस्राएलीनको प्रस्थान होन विषयमे मस्की रहय और बाको अस्थिके बारेमे बिनके आदेश दइ रहय।
\p
\v 23 मोशा जन्मतय बाके अइया- दौवा बा सुन्दर होनके कारनसे विश्‍वाससे बाके तीन महिनातक लुकाएके धरीं, और बे राजाको हुकुमके डर न मानी ।
\v 24 जवान हुइके पिछु विश्‍वाससे मोशा फारोकी लौणियाको लौणा कहाबानके इन्कार करी ।
\v 25 बाको सट्टामे, पापको क्षणिक सुख भोगनेस त परमेश्‍वरके आदमीनके संगै दुःख भोगन रोजी ।
\v 26 मिश्रदेशको धन-सम्पतिसे फिर ख्रीष्टके पिछुआनके निन्दित होन बा मूल्यवान ठानी। काहेकी बा अपन आँखीके इनाम घेन लगाइ रहए।
\v 27 विश्‍वासद्वारा मोशा मिश्रदेश छोडी। बा राजाको क्रोधसे न डराई, काहेकि एक जो नदेखनबारेके देखो जैसो करके बा पक्को बनोरहो ।
\v 28 बहेमारे, नाश करनबारो इस्राएलीनके पहिले जल्मे भय जेठे लौणनके छुन न सकय करके विश्‍वाससे बे निस्तार- तेवहार और रगत छिट्कावको पालन करीं।
\p
\v 29 विश्‍वाससे बे सुखीभै जमीनमे नेगोजैसो लाल समुद्र पार करीं। जब मिश्री फिर अइसी करन कोसिस करीं तव बे डुबगय ।
\p
\v 30 बे सात दिनतक यरीहोको दिबारके आसपास घुमके पिछु विश्‍वासैसे बा दिबार ढलिगव ।
\p
\v 31 राहाब वेश्‍या विश्‍वासद्वारा जासुसनके अच्छेसे सत्कार करनके कारन बा अनाज्ञाकारीतनके संगमे नाश न भई।
\p
\v 32 और जद्धा मए का कहौं? यदि मय गिदोन, बाराक, शिमशोन, यिप्ता, दाऊद, शमूएल और अगमवक्तानके बारेमे कयहओं तव, मोके समय न पुगहय।
\v 33 विश्‍वासद्वारा बे राज कब्जा करीं, न्यायपुर्ण काम करीं और प्रतिज्ञानके पाईं, बे बघटनके मुहुँ बन्द कर दैं ।
\v 34 बे आगीको ज्वालाके निभाईं, तरवारकी धारसे बचे, रोगनसे अच्छे भए, युध्दमे वीर भए और विदेशीके सेननके भजाईं।
\v 35 बैयर अपने मरेभयनके पुनरुत्थानद्वारा जिन्दा पाइँ। और जद्धा उत्तम पुनरुत्थान जीवन पानके बे छुटकाराके स्वीकार न करी। जहेमारे, बे सजाय भोगीं ।
\v 36 औरनके निन्दा, कोर्रा, बन्धन और कैद जैसे और बात सहीं ।
\v 37 बिनके पत्थरसे मारीं। बिनके दुई भाग करनके चिरो गओ। बिनके तरवारसे मारीं। बिनके भेणा और बक्राको खाल लगाएके नेगन पडो और बहुत किसिमको दु: ख, क्लेश और अमानवीय बात सहन पडो ।
\v 38 जा संसार बिनके ताहिं योग्य न रहए। बे उजाडस्थान, पहाड, गुफा और जमीनके दरारनमे भटकट फिरे।
\p
\v 39 यहाँतक जे सब आदमी बिनके विश्‍वासके कारन परमेश्‍वरद्वारा बणो प्रशंसा पाइँ, तब भी बे प्रतिज्ञा करो चीज पान न सिकीं ।
\v 40 हमरबिना बे सिद्ध न होमयँ कहिके परमेश्‍वर हमर ताहिं और अच्छी बात अग्गुसे योजना करीरहए।
\c 12
\cl अध्याय १२
\p
\v 1 जहेमारे, हम यित्तो बहुत साक्षीनको बादर घेरे होनके कारनसे हर किसिमको बोझ और हमके सजिलोसे अल्झानबारो पापके पन्छ्यमयँ। हमर अग्गु धरो दौणके धैर्यसंग दौणएँ ।
\v 2 हमर विश्‍वासको कर्ता और सिद्ध करनबारो येशूके देखएँ, जौन अपन अग्गु धरो आनन्दके ताहिं अपमानके सही और क्रूसको कष्ट भोगी, और बा परमेश्‍वरको सिंहासनको दहिनाघेन विराजमान हए ।
\p
\v 3 जहेमारे, पापीनसे बाके बिरुध्दमे भए यित्तो वादविवादके सहनबारेके विचार करओ। जहेकारन, तुम अपन मनमे कमजोर मत होबओ, और हरेस मत खाबओ।
\v 4 तुम पापके बिरुध्दमे अभेतक रगत बहान पणन अवस्था न आओ हय या जक ताहीं संघर्ष करन न पडो हय ।
\v 5 और तुमके पुत्र हानी उत्साह देनबारो शिक्षाके तुम भुले हओः “हे मिर पुत्र, परमप्रभुको ताडनाके हलुको मत सम्झय, जब बासे तुम सुधरैगे, तब हारेस मतखओ,
\v 6 काहेकी जौनके परमेश्‍वर प्रेम करतहए बे हरेकके ताडना देतहए, और बाके ग्रहण करनबारो हरेक लौणाके बा दण्ड देतहए।”
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\v 7 तुम कष्टके अनुशासन जैसे सहौ। परमेश्‍वर तुमरसंग लौणा कता व्यवहार करत हय। काहेकी दौवा अनुशासन न करो कौन लौणा हुइहए?
\v 8 पर यदि तुम अनुशासन विनाके हओ तव तुम अपन दौवाके खास लौणा न हओ पर व्यभिचारमे जन्मे लौणा हौ।
\v 9 जा से जद्बा हमके अनुशासन करनबारो हमर शारीरिक दौवा अनुशासनकर्ताको रुपमे रहए, जौनके हम आदर करे। जहेमारे, का हम हमर आत्माको पिताके और जद्धा आज्ञा पालन न करन चहिय का?
\v 10 काहेकी एकघेन, हमर दौवा कुछदिन तक हमके अनुशासनमे धरीं जौन आइसो करन बिनके ठीक लागो। पर दुसरो घेन, हम बाको पवित्रताके बाँटन सिकएँ कहिके परमेश्‍वर हमर भलाईके ताहिं अइसो करत हय।
\v 11 जा समयमे कोइ भी अनुशासन आनन्दको न होत हय, पर दु: खय होतहए, तब भी जो होयसे फिर जाके द्वारा तालिम पाए भएनके ताहिं अन्तमे जायके जासे धार्मिकताको शान्तिसे भरो ईनाम मिलतहए।
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\v 12 जहेमारे, ढिले हात उठाओ, और कमजोर घुटोंके तगडे बनाओ ।
\v 13 अपन नेगनबारो डगर सुध बनाओ, कि जो लंगडा हय, बाको पाँव न मरकय, पर अच्छो हुइजाय।
\v 14 हरेक संग शान्तिमे बैठन कोशिस करओ, और पवित्रताबिना कोइ भी परमप्रभुके न देख सकत हय।
\v 15 ध्यान देओ, कि कोइ आदमी परमेश्‍वरको अनुग्रह पानसे बन्चित होन न पडय, और तीतोपनको जर उमरके कोइके फिर दुःख न देबए, और बहुत जनीके दोषी न बनाबए ।
\v 16 होसियार रहओ। कोइ फिर एकछाक खानुके ताहिं अपन जलम अधिकार बेचनबारो एसावजैसो अधर्मी न होबय औ यौन अनैतिक न होबय ।
\v 17 काहेकि तुमके पता हए, कि पिछु जायके बा आशिर्वादको उत्तराधिकार पान इच्छा करी तव बाके न मिलो, काहेकि बा आँशु बहाएके फिर विलाप करी तहुँ फिर पश्‍चाताप करनके मौकासमेत न पाई, हियाँतक कि बा आँसु बहाएके फिर जाके ढुँडीरहए।
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\v 18 काहेकि तुम जलरहो पहाड, अन्धकार, बादर और छुन न सिकनबारो पहाडमे न आए हओ।
\v 19 तुम तुरहीको फुँको बडो आवाज भव ठाउँमे फिर न आय हौ, न त आइसो आवाज सुनन ठाउँमे आए हौ जौनको सुनके बे और दुसरो शब्द न मस्को जाए कहिके बिन्ति करीं रहयँ।
\v 20 काहेकी “अगर कोइ जनावर बा पहाड छुईं कहिसे बाके पत्थरसे मारनय पडहय" कहिके आज्ञा बे सहन न करपाईं ।
\v 21 मोशा कही कि बा हुवांक दिखाई अइसो भयानक रहए, “मए डराएगव और डरसे काँपत हौं" कहि।
\v 22 बाको सट्टामे, तुम त सियोन पहाडमे आएहौ और जिन्दा परमेश्‍वरको सहर स्वर्गीय यरुशलेममे, और दसौं हजार स्वर्गदूतके आनन्द-उत्सवमे आएहौ ।
\v 23 तुम स्वर्गमे नाउँ दर्ता भए सुरुमे जन्मनबारेक सभामे, सबको न्यायकर्ता परमेश्‍वर ठीन, और सिद्ध पारे भए धर्मी आदमीके आत्मानके ठिन आएहौ ।
\v 24 और नयाँ करारके मध्यस्थकर्ता येशूके ठिन और हाबिलको खुनसे और उत्तमसंग बोलनबारो छिडको रगतमे आएहौ ।
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\v 25 देखओ, तुमरसंग जौन मसक रहोहए, बाके तुम इन्कार मत करओ। काहेकी अगर पृथ्वीमे बिनके चेतावनी देनबारेक इन्कार करनबारे न उमक पाईं कहेसे स्वर्गसे चेतावनी देनबारेक अस्विकार करंगे कहेसे हम कैसे उम्कन सिकंगे?
\v 26 कोइ समय बाको आवाजसे पृथ्वी हिलगओ, पर अभे बा अइसो कहिके प्रतिज्ञा करिहए और कहि, “और एक चोटी मय पृथ्वी ईकल्लो न, पर स्वर्गके फिर हलामंगो।"
\v 27 “और एक चोटी “कहान बारो वचन जा दिखात हए, कि हलान सिकन बारि चीज जो सृष्टि भए हयँ, सबय निकारो जयहय, और हलान न सिकनबारे चीज पक्के रहामंगे ।"
\v 28 जहेमारे, एक हलान न सिकन बारो राज पाएके हम कृतज्ञ होमएँ और जा किसिमसे आदर और श्रद्धासंग परमेश्‍वरके आराधना करयँ ।
\v 29 काहेकी हमर परमेश्‍वर भसम करन् बारो आगी हए।
\c 13
\cl अध्याय १३
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\v 1 भाईचारा-प्रेम बनो रहाबए ।
\v 2 अपरिचितनके अथिति-सत्कार करन् मत भुलिओ, काहेकी पता न पाएके कित्तो जनी स्वर्गदुतनके अतिथि सत्कार करि रहँए।
\v 3 तुम अपनए फिर बिनके संग कैदमे पडे हानि सम्झना करओ। जौन बिनके अत्याचार करीं तुम फिर बिनके शरीरमे भय जैसे बिनको सम्झना करओ।
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\v 4 सबय बिहाके आदर करएँ। वैवाहिक सम्बन्ध न गडबडबओ, काहेकी यौन दुराचारी आदमीके और व्यभिचारीनके परमेश्‍वर न्याय करैगो।
\v 5 तुमर चालचलनके रुपियाँपैसाको लालचसे अलग करिओ। तुमरसंग भव चीजनमे सन्तुष्ट हुइयो। काहेकि परमेश्‍वर अपनय आइसो कहिहए, “मए तुमके कबहु न छोडंगो, नत मए तुमके त्यागंगो ।"
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\v 6 हम सन्तुष्ट होमयँ। जहेमारे, हम साहससंग कहे सकत हयँ, “परमप्रभु मिर सहायक हए, मए न डरामंगो। आदमी मोके का कर सकत हयँ?
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\v 7 तुमके परमेश्‍वरको वचन सुनानबारे तुमर अगुवानके विचार करओ, और बिनको रहनसहनको अन्तके ध्यान देओ, और बिनको विश्‍वासको देखासिखी करओ ।
\v 8 येशू ख्रीष्ट कल, आज और सदामान एक हानी हए।
\v 9 गजम किसिमको और अचम्मो शिक्षा तुमके दुर न लैजाबय। पर खानपिन सम्बन्धित बिधिसे जिनबारेनके जा कुछ सहायता न करत हय, काहेकि अनुग्रहसे बनो भव हृदय अच्छो होतहए।
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\v 10 हमरसंग एक वेदी हए, जौनसे पवित्रस्थानमे सेवा करन बारेनके खान अधिकार न हय।
\v 11 काहेकि पाप क्षमाके ताहिं प्रधानपुजारीद्वारा जनावरनको खून पवित्रस्थानमे लओ जात रहए। पर बिनको शरीर छाउनीसे बाहिर जलावजात रहए।
\v 12 जहेमारे, येशू फिर अपन खूनसे आदमीनके पवित्र करनके ताहीं सहेरको फाटक बाहिर कष्ट भोगी ।
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\v 13 जहेमारे, हम फिर बाकेसंग छाउनी बाहिर जामएँ, और बाको सहो भव निन्दामे सहाभागी होमएँ ।
\v 14 काहेकी हमरसंग हियाँ कोई स्थायी सहेर न हय। पर, हम आनबारो सहेरको हम प्रतिक्षामे हयँ।
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\v 15 जहेमारे, येशूद्वारा परमेश्‍वरके महिमा देन हम सदा बलिदान चढामयँ। बाको नाउँके अंगीकार करके महिमा देन हमर ओठको फल हए ।
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\v 16 और हम एक दुसरेके भलाइ करन और सहायता करन न भुलयँ। काहेकि अइसीय बलिदानसे परमेश्‍वर बहुत खुशी होत हए ।
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\v 17 तुमर अगुवानके अधीनमे बैठओ और आज्ञापालन करओ, काहेकी जौनके हिसाब देन पणैगो करके बे तुमर आत्माको रेखदेख करत हयँ। जा काम तुमर अगुआ आनन्दसंग तुमर वास्ता करएँ। दु: ख न मानके, नत बासे तुमके कोइ फाइदा न हुइहए।
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\v 18 हमरे ताहिं प्रार्थना करओ, काहेकि हममे सफा विवेक हय कहिके पक्का हुन सिकयँ और और सब बातमे ठिक किसिमसे जीन सकयँ।
\v 19 और जद्धा काम करओ कहिके मय तुमके उत्साह देत हओं। जहेमारे, मए तुमरे ठिन जल्दी लौटके आमङ्गो।
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\v 20 अब भेडाको महान गयाँरो हमर प्रभु येशूको अनन्त करारको खुनद्वारा मृत्युसे जीवनमे लानबारो शान्तिको परमेश्‍वर ।
\v 21 बाको इच्छा पुरा करन तुम हरेकके सुसज्जित करय।येशू ख्रीष्टद्वारा परमेश्‍वरके देखाइमे जा बात मन पणडनबारो हय बहे करओ। बाको महिमा सदा होत रहाबए। आमेन।
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\v 22 अब भैयओ, मए तुमके उत्साह देत हओं, कि जे उत्साहके वचनके पालन करओ, जौन मय तुमके छुटकरीमे लिखो हौं ।
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\v 23 तुमके जा पता होबय, कि हमर भैया तिमोथी स्वतन्त्र हुइ गओ हय। यदि बा जल्दी अबैगो तव, मए बाके संगमे तुमके भेटन अमंगो।
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\v 24 तुम सब विश्‍वासिनके और अगुवानके अभिवादन करओ। इटालियाबारे तुमके अभिवादन पठाई हएँ ।
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\v 25 तुमर सबके संग परमेश्‍वरको अनुग्रह रहाबए।