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\id LUK
\ide UTF-8
\h लुकासे लिखो भओ सुसमाचार
\toc1 लुकासे लिखो भओ सुसमाचार
\toc2 लुकासे लिखो भओ सुसमाचार
\toc3 luk
\mt लुकासे लिखो भओ सुसमाचार
\c 1
\cl अध्याय १
\p
\v 1 हमर बीचमे घटके पुरो भए घटनको विवरण सँग्रह करनको काम बहुत जनी अपने हातमे लै हएँ ।
\v 2 बे जो सुरुसे बचनको प्रत्यक्ष गवाहा और सेवक रहएँ, बे जा बात हमके सुप्दैहए ।
\v 3 माननीय थियोफिलस, मए सुरुसे सावधनीसे सब बातके ढुड़ो हँओ, और तुमके ताहीँ लैनसे लैन मिलाएके घटे भए घटना मोके लिखान अच्छो लागो.
\v 4 ताकी तुमके सिकाओ भाव बिषयको सत्य तुमके पता होबाए।
\p
\v 5 यहूदीयको राजा, हेरोदके पालामे, अबियाको कुलको जकरिया नाउँ भव एक जनी पूजारी रहए । बाकी बैयर हारुन-वंशकी रहए । बाको नाउँ एलीशिबा रहए ।
\v 6 बे दोनो परमेश्वरके अग्गु धर्मी रहाए, और परमप्रभुको सबै आज्ञा और धार्मिक-विधानमे निर्दोष हुइके नेगतरहए ।
\v 7 पर बिनको कोइ सन्तान ना रहए, कहेकी एलिशिबा बाँझी रहए, और बे दोनेनको उमेर ढल् गवरहए ।
\p
\v 8 जब जकरिया परमेश्वरके अग्गु अपन दलके पालामे पूजारीको काम करत् रह।
\v 9 तव बाहँवाको रितिके जैसो चिठ्ठासे पूजारीक सेवाके ताहँ मन्दीर भितर धुप पजारन ताहँ छानत रहए ।, और बा चिट्टा डरत पेती परमप्रभुके मन्दिरभितर घुस्के धूप पजारनको काम जकरियाके पड़ो ।
\v 10 धूप पजारन बेरा आदमीको सबै भीड़ बाहेर प्रार्थना करत रहाए ।
\v 11 ठिक बहे समय परमप्रभुक एक जनी स्वर्गदूत धूप-वेदीके दाहिनाघेन ठणो देखि ।
\v 12 जकरिया बा स्वर्गदुतके देखके घब्रीयए गौ, और डराए गौ ।
\v 13 पर दूत बासे कही, “मतडराए जकरिया, कहेकी तिर प्रार्थनाकी सुनाई हुइगै हए। अब तिर बैयर एलीशिबा तिरतही एक लौड़ा जन्माबैगी, और ताए बाको नाउँ यूहन्ना धारीए।
\v 14 तोके खुशी और आनन्द होबैगो, और बेढब जनी बा के जन्ममे रमांमङ्गे।
\v 15 कहेकी बा परमप्रभुके अग्गु महान होबैगो । बा दाखमध और कुछु फिर मध कबहू नापिबैगो, और अपनी आइयाके गर्भसे बा पवित्र आत्मासे भरोभौ होबैगो ।
\v 16 बा इस्राएलके सन्तानमे बहुतनके बिनके परमप्रभु परमेश्वरघेन घुमाबैगो ।
\v 17 दौवाको मन लौड़ा-लौड़ीयघेन और अनाज्ञाकारीके धर्मीकी बुध्दीघेन लैटान और प्रभुक तही योग्य बनाएके एक जाति तयार करन बाके अग्गु बा एलियाको आत्मा और शक्तिमे जाबैगो ।”
\p
\v 18 तव जकरिया दूतसे कहि, “जा मैए कईसे जानङ्गो्? मैए बूड्ढों हुईगव और मेरी बैएरकी उमेर फिर ढलकगइ हए ।”
\p
\v 19 स्वर्गदूत बासे कही, “मैए गब्रिएल हौँ, मैए परमेश्वरके अग्गु ठड़ोरहत हौं। तोसे बात करन और जा ख़ुशीकी समाचार सुनान मोके पठाईहए।
\v 20 जैन दिन तक जे बात पूरो नहुइहए, तब तक तैए गूँगो होबैगो और मसक न पाएहए, कहेकी ताए मीर वचनउपर विश्वास नकरो, जउन वचन अपने समयमे पूरो होबैगो| ।”
\p
\v 21 आदमी जकरियाके आसियतरहए और मन्दिरमे देर हुईगव तव घब्रीयाएगए ।
\v 22 बा बाहिर निकरके आतै बिनसे मस्कनै नापाई और बा मन्दिरमे दर्शन देखि हए कहिके बे बुझी| बा बिनके इशारा करन लगो, तव बा गूँगो हिइगौ।
\p
\v 23 बाको सेवाको दिन पुरो हुइके पिछु बा अपन घर गईभव।
\p
\v 24 ऐसीए बाकी बैयर एलीशिबा गर्भवती भई, और पाँच महीनातक लुक्के बैइठी और आइसो कही ।,
\v 25 “आदमीक बिचमे मीर कलङक हटानतही अब परमप्रभु मिरउपर आईसी कृपा करिहैए।
\p
\v 26 “छैटौँ महीनामे परमेश्वर गब्रिएल स्वर्गदूतके गालीलको नासरत नाउँको सहेरमे पठाईरहए।
\v 27 बा एक कन्य- लौड़ीयठीन गव बाकी मगनी दाऊदके घरानाको योसेफ कहनबारो एक आदमीसे भव रहए| बा कन्यको नाउँ मरियम रहए।
\v 28 स्वर्गदूत बाकेठिन जाएके कही, “हे कृपा -पात्र तोके अभिवादन! परमप्रभु तीरसँग हए।”
\v 29 पर बा जा बातसे गजम चिनचित हुइगई, और जा कईसो किसमको अभिवादन हए कहिके मनमे सोचन् लागी।
\v 30 स्वर्गदूत बासे कही, “मतडराबए, मरियम, कहेकी ताए परमेश्वरसे कृपा पाओ हए।
\v 31 अब देख तेरो गर्भधारण होबैगो, और एक लौड़ा जन्माबैगो, और ताए बक नाउँ येशू धरैगो।
\v 32 बा माहान होबैगो और परमप्रधानको पुत्र कहेलाबैगो और परमप्रभु परमेश्वर बाको बक् पुर्खा दाउदको सिंहासन देबैगो।
\v 33 बा याकूबके वंशउपर सदासर्वद राज्य करैगो, और बाको राज्यको अन्त कबहुनाए होबैगो।”
\p
\v 34 मरियम स्वर्गदूतसे कही, “जा कईसे होबैगो, कहेकी मए एक कन्या हौ ।”
\v 35 स्वर्गदूत बाके जवाफ दैइके कही, “पवित्र आत्मा तिरमे अबैगो, और सर्वोच्चक शक्तिको छांइ तीरउपर पणौगी । बहेमरे जो जन्मैगो, बा पवित्र, अर्थात् परमेश्वरको पुत्र कहेलाबैगो।
\v 36 देख, तीर नातेदार एलीशिबा फिर बुड़ेवस्थामे लौड़ा गर्भधारण करिहए, और जो बाँझी कहेलात रहए, बा अभए छैटौँ महीनामे हए ।
\v 37 कहेकी परमेश्वरके ताहिँ कछु बात असम्मभ नाहए ।”
\p
\v 38 तव मरियम कही, “देख, मए परमप्रभुकी दासी, मोके तुमर वचनअनुसार होबए । तव स्वर्गदूत बाकेठीनसे बिदा हुइगै ।
\p
\v 39 बे दिनमे मरियम जलदीसे पहाड़घेन यहूदियाक एक गाउँमे गई।
\v 40 और जकरियाको घरमे घुस्के एलीशिबाके अभिवादन करी।
\v 41 जब एलीशिबा मरियमकी अभिवादन सुनी तब बाको गर्भको बालक कुदपड़ो, और एलीशिबा पवित्र आत्मासे भरिपूर्ण भई।
\v 42 और एलीशिबा जोड़से कही, “बैयर मैइसे ताए धन्यकी हए, और तीर गर्भक फल धन्यको होबै।
\v 43 मीरउपर कैसे अइसो कृपा भव कि मेरी प्रभुकी आइय मीरठीन आइ?
\v 44 कहेकी देख, तीर अभिवादन मीर कानमे पड़तएखिनक् बालक मीर गर्भमे आनन्दसे कुदो।
\v 45 बे धन्यकी हए, जो परमप्रभु बिनसे कहीभई बात पूरो होबैगो कहिके विश्वास करी।”
\p
\v 46 तव मरियम कही, “मीर प्राण परमप्रभुको गुणगान करत हए।
\q
\v 47 और मीर आत्मा मीर मुक्तिदाता परमेश्वरमे रमाहट करतहए।
\q
\v 48 कहेकी बा अपनी दासीकी दिनतामे कृपा-दृष्टि करीरहए। देख अब से सबै पुस्ताके मोके धन्यकी कहमङ्गे।
\q
\v 49 कहेकी बा, जो शक्तिशाली हए, बा मीर तही महान काम करीहए| बाकी नाउँ पवित्र हए।
\q
\v 50 बाको डरमानन् बारेक् उपर बाकी कृपा पुस्तासे पुस्तातक रहबैगो।
\q
\v 51 बा अपनी बाहुलीको सामर्थ्य प्रकट करीहए। बा मनभितरको कल्पनामे घमण्ड करनबारोक् छरपष्ट करहए।
\q
\v 52 बा शक्तिशालीनके बिनकी सिंहसनसे हटाईहए। और दीनन्के उठाइहए।
\q
\v 53 भुखनेके बा अच्छी चीजसे तृप्त करीहए, और धनीके बा रितो हात पठाईहए।
\q
\v 54 बा अपनो कृपा स्मरण करके अपनो सेवक इस्राएलके सहायता दैईहए।
\v 55 और हमर पुर्खाके कहोभवहानी, अब्राहाम और बाकी भावी सन्तानके सदाकालके ताहिँ दया देखाईहए।”
\p
\v 56 मरियम बाकेसँग लगभग: तीन महीना बैठके अपने घर घुमी।
\p
\v 57 अब एलीशिबाको लरकौरी होन बेरा आयो, और बा एक लौड़ा जन्माई।
\v 58 परमप्रभु बाकउपर बाके बाड़ो अनुग्रह दिखाइरहए कहिके सुनी बाकी परोसी और नातेदार बोकसंग रमाई।
\v 59 आठौँ दिनमे बे बालके खतना करन आए। और बाको नाउँ बाको दौवाको नाउँजैसो जकरिया धरन लगेरहए।
\v 60 पर बाकी आईया कही, “नाए, जक नाउँ यूहन्ना होबैगो।”
\v 61 बा बिनसे कही, “तिर नातेदारमे आईसो नाउँ भौ कोई नाहए।”
\v 62 तव बे बाको दौवासे इशारा करके पुछि ताए जाको नाउँ का धरन चाँहतहए?
\v 63 बा एक लिखनबारो मगाई ““जाको नाउँ यूहन्ना हए" कहिके लिखदाई| बे सब छक्क पड़ीगए।
\v 64 तुरन्ताए बाको मुह खुलीगव और बाक् बोली खुलिगई और बा परमेश्वरको प्रशंसा करन लगो।
\v 65 बाक पड़ोसीमे डर छैगौ। यहूदियाको जम्माए पहाड़ी मुलकभर जा घटनाको चर्चा फैलगव।
\v 66 जा बात सुनके सबए जा बालक पछु कइसो होबैगो कहिके अपन मनमे गुनी। कहेकी परमप्रभुको बाहुली बाके उपर रहए।
\v 67 बाको दौवा जकरिया आत्मासे भरके अगमवाणी बोलन लागो,
\v 68 “इस्राएलको परमप्रभु, परमेश्वरको प्रशंसा होबए, कहेकी बा आओ हए, और अपन आदमीके उध्दार दैईह।
\q
\v 69 बा हमर ताहिँ आपन दास दाऊदकी वंशमे एक शक्तिशाली मुत्तिदाता खड़ा करदैईहए।
\q
\v 70 जैसी बा प्राचीन कालसे आपन पवित्र अगमवक्ताके मुहुसे बोलिरहए।
\q
\v 71 कि हमर दुस्मनसे और हमके घृणा करनबारेक सबैक हातसे हम उध्दार पामए।
\q
\v 72 बा हमर पुर्खानके कृपा दिखन ताहिँ, और अपनो पवित्र करार स्मरण करन ताहिँ।
\q
\v 73 जैन शपथ बा हमर पुर्खा अब्राहामसँग खाईरहए।
\q
\v 74 की हम हमर शत्रुके हातसे मुक्त होमए, और बिना डरके
\v 75 हमर सबैए जीवनभर पवित्रता और धार्मिकतामे बाके अग्गु बाको सेवा करनताहि योग्यको बनान कहिके कसम खाइ।
\p
\v 76 हे बालक, ताए सर्वोच्चको अगमवक्ता कहलाबैगो, कहेकी ताए प्रभुके अग्गु अग्गु बाको डगर तयार करत जाबैगो।
\q
\v 77 बाको जातिके पाप-क्षामासे मुक्तिको ज्ञान देन ताहिँ।
\q
\v 78 हमर परमेश्वरको कोमल कृपाके कारणसे, स्वर्गसे सबेरेको जोत हमरउपर पड़ैगो ।
\q
\v 79 और अन्धकार और मृत्युकी छाँईमे बैठनबारेको जोत मिलैगो । और हमर पाँव शान्तिक डगरघेन डूर्यमङ्गे।”
\p
\v 80 तव बालक यूहन्ना बढ़ताए और आत्मामे ताग्तीलो होतएगव, और इस्राएलीठीन खुला रुपमे देखा ना पड़न तक बा उजाड-स्थानमे बैठो।
\c 2
\cl अध्याय २
\p
\v 1 बे दिनमे कैसर अगस्टस बिनको सबै साम्राज्य मे जनगणना लेन हुकम जारी करी।
\v 2 कुरेनियस सिरियाको हाकिम होनसमय जा पहिलो पटकको जनगणना रहए।
\v 3 सबए जनी नाउँ दर्ता करन अपनो-अपनो सहेरमे गए।
\v 4 योसेफ फिर गालीलको नासरतसे यहूदियाको बेथलेहम कहनबारो दाऊदको सहरमे गए, कहेकी बे दाऊदके कुटुम्ब और वंशके रहए।
\v 5 नाउँ दर्ता करन बा अपनसँग मगनी भई मरियमके लैके गव र मरियम गर्भवती रहए।
\v 6 बे बाहुनैए रहँए, मरियमके बालक जन्मान बेर भव।
\v 7 बा आपनो जेठो लौड़ा जन्माई और बाके लत्तासे लपेटके डोणमे धरदैई, कहेकी बिनके ताहिँ घरमे ठाउँ नारहए।
\p
\v 8 बाहे इलाकामे गंयारो रहए, बे चउरमे बैठे रातके आपन बगालकी लख्बारी करतरहए।
\v 9 प्रभुक एक जनी स्वर्गदूत बिनकेठीन देखा पड़ो, और प्रभुक तेज बिनके असपस चम्को, तव बे बेढम डराएगए।
\v 10 तव स्वर्गदूत बिनसे कही, “मतडराबओ, कहेकी देखौ, आज मैए तुमे बड़ो आनन्दक सुसमाचार सुनामङ्गो, जो सबए आदमीक ताहिँ होबैगो।
\v 11 आज दाऊदके सहेरमे तुमके ताहिँ एक जनी मुक्तिदाताको जन्म भवहए, जो ख्रीष्ट प्रभु हए।
\v 12 तुमके चिहीना जा होबैगै: तुम एक बालकके लत्तासे लपेटो भौ और डोंणमे लेटोभौ पाबैगे।”
\p
\v 13 तव इकदम बे स्वर्गदूतसँग स्वर्गीके सेनको एक दल देखाने|बे अइसो काहत परमेश्वरको स्तुति करत रहए, ।
\q1
\v 14 “सर्वोच्चमे परमेश्वरकी महिमा, और पृथ्वीमे जैन आदमीसँग बा खुशी हए, बिनके शान्ति।"
\p
\v 15 जब स्वर्गदूत बिनसे बिदा हुइके स्वर्गमे गए, तव गंयारो आपसमे कही, “आओ, हम बेथलेहेमतक जाए, और हुँआ घटोभव जा घटना और परमप्रभु हमके बताईभैइ बात जाएके देखैँ।”
\v 16 बे एकदमसे गए, और मरियम और योसेफ दोनैके, और बालकके डोंणामे सोतभौपाई।
\v 17 जब बे जा देखि, तव जा बालकके बारेमे जे बात बिनसे कहीं रहए बे बिनके बताएदैंइ।
\v 18 गयारोसे बताईभइ बात सुनन् बारे सब अचम्मो मानी।
\v 19 पर मरियम जे सब बात समखत्ए मनमे धरी।
\v 20 जैइसी बिनसे कहीं रहए उइसीए सबए बात सुनी और देखि रहए, परमेश्वरकी महिमा और स्तुति करतए गयारो लैटे।
\p
\v 21 आठौँ दिनमे बालकको खतना होत बाको नाउँ येशू धरी, जौन नाउँ गर्भमे आनसे अग्गु स्वर्गदूत दैइरहए।
\p
\v 22 मोशाक् व्यवस्था जैसो बिनके शुध्द होनको समय पूरो होतए बे बाके परमप्रभुके अग्गु सौपन यरूशलेममे लाइ।
\v 23 जैसो प्ररमप्रभुके व्यवस्थमे लिखोहए, “पहिलो जनमनबारो हरेक जेठो परमप्रभुक् ताहिँ पवित्र कहेलाबैगो।”
\v 24 तव एक जोड़ा ढुकुर (धौंरीया) की कबुतरके दुई बाच्चाकहीके परमप्रभुके व्यवस्थामे कही जैइसो बे बलिदान चढ़ान आए।
\p
\v 25 यरूशलेममे सिमियोन नाउँ भौ एकआदमी रहए । बा इस्राएलको सान्त्वनाके आशा करनबालो धर्मी और भक्तजन रहए। और पवित्र आत्मा बाके उपर रहए।
\v 26 परमप्रभुक ख्रीष्टके नादेखेन तक् बा नामरैगो कहो प्रकाश बा पवित्र आत्मासे पाईरहए।
\v 27 एक दिन बा पवित्र आत्माके प्रेरणामे मन्दिरभितर आव। जब आइया- दौवा बालक येशूके बाके ताहिँ व्यवस्थाक् जैसो विधि करन ताहिँ मन्दिरभितर लांई।
\v 28 तव बा बाके अपन गोदीम् लैइ, और परमेश्वरके धन्यवाद दैइके कही,
\v 29 “अब हे परमप्रभु, अपनो वचनके जैसो तुम अपनो दासके शान्तिसे बिदा देबाओ।
\q1
\v 30 कहेकी मीर आँखी तुम्हरो उध्दार देखिहए|
\v 31 जो तुम सबै आदमीके अग्गु तयार करेहौ।
\q1
\v 32 तुमर जन इस्राएलीक और अन्यजातिके ताहि प्रकाश देन बारि ज्योति हए ।"
\p
\v 33 औ बाके दौवा और आइया बाके बारेमे बोलीभइ बातमे अचम्मो मानी।
\v 34 सिमियोन बिनके आशीर्वाद दैइ, और बाकी अइया मरियमसे कही, “देख, जा बालक इस्राएलमे बेढ़मके पतन और उत्थानके ताहिँ और बहुतनसे विरोधमे बोलन ताहिँ एक चिन्हके ताहिँ नियुक्त करिहए।
\v 35 ताकी बहुत हृदयके विचार प्रकट होमए, ताकी तरवारसे बिनको अपनो हृदय फिर छिदैगो।”
\p
\v 36 आशेरके कुलमे फनुएलकी लौणीय हन्ना नाउँकी एक वृध्दा अगमवादिनी रहए ।, जो कुमारी अवस्थामे विहा करके सातै वर्ष तक् लोगासँग बैठी रहए।
\v 37 औ विधुवा रहिके बाको चौरासी वर्ष पुगोरहए। बा मन्दिर नाछोड़त् रहए, पर उपवास और प्रार्थनाकेसँग रातदिन उपासना करतरहए।
\v 38 बाहे समय बा आएके परमेश्वरके धन्यवाद दैई ।, और यरूशलेमको उध्दारको प्रतीक्षा करन बारे सबैके बालकके विषयमे बताई ।
\p
\v 39 जब बे परमप्रभु व्यवस्थाके जैसो सबै काम करके निभटाई, तव बा गालीलको अपनो सहेर नासरतमे घुमगए।
\v 40 बालक बुध्दिसे भरिपूर्ण हुईके बढ़तए और तागत् वर होथएगव, और परमेश्वरको अनुग्रह बाकेउपर रहए।
\p
\v 41 बाकी अईया-दौवा निस्तार-चाडमे हरेकवर्षमे यरूशलेममे जातरहए।
\v 42 जब येशू बाह्र वर्षको भौ, तव बे तिउहारको रीतिरीबाज जैसे यरूशलेममे गए।
\v 43 तिउहारको दिन निभटतए पीछु बे लौटत बालक येशू यरूशलेम मे रहीगौ जा बात बाके अईया-दौवा पता नापाई।
\v 44 बा यात्रीनके दलमे हए कहिके बे एक दिनकी डगर गए । बाके बे नातेदार और चिनजानके बिचमे ढुणी।
\v 45 पर नापाएके बे बाके ढुणन फिरके यरूशलेममे लौटे।
\v 46 तीन दिनपच्छु बे बाके मन्दिरमे शिक्षकनके बीचमे बैठके बिनकी बात सुनत बिनसे प्रश्‍न करत पाई।
\v 47 सुनन् बारे सबै बाकी समझशक्तिमे और बाके उत्तरमे अचम्मो पणतरहए।
\v 48 बाके देखके बाकी अईया-दौवा चकित भए। और बाकी अईया कही, “लौड़ा, तए हमके जा का करो? देख! तीर दौवा और मए तोके ढुणाके हैरन हुईगाए|”
\v 49 बा बिनसे कही, “तुम मोके कहे ढुणतहौ? का मए अपन पिताके घरमे हौ कहिके तुमके पात ना रहए?”
\v 50 पर बा बिनसे कहीभई बात बे ना सम्झी।
\v 51 तव बा बिनकेसँग नासरतमे गईभौ, और बिनको आज्ञाकारी हुइके बैठो । बाकी अईया जे सब बात अपने मनमे धरलैई ।
\p
\v 52 तव येशू बुध्दिमे, कदममे और परमेश्वर और आदमीके अनुग्रहमे बढ्ताएगव ।
\c 3
\cl अध्याय ३
\p
\v 1 कैसर तिबेरिअसके शासनकालमे पन्धौँ वर्षमे पन्तियस पिलातस यहूदियाक हाकिम रहए । बाहे समय हेरोद गालीलको शासक रहए, और बाको भैईया फिलिप इतुरिया और त्राखोनितिसको शासक रहए, तव लुसानियास अबिलेनेको शासक रहए ।
\v 2 हन्नस और कैयाफाक प्रधान पूजारीगिरीको समयमे परमेश्वरको वचन उजाड-स्थानमे जकरियाक लौड़ा यूहन्नाठीन आओ ।
\v 3 बा पाप-क्षमाके ताहिँ पश्चात्तापको बप्तिस्मा प्रचार करतै यर्दन नदीयके आसपासके सब इलाका हुइके आओ ।
\v 4 यशैया अगमवक्ताको वचनके पुस्तामे अइसो लिखोहए, “उजाड-स्थानमे एक जनीक् चिल्लनबारोको आवाज, परमप्रभुक मार्ग तयार करौ, बाक डगर सुध बनाओ ।
\q1
\v 5 सबै गड्डा भरेजामै, और सब पहाड और सब उची जगह बरोबर बनेजामङ्गे| और टेणेबेणेहे सुध होमङ्गे, और अगठ्यरो डगर बराबर होमङ्गे,
\v 6 और सबए आदमी परमेश्वरको मुक्ति देखङ्गे ।‍"
\p
\v 7 बहेमारे बक़ठीन बप्तिस्मा लेन अनबारे भीडसे बा कही,"ए साँपके बच्चा, आनबारो क्रोधसे भाजन तुमके कउन चुतौनी दै?
\v 8 जकमारे पश्चाताप सुहनबारो फल फलाबौ, और तुम अपनै 'हमरो पिता अब्राहम हए' काहान् पिच्छु मतलागै, कहेकी मै तुमसे कहतहौ, परमेश्वर जे पत्थरसे अब्राहमके ताहिँ सन्तान उत्पन्न करसकत् हए |
\v 9 अभै कुणहारी रूखक् जरमे पणगौ हए, बहेमारे अच्छे फल नादेनबारे सब रुखा उदरे जाङ्गे, और आगीमे फेको जै हए ।‍"
\p
\v 10 आदमी यूहन्नासे पुछी, “तव हम काकरए?”
\p
\v 11 बा बिनसे कही,” जौन ठीन दुई जोण कठीया हए, बा ना होनबारेके एक दैदेबए, और जौनठीन खानबारो हए, बा फिर अइसी करए ।"
\p
\v 12 कर उठानबाले फिर बप्तिस्मा लेनआए, तव बासे पुछी, “गुरुजी हम काकरए?”
\p
\v 13 बा बिनसे कही,"तुमके कहोसे जाधा मतलेबौ ।”
\p
\v 14 सिपैय फिर पुछी,"हम काकरए?” बा बिनसे कही, “कोइक उपर अत्याचार करके, और झूठो दोष लगाएके मतलुटौ । अपन तनखामे सन्तुष्ट रहो ।”
\v 15 तब आदमी प्रतीक्षा करत रहए, और सब अपन मनमे यूहन्नाके बारेमे शायद जाहेत ख्रीष्ट नाहएकी कहिके विचार करत रहाए ।
\v 16 तव यूहन्ना बे सबके जवाफ दैइ, “मै तुमके पानीसे बप्तिस्मा देतहौं, पर एक जनी मोसे शक्तिशाली आएरहोहए, जैनके जुताकी तनी खोलनको लएकको मए नाहौ । बा तुमके पवित्र आत्मा और आगिसे बप्तिस्मा देबैगो ।
\v 17 फटकन बारो सुपो बाके हातमे हए, जौनसे बा अपनो अगन अछेसे सफा करैगो । और गेहूँ अपनो बक्खारीमे जम्मा करैगो, पर भुसा बा ना बुतन् बारी आगिमे जलबैगो ।
\p
\v 18 अइसी और बहुत अर्तिसे शिक्षा दैके यूहन्ना आदमीनके सुसमाचार प्रचार करी ।
\v 19 पर शासक हेरोद अपनी भैयाकी बैइर हेरोदियासके धरनके कारण और बा करोभौ सबै दुष्कर्मके ताहिँ यूहन्ना बिनके ढाँटी रहए ।
\v 20 यूहन्नाके झयालखानमे डारके बा सबसे दुष्कर्मउपर और एक दुष्कर्म बढाइ ।
\v 21 जब सबै आदमी बप्तिस्मा लैई, तव येशू फिर बप्तिस्मा लैके प्रार्थना करत रहए, तव स्वर्ग खुलगौ ।
\v 22 और पवित्र आत्मा शारीरके रुपमे ढुक्कुर जैसो बाके उपर उतरके आओ । तव स्वर्गसे अइसो एक अवाज आओ, “तए मिर प्यारो पुत्र हए तोसे मए बेढम खुशी हौँ ।”
\v 23 येशू अपनो सेवाको काम शुरू करत बा करीब तीस वर्षक् रहए । आदमी बाके योसेफको लौड़ा हए कहिके कहतरहए । योसेफ एलीक लौड़ा रहए ।
\v 24 एली मत्ततको लौड़ा, मत्तत लेवीको लौड़ा, लेवी मल्कीक लौड़ा, मल्कीक यान्नाको लौड़ा, यान्ना योसेफको लौड़ा,
\v 25 योसेफ मत्ताथियासको लौड़ा, मत्ताथियास आमोसको लौड़ा, आमोस नहूमको लौणा, नहूम इसलीको लौणा, इसली नग्गैको लौणा,
\v 26 नग्गै माथको लौणा, माथ मत्ताथियासको लौणा, मत्ताथियास सेमैनको लौणा, सेमैन योसेखको लौणा, योसेख योदाको लौणा रहए,
\v 27 योदा योआननको लौणा, योआनन रेसाको लौणा, रेसा यरुबाबेलको लौणा, यरूबाबेल शाल्तिएलको लौणा, शालतिएल नेरीको लौणा,
\v 28 मल्कीको लौणा नेरी, अद्दीको लौणा मल्की, अद्दी कोसामको लौणा, कोसाम एलमादमको लौणा, एलमादम एर् को लौणा,
\v 29 एर् यहोशूको लौणा, यहोशू एलीएजरको लौणा, एलीएजर योरीमको लौणा, योरीम मत्तातको लौणा, मत्तात लेवीको लौणा रहए,
\v 30 लेवी शिमियोनको लौणा, शिमियो यहूदाको लौणा, यहूदा योसेफको लौणा, योसेफ योनानको लौणा, योनान एल्याकीमको लौणा,
\v 31 एल्याकीम मलेआको लौणा, मलेआ मिन्नाको लौणा, मिन्ना मत्ताथाको लौणा, मत्ताथा नातानको लौणा, नातान दाऊदको लौणा,
\v 32 दाऊद यिशैको लौणा, यिशै ओबेदको लौणा, ओबेद बोअजको लौणा, बोअज सल्मोनको लौणा, सल्मोन नहशोनको लौणा,
\v 33 नहशोन अम्मीनादाबको लौणा, अम्मीनादाब आरामको लौणा, आराम हेस्रोनको लौणा, हेस्रोन फारेसको लौणा, फारेस यहूदाको लौणा,
\v 34 यहूदा याकूबको लौणा, याकूब इसहाकको लौणा, इसहाक अब्राहामको लौणा, अब्राहाम तेरहको लौणा, तेरह नाहोरको लौणा,
\v 35 नाहोर सरुगको लौणा, सरुग रऊको लौणा, रऊ पेलेगको लौणा, पेलेग एबेरको लौणा, एबेर शेलहको लौणा,
\v 36 शेलह केनानको लौणा, केनान अर्पक्षदको लौणा, अर्पक्षद शेमको लौणा, शेम नोआको लौणा, नोआ लेमेखको लौणा,
\v 37 लेमेख मतूशेलहको लौणा, मतूशेलह हनोकको लौणा, हनोक येरेदको लौणा, येरेद मह्लालेलको लौणा, मह्लालेल केनानको लौणा,
\v 38 केनान एनोशको लौणा, एनोश शेतको लौणा, शेत आदमको लौणा, आदम परमेश्वरको लौणा रहए ।
\c 4
\cl अध्याय 4
\p
\v 1 येशू पवित्र आत्मासे परिपूर्ण हुइके यर्दनसे- लौटो, और आत्मा बाके उजाड-जगहामे लैगौ ।
\v 2 और चालीस दिन तक उजाड-जगहामे दियाबलससे* बा परीक्षित भव। बे दिनमे बा कछु ना खाई रहय, और बा समय के पिछु बा भुकानो रहए ।
\v 3 तव दियाबलस बासे कही, “ताए परमेश्वरको पुत्र हए कहेसे जा पत्थरके आज्ञा कर, और बा रोटी बनए ।"
\p
\v 4 येशू बासे कही, “लिखोहए, आदमी रोटीसे इकल्लो जीवित ना रहत हए ।”
\p
\v 5 बा बाके एक उँचो जगहामे लैजाएके एकै चोटी जगत् के सब राज्यन दिखाई ।
\v 6 दियाबलस बासे कही, “मए जा सबै अधिकार और जा गौरव तोके देमङ्गो । कहेकी जे सब मोके सुम्पि हए, और मै जउनके इच्छा करतहौ, बाहेके देतहौ ।
\v 7 तए मोके दण्डवत करैगो कहेसे, जा सब तिर होबैगो ।"
\p
\v 8 पर येशू बासे कही, “लिखोहाए, तए परमप्रभु अपन परमेश्वरके इकल्लो दण्डवत करीए, और बाकी इकल्लो सेवा कर' ।”
\p
\v 9 ”तव बा बाके यरूशलेममे लैगौ मन्दिरकी चुटियामे धरी, और बा कही, “तए परमेश्वरको पुत्र हए कहेसे बाहुनसे कुद ।
\v 10 कहेकी लिखोहए, 'बा तिर रक्षा करन अपन स्वर्गदूतके आज्ञा करैगो ।'
\v 11 और 'बे तोके हातै-हात रोकङ्गे, नत तिर टाङ्ग पत्थरमे ठुकैगे' ।”
\p
\v 12 येशू बासे कही, “आइसो कहोगओहए, 'तए परमप्रभु अपन परमेश्वरको परीक्षा मतकरीए'|”
\v 13 दियाबलस बाके सबै परीक्षा करकेपिच्छु दुस्रो समय ना आनतक बाके छोडके गव ।
\p
\v 14 येशू पवित्र आत्माकी शक्तिमे गालीलमे लौटो, और बाक विषयकी बात आसपसके सबै जगहामे फैलगव ।
\v 15 बा सभाघरमे शिक्षा देन लगो, और सब बाकी प्रशंसा करत रहए ।
\p
\v 16 एक दिन येशू नासरतमे अओ, जहाँ बा लौटो रहए । बा अपनो आदत जैसे शबाथ-दिनमे सभाघरमे गव और धर्म शास्त्र पढन ठाड़ो ।
\v 17 बाके यशैया अगमवक्ताकी किताब दैइ। बा किताब खोली, और जा बात लिखीभइ खण्ड निकरी।
\q1
\v 18 “परमप्रभुक आत्मा मिरउपर हए, कहेकी गरीबके सुसमाचार सुनानतही बा मोके अभिषेक करिहए । कैदीनके छुटकाराको घोषणा करन, और अन्धारनके दृष्टि देन, अन्यायमे परेभएनके स्वतन्त्र करन ताहिँ,
\v 19 और परमप्रभुक खुशिको वर्ष घोषणा करन ताहिँ बा मोके पठाईहए ।”
\p
\v 20 बा किताब बन्द करी, और एक जनी सेवकके दैके बा बैठो । सभाघरमे भए सबकी नजर बाके उपर पणी ।
\v 21 तव बे बासे कही, “आज धर्मशास्त्रको जा वचन तुमके सुनतएसुनत पूरो हुइगव हए ।”
\p
\v 22 सब बाके सराहना करी, और बाके मुहसे निकरीभैइ कृपापूर्ण वचनमे अचम्मो मानी । और बे कही, “जा योसेफको लौड़ा ना हए का?”
\p
\v 23 बा बिनसे कही, “निहात्या, तुम मोसे जा काहाबत कहबैगे, ए वैध, अपनएके आच्छो कर। कफर्नहुममे ताए जो जित्तो करो कहीके हम सुनेरहव, बे हियाँ अपने सहेरमे फिर कर'| ।”
\v 24 तव बा कही, “निहात्या मए तुमसे कहतहौ" कोई फिर अगमवक्ताके बिनको अपने जगहमे स्वगत ना होतहए ।
\v 25 पर वास्तवमे मए तुमसे काहातहौ, इस्राएलमे एलियाके समयमे बेढम विधुवा रहए, बाहे समय जब साढ़े तीन वर्ष वृष्टि रुको, यितोतके सबए देशमे बाड़ो अनिकाल पणोंरहए ।
\v 26 पर एलिया सिदोन देशके सारपतमे भैई एक विधुवाठीन इकल्लो पठाओगओ, और कोइकेठीन ना पठाइ।
\v 27 एलिया अगमवक्ताके समयमे इस्राएलमे बेढम कोड़रोग भए रहए, पर सेफिर सिरियाली नामान इकल्लो अच्छो भव, और कोई अच्छो नाभए ।
\v 28 जा बात सुनके सभाघरमे भए सब जनी दिक्कके मरे चूर हुइगए।
\v 29 बे उठे और बाके सहेरसे बाहिर निकरके जौन पहाडमे बिनको सहेर बनोरहए, बाहेकी चुटियामे लैजएके बाके तरे ढकेलन सोँची।
\v 30 पर बा बिनके बीचसे निकरके चलोगव ।
\p
\v 31 बा गालीलको एक सहेर कफर्नहुममे गओ । शबाद-दिनमे बा बिनके सभाघरमे शिक्षा देतरहए ।
\v 32 बे बाकी शिक्षा मे अचम्मो पणे, कहेकी बा अधिकारसे बोलत रहए ।
\v 33 सभाघरमे अशुध्द भूतात्मा लगोभए एक आदमी रहए, और बा बेढम जोणसे किकीयाअनो,
\v 34 “हे येशू नासरी, तिर हमसे का काम? का तए हमके नष्ट करन आओहए? मोके पाता हए । तए परमेश्वरको पवित्र जन हए ।”
\p
\v 35 “तव येशू बाके डँटके कही, “चूप लाग, और बासे निकरकेजा ।”बा आदमीके बिचमे फतफतबाएके बाके कछु हानि नाकरके बा भूतात्मा बासे निकरके गव ।
\p
\v 36 तव बे सब अचम्मो परे, और एकदुसरेसे आइसो कही लागे, “जा कैसो वचन हए? जा त अधिकार और शक्तिसे अशुध्द आत्माके आज्ञा करतए, और बे निकरजात हए ।”
\v 37 बाकी चर्चा असपस मुलुकमे हरेक जगहामे फैलगइ ।
\p
\v 38 सभाघरसे निकरके बा सिमोनके घरमे घुसो।सिमोनकी सासके बहुत बुखार आत रहए, और बे बक ताँही बासे बिन्ती करी ।
\v 39 बाके ठिन ठाणके बा बुखारके डाँटके कही, और बुखार बाके छोणदई, और तुरनताए उठके बा बाक् सेवा करन लागि ।
\p
\v 40 तव दिन डूबन समय बहुत किसिमके रोग लागेभए बेमारी सबएके बे येसूके ठीन लाई । बा बिनके हरेक के उपर अपन हात धरके बीनके अच्छो करी ।
\v 41 बेढम आदमीनसे फिरभुत किकीयअत और अइसो कहत निकरे, “तए परमेश्वरको पुत्र हए ।” पर बा बिनके जोणसे बोलन नादैई, कहेकी बे बाके ख्रीष्ट हए कहिके चिनत रहए ।
\p
\v 42 सबेरे उजियारो भव, बा निकरके एकान्त जगाहामे गव । भीण बाके ढुणत बाकेठीन पुगे और हमके छोड़के मतजवौ, कहीके बाके रोकन कोसीस करी ।
\v 43 पर बा बिनसे कही, “मोके परमेश्वरको राज्यको सुसमाचार और सहेरमे फिर सुनान्ए पणैगो, कहेके मए जहेके ताहिँ पठाओगओ हौ।"
\v 44 तव बा यहूदियाक सभाघरमे प्रचार करन लगो ।
\c 5
\cl अध्याय 5
\p
\v 1 आदमी परमेश्वरको वचन सुनन् बाके चारैघेन ढकेलीढकेला करत रहए, और बा गनेसरेत तालके किनारे ठणो रहए ।
\v 2 बा तालके किनारेमे दुई नैया देखी । पर मछुहारे त नैयाके बाहिर बैठे अपन जार धोत रहए ।
\v 3 बे दुई मैसे एक नैया त सिमोनकी रहए । बामे चढके बा नैयाके किनारेसे थुरदुर लैजानके कहि । बा नैयामे वैठके भीड़के शिक्षा देन लागो|
\v 4 मसक्के पिछु, बा सिमोनसे कहि, “गहिरो घेन लैजाएके मच्छी फसन तँहीअपनो जार डार ।”
\p
\v 5 पर सिमोन कहि, 'गुरुजी, हम रात भार मेहेनत करके फिर कछु नापए । तहु फीर तुमर कहेसे मए जार डारत हओ।”
\v 6 तव जब अइसो करी, तव एक ढेरी मच्छी फसइँ, और बिनको जार फटन लागो ।
\v 7 बे दुस्री नैयामे भए मछुहारेनके आएके सहेता करन इशारा करी । और आएके बे दोने नैया मच्छीसे भरी, हिनातकि नैया डुबन् लगी ।
\v 8 तव जा देखके येशूक पाउमे घुबटा पड़के सिमोन पत्रुस कहि, “हे प्रभु, मिरठीनसे चलोजा, कहेकी मै पापी आदमी हौ ।”
\v 9 यित्तो माछरी मरके देखके बे और बाके सँग रहन बारे सब अचम्मो मानी ।
\v 10 “ऐसीए करके जब्दियाक लौड़ा याकूब और यूहन्ना फिर अचम्मो पणे। बे सिमोनसे साझेदार रहए । येशू सिमोनसे कहि, “मतडरए, अब अग्गुके ताए आदमीके पकणैगो ।”
\v 11 तव बे आपन नैया कीनारे लाई, बे सब चीज त्यग्के, और बाके पीच्छू लागे ।
\p
\v 12 जब बा कोई एक सहेरमे रहए, तव कोण रोग भरो एक आदमी येशूके देखके बाके पँवमे घुबटा पणके बिन्ती करी, “हे प्रभु, तुम्हरी इच्छा हए कहेसे मोके आच्छो कर सकत हओ ।”
\p
\v 13 बा अपन हात फैलाके और कही “मै इच्छा करतहौ तए अच्छो हुईजा" कहिके बाके छुई, और तुरन्तए बाको कोणरोग बासे हटीगव ।
\v 14 बा बिनके आदेश दैई, “जा कोइके मतबतैए । पर जएके पूजारीठीन अपनेके दिखा, और मोशाके व्यावस्थाहानी आज्ञा करी भइ अपने आपके पुजारीनके दिखा ।आदमीनके तए आच्छो भव प्रमाणके ताहि भेटी चढाइ।”
\v 15 पर बाको चर्चा और जाद्धा जेहेनतेहेंन फैलगओ, और बेढम भरी भीण बाकी बात सुनन् और अपन-अपन रोगसे अच्छो होन जमा होत रहए ।
\v 16 पर येशू त सुनसान जगहामे जाएके प्रार्थना करतरहए ।
\p
\v 17 एक दिन बा शिक्षा देतरहए, गालीलमे और यहूदियामे हरेक गाउँ और यरूशलेमसे आए फरिसी और शास्त्री बाके ठीन बैठेरहए । परमप्रभुकी अच्छो करन बारी शक्ति बाकेसंग रहए ।
\v 18 कुछ आदमी एक पक्षाघाती आदमीके खटियामे लाई, और बे बाके भीतर लान और बाके अगु धरन चाहीँ ।
\v 19 पर भीणके करनसे बाके भितर लैजन कोई डगर नपाएके बे छनीउपर चढ़ी, और बे छनिउत्कारके बाके खाटीयासमेत येशूके अगु धरी ।
\v 20 तव बा बिनको विश्वास देखके कही, “ए आदमी, तिर पाप क्षमा हुईगव ।”
\p
\v 21 तव शास्त्री और फरिसी पुछन लागे, “ईश्वर-निन्दा करन बारो जा कौन हए? पाप त परमेश्वर बाहेक और कौन क्षमा करसकत हाए?”
\p
\v 22 पर येशू बिनकी प्रश्‍न प़ता पएके बिनके जवाफ दैके कहि, “तुम अपन हृदयमे काहे प्रश्‍न करहव?
\v 23 तुमर पाप क्षमा भव' कहीनो कि औ उठके नेग' कहीनो, कौन सहज हए?
\v 24 और आदमीको पुत्र पृथ्वीमे पाप क्षमा करन अधिकार हए कहीके तुम जानजाबओ ।” तव बा पक्षाघातीसे कहि, “मए तोसे कहतहओ, उठ और अपन खाटीया उठाएके घरे जा ।”
\v 25 तव बा तुरनताए बिनके अगु उठो, और जौन खाटीयामे बा पणो रहाए बा उठके परमेश्वरकी महिमा करतै बा अपन घरघेन गओ ।
\p
\v 26 तव सब जनी अचम्मो मानी, और बे परमेश्वरकी महिमा करी, और भयभीत हुइके आइसो कही, “आज हम अचम्मो बात देखे।”
\p
\v 27 तव जे बातपच्छु बा द्वारे गैभओ और लेवी नाउँ भव एक जनी कर उठानबालो कर अड्डामे बैठोभौ देखी और बासे कही मिर पिच्छु लाग ।.
\v 28 तव बा सब चीज छोडके, और उठके बाके पाछु लागो।
\p
\v 29 लेवी अपनो घरमे बाके तही बाणो भोजकी योजना करी । बाहुना कर उठानबारे और बाणो संख्यामे बाकेसँग बैठेरहए ।
\v 30 फरिसी और बिनके शास्त्री बाके चेलनके विरुध्दमे आइसो कहिके गनगनान् लगे, “तुम कर उठानबारे और पापीसँग कहे खानपिन करत हओ?”
\p
\v 31 पर येशू बिनसे कही, “निरोगीनके वैधकी जरुरत् नपणथए, पर रोगीनके इकल्लो ।
\v 32 मै धर्मीनके ताहि नए, तर पापीनके पश्‍चतापके तही बुलान आओं हओ ।”
\p
\v 33 बे बासे कही, “यूहन्नाके चेला बारम्बार उपबास बैठतहए और प्रार्थना करत रहए । फरिसीके चेला उइसी करत हए, पर तुम्हर चेला खात हए और पीत हए ।”
\p
\v 34 येशू बिनसे कही, “का दुल्हासँग रहनतक बरैतीयनके उपवास बैठन लगात हओ?
\v 35 पर आइसो दिन आमङ्गे जब दुल्हा बिनसे अलग होबैगो । तव बे बा दिनमे उपवास बैठङ्गे ।”
\p
\v 36 बा बिनसे एक कहनी फिर कही: “कोई आदमी नयाँ लत्ता पुरानो लत्तामे नथिगरतहए, नत बा नयाँके फरदेहए, और नयाँ थिगरा पुरानोसे मिलत फिर ना हाए ।
\v 37 कोई आदमी नयाँ दाखमध पुरानो छालाकी मशकमे नडरतहए, नत नयाँ दाखमधसे छाला फुटहए, और दाखमध गीरजएहए, और मशक फिर खराब हुईजएहए ।
\v 38 नयाँ दाखमध नयाँ छालाके मशकमे धरन पणतहए ।
\p
\v 39 कोई आदमी पुरानो दाखमध पिके नयाँके चाहा नकरतहए, कहेकी बा कहतहए “पुरानो अच्छो हए ।”
\c 6
\cl अध्याय 6
\p
\v 1 शबाथ दिनमे बा अन्नके खेतघेनसे जातरहए, और बाके चेला बाली तोणके हातमे मिजलके खान लगे ।
\v 2 पर फरिसीमैसे कोई-कोई बिनसे कही, “शबाथ-दिनमे जे करन ठिक ना हए बा तुम कहे करत हओ?”
\p
\v 3 येशू बिनके जवाफ दैके कही, “का तुम जा फिर ना पढे हओ, दाऊद जब बा अपनए और बाके सँग रहन बारे भुखाने रहए, तव का करी?
\v 4 कईसे परमेश्वरके घरमे घुस्के चढाइ भइ रोटी निकरके बे खाई, और बिनके सँग होनबारेनके फिर दैइ, जो पूजाहारी बाहेक औरके खान मनही रहए ।”
\v 5 तव बा बिनसे कही, “आदमीको पुत्र शबाथको प्रभु हए ।”
\p
\v 6 दुसरो शबाथमे सभघरभित्र घुसके बा शिक्षा दैई । बा हुवँ एक जनी आदमी रहए बाको दाहिना हात सुखोरहाए ।
\v 7 बा शबाथमे अच्छो करनो काम करैगो कहिसे बाके दोष लगन नियतसे शास्त्री और फरिसी बाके चुबकेसे सुनत रहए ।
\v 8 पर बा बिनकी नियत पाता पाएगव रहाए, और सुखो हात भव आदमीसे कही, “हीन आ और ठाण ।” तव बा उठो, और ठाड़ो ।
\v 9 तव येशू बिनसे कही, “मए तुमसे पुच्छ्तहव, शबाथमे अच्छो करन या खरब करन, प्राण बचान या नाशा करन का अच्छो हए?”
\v 10 तव बा चारौघेन देखके बा आदमीसे कही, “ताए हात फैला ।” औ बा उइसी करी, और बाको हात सुध हुइगव ।
\v 11 पर बे दिक्कके मरे चूर हुइगए, और येशूके का करए कहिके आपनए सल्हा करन लगे ।
\p
\v 12 बे दिनमे बा पहाडघेन प्रार्थना करन गव, और परमेश्वरके सँग प्रार्थना करके पूरी रात बिताई|
\v 13 सबेरो भव बा अपन चेलानके अपनठीन बुलाएके बिनमैसे बाह्र जनीके छानी, और बा बीनके प्रेरित नाउँ दैइ रहए ।
\v 14 प्रेरितके नाउँ रहएः सिमोन, जैनके बा पत्रुस नाउँ फिर दैई, और बाको भैया अन्द्रियास, याकूब और यूहन्ना, फिलिप और बारथोलोमाइ,
\v 15 मत्ती और थोमा, अल्फयसकी लौण याकूब, और सिमोन, जो उग्रपन्थी कहतरहए,
\v 16 याकूबको लौण यहूदा, और यहूदा इस्करियोत, जो विश्वासघाती भव ।
\p
\v 17 बा बिनके सँग तरे उतरके एक बराबर जग्गामे ठण बाइ । बाके चेलानको एक बणी भीण, और सबै यहूदिया और यरूशलेम, और समुन्द्र तटवर्ती टुरोस और सिदोनको इलाकासे बणी भीण
\v 18 बाकी वचन सुनन् तही और आ-अपन रोगसे अच्छो होन आए रहए । भुत आत्मासे सताए भए फिर अच्छो भए ।
\v 19 सबै भीण बाके छुन ढुणत रहए, कहेकी शक्ति बासे निकरत रहए, और बिनके सबके अच्छो करत रहए ।
\v 20 तव बा अपन चेलनके उपर नजर करके कहि: “धन्य तुम जो दीन होनबारे, कहेकी परमेश्वरको राज्य तुम्हरीए हए ।
\v 21 धन्य तुम, अभेए भुखाँनबारे, कहेकी तुम तृप्त होबैगे । धन्य तुम रोनबरे, कहेकी तुम हाँसैगे ।
\p
\v 22 धन्य तुम, जब आदमी तुमके आदमीको पुत्रके ताही घृणा करङगे, और बहिष्कार करङगे, और खिसबाङ्गे, और दुष्ट कहमँगे तुम्हर नाउँके अपमान करङगे ।
\v 23 “बा दिनमे रमाबओ, और ख़ुशीसे कुदओ, कहेकी स्वर्गमे तुम्हर इनाम बणो हए । कहेकी तुम्हर पुर्खा अगमवक्ताके अइसी करतरहए ।
\p
\v 24 पर धिक्कार, तुमे धनीके! कहेकी तुम अपनो सुख-चैन पाईगए हव ।
\v 25 धिक्कार, तुम अभेए तृप्ता भए! कहेकी तुम भुखाबैगे । धिक्कार, तुमे अभे हाँसन बारे! कहेकी तुम शोक करैगे और रोबैगे ।
\v 26 धिक्कार, तुमे, जब सब आदमी तुम्हरी प्रशंसा करंगे! कहेकी अइसीए बिनके पुर्खा झूठो अगमवक्ताके फिर अइसीए करीरहए ।
\p
\v 27 पर तुम सुनन् बारेसे माए कहाथावो, आपन शत्रुसे प्रेम करोअ, और घृणा करनबारेके भलाइ कराओ ।
\v 28 सरापन बारेके आशीर्वाद देबओ और दुर्व्यवहार करनबारेनके ताही प्रार्थना कराओ ।
\v 29 तुम्हर एक गालौवामे चट्कनबारेके दुसरो फिर दै दोओ, और तुमाहर पिछावुरा लेनबारेके तुम धोती फिर लैजान दाव ।
\v 30 तुमसे मागन बारे सबके देओ, और तुमसे समान लेनबारेनसे फिर मतमागाओ ।
\v 31 जाउन आदमी तुमके जैसो करात चाँहत हओ, तुम फिर बिनसे अइसी कराओं ।
\p
\v 32 तुम से प्रेम करनबालोसे प्रेम करत हओ कहेसे, तुम्हे का फाइदा भाओ? कहेकी पापी फरी आपनके प्रेम करनबालेसे प्रेम करतहए ।
\v 33 तुमर भलाई करनबालेके भलाई करतओ कहेसे, तुमे का फाइदा भओ? कहेकी पापी फिर अइसीए करत हए ।
\v 34 यदि फिर्ता पान आशा करके कोइके ऋण देतओ कहेसे, तुमके का फाइदा भओ? कहेकी फिर उत्कए पन आशा करके पापी पापीके ऋण देतहए ।
\v 35 पर अपने दुश्मनके प्रेम करओ, और बिनके भलाई करओ। फिर पान आसरा ना करके ऋण देओ, और तुमर इनाम बणो हुइहै, और तुम सर्बोच्चके सन्तान हुईहओ, काहेकी बा घमन्डी और स्वार्थी उपर कृपालु हाए ।
\v 36 तुमर पिता जैसो कृपालु हए तुम फिर कृपालु होबओ।
\p
\v 37 दुसरेके न्याय मत करओ और तुमर फिर न्याय नहुइहे । दुसरेके दोषी मतबनओ, और तुम दोषी ना ठहरैगे। क्षमा करओ, और तुमके फिर क्षमा करो जै है ।
\v 38 देबैगो, और तुमके फिर दै जाबैगो। आदमीके बहुत परिमाणमे खाँद-खाँदके डटके हलाएके, उफानत तुमर कुठियामे धारदेहाए । कहेकी जैन नापसे तुम देहओ, बहे नापमे तुम फिर फिर्ता पएहओ।”
\p
\v 39 तव बा बिनसे एक कहानी फिर कही: “का अन्धार अन्धारके डोरियलेहए? का बे दुने गड्डामे नपणंगे?
\v 40 चेला आपन गुरुसेबणकर ना होत हए, पर पुरो सिक्के बा आपने गुरुजैसो होबैगो।
\p
\v 41 अपन भैयाके आँखीमे भव कुरा तुम कहेदेखत हओ, पर आपन आँखीमे भव लठ्ठा पता ना पतहओ?
\v 42 तुम आपन आँखिमे लठ्ठा नदेख्तहव कहेसे, आपनो भैयाके, ए भैया, तिर आँखीमे पणो कुरा मोके निकरन देए, कहिके तुम कैइसे कहे सकत है? ए कपटी, पहिले आपन आँखीसे लठ्ठा निकर, तव तए आपन भैयाक आँखीमे भव कुरा निकरन तही अच्छेसे देखैगे।
\p
\v 43 कोई अच्छो रुखा खराब फरा ना फरातहए, न त खराब रुखा अच्छो फरातहए,"
\v 44 हरेक रुखा बाके फरासे चिनतहए। कहेकी काँटोके झाँगसे कोई गुलर ना बटोरतहए, नत झाडीसे अंगूर बटोरत हए।
\v 45 अच्छो आदमी आपनो हृदयसे अच्छो भण्डारसे अच्छो चिज निकरत हए, और खराब आदमी आपनो हृदयसे खराब भण्डारसे खराबए चिज निकरत हए। कहेकी जौन बातसे हृदय भरोहोत हए, आदमीक मुहसे बही निकरत हए ।
\p
\v 46 मिर कही बात ना करत हओ तव कहे मोके “प्रभु, प्रभु" कहत हओ?
\v 47 जौन मिरठीन आत हए, मिर वचन सुनतहए और बाहे जैसो करत हए, बा कैसो आदमी हए, मै तुमके बतामंगो ।
\v 48 बा आदमी घर बनान् बालो आदमी जैसो हैए, जौन गहिरो खोदके चट्टान उपर जग डारी ।जल प्रलय भओ, तव जब बाहण आओ, और बा घरमे ठुक गओ, तव बा घरके हला ना पाई, काहेकी बा पक्को बनो रहए।
\v 49 पर जौन सुनत हए और फिर बा जैसो ना करत हए, बा एक जनी आइसो आदमी हाए, जौन जमिन उपर बिनाजगको घर बनाई । जब बा घर उपर बाहण आइके ठोकी, तव बा घर तुरन्त गिर गओ, और बा घरको बणो सत्यानाश भाओ ।
\c 7
\cl अध्याय 7
\p
\v 1 अपनी सबै बात आदमीनके सुनाईके बा कफर्नरहुममे घुसो।
\v 2 कोई एक आदमी कप्तानको एक जनी अच्छो कमैया रहए, जौन बीमार हुइके मरन बारो रहए।
\v 3 जब येशूके बारेमे बे सुनी, तव बाको कमैयाँके अच्छो करदेबै कहिके बा यहूदीन के धर्म गुरुसे बिन्ती करन पठाई।
\v 4 बे येशू ठिन आएके आइसे कहिके बा से नम्रहुइके बिन्ती करी,"बे तुमर जा कृपा पानके योग्यके हैए ।
\v 5 काहेकी बे हमर जातिनके प्रेम करत हए, और बेहि हमर सभाघर बनाई रहए।"
\p
\v 6 येशु बिनके संग गओ । कप्तानके घरके जैने बा होतए, कप्तान बिनके सङ्गिनके बाके ठिन एइसो कहेके पठाई,” हे प्रभु दुःख मत उठाबै काहेकि तुमके मिर घरमे घुसबानके योग्यको मै ना हओ ।
\v 7 मै अपनै फिर तुम्हरठीन अनको योग्य ना रहओ । पर वचन कहि देओ, और मेरो चाकर अच्छो हुईजैहै ।
\v 8 कहेकी मै फिर अख्तियारतरे बैठन बारो आदमी हओ, तव मेरे अधीनमे सिपैय है । मै एकके 'जा' कहत हओ, तव बे जात हए, और दुसरे से 'आ' कहतहओ, तव बे आत हए । मै कमैयासे 'जा' कर' कहतहओ, तव बा करत हए।”
\p
\v 9 जा बात येशू सुनके बासे अच्मो मनी, और घुमके आपनपिछु आनबारे भीणसे कही, “मए तुमसे कहतहओ, मै इस्राएलमे फिर यित्तो बाणो विश्वास नदेखो रहओ ।”
\v 10 जब पठाएके आदमी घरे घुमके गैए, बे बा कमैयाके अच्छो भव भेटाईं ।
\p
\v 11 बा के कुछ समय पिछु येशू नाइन नाउँके शहेरमे गओ । और बाके चेला और एक बाणी भीण बाके सँग गई ।
\v 12 जब बा बजरके मोखेके ढिङगै पुगो, एक विधुवको एक लौणको लाह्स लैजात रहए । शहेरकी बहुत बणी भीण बिनके सँग रहए ।
\v 13 जब प्रभु बिनके देखि, बा बहुत दयासे भरगओ तव बिनसे कही, “मतरोबौ।”
\v 14 तव ढिङगै जएके बा खटिया छुई और बोकन बाले चुप्प ठाणगए। बा कही, “ए जबान, मै तोसे कहत हओ, 'उठ'।”
\v 15 तव मरो आदमी उठके बैठ गओ, और मस्कन लगो। येशू बाके आईयके जिम्मा लगाई।
\p
\v 16 “तव सब अच्मो मानी । और परमेश्वरकी महिमा करी, और कही, “एक जनी महान अगमवक्ता हमर बिचमे प्रकट भव हए,” और परमेश्वर अपन प्रजा उपर कृपा करीहए ।”
\v 17 बाके विषयकी जा चर्चा सारे यहूदिया और किनारेकिनारेके सब जिल्लामे फैलगओ ।
\p
\v 18 यूहन्नाके चेला जा सब बातकी समाचार बिनसे कहिदै ।
\v 19 अपने चेलाबहेक दुई जनीके यूहन्ना प्रभुठीन जा पुछन पठाई, “जौन आन बारोहए, का बा तुमही हओ? का हम और कोईके आसरा करैए?”
\p
\v 20 जब बे आदमी येशूठीन आए, तव बे कही, “बप्तिस्मा देनबारो यूहन्ना हमके जा पुछन तुमर ठिन पठाई हए, 'ज़ौनआन बारो हैए, का तैए बहे हैए? की हम दुसरेक आसरा करए?”
\p
\v 21 बहे समयमे येशू बहुत रोग, ब्यथा और भुतआत्मासे छुटाई, और बेढब अन्धानके दृष्टि दई ।
\v 22 तव बा बिनसे कही, “जाओ, और जो तुम देखे और सुने, जएके यूहन्नासे कहेदेओ । औ अन्धारा देखत हए, लङ्गड़ा नेगत हए, कोणहरोगी अच्छो होत हए, बहिरा सुनत हए, मरोभव जिन्दा हुइके उठय हए, गरीबके सुसमाचार सुनाइ हए ।
\v 23 बा धन्यको हए, जो मिरमे बाधाको कारन ना पए है।
\p
\v 24 यूहन्नासे पठाएभए चेला चले जानके पिछु बे यूहन्नाके बारेमे भीणसे कहन लागो, “तुम उजाड- स्थानमे का देखेन गए? का हबासे हलाएरहो निगालीके?
\v 25 तव तुम का देखन निकरे? का अच्छो लत्ता लगवभव आदमीके देखन? देखै चमकन बारो लत्ता पैधन बारो और सुख बिलासमे बैठन बारे त राजदरबारमें होत हए ।
\v 26 तव तुम का देखन निकरे? का अगमवक्ताके? हाँ, मै कहत हंओ, तुम अगमवक्तासे फिर माहान हियँ हए ।
\v 27 जा बहे है, जौनके बारेमे लिखो है, 'देख, मैए मेरो दूतके तुमार अग्गु- अग्गु पठामङ्गो, जौन तुमार ताहि डगर तयार करैगो ।'
\p
\v 28 मै तुमसे कहताहाओ, 'स्त्रीनसे जन्मो भव युहन्नासे महान कोई ना हए, तव बा फिर जो परमेश्वरके राज्यमे छोटो से छोटो हए, बा बिनसे और महान हए'।”
\p
\v 29 ताओ सब आदमी और कर उठानबरे जा सुनके परमेश्वरकी सत्यताके स्वीकार करी, काहेकी बे यूहन्नासे बप्तिस्मा लई रहए।
\v 30 तव फरिसी और ब्यबस्थके पण्डित यूहन्नासे बप्तिस्मा ना लेनके कारन, परमेश्वरको कामके आपने ताहि अस्वीकार करी।
\p
\v 31 येशू कही,"जा पुस्तके आदमीके मै कौनसे तुलाना करौ? बे कौन जैसे है?
\v 32 बेता बजारम बैठन बारो बच्चाकता हैए, जौन एक दुसरेके आइसे कहिके डँतट हैए, 'हम तुमर तही बसुली बजाए और तुम ना नाचे। हम बिलैनाकरे, और तुम ना रोय।“
\v 33 बप्तिस्मा देनबरो यूहन्ना आओ, तव बा ना रोटी ख़त रहए ना दाखमध पित रहए। तुम 'बाके भुत लागो हए, कहत हव।
\v 34 आदमीक लौणा खात और पित, आओ तव तुम कहत हव, “देख, एक घिचुवा और पियक्कड़, कर उठानबरो और पापीनको सँगी ।"
\v 35 बुध्दि ठीक हैए कही बात बुध्दि जैसो नेगन बारो ही प्रमाणित करैगो।"
\p
\v 36 फरिसीमैसे एकजनी बाके खानु खान नृतो दैइ, और बा बे फरिसीके घरमे जाएके खान बैठो ।
\v 37 बा बाजरमे एक पापी स्त्री रहए । येशु फरिसीके घरमे खान बैठोरहए कहिके सुनी, और एक सिङगमरमरकी शीशीमे अत्तर लैके बा हूना आई ।,
\v 38 पिच्छुघेनसे बाके पाउँ ठीन ठाणके, रोत बाकी पाउँ आँसुसे भिजान लागी, और अपन मुणके बारसे पोछत बाके पाउँके चुमी, और बा अत्तर लगान लागी ।
\v 39 बाके निउतो देनबारो फरिसी जा देखके मनैमनमे अइसो कहन लगो, “जा अगमवक्ता हुईतो ता जाके छुन बारी कैन और कैसी स्त्री हए कहिके जा जान जातो, कहेकी जा त पापीन ह।”
\p
\v 40 येशू बा फरिसीसे कही, “ए सिमोन मोके तोसे कुछ कहन हए ।”बा कही, “गुरुजी काहा बौ।
\v 41 येशू बासे कही “कोई सौहुकेरकी दुई कर्जिदार हए, एक जनी पाँच सय रुपैयाँ और दुसरो पचास रुपैयाँ कर्जा लैरहए।
\v 42 पर बिनकेठीन तिरन कुछु नारहए बा बिनके माफी दैइ। बताबओ त, जे दुईमैसे कौन बाके जाधा प्रेम करैगो?”
\p
\v 43 सिमोन कही, “मए कहतहओ, जौन जधा क्षमा पाओ । बा बिनसे कही, “तुम ठीक विचर करेहओ ।"
\v 44 तव बा स्त्रीघेन घुमके बा सिमोनसे कही, “बा स्त्रीके देखत हओ? मै तिर घरभित्र आओ, पर तए मोके पाउँ धोन पानी नादओ, और जा मीर पाउँ आँसुसे भिजाई, और अपन बारसे पोछी ।
\v 45 तए मोके चुम्‍न नकरो, पर जा त, मै हियँ जबसे आओ, मिर पाउ चुम्‍न करन नछोड़ी हए।
\v 46 तए मिर मुणमे तेल ना लगा दाओ, पर जा मिर टाङ्गमे अत्तर घिसी हए ।
\v 47 जहेमरे मै तुमसे काहत हओ, जाके पाप, जो बेढब रहए, क्षमा हुइ गए, कहेकी जा स्त्री जाधा प्रेम दिखाई । पर जौनके थोरी क्षमा करतहए, बा थोरी प्रेम कतहए।”
\v 48 तव बे बा स्त्रीसे कही, “तिर पाप क्षमा हुईगए ह।”
\p
\v 49 खान बैठनबारे अपने अपनेमे काहन लागे, “पाप क्षमा करनबारो जा कौन हए?”
\p
\v 50 बा स्त्रीसे कही, “तिर विश्‍वास तोके बचाई हए, शान्तिसे जा ।”
\c 8
\cl अध्याय 8
\p
\v 1 बासे पिछु बा बाजर- बाजर और गाउँ-गाउँ होत प्रचार करत और परमेश्वरको राज्यको सुसमाचार सुनात घुमन लागो। बाक़े सँग बाह्रा जनी चेला रह ।
\v 2 कित्तो स्त्री फिर बाके सँगमे रहए, जो दुष्टआत्मा और रोगसे अच्छो भए रहए । जे रहए: मग्दलिनी कहेन बारि मरीयम, जोसे सात भूत निकारी रहए ।
\v 3 हेरोदको कारिन्दा खुजासकी बैयर योअन्ना, और सुसन्ना । जे और बेऔरनके अपन सम्पतिसे बाकी सेवा करत रहैए ।
\p
\v 4 जब बडी भीण जमा भाई और बाजार-बाजार से आदमी बक ठीन आए, बे बिनसे एक कहानी कही ।
\v 5 “एक जनी बिज बोन निकरो, और बोत-बोत कुछ डगर के किनारेमे पणो, और बे आदमीके टङगसे चिबाद गए, और चिरैयाँ आएके खाए दैँ ।
\v 6 और बिज पत्थर बारी जमिनमे पणो, और बे जमो खिंनक सुकगाए, कहेकी बा जमिन बिना आदकी रहए।
\v 7 कोई बिज काँटोके बिचमे पणो, और बिनके सँग काँटो फिर बढ्तए गओ, और बिनके बणन नए दै ।
\v 8 कित्तो अछी जमिनमे पणो, और जमे सय गुणा फल फलाई।” यीतकए कहत बा जोणसे चिल्लाएके कही,” जौनके सुनन् कान हए बा सुनए ।”
\p
\v 9 बिनके चेला जा कहानीको अर्थ काहए बासे पुछी ।
\v 10 तव बा कही, “तुमके त परमेश्वरको राज्यको भेद जानन् ज्ञान दैइहए, पर औरकेसँग मै कहानीमे बतात हओ, की 'तुम देखके फिर नदेखो, और सुनके फिर ना सझौ ।'
\p
\v 11 अब कहानीको अर्थ जा हएकी: बिज परमेश्वरकी वचन हए ।
\v 12 डगरकी किनरे गिरो बिज बेहे हए, जैन सुनत हए, तव बे वचन सुनके विश्‍वास ना करैए और ना बाचए कहिके दियाबलस अयके बिनकी हृदयसे वचन लैचालोजतहए।
\v 13 पत्थरबरी जमिनमे पणनबरी बेहे हए, जैन वचन सुनके ख़ुशीसे ग्रहण करत हए । पर बाको जर ना होनके कारनसे, और बे थोरी समयके तही बे विश्‍वास करतहए, पर परीक्षाके अग्गु बे अलोप हुइजात हए।
\v 14 कांटोके बिचमे पणन बारी बेही हए, जैन सुनतए, पर पीछु जा जीवनकी चिन्ता, धान, सुखचैनमे पणके बणन ना पातए, और बिनको फल पक ना पत हए ।
\v 15 पर अछी जमिनमे पणन बारे बेहि हए, जैन वचन सुनके अच्छो मन और भलो हृदयमे बाके जुगाए रहत हए, और असरा करके फल फलात हए।
\p
\v 16 कोई दिया पजारके बर्तनसे ना तोपत हए, की खटिया तरे ना धरत हए पर भित्र अनबारेके उजयारो होबै कहिके अरोमे धरत हए ।
\v 17 कोई बातके लुकाएके ना धर सकत हए, जो उजागर ना होत है, और कोई बात लुकि ना राहत है, जो ना दीखई देबै औ उज्यारेमे ना आत हए ।
\v 18 जहेमरे हौसीयर होबओ, तुम कैसे सुनत हओ, कहेकी जौनसँग हए, बाके और दैजाबैगो, और जौनसँग नाहए, बाकेसँग जो हए कहिके बा समझत हए, बा फिर बासे छिनो जाबैग ।”
\p
\v 19 बाकि आइया और भैया बके जौणे आए, पर भीडके मारे बक जौणे आए ना पाई ।
\v 20 बासे कोई कही,” तुमार आइया और भैया भेट करन तही बाहिर ठणेहए ।”
\p
\v 21 और बा बिनसे कही, “मिर आइया और मिर भैया बेहि हए, जौन परमेश्वरकी वचन सुनत हए, और बा पालन करत ह।”
\p
\v 22 एक दिन बा अपन चेलासँग नैयाँमे चणेरहए, और बा बिनसे कही, “हम तालके बापार जमए।” और बे नैयाँमे चढ़के गय।
\v 23 नैयाँमे जताएजात बा निधाए गव । तालमे आँधीबियर चलन लगि । नैयाँ पानी से भरन लगी, और बे आफतमे पणीगए।
\p
\v 24 तव बे ढिगई आइके बाके आइसे कहत जगाई,” गुरु, गुरु, हम डूबन लगे ।” बा उठके आँधी और पानीकी लहर के डँटी, और बा रुकगाओ औ सब शान्त हुइगओ ।
\p
\v 25 बा बिनसे कही,” तुमार विश्वास कहागाओ?” बे डराए गए, ताव आचम्मो मानी और एक ठीन कहनलगे,” जा कौन हैए? जौन आँधी और पानीके आज्ञा देत हैए, ताव बे जक आज्ञा मानत हैए?”
\p
\v 26 बा गेरासेनके देशमे आइगाओ, जौन गालीलके दूसरे पारमे पणत् हए ।
\v 27 जब बा पखासे उतरो ताव बो बजारकी एक जानै आदमीसे भेटी, जौनकेभूत लागोरहए |
\v 28 बा येशूके देखी, और जोणसे बुलाई बाके जौणे घुपटा हुईके बाणो जोणसे कही, “हे सर्वोच्चो परमेश्वरको पुत्र येशू, तीर मोसे का काम? बिन्ती करतहव, मोके मतसताबए ।”
\v 29 कहेकी खरब आत्मा बा आदमीसे निकरके जान तँही आज्ञा दैइरह । बाके बेढब चोटी भूत पक्णी रह। बा पहरामे धरो रहए । बा सँकरसे खुँटामे बाधोराहात रहए, पर बा बे बन्धान तेण देत रहए। तव भूत बाके मरुभूमि घेनसे लैजातरह।
\p
\v 30 येशू बासे पुछी,” तीर नाउँ का हए?” बा कही, “फौज ।” कहेकी गजब भूत बामे फसेपणे हए ।
\v 31 बिनके अतल कुण्डमे मतपठावै कहिके बिनसे बा बिन्ती करी ।
\v 32 ढिगैको डँगामे सोराकी एक बाणी बगाल चुगतरहए। तव बे सोराकी भितर घुसनदे कहिके बे बिन्ती करी, और बा मन्जूर भव ।
\v 33 तव भूत बा आदमीसे निकरके बे सोराकी भितर घुसगए, और बा बगाल खल्लासे समुन्द्रघेन हुरट गए और डुबके मरिगाए।
\p
\v 34 तव जो भव रहए बा देखके सोरा चुगानबारे भज गाए, और जएके बजार और गाउँ होत जा बात बताईदैइ ।
\v 35 तव जो भव रहए बा देखन तही आदमी येशूकी ठीन आए, और जैन आदमीसे भूत निकरोरहए, बाके लत्ता लगाएके सफा मनको हुके येशूक चरणमे बैठोपाईरहाए, और बे अचम्मो मानी और डराय गै ।
\v 36 तव जो घटना घटो भओ रहए, बे आदमी देखी रहए औ कैसे दुष्ट आत्माके काबुसे बा आदमी बचाओ गओ, जा बातके दुसरेनके बताइ ।
\v 37 गेरासेनसकी आसपासके गाउँके आदमी येशूके बिनके गाउँसे चलोजा कहिके बिन्ती करी, कहेकी बे गजब डरायगै रहै।
\v 38 तव जैन आदमीसे भूत निकरो रहए, बा बाकेसँग जन पाँव, कहिके बा बिन्ती करन लगो । तव येशू बाके आइसो कहिके बिदा दैई,
\v 39 “तए अपनो घर चलोजा, और परमेश्वर तिरतही कित्तो बाणो काम करीहए, बा माहान कामके याद कर ।”
\p
\v 40 येशू लैटके आओ भीण बाके स्वागत करी, कहेकी बे सब बाके आसर देखत रहए ।
\v 41 याइरस नाउँको एक जनी सभाघरको शासक आएके येशूक पाउमे पणो, और बाके घरमे अबौ कहिके बीनके बिन्ती करी ।
\v 42 कहेकी बाह्रा वर्षकी पुगी बाकी एक लौणीया रहए, बा मरन लगी रहए । येशू जातपेति आदमी बाके ढक्का मुक्की लगात रहए ।
\v 43 बाह्रा वर्षसे रगतबहनबारी दुखिया एक स्त्री, बा अपन सबए पैसा डाक्टरके दबाइमे खर्चा कर डारी रहए, पर बाके कोइ फीर अच्छो ना करपाइ रहए ।
\v 44 बा पच्छुसे आएके बाको लत्ताको एक कुन्छ छुई, और तुरन्त बाको रगत बहन बन्द हुईगव ।
\v 45 “येशू कहि, “मोके कौन छुओ हए?” जब सब इन्कार करी,”, तव पत्रुस और बिनकेसँग होनबारे कही, “गुरुजी भीण तुमके घेरके धकेलरहेहए।”
\p
\v 46 तव येशू कही, “कोई मोके छुओ हए, कहेकी शाक्ति मोसे निकरके गईहए मै पाता पाओहव।”
\v 47 तव अपना लुकन ना सकन बारि बात पता पाएके बा स्त्री काँप्ताए आई और बाके अगु घुप्टा पण गई, और कैसे बा बाके छुई, बे सब आदमीके अग्गु बताइ।
\v 48 बा बासे कही, “लौणीय, तिर विश्‍वाससे तए अच्छो भव हए, शान्तिसे जाअ।”
\p
\v 49 बा मस्कत रहए, सभाघरके शासकके घरसे एक जनी आदमी आए पुगो और कही, “तुमर लौणीया मर गई । अब गुरुके कष्ट मत देए ।”
\p
\v 50 तव येशू जा बात सुनके याइरससे कही, “मतडरबए, विश्‍वास इकल्लो कर, और बा अच्छी होबैगी।”
\v 51 जब बा घरमे पुगो तव बा पत्रुस, याकूब, यूहन्ना और बाच्चाके दौव और आइयाबाहेक और कोईके बाकेसँग भितर आन ना दाई ।
\v 52 सब जनी रोतरहएँ और बिलखात रहएँ, तव बा कही, “मतरोबओ, बा मरी ना है, पर सोतहए ।”
\v 53 बा मरी गई हैए जनके, फिर बे बाकी खील्ली उडान लगे ।
\v 54 पर बालौणीयाके हातमे पकडके आइसे कहत बुलन लगो,” ललो, उठ।”
\v 55 औ बाकी प्राण घुमके आएगओ, और बा तुरून्त उठी, और बा बके कछु खनके देनके ताही कही ।
\v 56 बाकी आइया और दौव अचामो मनी, पर जो भवरहए बा कोईसे मत कहीएओ कहीके बा आदेश बिनके दाई |
\c 9
\cl अध्याय 9
\p
\v 1 तव बा बाह्रा चेलानके एकसँग बुलाईरहए, और बिनके सबके भूतके निकारन और रोग अच्छो करन बारो शक्ति और अधिकार दैइरहए ।
\v 2 बा बिनके परमेश्वरको राज्यको प्रचार करन और बेमारनके अच्छो करन पठाई ।
\v 3 बा बिनसे कही, “तुम अपन यात्रामे अपनसँग कछु मतलेव- न लट्ठी, न झोला, न रोटी, न पैसा, न दुई जोण लत्तालेओ ।
\v 4 जैन घरमे तुम घुस्तहव हुँअ बैठव, और बा हूँए से ही बिदा होबौ।
\v 5 जहाँ तुमर स्वागत ना होत हए तुम बा शहेरसे निकरत अपननी टङग की धुधर बिनके बिरोधमे गवाहीक तही झरदेओ ।”
\v 6 तव बे बिदा भए, और सुसमाचार प्रचर करत और सबघेन रोगीनके अच्छो करत गाउँ- गाउँ गए ।
\p
\v 7 जे सब घटनाके बारेमे सुनके शासक हेरोद घब्राणीय गव, कहेकी यूहन्ना मरके जिन्दा उठोओं रहए कहिके कोई- कोई कहत रहए ।
\v 8 और कोई कहत रहए, “एलिया दिखानो हए,” तव औ र कहत रहए, “पहिलेक अगमवक्ता मैसे एक जनी उठो हए ।”
\v 9 तव हेरोद कही, “यूहन्नाको मुण मै कटन लगाओ, तव जा कौन हए जौनक बारेमे मै आईसी बात सुनत हओ?” तव बे बा कौन हए, भेट्न इच्छा करी।
\p
\v 10 तव प्रेरित घुम्के बे करी भई सबै बात बाके बताई। बा बिनके सँगए लैके बेथसेदा कहनबारो शहेरसे अलगै गव ।
\v 11 तव जा पता पाइके भीण बाके पच्छु लागी । बा बिनके स्वागत करी, और परमेश्वरके राज्यकेे बारेमे सुनाई, और जौन -जौनके अच्छो होन जरुरी रहए बिनके अच्छो करी ।
\p
\v 12 जब दिन बूणन लागो, और बाह्रा जनि आईके बासे कही, “भिडके बिदा देओ, और बे जाइके आस पासके बस्ती और गाउँ मे बास बैठन और भोजनकी व्यवस्था करैए, काहेकी हियाँ हम सुनसान ठाउँमे हैए ।”
\p
\v 13 तव बा बिनसे कही, “तुमही बिनके खानु देओ ।” तव बे कही,"हमरसंग पाँच रोटी और दुई मछरी इकल्लो कछु ना हए, आदमीको जा इत्तो बणो भिणके जाएके खानु मोल लेन और कछु उपाय ना हए ।
\p
\v 14 बे ज़म्मा: पाँच हजार लोग रहैए । तव बा अपन चेलासे कही, “बिनके पचास पचासकी लाईनमे बैठान लगाओ।”
\v 15 बे फिर आईसी करी, और सबके बैठाई ।
\v 16 तव बा पाँच रोटी और दुई मछरी लैके स्वर्ग घेन देखके आशिर्वाद दै, और तोडके आदमीके बाटओ कहिके चेलानके दै ।
\v 17 और सब खाईके अघाए गए, और चेला उबरो भओ टूक्रा बाह् डाला उठाई।
\p
\v 18 एक चोटी येशू इकल्लो प्रार्थना करत रहए, चेला बाके सँग रहए, और बा बिनसे पूछी, “आदमी मोसे कौन है कहत हए?”
\p
\v 19 बे कही, “कोई बप्तिस्मा देनबालो यूहन्ना कहतहए, कोई यलिया और कोई कहतहए, अग्गुक अगमवक्ता मैसे एक जनी फिर उठो है।”
\p
\v 20 बा बिनसे कही, “तव तुम का कहत हव? मए कौन हव?” तव पत्रुस कही, “परमेश्वरको ख्रीष्ट!”
\p
\v 21 तव बा बिनके आज्ञा दैरहए, और सँगए चितौनी दैरहए, काहेकी बे जा बात कोइके ना बतामए ।
\v 22 तव बा कही, “आदमीको लौणके बेढम दु: ख उठान पणैगो, और बो धर्म-गुरुसे, मुख्य पुजारी और शास्त्रीसे तुच्छ समझो जैहए, बे मारंगे और तिस्रो दिनमे मरोसे जिन्दा हुइके उठैगो।
\p
\v 23 तव बा सबसे कही, “कोई मीरपच्छु आन इच्छा करैगो कहेसे बा अपनएके इन्कार करए, और रोजदिन अपन क्रुस बोकके मिर पच्छु लगाए।
\v 24 कहेकी जैन अपन प्रण बचान इच्छा करत हए, बा बाके गुमाबैगो। तव जौन मिर तही अपन प्रण गुमाबैगो, बा बके बचैहए।
\v 25 कहेकी सारा जगत पाएके अपनैके नाश करौगो औ गुमाबैगो कहेसे, आदमीके का फाइदा होबैगो?
\v 26 पर कोई मोसे और मिर वचनसे शर्माबैगो कहेसे आदमीको लौण फिर अपनो महिमामे, और पिताकी और पवित्र दूतगणकी महिमामे आत बाके सँग शर्माबैगो ।
\v 27 तव निह्त्य मए तुमसे कहतहौ, हिया ठाणनबारे कोई-कोई हए, जो परमेश्वरके राज्य ना देखनसे अग्गु मरनको स्वाद ना पमङ्गे ।
\p
\v 28 जा बातके प्राय: आठ दिनपिच्छु पत्रुस, यूहन्ना और याकूबके अपनेसँग लैके प्रार्थना करन जात बा जा बात कही ।
\v 29 बा प्रार्थना करत रहए बिनको मुहको रूप बदल गौ, और बिनकी झुला सेतो हुइके चम्को उज्यारो भव।
\v 30 तव बासे दुई जनी बातचित करत रहए, बे मोशा और एलिया रहए ।
\v 31 बे महिमित रुपमे दिखने और बे येशूसे उठाएके लैजानके बारेमे बातचित करत रहए । जा बात बिनके यरूशलेममे जाएके पूरो करन रहए ।
\v 32 तव पत्रुस और बकसँग होनबारे निधाए गए रहए । तव बे उठेके पिच्छु बे बाके सँग ठणेभए दुई जनी आदमीके और बक महीमा देखिँ ।
\v 33 तव बे दुई आदमी बाके सँग बिदा हुइके जानलगे पत्रुस येशूसे कही, “गुरुजी हमके हिनाऐ बैठन अच्छो हए । हम तिन रहन बारो बना मै- एक तुम्हर तही, एक मोशाक तही और एक एलियाके तही ।” बे काके बारेमे काहात रहए बिनके पता ना रहए।
\v 34 बा जा बत बेलतए बेलत एक बादर आएके बाके तोपदैई, बा बादर भितर घुसन लगो बे अच्मो मनगाए।
\p
\v 35 “तव बादर से आइसे कहिके एक आवाज निकरो,” “जा मीर पुत्र हए, जौनके मए छनो हओ । जाको वचन सुनौ।””
\v 36 जा शब्द आएके पिच्छु येशू बहुवा इकल्लो रहए। बे चूपचाप रहए, और बे देखिभैई बात बे दिनमे कोइसे फिर ना कहि,
\v 37 दुस्रे दिन जब येशू और बे चेला पहाड़से उतरे, एक बाणी भीण बासे भेटन आयो ।
\v 38 भीणसे एक जनी आदमी चिल्लाएके कही,"गुरुजी मै तुमसे बिन्ती करत हौ, मीर लौण के उपर कृपा-दृष्टी करओ । काहेकी बा मीर इकलो लौण हए ।
\v 39 देखाओ, एक दुष्टआत्मा बाके पक्णत है, और बा अचनक किकियत है, और बा ऐईठतहए और बाके फुपना निकरन लगत है। बाके छ्त्पत्बाएके लद्‍द बद्‍द छोणत हए।
\v 40 बा दुष्टात्माके निकार देओ कहिके मै तुमर चेला से बिन्ति करे, पर बे ना कारपाई ।
\p
\v 41 ”तव येशु जावफ दै,” अविश्वासी और हाठी पुस्ता, मै कब तक तुमर संग रहङ्गो, और तुमके कब तक सह मओ? तुमर लौड़ाके हीना लाओ ।”
\v 42 पर बक आतै आत भुतात्मा बा के जमिनमे गिराए दै और ऐठन लागो । पर येशु बा आदमीके डँटी, और बा बालकाके अच्छो बनाएके बाको दौवाके सौँप दै ।
\v 43 परमेश्वर को महानता देखके बे सब हक्का चक्का पडे । येशुको करो भओ प्रतेक काममे सब आदमी छक्क परके देखि, बा अपन चेलानसे कहि,
\v 44 जा बात तुमर कानको गहिराइ पुगए कहिके आदमी को लउणा पक्राओ पणन लागो है ।”
\v 45 पर बे जा बातके ना समझ पाइ और जा ना समझ पामै कहिके गुप्तमे धारे हैँ । बे जा बारेमे बा से पुछन डरात हए ।
\p
\v 46 बा समय बेमैसे बडो कौन है जा बारेमे अपसमे बादविवाद चलो ।
\v 47 पर येशु बिनको मानके विचार पता पाईके एक बालक के लैके अपन किनारे धरि,
\v 48 और बिनसे कहि, “जौन मिर नाउँमे जा बालक के ग्रहण करैगो, बा मोके ग्रहण करैगो, और जोन मोके ग्रहन करैगो, बा मिर पठान बारोके ग्रहण करैगो । कहेकी तुम सबै मैसे जोन सबसे छोटो है, बाहे बडो होत् है ।”
\p
\v 49 तव यहुन्ना कहि, “गुरुजी, एक आदमी तुमर नाउँमे भुत निकारत हम देखे, और हम बासे मनाही करे । काहेकि बा हमर संग तुमर अनुसरण ना करत हैं ।”
\p
\v 50 तव येशु उनसे कहि,” उनके मनाही मात करौ, कहेकि जौंन तुमर बिरुद्द नाहै, बा तुमर पक्ष मे है ।”
\p
\v 51 बाको स्वर्गारोहणको दिन जौने आइगओ रहए, बा यरुशलेमघेन जान निर्णय करी ।
\v 52 तव बा समाचार लानबारे आदमीके पहिलेसे पठाई हरए | बे गए, और बाक ताहि सबै बात तयार करन सामरीको एक गाउँमे घुसो ।
\v 53 पर यरुशलेमघेन जान बाको दृढ़ विचार पता पाएके बे बाके स्वागत ना करी।
\v 54 तव जा देखके बाक चेला याकूब और यूहन्ना कही, “प्रभुजी, का तुम चाहतहौ कि स्वर्गसे आगी बर्साएके जे भस्म होमाए कहिके हम आज्ञा करौ?”
\v 55 पर घुमके बा बिनके ढँटके कही ।
\v 56 तव बे दुसरो गाउँघेन गए ।
\p
\v 57 बा डगरमे जातपेती, एक जनी आदमी बासे कही, “हे प्रभु, तए जहाँ जए है मै तिर पिच्छु लाङ्गो।”
\p
\v 58 तव येशू बासे कहिँ, “सेराके भार होत हए, और आकाशके चिरैयँनके घुस्ला, पर आदमिक लौणाके ता मुण धरन ठाउँ फिर ना है।”
\v 59 बा दुस्रेसे कहि, “मिर पच्छु लाग ।” पर बा कहिँ, “पहिले मिर दौवाके गाडन जान दे ।”
\p
\v 60 बा बासे कहिँ, “मुर्दनके अपने मुर्दा शरीर गाड्न देओ, तव तुम जएके परमेश्वरके राज्यको सुसमाचार प्रचार कर ।”
\p
\v 61 दुस्रो फिर कहिँ, “प्रभु, मै तुमर पच्छु लाङ्गो, पर पहिले अपन घर बारेन्से बिदा लेनदे ओ।”
\p
\v 62 तव येशू बासे कहिँ, “अपन हात हरमे लगाईके पच्छु देखन बारो कोइ फिर परमेश्वरके राज्यको योग्यको ना होत हए ।”
\c 10
\cl अध्याय 10
\p
\v 1 जाके मारे प्रभु और सत्तरी जनीनके नियुक्त करी, और जाहँ बा अपनएजान चाहत रहए सहर और गाउँमे अपनेसे अग्गु बिनके दुई-दुई जनी करके पठाई ।
\v 2 बा बिनसे कहि, “फसल त प्रसस्त हए, पर खेतहरा थोरी हए । जहेक मारे फसलके प्रभुसे प्रार्थना करओ, और बा अपन फसलमे खेतहराके पठाए देवए ।
\v 3 जाओ, देखओ, मए तुमके गुलहाके बिचमे भेडक बच्चा कता पठात हौ ।
\v 4 ४ न त पैसकी थैली, नत झोली, ना जुता बोकओ, न डगरमे कोइसे अभिवादन करओ ।
\v 5 “जौन घरमे घुसव पहिले कहव, जा घरमे शान्ति होबए!'”
\v 6 अगर हुवा प्रिय आदमी हए तव तुमरी शान्ति बाके सँग रहबैगे, पर यदी ना हए कहेसे बा शान्ति तुमर ठीन घुमके अएहए।
\v 7 “बिनके दओ चिज खाए पिके बा घरमे बै ठओ। काहेकी खेतहर अपनो ज्यालाको योग्य होत हए । एक घरसे दुसरे घरमे मत घुसओ ।"
\v 8 “जब तुम कोइ शहेरमे घुसौ, और बे तुमके स्वागत करए कहेसे हए, तुमर अग्गु धरो भोजन खाओ,"
\v 9 हुवाँ भए रोगीनके अच्छो करौ, और बिनसे काहा बौ, 'परमेश्वरको राज्य तुमर ठीन आएपुगो हए ।'
\v 10 'पर जब तुम कोइ शहेरमे घुसै गे, और बे तुमके स्वागत ना कङ्गे कहेसे, तव निकरके बा शहेरके सडकमे जाओ, और कहओ,
\v 11 “हमर टांगमे चिम्टो तुमर शहेरको भुवा समेत हम तुमर विरुध्दमे झार देतहए । तव फिर जा जानौ, कि परमेश्वरको राज्य ढिङगै आइगौओ है ।"
\v 12 मै तुमसे कहतहौँ, बा दिन बा शहेरसे सदोमको हालत सहरान बारो हुइहए ।
\p
\v 13 “धिक्कार तोके खोराजीन! धिक्कार तोके, बेथसेदा! कहेकी तुमरमे भव समर्थ्यको काम टुरोस और सिदोनमे करोभव देखते तव बे अग्गुसे भाङ्ग्रा लागएके भुवामे बैठके पश्चात्ताप करते ।"
\v 14 पर न्यायके दिनमे तुमसे त टुरोस और सीदोनको हालत सहन बारो हुइहए ।
\v 15 और तै, कफर्नहुम! का तए आकाशमे उचो होबैगो का? तए पातालमे गिरैगो ।
\p
\v 16 जौन तुमर बात सुनहए, बा मेरो बात सुनतहए| जौन तुमके अस्वीकार करहए, बा मोके अस्वीकार करहए, और जौन मोके अस्वीकार करहए, बा मोके पठानबारोके अस्वीकार करहए।
\p
\v 17 बे सत्तरी जनी आनन्दसे घुमके आएके अइसो कही, “प्रभु जी, तुमर नाउँमे भूत फिर हमर बशमे आतहए ।”
\v 18 बा बिनसे कही, “मए शैतानके स्वर्गसे बिजुलीकत गिरत देखो।
\v 19 मै तुमके साँप और बिछी कुचलनके और शत्रुको सबै शक्ति उपर अधिकार दओ हौ, और कोइ बातसे तुमके नुकसान ना हुइहए।
\v 20 तहुफिर दुष्टात्मा तुमरे वंशमे हए करके खुसी मत होबओ, पर तुमर नाँउ स्वर्गमे लिखो हए कहेके खुसी होबओ।"
\p
\v 21 बा बेरा येशू पवित्र आत्मामे उत्साहित भव, और कहि, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्बीको परमप्रभु, मै तुमके धन्यवाद चढात हौ, काहेकी तुम जा बात बुद्धीमान और समझदारसे लुकाएके धरे बालकनके प्रकट करे । काहेकी, पिता तुमके जहे अच्छो लागो।
\v 22 मिर पिता सब चिज मोके सुम्पदै हए। पुत्र का हए कहिके पिता बाहेक कोइ ना जानत हए, पिता कौन हए कहिके पुत्र बाहेक, और पुत्र बाके जौन कहाँ प्रकट करन इच्छा करत हए, बा बाहेक और कोइ ना जानत हए ।”
\p
\v 23 चेला घेन घुमके बा बिनसे चुपकेसे कहिँ, “धन्य हए बे आँखी, जौन तुमरी देखिभै जा बात देखत हौ ।
\v 24 काहेकी मै तुमसे कहत हौ, बहुत अगमवक्ता और राजनके तुम देखत हौ, वे देखन इच्छा करी रहए, पर देख ना पाई और बे सुनन इच्छा करी, पर सुन ना पाई।”
\p
\v 25 ”व्यवस्थाको एक जनी पण्डित बाके परीक्षा करन ठाणो रहए और जा प्रश्‍न करी, “गुरुजी, अनन्त जीवन पान ताँही मोके का करन पणैइगो?”
\p
\v 26 बा बिनसे कहि, व्यवस्थामे का लिखो हए? तुमका पढत हौँ?”
\p
\v 27 बा कहि, “तए परमप्रभु, अपन परमेश्‍वरके अपन सारे हृदयसे, आपने सारे प्राणसे, अपन सारे समझसे और आपने सारे मनसे प्रेम कर, और आपनो पणोसिके अपन कता प्रेम कर।”
\p
\v 28 बा बिनसे कहिँ, “तुम ठिक ज़वाफ दए । अइसए कर, और तुम जिबैगे।"
\p
\v 29 तव बा अपनएके धर्मी दिखानके इच्छा करके येशूसे कहि, “मेरो पणोसी कौन हए तव?”
\p
\v 30 येशू ज़वाफ दैके कहि,” एक जानी आदमी यरुशलेमसे यरीहोघेन जात रहए । बा डाँकुनके फेला पणीगओ। बे बाके नङ्गो करके पिटी, और अधमरो करके छोडदै ।
\v 31 ठीक एक जनी पुजाहरी बहे डगर हुइके जात रहए, और बा अधमरा आदमिके देखके दुसरो घेन घुमके गओ ।
\v 32 उइसी करके एक जनी लेवी फिर बहे ठाउँमे आएके बाके देखी बा फिर दुसरो घेन घुमके गओ।
\v 33 पर एक जनी सामरी बा यात्रमे जात रहए बा आदमिक भव ठाउँमे आए पुगो, और बाके देखके बाको मन दयासे भर गओ ।
\v 34 और बाके ठिन जाएके तेल और दाखमध लगएके बाके घाउमे पट्टि वाँध दै, और अपन गदहा उपर चढाएके बाके एक धर्मेशालामे लाइ, बाके रेखदेख करी।
\v 35 दुस्रे दिन बा चाँदीके दुई सिक्का धर्मशालाके मालिकके दैके कहि, “इनको रेखदेख करीओ और जाधा खर्च लागैइगो मै घुमके आइके तुमके तिर देहौ ।”
\v 36 येशू पुछके कहि, “तुमर विचारमे जे तिन जनी मैसे डाँकुके हातमे पणो आदमिक पणोसी कौन ठहरो?”
\p
\v 37 बा कहि, “बाके उपर दया दिखान बारो आदमी क?” तव येशू बिनसे कहिँ, “जाऔ और तुम फिर आइसीए करओ।”
\p
\v 38 बा जातै जात बा कोइ गाउँमे घुसो, और मार्था नाउँ भैइ एक बैयर बा अपनो घरमे स्वागत करी ।
\v 39 मरियम नाउँ भै बिनकी एक बहिनियाँ रहए। बे येशूके पाउँ ठीन बैठके बाको वचन सुनत रहए ।
\v 40 पर मार्था सेवा- सत्कारको बहुत काममे इरझी राहात रहए बा येशू ठिन आएके कहिँ, “प्रभुजी मिर बहिनियाँ सेवा-सत्कारको काममे मोके इकल्लो करे पणे हए, तुम के पता नए हौ? बासे कहे देओ, और बा मोके साहेता करए।”
\p
\v 41 तव येशू जवाफ दैके बिनसे कहि, “मार्था, मार्था तुम बहुत बातके बारेमे चिन्ता करत हौ, और घबणात हौ।
\v 42 पर आवश्यकता त एक बातकि हए, बहे अच्छी बातके मरियम छाने हए, जो बिनसे ना छिनएगो ।"
\c 11
\cl अध्याय 11
\p
\v 1 बा कोई एक ठाउँमे प्रार्थना करत रहए । बा जब प्रार्थना कर डारी, तव चेलन मैसे एक चेला कहि, “हे प्रभु, युहन्ना अपन चेलनके सिखाओ जैसो प्रार्थना करन हमके फिर सिखा ।“
\p
\v 2 “येशू उनसे कहि, “जब तुम प्रार्थना करत हओ तव अइसे कहीयो' हे पिता, तुमर नाउँ पबित्र होबए ।, तुमर राज्य आबै ।
\v 3 हमर दिन भरको रोटी हमके रोज दिन दिए ।
\v 4 हमर पाप क्षमा करिए, काहेकी हम फिर हमर बिरुद्धमे अपराध करन बालेन के क्षमा करत हए। हमके परिक्षामे पड़न मत दिओ’ ।
\p
\v 5 और बा उनसे कहि, मानौ; तुम मैसे कोइक एक सङ्गि हए बे आधि रातके बाके ठिन जाइके कहत हए। सङ्गि मोके तिन रोटी बैना सापट देओ ।
\v 6 काहेकी मिर एक जनि सङ्गि यात्रासे मिर ठिन आव हए, और बाके खान देन मिर ठिन कछु ना हए ।'
\p
\v 7 बा भितर से जवाफ देत हए, मोके मत झोझियाए । फाटक हब बन्द हुईगओ हए, और मिर लौडा लौडिया मिर सँग सितरीमे हए । मए उठके तोके कछु ना दए पए हौ ।“
\v 8 मए तुमसे कहत हौ, बा उठके उनके बा कछु ना दे हए, तुम बा के सँगी होनके कारणसे फिर लगातार मागएगे बा ऊठके और तुमके जितनो जरुर हए उतनो जरुर रोटी देहए ।
\v 9 मइ तुमसे कहत हौ, मगओ त तुमके मिलैगो । ढुणैगेता तुम पाबैगे, ढकढका बैगेता तुमर ताहि खुलो जाबएगो ।
\v 10 कहेकी सबए जौन मागत हए, तौ बा पात हए । जौन ढुडत हए तौ बाके मिलत हए, और जौन खटखटात हए, बाके ताँहि खुलत हए।
\v 11 तुम मैसे कौन अईसो दउव हुई हए, जौनको लाउडा रोटी मागत पत्थर देहए, कि मछरी मागहए ता मछरीक बदला साँप देहए?
\v 12 औ अण्डा मगहएता बाके बिछी देहए?
\v 13 तुम दुष्ट हुईके अपन लौडा लौडियाके अच्छी चिज देन जनत हौ कहेसे, तुमर स्वर्गीय पिता बासे मागन बालेन के कित्तो जाधा पबित्र आत्मा ना दे बैगो का?
\p
\v 14 बा एक भुत निकारत रहए, जो गुगो रहए, भुतात्मा निकरो तव बा गुगो आदमि मसकन लगो, जा देखकेआदमी अचम्मो मानगए ।
\v 15 पर बे मैसे कोई त, कहो, “भुतको मालिक बालजिबुल से भुतके निकारत हए ।"
\v 16 ६पर कितनो आदमी बाकी परिक्षा करन ताही स्वर्गसे एकम चिन्ह मागी।
\p
\v 17 पर येशू बिनको बिचार पता पाईके बा उनसे कहि, जौन राज्यमे फुट होत हए, बा उजाड होत हए । जौन घरमे फुट होत हए, बा नष्ट हुइ जात हए।
\v 18 शैतान के फिर अपने मे बेमिलाप नाहुई हए कहेसे, उनको राज्य कैसे टिकैगो? काहेकी तुम कहात हौ, कि मए, बालजिबु (भुतनको मालीक) से भुत भजात हौ ।
\v 19 मए बालजिबुल से भुत निकारत हौ कहेसे तुमर लौडा लौडिया कौनसे, बिनके निकरात हए? काहेकी बे तुमर न्याय करङ्गे ।
\v 20 पर यदी मए परमेश्‍वरको नाउँसे भुत निकारत हओ कहेसे परमेश्‍वरको राज्य तुमर ठिन आईगौ हए ।
\p
\v 21 हतियार लैके तयार हुईके बलवान आदमि अपन घरको रक्षा करत हए कहेसे, बक माल समान सुरक्षित रएहए ।
\v 22 अगर बासे फिर बलवान आदमी आईके बाके लणाई करके बाके जितैगो कहेसे, बे धरे भए बक जम्मए हतियार छिनाईके लैजात हए, और बक मालसमान लुटके लैजात हए ।
\v 23 जौन मिर पक्षमे ना हए, बा मिर बिरुद्धमे हए, और जौन मिर सँग ना बटोरैगो, बा बिद्‍गए हए ।
\p
\v 24 जब अशुद्ध आत्मा आदमीसे निकरके जात हए कहेसे बाआराम जगह ढुणत हए, बा कोइ ठाउँ ना पाएके बा काहत हए मए अपन पुराने जगह मे जाहँसे मए आओ हओ बा हुँव लौटके चलोजामङ्गो ।
\v 25 घुमके पिछु बा अपन घर सफा और अच्छो देखत हए ।
\v 26 तव बा अपनेसे फिर जद्धा दुष्ट और सात आत्मा संगमे लात हए, और बा आदमीक पच्छु दशा पहिलेसे हद्धा खराब होत हए ।
\p
\v 27 बा जा बात कहतै कहत, भिड मैसे एक स्त्री चिल्लाईके कहि”धन्य बा बैयर जौन तोके गर्भधारण करी और अपन दुध पिबाई ।"
\v 28 पर बा कहि, “बलकी बे धन्य है, जौन परमेश्वरको बचन सुनत हए, और पालन करत हए ।"
\p
\v 29 भिड जमा होतै जात बा कहि “जा पुस्ता दुष्ट पुस्ता हए ।जा चिन‍्ह ढुणत हए, पर योनाको चिन्ह बाहेक जाके और कोई चिन्ह नामिलैगे ।
\v 30 काहेकी जौन तरिकासे (रितसे) योनानिनबेके आदमिक ताँहि चिन‍्ह भौ रहए। बहे तरिकासे (रितसे) आदमिक पुत्र फिर जा पुस्ताके ताँहि चिन‍्हा हुई हए।
\v 31 ३१ दख्खिन देशकी रानी आदमीके विरुध्दमे दोषी ठहारान तही उठएगी, काहेकी बा पृथ्बिक किनारेसे सोलोमानको बुद्धि सुनन तहि आईरहए । पर देखौ, हिया एक आदमी हए, जो सोलोमानसे महान हए ।
\v 32 निनबेक आदमी न्यायमे जा पुस्ताकसँग ठाडके जाके दोष लगामङ्गे । कहेकी बे योनाको प्रचार मे पश्ताप करत रहए, और देखौ हिया एक आदमी हए, ज बा योनासे फिर महान हए ।
\p
\v 33 “कोई दिया पजारके गुप्त टाउँमे या ब्रतन तरे ना धरगें, पर भितार जानबारे सबैके उजियारो देवए करके आरोमे धरत हए ।
\v 34 तुमर शरिरको दिया तमुर आँखी हए, तुमर आँखी ठिक हए त तुमर सारा शरिर उजियारो हुईहए, पर खराब हए कहेसे, तुमर शरिर फिर अध्यारो हुई हए ।
\v 35 तहि मारे साबधान रहौं, तुमरमे भव उजियारो अँध्यारो ना होबए।
\v 36 अगर तुमर शरिर उजियारोसे पुरा हए कहेसे, औ कोई भाग अध्यारो नाहए कहेसे, बा सब उजारो हुई हए, अइसिए दियाके जैसो तुमर पुरी शरीर उजियारो हुइहए ।
\p
\v 37 जब बा बोल डारि रहए, फरिसी बाके अपनो घरमे खानके ताही बुलाइ । बाके पिछु येशू गओ और आड लैके बैठगओ ।
\v 38 खानु खानसे पहिलेहात ना धोनको बजैसे फरिसी अचम्मो मानगए ।
\v 39 पर प्रभु उनसे कही, तुम फारिसी कटोरा और गिलासके बहेर त माजत हौ, पर भितर त लुट और दुष्टतासे भरे हौ ।
\v 40 हे मुर्ख आदमी तुमके जौन बहेरको भाग बनाई, बेहे फितरको फिर बनाई हए कि ना?
\v 41 पर भितरको दान स्वरुप देबौ, और तुमर ताहि सब चिज शुद्ध हुई जए हए ।
\p
\v 42 पर तुम फरिसिनके धिक्कार! कहेकी तुम पुदिना, आरुद और हरेक जडिबुटीको दशांश देत हौ, पर परमेश्वरको प्रेमको धार्मिक्ताके बेवास्ता करत हौ । पर तुमके परमेश्‍वरको प्रेम और धार्मीक्ता तराहा काम करन रहए । बे काम करन तुम कमजोर मतहेओ ।
\v 43 “तुम फरिसीके धिक्कार! कहेकी तुम सभा घरमे मुख्य मुख्य आसन और बजारमे आभिवादन लेन तुमके अच्छो लगत हए” ।
\v 44 “तुमके धिकार! कहेकी तुम बा मरघटके गड्‍‍डा हानी हौ, जो ना दिखात हए, और चालै ना पाएके आदमिन बिनके उपर नेगत हए”।
\p
\v 45 “ब्यबस्थाको पण्डित मैसे एक आदमी बा से कहि, “गुरु जी जा बात कहेके तुम ता हमर फिर बेज्जत करत हौ ।
\p
\v 46 बा कहि, “तुम ब्यबस्थाके पण्डितनके फिर धिक्कार! बोकन ना सीकन बारो बोझ आदमिक उपर लादत हौ, पर तुम अपनै एक उङगरिसे फिर बा बोझ ना छुईतहौ ।
\v 47 “तुमके धिक्कार! कहेकी तुमर पुर्खनके मारके अगमवक्तानके (मृत्युके गड्डा तुम बनात हौ), पर बिनके मारन बारे बीनके पुर्खा रहए ।
\v 48 आईसी तुम अपन पर्खाको साक्षी हौ, और उनकेसँग सहमत जनाए, कहेकी बे बा समयके अगम बक्तानके मारि रहए और जौनको मृत्युको गड्डाके तुम आज तकके यदगारके ताही बनाए हओ ।
\v 49 जहेमारे परमेश्वरको बुद्धिसे फिर कहत हौ, ‘मए उनके ठिन अगमवक्ताको और प्रेरितके पठामंगो और बे मैसे कोइके मरहए और कोइके सतामंगे।
\v 50 ससारको सुरुसे सब अगमवक्ताको रक्तपातको लेखा जा पुस्ताकेसँग लेमंगे ।“
\v 51 हँ, मए तुमसे कहत हौ, हाबिलकि खुनसे लैके वेदी और मिन्दिरको पबित्रा स्तानको माझमे मरे भए जकरिया तक खुनको लेखा जा पुस्ताकेसँग लेमंगे ।
\v 52 “तुम ब्यबस्थाके पण्डितके धिक्कार! कहेकी तुम ज्ञानको चाभी लेन त लए, पर तुम अपनै फिर भितर घुस ना पाए और घुसन बालेनके फिर रोकत हौ ।
\p
\v 53 जब बा हुवासे निकरो तब शास्त्री और फरिसी बाको घोर बिरोध करत, बहुत बिषयमे बासे पुछन लगो ।
\v 54 और बाको मुहुसे निकरी भई बातमे बाके पकणन दाउमे बैठे ।
\c 12
\cl अध्धाय १२
\p
\v 1 जेहए समयमे जब हजारौकि भिण जम्मा भव, यित्तो तक्की एक दुसरेके चिबदान लागे, बा पहिले अपन चेलानसे कहन लागे, “तुम फरिसीको खमिरसे होशियार बैठौ । बा खमिर बिनको कपट आचरण हए ।
\v 2 तुपो अईसो कोइ बात नाहया, जो प्रकट नाहुईहए, छिपो कोई बात नाहया, जो पता ना लगत हए ।
\v 3 हजेमारे जो तुम अध्यारोमे कहे हौ, बा उजोयारोमे सुन हौवओ । गुप्त कोनोमे कहि बात घरको छानीसे प्रचार होबैगो ।
\p
\v 4 मेरे संगीयो, मए तुमसे कहत हौ, बिनसे मत डरावओ जोन शरिरमे मारत हए, पर बासे पच्छु और कुछ ना कर पएहए ।
\v 5 पर कोनसे डरान पणत हए, मै तुमकए चेताउनी देहौओ । बहेसे डरान पणत हए, जौन शरिरके मारके पिच्छु नरकमे फेकदेनबारो अधिकार हए । मए तुमसे कहत हौ, बिनसे डराबौँ ।
\v 6 का दुई पैसामे पाँच चिरइया ना बिकत है? बे मैसे एक फिर परमेश्वर ना भुलतहए ।
\v 7 पर तुमर त मुणक बारसमेत गिने हए । जहेमारे मत डराबौ, तुम बेढम चिरइयासे जाद्धा मोलके हौ ।
\p
\v 8 मए तुमसे कहत हौ, सबए जो मोके आदमिक सामने स्वीकार कर हए, बाके आदमिक पुत्र फिर परमेश्वरके दुतके अग्गु स्वीकार करैगो ।
\v 9 “पर जौन मोके आदमीक अग्गु आस्वीकार करहए, परमेश्वरके दुतके अग्गु आस्वीकारय होबैगो ।
\v 10 हरेक जौन आदमीक पुत्रके बिरुद्धमे बोलैगो, बके क्षमा होबैगो, पर जौन पबित्र आत्माके बिरुद्धमे निन्दा करैगो, बाके क्षमा ना हुईहए ।
\v 11 जब माए तुमके सभा घर, शासक और अधिकारीक सामने लमङ्गे, तव तुम कैसे और का जवाफ दे हओ, औ का कहान पणैगो बा चिन्ता मत करियो ।
\v 12 काहेकी बहे बेरा तुमके का कहन पणैगो पबित्र आत्मा तुमके सिखाबौगो ।
\p
\v 13 भिणसे एक जनि बासे कहि, “गुरु जी मिर ददासे कहि देओ, और बा अंशबण्डा कर देबए ।”
\p
\v 14 “तव बा बासे कहि”, मित्र कौन मोके तुमर उपर न्याय करन, औ तुमर सम्पत्ति बाँटदेन बरो बनाओ?”
\v 15 “बा बिनसे कहि”, होशियार रहबौ, सब तरह के लालच से बचके काम करौँ, काहेकी आदमिक जिन्दगी बके धन सम्पत्तिके प्रशस्ततामे ना रहात हए।"
\p
\v 16 बा बिनसे एक दृष्टान्त कहि, कोई एक जनि धनी आदमिको जमिनमे बहुत उब्जनी भव ।
\v 17 बा मनएमनमे गुनन्न लगो, मेरो अन्न धरन ताहि बिच्चा मिर ठिन नाहया, अब मए का करौ?
\v 18 तव बा कहिं, 'मए अईसो करङगो अपन बाखारी फोणके और बणी बनामंगो, और मिर सब अनाज और मालसमान बहेमे धरङ्गो ।
\v 19 तव मए अपन प्राणसे कहमङ्गो 'ए प्राण बेढम बर्ष तक् प्रशस्त सम्पत्ति तेरे ताहि जमा करो हौ । सुख-चैनमे बैठो, खा, पी और मजा कर ।'
\p
\v 20 “तव परमेश्वर बासे कहि, ए मुर्ख आज रातके तेरो प्राण तोसे छिन लेहए है, और जो चिज तै अपन ताहि जम्मा करो हए, बा कौन को हुईहए?
\p
\v 21 अपन ताहिं धन-सम्पत्ति जम्मा करनबारो, पर परमेश्वरको दृष्टिमे धनी नाहोनबारो आदमीक अवस्था अईसी हुई हए ।”
\p
\v 22 बा अपन चेलासे कही, “जहेमारे मए तुमसे कहत हौं, अपन प्राणके ताहिं का खामौ और शरीर के ताहिं का पैधओ कहिके चिन्ता मत करओ।
\v 23 कहेकी प्राण भोजन से ओर शरीर लत्तासे बाणो हए ।
\v 24 कौवानके विचार करौं; बे ना बोतहए, ना काटत हए, ना त कुठिया, ना बखारी हए, तव फिर परमेश्वर बिनके खबात हए । तुम चिरैयानसे बहुत मोलके हौं ।
\v 25 तुमर मैसे कोई फिकर करके अपन आयुके एक घडी तक फिर थप सकत हए?
\v 26 जहेमारे तुम यितका छोटो काम करन फिर ना सकतहौ कहेसे, औरबातक चिन्ता काहे करत हौं?
\v 27 लिली फुलाके विचार करौं, कैसे बे बढत हए, न त बे परिश्रम करतहए, ना त मेहनत करतहए, पर मए तुमसे कहत हौं, सोलोमन राजा फिर अपनो सारा गौरवमे जे मैसे एक विभुषित ना रहए
\v 28 पर आज होन बारो और कल आगींमे डारदेनो मेदानक घांसके परमेश्वर अइसी आभुषित करत हए कहेसे, ए अल्पविश्वासि, बा तुमके और कित्तो जाद्दा आभुषित कर हए ।
\v 29 का खैहौं का पिहौं कहिके तुम ढुढत मत बैठो और चिन्तित फिर मतहोबौ ।
\v 30 कहेकी संसारके सब आदमी जाबातके ढुणत रहतहए । तुमर पिता जानत हए कि तुमके जे बातके जरुरत हए ।
\v 31 पर परमेश्वर राज्यको ढुणओ, और जे सब बात फिर तुमके देबैगो ।
\p
\v 32 छोटो बगाल, मतडरबओ । कहेकी तुमके राज्य देनताहिं तुमर पिता खुशि हए ।
\v 33 तुम अपन सम्पत्ति बेचके दान देबौ । अपन ताहिं खराब ना होनबारी थैली बनाओ । स्वर्गमे कबहु नष्ट ना होन धन स्वर्गमे संचय करौ । हुना चुट्टा ना लगतहए और किरा फिर नलागत हए ।
\v 34 कहेकी जहां तुमर धन हए, हुवा तुमरो मन फिर होतहए ।
\p
\v 35 तुम अपन करेहांवा कसओ और तमर दिया पजरी राहाबहए।
\v 36 तुम बे आदमीक जैसे होबओ, जो अपनो मालिक भोजसे घुमके आएके फाटक ढकढकय हए, बे बक ताहिं फाटक जल्दी खोलदे हए ।
\v 37 बे नोकर धन्यके हए, जौन मालिक घर आएके बिनके जगो पात हए । नेहत्तैए मए तुमसे कहातहौं, बे अपन फेटा कसके बिनके खान बैठात हए, और आएके बिनके सेवा करत हए ।
\v 38 अगर बे आधीरातमे बासे और देरमे आएके फिर नोकरके जगो पातहए कहेसे बे धन्यक हए।
\v 39 पर जा जानेकी, कि चुट्टा कौन बेरा आतहए कहिके घरके मालिक जानते त बे जगके बैठते और चुटटानके घर फोरन और घुसन ना देतो ।
\v 40 तुम फिर तयार राहाबौ, कहेकी तुमके ना सोँचो समयमे आदमीको पुत्र आबैगो ।
\p
\v 41 पत्रुस कही,”हे प्रभु का जा काहानी हमर ताहिं इकल्लो बताए हौ, कि और सबके ताहिं?”
\p
\v 42 प्रभु कहि,”बा विश्‍वासयोग्य ‍और बुद्दिमानी भण्डारे कौन हए, जौन बक मालिक अपन परिवारके खास समयमे बिनके भागमे पणो खानु देनताहिं खटाबैगो?
\v 43 बा दास धन्यक हए, जो बाक मालिक आतपेती अइसीए करत पाबैगो ।
\v 44 निहत्तैए मए तुमसे कहात हौं, बे बक अपन सारा सम्पति उपर अधिकार देबैगो ।
\v 45 तव बा दास अपन मनमे, मिर मालिकके आन देर हुईहए कहेसे कमैया और टाहलुनके मारन लागो, और बा खात, पित दाखमधसे मत्तात हए ।
\v 46 बा आशा नाकरो दिन मे बक मालिक घुमकेअबैगो, जैन समय बक पता ना होबैगो ।और बाक दण्ड देबैगो, और बा अविश्वासीनके ताही तयार करोभओ जगहमे बाको नियुक्ति करैगो ।
\v 47 अपने मालिकके इच्छा जानके तयर ना रहनबारो और बिनको इच्छाजैसो ना रहनबारो दास त जाद्दा पिटाई खाए हए ।
\v 48 पर मालिकके इच्छा ना जानके पिटाई खान योग्यके काम करनबारो थोडी पिटाई खाबैगो । प्रत्येक जौनके बेढम दइ हए, बासे मागेगो, और हरेक जौनके बेढम सौपी रहए, बासे जद्दी लेबैगो ।
\p
\v 49 मए पृथ्वी उपर आगी वे्र्षान आओ हओ, और मए जो चाहत रहओ बा हुइगओ हए ।
\v 50 एक बप्तिस्मा हए, जो मोके लेनैपणैगो । बा पुरा ना होन तक मके बेढम कष्ट भोगन पणैगो ।
\v 51 का तुमके सम्झात हओ कि मए पृथ्वीमे शान्ति लान आओ हाओ? ना, मए तुमसे कहत हौं, बरु मए अलग-अलग करन आओ हौं ।
\v 52 कहेकी अब उइसो एक, परिवारमे पांच जनी एक दुसरेमे फुट हुईहए, तिन जनिके विरुद्दमे दुई और दुई जनीके विरुध्दमे तिन ।
\v 53 बिनके बिचमे फुट हुईहए दौवाक विरुध्दमे लौणा और लौणाके विरुध्दमे दौवा, आइया लौणीया विरुध्दमे और लौणीया आइयाक विरुध्दमे सास बहुक विरुध्दमे और बहु सास के विरुध्दमे ।
\p
\v 54 येशू भीणसे फिर कहि, “तुम पछारघेन बादर उठत भओ, देखके जल्दी कहत हौ, “पानी पणैगो, और उइसीए होत हए ।
\v 55 जब दख्खिन को हवा चलत हए तव तुम कहत हौं, धामो होबैगो, और उइसीए होतहए ।
\v 56 ए कपटीओ, तुम आकाश और पृथ्वीक लक्षणके बतान जानत हौं, पर वर्तमान समयके बारेमेअर्थ लगान काहे ना जानत हौं?
\p
\v 57 कौन बात ठीक हए कहिके तुम अपनै कहे निर्णय नकरत हौं?
\v 58 “तुम उजुर करनवालेसंग हाकिम ठीन जानसे पहले, डगरमे बासे मिलाप करौं, न त बा तुमके न्यायधिश ठीन तानके लैजाएहए, और न्यायधिश तुमके अफसरके हातमे सैँप देहए, और अफसर तुमके जेलखानामे डार देहए ।
\v 59 मए तुमसे काहतहौ, तुम एक-एक पैसा ना तिरनतक बाहुनासे ना छुटाबैगो ।”
\c 13
\cl अध्धाय १३
\p
\v 1 बही समय हुवा कित्तो उपस्थित रहए, जौन बे गालीलीके बारेमे बासे कही, जो पिलातस हत्या करके बिनको खुन बलि भव पशुको खुनकेसंग मिलाएदैइ रहए ।
\v 2 तव येशु बिनके जवाफ दाईके कही, “बे अइसो कष्ट भोगी कहेसे, का तुम मानतहौं, जे गालीलीनके और सब गालीलीसे जाध्दा पापी हए?
\v 3 मए तुमसे कहतहौँ, अइसो नाहए, पर तुम पश्चात्ताप ना करहौ कहेसे तुम सब अइसीए नाश होबैगे ।
\v 4 औ का तुम मान्त हौं, बे अठार जनी, जो सिलोआममे धरहरा गिरके मरे रहए, कि बे सब यरुशलेमवासी मैसे जध्दा अपराधी रहए?
\v 5 उइसो नाहए, पर मए तुमसे कहतहौँ, तुम पश्चात्ताप ना करहौं कहेसे, तुम सब अइसीए नाश होबैगे ।
\p
\v 6 येशू जा काहानी कही; “कोई आदमी अपनो दाखबारींमे एक दाखको लगाई रहए । बा पेणमे फल फरो कि कहिके बा आऔ,
\v 7 तव बा मालिसे कहि, तीन वर्ष हुइगओ, मए जा दाखको फल ठुणत हौ, पर ना पाओ । जाके काटके गिराएदेओ, जा जमिन कहे अगोटे हए?
\p
\v 8 पर माली कही, “हजुर, जाके और एक वर्ष रहन देओ । मए जाके आसपास खोदके मल डारंङ्गो,
\v 9 और तव फल फलहै कहेसे ठिकै हुईहए, ना फलहै कहेसे तुम जाके काटके गिरायदीओ ।"
\p
\v 10 येसू शबाथ-दिन कोई एक सभाघरमे बा शिक्षा देत रहए।
\v 11 हुवा एक बैयर रहए, जोके अठारा बर्षसे बाके कमजोर करन बालो भुत लगो रहए । बा ढुकी हुईगई रहए, और अपन पुरो रुपसे सुध ना हुई पात रहए।
\v 12 येशु बाके देखी, और बुलाएके कहि “ए नारी, तए अपनो कमजोर से मुक्त भव ।"
\v 13 तव बा बक उपर अपनी हात धरी, और बा तुरन्तै सुध हुईगई और परमेश्वरको प्रशंसा करन लागि।
\p
\v 14 सभाघरके शासक गुस्सा भए, कहेकी येशु शबाथ-दिनमे अच्छो करि रहए, और बे आदमीसे कहि, “काम करन छै दिन हए । जहेमारे जा छै दिन भितर आएके अच्छो होबौ, शबाथ- दिनमे ना ।"
\p
\v 15 पर प्रभु जवाफ दई, कपटी तुम! तुमर मैसे कौन शबाथ दिनमे सार और तबेलासे अपन बर्धा कि गधा खोलके पानी पिबान ना लैजात हए?
\v 16 अब्राहम कि जा लौडिया जो अठारा बर्ष तक शैतानके बन्धनमे रहए, शबाथ-दिनमे जा बन्धनसे, बा मुक्त होन नाहया का?”
\v 17 जब बा जा बात कहि, बके बिरोधी सबए सर्म मे पणगए, पर बाको करोभव सब महिमा मए काममे आदमी आनन्दित भए ।
\p
\v 18 तव येशू कहि “परमेश्वरको राज्य का जईसो हए? बाको तुलना मए कैसे करऔ?
\v 19 बा रायाक बिजको एक दाना जईसो हए, जो एक आदमी लईके अपन बारिमे लगाई, और बा बढके एक रुखा हुईगओ और आकाशके चराचुराङ्गी (चिराईया) बाको हाँगामे घुरघुसला बनाई ।"
\p
\v 20 फिर बा कहि “परमेश्वरको राज्यके मए कौनसे तुलना करौ?
\v 21 बा खमिर जैसो हए, जो एक स्त्री पच्चिस किलो चुनमे मिलाई, और पुरो चुन खमिर हुईगओ।"
\p
\v 22 अब शहर-शहर और गाउ-गाउ हुईके यात्रा करतए शिक्षा देत बा यरुशलेम घेन गओ।
\v 23 कोई एक जनि बासे पुछि, “प्रभु का उद्धार पान बारो थोरि ही हए?” पर बा बिनसे कहि
\v 24 पतरो फाटकसे जान प्रयाहस करओ, काहेकी मए तुमसे कहत हौ, गजब जनि घुसन ढुणङ्गे, पर ना जा पए हए ।
\v 25 एक बार घरको मालिक उठके फाटक बन्द करके पिच्छु, तुम बाहिर ठाणके अईसी कहात फाटक ढक ढकाबईगे, प्रभु हमर ताहि फाटक खोलदेओ, ताकि हम भितर अए सकै।, और बा जवाफ दैके तुम कहाबैगो “मए तुमके ना चिनत हौ औ तुम काहासे आए हओ?
\p
\v 26 तव तुम कहाबैगे हम तुमर सामने खाए और पिए, और हमर गल्लीमे तुम शिक्षा दए रहौ ।'
\p
\v 27 बा कही, 'मए तुमसे कहत हौ, तुम कहाँसे आए हौ, मए तुमके ना जानत हौ । दुष्ट काम करनबारे, मोसे दुर होबौ ।'
\v 28 “जब तुम अब्राहम इसहाक, याकुब और सब अगमबक्ताके परमेश्वरको राज्यभितर देखैगे, तव तुम अपनै बाहिर फेके जईहौ, तव तुम बिलाप करै गे और दाँत किटकिटा बैगे ।
\v 29 आदमी अगर पछार सिरे और दखिन्नसे आएके परमेश्वरको राज्यको भोजमेस बैठाङ्गे।
\v 30 देख, पच्छुबारो अग्गु और अग्गु बारो पिछु हुईहए ।
\p
\v 31 तुरन्तय कुछ फरिसी आएके बासे कहि, बहुनासे निकरके चले जाबऔ, कहेकी हेरोद तुमके मारन चहात हए ।
\p
\v 32 बा बिनसे कहि, “जाएके बा सेरा से कहा, देख आज और कल मए भुतके भजामङ्गो और अच्छो करन बारो काम करङ्गो, तव तिस्रो दिन मेरो काम पुरो हुइहए ।
\v 33 तव फिर आज कल और परसौ फिर मए लगातार देन जरुरी हए, काहेकी येरुशलेमसे बाहिर कोई एकअगमबक्ताको मारन उचित ना हए ।
\p
\v 34 यरुशलेम ए यरुशलेम तए अगमबक्ताके मारत हए, और तिर ठिन पठाए भएके उपर पत्थर बर्सात हए! जैसे मुर्गिया अपन बच्चनके पखमा तरे लुकात हए, उइसिए मए कित्तो चोटी तिर बालकके लेन इच्छा करो, पर तए ना मानो ।
\v 35 देख, तेरो घर उजणो हए । मए तोसे कहत हौ, जब तक तए, “धन्य हओ प्रमप्रभुको नाउँमे आनबारो “ना कैहओ, तब तक मोके न देखैगे ।"
\c 14
\cl अध्धाय १४
\p
\v 1 एक शबाथ दिनमे-बा फरिसीके कोई एक जनि शासकको घरसे खान गओ ।फरिसी बाकी चेवामा बैठेरहए ।
\v 2 जलग्रह रोगसे पिडित भव एक जनि आदमी बक सामने रहए ।
\v 3 येशु व्यवस्थापक पण्डितसे और फरिसीसे पुच्छी “शबाथमे अच्छो करन उचित हए कि नाहए?
\v 4 पर बे चुप लागेरहए ।और बा रोगिके शरिरमे हात धरके अच्छो करि और बाके जान दै ।
\v 5 तव बा बिनसे कहि, “तुमर मैसे अपन बर्धा औ गधा सबाथ-दिनमे कुईयामे गिर गओ कहेसे बाके तुम ना निकारए गे?”
\v 6 तव बे जा बातकी जवाफ न दैपाई ।
\p
\v 7 तव भोजमे आए भए पहुना आदरको स्थान छानि देखके बा बिनके एक कहानी कहि ।
\v 8 “बिहाको भोजमे आए भए पहुना आदरको निउतो पाएहौ कहेसे आदरको स्थानमे मत बैठौ! तुमसे जाधा ईज्जत बारो आदमी बा हुवा निउतो पाई हुईहए ।
\v 9 जब बुलाए भए दोनो जनीआमङ्गे बा तुमसे आएके काहाबैगो, जिनके बैठन ठउँ देबौ' और तुम त शर्मके मारे सबसे तरेको स्थानमे बैठन पणैगो ।
\v 10 पर जब तुम निउतो पाएहओ, जाएके तरेके ठाउँमे बैठओ, और मेजमान आएके तुमसे कहबैगो; ए मित्र उपर जाएके बैठौ । बा समय (बेरा) तुमरसंग खानु खान बैठन बारेक सामने तुमर इज्जत होबैगो ।
\v 11 कहेकी हरेक जो अपनएके उचो बनातहए बा निचो होबैगो, और अपनएके निचो बनानबारो उचो बनैगो ।
\p
\v 12 तव बाके निउतो देनबारेसे फिर बा कही; तुम सबेरे या साँझाके भोज लगातपेती, अपन मित्रके, अपन ददाभैयाके औ तुमर कुटुम्बके औ धनी पडोसीके निउतो मतदेबौ नत बे फिर सट्टामे तुमके निउतो दैके तुमर गुन चुकाएदेहए ।
\v 13 पर जब तुम भोज लगातपेती, गरिब, लुला, लङडा, अन्धा के बुलाओ,
\v 14 और तुम अशिष पाबैगे, कहेकी बे तुमर गुण घुमाए ना पामङ्गे । पर मृत्यृसे धर्मीको पुनरुत्थान होत तुम जाको प्रतिफल पाबैगे ।“
\p
\v 15 बाकेसंग खान बैठन बारे मैसे एक जनी जे बात सुनके कही, “बा धन्य हए, जो परमेश्चरको राज्यमे भोज खाबैगो ।"
\p
\v 16 पर बा बासे कही; कोइ एक आदमी सांझक एक बणो भोज तयार करी, और बेढमके निउतो दई ।
\v 17 जब भोज तयर भओ बा अपन नोकरके भोजन खान समयमे निउतो पाए भएके आइसो बुलान पठाई; सब चिझ तयर हए ।'
\p
\v 18 पर बे सब समान रुपमे एकैहानी बहाना बनानलागे । पहिलो बासे कही, मए एक खेत मोल लओ हौ, मोके बा देखन जान पणैगो, मए बिन्ती करत हओ, मोके माफ करौँ ।
\p
\v 19 फिर दुसरो कही, मए पाँच गोई ब्रधा किनो हओ, मए बे देखन जएहौ । मए बिन्ती करत हओ, मोके माफ करौँ’
\v 20 फिर एक और कही, मए बिहा करो हौ, जहेमारे मए नअए पएहौ ।'
\p
\v 21 तव नोकर आएके अपन मालिकके जा बात कहीदैइ तव बा दिक्काएके अपन नोकरसे कही, सहेरके डगरमे और गल्लीमे जल्दी जा और गरीब, लुला, अन्धरा लङडाके हिया भितर लिया‘
\v 22 तव नोकर कही, हजुर तुमर आज्ञा करो भओ जैसो काम भव हए, फिरभि और ठाउ खाली हए।'
\p
\v 23 मालिक नोकरसे कही, मेन डगर और गल्लीमे हुईसे जाएके आदमीके भितर आन कर लगाओ, और मिर घर भरए ।
\v 24 कहेकी मए तुमसे कहत हौ, निउतो पाएभएसे कोई फिर भोजको स्वाद चाखन ना पामङ्गे ।'
\p
\v 25 आदमीको बडो भीण बकसंग जातरहए, और बा घुमके बिनसे कही,
\v 26 अगर कोई मिरठीन आबैगो, और अपन दौवा अईया, बैयर, लौणा लौडिया और ददाभैया, दिदीबहिनीयाके अपन प्राणके समेत तुच्छ नठानैगो कहेसे, बा मेरो चेला न हुईपए हए।
\v 27 जौन आदमी अपन क्रुस बोकके मेरे पिच्छु ना लगत हए कहेसे, बा मेरो चेला न हुईपए हए ।
\v 28 तुम मैसे कौन हए, जौन कोई एक धरहरा बनान इच्छा करतहए कहेसे, बा धरहरा बनाएके खतम करन खर्च अपनठीन हए कि नहए कहिके का बा अग्गुसे हिसाब ना करहए का?
\v 29 नत बा जग बैठाएके पिच्छु निभटाए नापाईहए कहेसे बाके, देखके सबए बासे अइसो कहीके हँशी उणए हए और काहमङ्गे,
\v 30 ’जा आदमी बनान त लागो पर निभटाए ना पाइ।'
\p
\v 31 औ कौन राजा हुइहए जो राजासँग लडई करन जात अपनसँग भव दश हजार बाके विरुद्धमे आनबारो बीस हजार सेनासे लडई करपएहौँ कि नकरपएहौ कहिके पहले बैठके सल्लाह न करहए का?
\v 32 बा नकरपएहए कहेसे, बा दुसरो राजा दुर होत मिलापको शर्त पुछन राजदुत पठाबैगो ।
\v 33 जहेमारे तुमर मैसे अपनसँग भव सब चिझ नछोणैगो कहेसे बा, मेरो चेला ना हईपए हए।
\p
\v 34 नुन अच्छो हए, और नुन खल्लो भव कहेसे, कासे बा नुनाईन हुइहए?
\v 35 बा न त जमिनके ताहि, न खादके ताहि काम लागनबारो हुईहए । आदमी बाके मिलाएदेतहए । जौनके सुनन के कान हए, बे सुनए ।”
\c 15
\cl अध्धाय १५
\p
\v 1 अब सबए कर उठानबारे और पापी बाको वचन सुनन बाकेठीन आतरहए ।
\v 2 “जा आदमी त पापीके ग्रहण करतहए, और बिमके संग खानपिन करत हए“ कहीके फरिसी और शाश्त्री गनगन करन लगे ।
\p
\v 3 तव येशू बिनके जा काहानी कही ।
\v 4 “तुमर मैसे कोइ आदमी हुइहए, जौनको एक सौ भेडा रहए बिन मैसे एक हारत हए, उनानसौके वनमे छोडके हराओ भव भेडाके नपानतक्क बाके ढुणत राहत हए?
\v 5 हराओ भव भेडा पाएके पिच्छु खुशी होत बाके अपनो कधांमे धरत हए ।
\v 6 और घरमे आएके बा अपन मित्र और पडोसीनके बुलातहए, और बिनसे कहत हए, मिरसंग रमाओ कहेकी मए अपनो हरनो भेडा पाओ हओ ।
\v 7 मए तुमसे कहत हौं, अइसी पश्‍चात्ताप न करन बारे उनानसौ धर्मी जन के तही पश्‍चात्ताप करन बारो एक जनी पापीके ताही स्वर्गमे गजब आनन्द हुइ हए ।
\p
\v 8 कौन बैयर हुई हए जौनके ठीन दश चांदीके सिक्का मैसे एक हराए गओ, तव दिया पजरके बा बाके ना पानतक घर बुढारके मेहंनतसे न ढुणहए तव?
\v 9 हराओ भव सिक्का पाएके पिच्छु बा अपन संगी और पडोसीनके बुलाएके कहत हए, मिरसंग रमाओ, कहेकी मए मेरो सिक्का पाएगओ हओ ।
\v 10 मए तुमसे कहत हौ, अइसी पश्‍चात्ताप करन बारे एक जनीके ताहि परमेश्वरके स्वर्गदुतके सामने आनन्द होत हए ।"
\p
\v 11 येशू बिनसे कहि, “कोई आदमिक दुई लौणा रहए ।
\v 12 छोटो त दौवासे कहि, दौवा, मेरो भागमे पणन बारो धन-सम्पत्तिको हिस्सा मोके देएओ ।' तव बा अपन सम्पत्ति बिनके बाटदैई ।
\v 13 बहुत दिन नाहोतय सबए धन-सम्पत्ति बटेरके छोटो लौडा दुर देशंमे चलो गओ, और बा हुना मोजमजा करनमे अपन सम्पत्ति उडाए डारी ।
\v 14 बा सबए रुपियांपैसा खर्च करडारी रहए । बहे समए बा देशमे बडो अनिकाल पडो रहए, और बाके घटीकमी होन लागो ।
\v 15 बा गओ, और बा देशको एक जनी नागरीक ठिन काम मागी । बा अपन खेतमे सोरा चुगान पठाई ।
\v 16 सोरा खान बारो चुगासे बा अपन पेट भरन चाहत रहए, तव कोई बाके कछु न देत रहए ।
\v 17 जब बक होस खुली, तव कहि, मिर दौवाके गजब काम करनबारे लेबर चाकर पेट भरके खाएके, उबार जात हए, पर मए त भुकसे मर रहो हौं!
\v 18 मए उठके अपन दौवाठीन जए हओ, और बासे कएहओ, 'दौवा, मए स्वर्गके विरुद्धमे और तुमर नजरमे पाप करो हौ ।
\v 19 अब मए तुमर लौडा कहानको योग्य नाहओ । मोके तुम काम करन बारे लेवर चाकर मैसे एक बिनही कता बनाए लेबओ ।'
\v 20 तव बा उठके अपन दौवा ठीन गओ । बा दुर होत बक दौवा बाके देखी, बा दयासे भरगओ, और दौडके गओ बाके गलबइया डारके बाके चुम्बन करी ।
\v 21 लौडा अपन दैँवासे काही, “दौवा मए स्वर्गके बिरुद्धमे और तुमर नजरमे पाप करो हौ । मए फिर तुमर लौडा कहनको योग्या ना हओ ।'
\p
\v 22 पर, “दौवा त अपन कमान बारे लेवरसे कही, जल्दी सबसे अच्छो लत्ता लाएके बाके पहीदाए देव, बाके हातमे औँगुठी और जुत्ता लगाएदे ।'
\v 23 और तजानो भव पशुके मारओ, हम खाएके आन्‍नद बाना मए ।,
\v 24 काहेकी जा मेरो लौडा मरो रहए, फिर जिन्दा भव हए, हरानो रहए, और मए पाए गओ हओ । तौबे आन्‍नद मनान लागे ।'
\p
\v 25 बा समय बाको बडो लौडा खेतमे रहए और बा घर ठीन पुगो तव नाचगानाको आवाज सुनि ।
\v 26 बा चाकर मैसे एक जनिके अपनि ठिन बुलाई; जा का होत हए कहेके पुछी ।
\v 27 बा बासे कहि, तुमर भैया आईगओ हए, और तुमर दौवा पालो भव मोटो पशु मारी हए । काहेकी बा सहीसलामत घुमो हए ।
\p
\v 28 पर बा दिक्काई गओ, और भितर जान नामनी, और बाको दौवा बाहीर जाईके बाके मनान लगो ।
\v 29 पर बा दौवासे कहि, देख ईत्तो साल मए तुमर सेवा करो, और तुमर अज्ञा कभी उल्लंगन ना करो, तहु भिर मए अपन सङ्गि सँग आन्‍नद मनानके तुम मोके एक बकरा फिर कभी ना दए।
\v 30 पर तुमर सम्पत्तिके बेश्यनके सँग उडान बारो तुमर लौडा आतए तुम पालो भव मोटो पशु बाके ताहि मारे ।'
\p
\v 31 तव बा बासे कहि, 'लौडा ताए त मिर सँब हर समय हए और मिर सबए सम्पत्ति तेरि हए ।
\v 32 पर हमके आन्‍नद मनान और खुसी होन ठिक हए, काहेकी जा तेरो भैया मरगओ रहए, फिर जिन्दा भव हए, हरानो रहे, और पाएगए हौ ।"
\c 16
\cl अध्धाय 16
\p
\v 1 येशु अपन चेलासे कहि, “कोइ धनी आदमीक एक जनी व्यवस्थापक रहए । तभैमारे अपन मालिकको धन सम्पत्ति उडाई रहो हए जा आभियोग वक विरुद्धमे लागो रहए ।
\v 2 तव मालिक बाके बुलाइके कहि, तिर विषयमे जा मए का सुन रहो जा का हैं? व्यवस्थापकको कामको हिसाब मोके दे अब अग्गु तए व्यवस्थापक ना रहैगो ।'
\p
\v 3 तव व्यवस्थापक अपन मन मनै कहि, अब मए का करओ काहेकी मिर मालिक मोसे व्यवस्थापक को काम छिनाए रहो हए । जोतन खोदन मिर ताकत ना है, भिख मागन मोके शर्म लागत है ।
\v 4 अब मोके का करन पणैगो मए सोच लौहौं । व्यवस्थापन को कामसे निकारके आदमी मोके अपन घरमे कैसे स्वागत करए कहीके मए अइसो करङ्गो ।'
\v 5 तव बा मालिकको ऋणीनके एक-एक के बुलाई, और सुरु बालोसे कहि, तिर मालिकको ऋण कित्तो है?'
\p
\v 6 बा कहि, तिन हजार लिटर तेल । तव व्यवस्थापक बासे कहि, तिर तमसुक ला, और जल्दी बैठके पन्ध्रा सय लिटर लिख ।'
\p
\v 7 फिर दुसरे से कहि, तिर कर्जा कित्तो हए? बा कहि, तिन सय पचास कुन्टल गेहुँ ।' बा जासे कहि, तिर तमसुक ला और तिन सय कुन्टल लिख ।'
\v 8 अब बाको मालिक बा अधर्मी व्यवस्थापकको तारीफ करी काहेकी बा चलाकीसे काम करी रहए । काहेकी जा संसारको आदमी अपनी पुस्ताके और आदमीसंग व्यवहार करत ज्योतिके सन्तानसे और जध्धा चलाक होत हए ।
\v 9 मए तुमसे कहत हौ, अपनो तहि संसारको धनसे मित्र बनाबौ, और जब धन नास हुईहे, तव बे तुमके अनन्त वासस्थानमे स्वागत करए ।
\v 10 जौन थोरी बातमे इमानदार होत है, बा जध्धामे फिर इमानदार होत है, और जो थोरी बातमे बेमान होत है, बा जध्धामे फिर बेमान हित है ।
\v 11 जहेमारे तुम संसारिक धनमे इमानदार ना हुई हओ कहेसे, तुमके साँचो धनको जिम्मा कौन देहए?
\v 12 अगर तुम दुसरेक धनमे इमानदार ना हुई हओ कहेसे, तुमर अपनो धन तुमके कौन देहए?
\v 13 कोई फिर सेवक दुई मालिकको सेवा ना करपए हए, काहेकी बा एकके घृणा करके दुसरेके प्रेम करत हए, औ एकके प्रती भक्ती दुसरेके तुच्छ मनहए तुम परमेश्वर और धन दोनेको सेवा ना कर सकत हओ ।"
\p
\v 14 धनके लोभी फरिसी जा सब बात सुनके बाको हँशी करी ।
\v 15 तव बा उनसे कहि, आदमीनके अग्गु अपनेके धर्मी ठहरानबारे तुम ही हौ । पर परमेश्वर तुमर हृदय जानत हए, काहेकी आदमीनके विचमे जो उच्च गिनोगओ हए, परमेश्वरके नजरमे बा तुच्छ ठहरैगो ।
\p
\v 16 युहन‍्‍ना आनसे अग्गु अगमवक्ता और व्यवस्था काम करत रहए । बे दिनसे परमेश्वरको राज्यको सुसमाचार प्रचार करी हए, और सब आदमी बा राज्य भितर जवर जस्ती पृर्वक कोसिस करत है ।
\v 17 पर व्यवस्थासे इकल्लो मिटनसे स्वर्ग और पृथ्बी टलन सजिलो हए ।
\p
\v 18 जौन अपनी बैयर छोडके दुसरीसे व्यहा करत है, बा व्यभिचार करत है, और लोगासे छोडी बैयर व्यहा करन बारे फिर व्यभिचार करत है ।
\p
\v 19 एक सेट आदमी रहए, जो वहुमुल्य लत्ता पतरो मलमल पैधंके रोजदिन मनोरन्जनमे रहत रहए ।
\v 20 बाके फाटक ठीन लाजरस नाउँको एक आदमी गरिबके लाइके धरदेत रहए ।
\v 21 बा सेट आदमिको टेबुल मैसे गीरो भव टुक्रा-टुक्री खाइके लाजरस अपन पेट भरन इच्छा करत रहए और कुत्ता फिर आईके बाको घाउ चांटत रहए ।
\v 22 बा गरीब आदमी मरगओ, और स्वर्गदुत बाके लैजाइके अब्रहामके संगमे धरी, बा सेट आदमी फिर मरो और गाणोगौ ।
\v 23 नरकमे कठोर कष्ट भोगत पेती बा अपन नजर उठाइके देखि और दुरसे अब्रहाम और बक छातीमे आड लओ भओ लाजरसके देखि ।
\v 24 और बा जोडसे चिल्लाएके कहि, हे पिता अब्रहाम, मिर उपर दया करके लाजरसके पठाई दे, और बा अपन उंगरीको पोरा पानीमे डुबाईके मिर जिभके जुणो बनाए देबै, काहेकी मए जा ज्वालामे भयक्ङर दुःख पाए रहो हौ ।'
\p
\v 25 पर अब्रहाम कहि, तए याद कर, तय अपन जीवन कालमे अच्छि अच्छी बातके, भोगो करो और जा लाजरस दु; खए दु; ख भोगी, बा अब हिया अराममे है, और तए कष्टमे हए ।
\v 26 जे सब बातसे औ, हिंयासे तिर ठिन, बा पार चाहन वारे ना जा पामए, और हुनासे हिंया हमर ठिन ना आ पामए, कहेके हमर और तुमर विचमे एक गजब गहिरो गड्डा है ।'
\p
\v 27 बा कहि, पिता जहेमारे मए तुमके विन्ती करत हौ, तुम बाके मिर दौवाके घारमे पठाए देओ,
\v 28 काहेकी मिर पांच भइया हए, और बिनके चेतावनी देबओ, नत बे फिर जा डरलगान बारो कष्टमे आन ना पणए ।'
\p
\v 29 पर अब्रहाम कहि, विनके संगमे मोशा और अगमवक्ताको किताब हए बे बा सुनए ।'
\p
\v 30 पर बा कहि, नाए पिता आब्रहाम, मरे मैसे कोई एक आदमी विनके ठिन जैहै कहेसे, बे पश्‍चात्ताप करङ्गे ।'
\p
\v 31 बा बासे कहि, मोशा और अगमवाक्ताको बात बे ना सुनङ्गे कहेसे, मृत्युसे कोई जिन्दा हुइहे काहाबएगो कहेसे, बे विश्‍वास ना करङ्गे ।"
\c 17
\cl अध्धाय 17
\p
\v 1 येशु अपन चेलन से कहि, “पाप करन लगान बारेके परिक्षा निहात्तय आतहए । पर धिक्कार बा आदमीके जौनके द्वाराबे आतहए ।
\v 2 जौन आदमी जे छोटो मैसे एकके पाप करन लगात हए, बाके घँटीमे चकियाको पटा बाधके, बाके समुद्रमे फेक देनो बाके ताहि ठिक हुईहए ।
\v 3 अपन बारेमे होशियार बैठओ । तुमर भईया अपराध करहे तव बाके डँटओ, और बा छमा मागत हए कहेसे, तव तुम बाके क्षमा करिओ
\v 4 अगर तुमर सँगमे दिनमे सात चोटी तुमर बिरुद्धमे अपराध करि, और सातओ चोटी तुमरे ठिन घुमके आएके मए पश्‍चात्ताप करत हौ ।करके कहेहए, तव तुम बाके क्षमा करिओ ।
\p
\v 5 प्रेरित प्रभु से कहि “हमर बिश्वास बढाई देव ।"
\p
\v 6 प्रभु कहि,"तुमरमे रायाको दाना जित्तो फिर विश्‍वास हुईहए तुम तुतको रुखाके, तए उखडके समुद्रमे लग जा 'कएहो हओ, बा मानलेहए ।
\p
\v 7 तुमर मैसे कौनको नोकर खेत जोतके कि भेडा चुगाईके आएहए तव बा नोकरसे तुरन्त आएके खान बैठ कएहए का?
\v 8 का बा बासे अईसे ना कएहए? मिर ताहि खानू तयार कर फेटाकस, और खान पिन ना करन तक मेरो सेवा सत्कार कर । तव फिर तए खान पिन कर ।
\v 9 अपनै अढाए जैसो काम करहे का तव बा नोकरके धन्यवाद देहएका?
\v 10 अईसि तुमके अढोओ काम पुरा करके पिच्छु तुम फिर अईसि कएहौ! हम बिनालायकके दास हौ, हम त अपन कर्तवय ईकल्लो पालन करहए ।"
\p
\v 11 येशु यरुशलेम घेन जात रहए । जा यात्रामे बा समरिया और गालिलको सिमाना हुईके गओ ।
\v 12 बा एक गाँउमे घुसत दश जनी कोढीसँग बाको भेट भओ । दुरसे ठाणके बे
\v 13 जोडसे चिल्लाएके कहि, हे येशु गुरुजी, हमर उपर कृपा करओ ।
\p
\v 14 “बा बिनके देखके कहि“ जाओ जाएके पुजहारी ठिन अपनएके देखाओ । बे जातए जात अच्छे हुईगए ।
\v 15 बिनमैसे एक जनि अपना अच्छे हुईके देखी, और जोडसे परमेश्‍वरको महिमा करत घुमो ।
\v 16 और येशुके धन्यवाद देत येशुके पाउमे घुपटा पडगओ । बा एक सामरी रहए ।
\v 17 येशू कहि, “का अच्छे भए दश जनि नाहए का? और नौ जनि कहाँ गए?
\v 18 का जा बेदेशी बाहेक घुमके आनबारे, परमेश्‍वरको प्रशंसा करन और कोई नाहए?
\v 19 और बा बासे कहि “उठ और अपन डगर लाग । तुमर बिश्‍वास तुमके अच्छो करि हए ।"
\p
\v 20 परमेश्चरको राज्य कब अएहए करके फरिसिको प्रश्‍नको जवाफमे बा बिनसे कहि, परमेश्‍वारको राज्य देखन जैसो ना आबैगो
\v 21 नाता आदमी कएहए, “देखओ हियाँ हए! औ हुवाँ हए! काहेकी देख्ओ, परमेश्वरको राज्य तुमर बिचमे हए ।"
\p
\v 22 बा चेलनसे कहि, “बे दिन आमंगे, जब तुम आदमीको पुत्रके कोई एक दिन देखन इच्छा करैगो, तव तुम ना दिखहओ ।
\v 23 आदमीनके तुम कएहओ, देखओ बा हुवा हए! औ बा हिया हए!' पर तुम मत जैओ, और, बिनके पिछु मत लगिओ ।
\v 24 काहेकी जैसी बिजली चमकत्त हए बादरको एक किनारे दुसरे किनारे तक उजियारो करत हए, आदमीको पुत्र फिरअपनो आन दिनमे उईसी हुईहए ।
\v 25 पर पहिले बा बहुत कष्ट शहन पणैगो । और जा पुस्तासे बहिस्कृत हुईहए ।
\v 26 नोआको दिनमे जैसो भव रहए, आदमीको पुत्रको दिनमे फिर उईसी हुईहए ।
\v 27 नोआ जहाज भीतर ना घुसन तक बे खात पित और विहामे जात रहए औ जलप्रलय आओ और सबैके खतम करदै ।
\v 28 लोतके दिनमे फिर उईसी भव रहए, आदमी खातरहए, पित रहए, किनमोल करत रहए, लगात रहए, तमान बातके बनात रहए ।
\v 29 तव जौन दिन लोत सदोमसे निकरो, आकाशसे आगी और गन्धन बर्सो और सबके खतम करदै ।
\v 30 आदमीको पुत्र प्रकट होन दिनमे अईसी हुईहए ।
\v 31 बा दिन जो घरके उपर हए, बाको मालमत्ता घरभितर हए कहिके बे बिनके लेन तरे ना आमए । उईसी खेतमे होनबारे फिर घुमके ना आमाए ।
\v 32 लोतकी बैयारके याद करओ ।
\v 33 जौन अपन प्राण बचान ढुणैगो, सो बा गुमाबैगो और जौन अपनो प्राण गुमाबैगो, बाके बा बचाबैगो ।
\v 34 मए तुमसे कहत हौ, रातके समयमे दुई जनि एक सँग हुईहए । एक जनि चलो जएहए और दुसरो छुटजए हए ।
\v 35 दुई जनि बैयार एकसँग चकिया पिसत हुईहए । एक चली जएहए, दुसरी छुटजाए हए ।
\v 36 (दुई जनि आदमी खेतमे हुईहए, एक जनि चलो जएहै, दुसरो छुटजए हए ।)
\p
\v 37 और बे बासे पुँछि, “कहाँ प्रभु? “बा बिनसे कहि,” जँहा डोमर होत हए, हुवा गिद्धा फिर ईकट्टा होतहए ।"
\c 18
\cl अध्धाय 18
\p
\v 1 बे रोज प्रार्थना करतए रहामए और निराश ना होमए कहीके जहेमारे बा बिनसे एक काहानी कहि,
\v 2 बा बिनसे कहि, “कोई एक सहरमे परमेश्‍वारको डर ना माननबारो, और आदमीक ख्याल फिर ना करनबारो एक जनि न्यायधिश रहए ।
\v 3 बहे शहरमे एक बिध्वा रहए। बा बिनके ठिन आत रहए, और कहत रहए, 'मेरो वादिके अग्गु मेरो न्याय करदेओ ।'
\p
\v 4 बा कुछ समय तक त ना मानी, और पिच्छुसे बा अपन मनसे कहि मए परमेश्‍वारको डर ना मानत हौ और आदमीको ख्याल फिर ना करत हौ ।
\v 5 पर जा बिध्वा मोके हैरान करडारिहए । जहेमारे, मए जाको न्याय करत हौ, नत जा ईकल्ली आएके मोके दिक्क बनाबैगी ।"
\v 6 प्रभु कहि, “सुन बा अधर्मी न्यायधिश का कहत हए ।
\v 7 का परमेश्‍वर बके जो रात दिन पुकारान बारे अपने चुने भएके न्याय ना करैगो का? का बा बिनके ताहि देर करहै का?
\v 8 मए तुसे कहत हौ, बा जलदिए तुमरो न्याय करहै । तहु फिर आदमिक पुत्र आन पेती का बा पृथ्बिमे बिश्‍वास पएहै का?”
\p
\v 9 अपन उपर भरोसा करन बारे और अपनैके धर्मी बनानबारे औरनके तुच्छ बनानबारे कोई कोईके बा जा काहानी सुनाई रहए ।,
\v 10 “दुई आदमी प्रार्थना करन मन्दिरमे गए एक जनि फरिसी और दुसरो कर उठानबारो।
\v 11 फरिसी ठाणके अइसे प्रार्थना करि, हे परमेश्‍वर मए तुमके धन्यवाद देत हौ, मए और आदमीक जैसे फाटहा, अन्यायी, व्यबिचारी औ जहे कर गठानबारो जैसो फिर नाहओ ।
\v 12 मए हप्तामे दुई चोटी उपवास बैठत हौ । मए पाओ भओ सब चिजकोक दशांश देत हौ ।'
\p
\v 13 कर उठानबारो दुरसे ठाडके स्वार्गघेन आँखी ना उठाएके अईसे कहत अपन छाती पिटी कही, हे परमेश्‍वार मए पापिके उपर दया कर ।'
\v 14 मए तुमसे कहत हौ, जा आदमी ता दुसरेसे धर्मी ठहरके अपन घरघेन गओ। कहेकी जौन अपनेके उचो बनाबैगो, बा छोटो होबैगो, पर जौन अपनैके छोटो बनाबैगो बा उचो होबैगो ।
\p
\v 15 येशु छुईदेए कहिके आदमी बच्चनके बक ठिन लाई । तव चेला जा देखके बिनके डाँटी हप्काई ।
\v 16 येशु बिनके अपन ठिन बुलाइके कहि, “छोटे बालकनके मिर ठिन आनदेओ, बिनके मत रोकओ कहेकी परमेश्‍वारको राज्य उइसिनके ताहि है ।
\v 17 निहात्तय मए तुमसे कहत हौ, जौन एक बालक जैसो परमेश्‍वारके ग्रहण ना करहै, बा कोई रितिसे बा भितर प्रबेश ना करपए है ।"
\p
\v 18 कोई एक जनि शासक येशुसे अइसो कहिके पुछी “हे असल गुरु, अनन्त जिवन पान ताहि मोके का करन पणैगो?”
\p
\v 19 येशु बिनसे कहि, “तए मोसे काहे असल काहत हए, एक परमेश्‍वार छोडके कोइ असल नाहए ।
\p
\v 20 तए आज्ञा त जानतै है - तै व्यबिचार मत कर, हत्या मत कर, ना चुरान, झुटो गवाही मतदिओ, अपन दौवा और अइयाको आदर करियो ।"
\p
\v 21 बा कहि, जे सब त मै मेरी जवानीके समयसे पालन करो हौ।"
\p
\v 22 जा सुनके पिच्छु बासे कहि, तोके और एक बातको कमी हए । तिरसँग जो जित्तो हए बे सब बेचके गरिबके बाटदे, और तोके ताहि स्वार्गमे धन होबैगो, और आ मेरे पिच्छु लाग ।"
\v 23 पर जा बात सुनके, बा शासक बेढम उदाश भओ, काहेकी बा गजब धनी रहए ।
\v 24 तव येशू बाके देःखके बहुत दुखित भओ और कहि, “धन समपत्ती होनबारेक परमेश्वरको राज्य भितर घुसन बेढम अगठो हए!
\v 25 काहेकी धनी आदमीके स्वार्गके राजमे घुसनसे ता ऊटके सुईको भारसे छिरन सजिलो हए!”
\p
\v 26 तव सुनन बारे कहि तव कोनको उद्धार हुईपए हए?
\p
\v 27 बा कहि, आदमिके ताहि असम्बभ हए, बा परमेश्‍वरके ताहि सम्भब हए ।
\p
\v 28 तव पत्रुस कहि “देखव अपन घर छोड़के हम तुमर पच्छु लागे हए ।"
\p
\v 29 तव बा बिनसे कहि, सच्ची मए तुमसे कहत हव, जौन घर औ बैयर औ अईया दौवा लौड़ा लौड़ीयाके परमेश्‍वरके राजके ताहि छोड़थहए ।
\v 30 बा जहए समयमे बेढम जद्धा प्रतिफल पाबैगो और आन बरो युगमे आन्‍न जिवन हांसिल करैगो ।"
\p
\v 31 येशु बाह्रा जनीके अलग लैजाए के कहि, “देखऔ हम येरुसलेम घेन जात है और आदमिको पुत्रके बारेमे आगमबक्ता लिखो भव हरेक बात पुरो होबैगो ।
\v 32 काहेकी बाके अन्यजातिनके हातमे सोंप देहए और बे बाके मजाक उडाए हए और बकसँग गलत व्याबाहर करङ्गे बक उपर थुकङ्गे ।
\v 33 बे बक कोर्रा लगामङ्गे और मारङ्गे, तव तेस्रो दिनमे बा मरके जिन्दा हुईके उठाईगो ।"
\v 34 तव चेला जा बातके एकओ फिर ना सम्झि । बिनके ताहि जा बात लुकाएके धरी रहए, तव जा कहिभइ बात बिनके सम्झमे ना आव ।
\p
\v 35 बा एरिहो के ठिन पुगो बा हुना एक जनि अन्धा आदमी डगरके किनारेमे बैठके भिक मागत रहए ।
\v 36 बा डगरसे एक भिड किनारेसे जात सुनि, “जा का हए?” काहेकी बा पुँछी ।
\p
\v 37 आदमि बासे कहि, “नासरत को येशु इताएसे जाए रहोहए ।"
\p
\v 38 तब बा अईसे कहत चिल्लाई, “हे येशु दाउदको लौड़ा मिर उपर दया कर ।"
\v 39 अग्गु अग्गु नेगन बारे बासे कहि, चुप लाग कहीके डाँटी” तव बा और जोड़से जिल्लाई, “हे दाउदको लौड़ा मिर उपर दया कर ।"
\p
\v 40 येशु रुक गव और बाके अपन ठिन लान आग्ज्ञा दई बा जौने आएके पिच्छु बा बासे पुच्छी,
\v 41 तए का जहात हए? मए तिर ताहि का करऔ”? बा कहि, प्रभु मए देखलेमओ ।"
\p
\v 42 तव येशु बासे कहि, तए देखन बारो हुईजा तिर बिश्‍वास तोके अच्छो करि हए ।
\v 43 तव तुरन्तए देखन बारो भव और परमेश्‍वरको प्रशंसा करतए बाके पिच्छु लागो । जा देखके सब आदमि परमेश्वरको प्रशंसा करि ।
\c 19
\cl अध्धाय 19
\p
\v 1 येशु येरीहो हुईके हुनासे जात रहए ।
\v 2 हुवाँ जखायस नाउँ भव एक जनि आदमी रहए बा कर उठान बारो मैसे मुख्य आदमि रहए, और धनि रहए ।
\v 3 येशु कौन हए कहिके बा देखन चांहात रहए पर ठुम्को हुईके भिडके कारनसे देखना पाई ।
\v 4 बा बाके देखन अग्गु अग्गु दैडके एक गुलरको रुखामे चढ़ो, काहेकी येशु बहे डगर हुईके जात रहए ।
\v 5 जब येशु बा ठाउँमे आएपुगो, तव बा उपर देखके बासे कहि, “ए जखायास” जल्ली उतरके आ, कहेकी आज मोके तिर घरमे बैठन हए ।
\v 6 बा जल्लिसे उतरके आएगओ । और खुसीसे बाको सत्कार करि ।
\v 7 जब आदमी जा देखी बे सबए अईसो कहत बरबरान लागे, “बा पापीके घरमे पहुना हुईके गव हए ।"
\p
\v 8 जखायास उठके प्रभु से कहि, “देख प्रभु मए अपन समपत्तिको आधो भाग गरिबनके देहवँ, और कोईसे अन्नयाए करके कछु लओ हवँ कहेसे मए बाको चार गुणा फिर्ता करदेहओ” ।
\p
\v 9 तव येशु बासे कहि, “आज जा घरमे मुक्ति आओ हए काहेकी जा फिर आब्रहामको लौड़ हए ।
\v 10 जहए मारे आदमीको लउड़ा हराओ भवके ढुडन और बचान आओ हए ।"
\p
\v 11 बे जा बात सुन्तए बा बिनसे एक कहानी कहन लागो, बे यरुसलेमके जौने रहए, और आदमिके परमेश्वरको राज्य तुरन्त प्रकट होन लागो कहेके समझि रहए ।
\v 12 बा कहि, “एक जनि खानदनी आदमि एक राजके पाईके लौटन के आन कहिके और कोई दुरके देशमे गओ ।
\v 13 बा अपन दश जनि नोकरके बुलाईके बिनके सोनोको सिक्का दईके कहि जब तक मए लौटके ना आए हौ, जाहेसे व्यपार करिओ ।
\p
\v 14 पर प्रजा बिनके अच्छो ना मनत रहए और बे बिनके पिच्छु पिच्छु अईसो कहेके दुतनके कहान पठाई”, बे हमर उपर राज ना करए कहेके हम चाहात हए ।
\v 15 तव राज्य अधिकार पाईके लौटके पिच्छु अपन पैसा दएभए नोकरनके अपन ठिन बुलान हुकम दई, व्यपारसे बे कित्तो नफा करि कहेके बा जानन् जहात रहए ।
\p
\v 16 तव पहिले आन बारो अईसो कहि 'मालिक, तुमर सिक्कासे और दश सिक्का कमाओ हौ ।'
\p
\v 17 बा बासे कहि, 'क्ष्याबास अच्छो नोकर, तए दश शहेरके उपर अधिकार पए हए ।'
\p
\v 18 दुसरो आईके अईसे कहि’, मालिक तुमर सिक्कासे और पाँच सिक्का कमाओ हओ ।'
\p
\v 19 “बा बासे कहि, 'तए फिर पाँच सहेरमे अधिकार करहए ।'
\p
\v 20 एक और आईके आईसे कहि, ‘मालिक, देख, तुमर सिक्का हियाँ हए बा मए रुमालमे बाधके धरेहव ।
\v 21 मए तुमसे डराए गओ, काहेकी तुम कठोर आदमी हौ । जो ना धरे हव, बा लेत हओ । जो ना बोत हओ हुवासे कटनी करत हौ ।'
\p
\v 22 “बा बासे कहि, तिर मुहु की बातसे मए तेरो न्याय करङ्गो ए दुष्ट नोकर जो धरो न हौ बा लेत हौ और जो बोओ नहओ बा कटत हओ, 'मए कठोर आदमी हओ कहेके तय जानत रहए ।
\v 23 तव मिर सिक्का बैंकमे काहेना धरो? मए अईके ब्याज समेत बा पातो ।'
\v 24 “तव ढिगई ठणन बारेनसे बा कहि, हुवासे बा सिक्का लैके दश सिक्का होन बारेके दईदेबओ ।'
\p
\v 25 बा बिनसे कहि, ‘हजुर, बाके सँग त दश सिक्का हईएहए ।'
\p
\v 26 मए तुमसे कहत हव, जौन सँग हए बाके और जद्धा देहए पर जौन सँग ना हए बाके सँग भओ फिर बासे छिनो जाएहए ।
\v 27 पर मए बिनके उपर राज करन ना चाहान बारेन के मिरबे सत्रुनके हिया लाबौ और बिनके मिर अग्गु मारओ’ ।"
\p
\v 28 येशु जा बात कहेके येरुसलेम घेन गव ।
\v 29 जब बा बेथाफागे और बेथानिया के जौने जैतुन कहान बारो डगामे पुगो रहए, बा अपन चेलामैसे दुई जनिके अईसो कहेके पठाई,
\v 30 अग्गुके गाउँमे जाबओ और भीतर जातए जात तुम गधाको एक बच्छरा बधो पाबैगे, जौनके उपर हभैतक कोई आदमी ना चढ़ी हए । बाके खोलके हिना लाबौ ।
\v 31 कोई काहाबए जाके काहे खोलत हओ? 'कहेके तुमसे पुच्छए तव कहियो प्रभुके जाकी जरुरत हए।"
\v 32 बे पठाए भए गए, और बा बिनसे जैसे कहि उईसियाए पाई ।
\p
\v 33 बे बच्छराके खोलन लागे तव बच्छरक मालिक बिनसे पुच्छि”, तुम जा बच्छराके काहे खोलत हओ?”
\p
\v 34 बे कहि, “प्रभुके जाकी जरुरत हए ।"
\v 35 चेला बाके येशु ठिन लाई, और अपन लत्ता बच्छरा उपर धरके येशुके बक उपर बैठारी ।
\v 36 बा जात पेती, अपन लत्ता डगरमे बिछाई ।
\p
\v 37 बा जैतुन ड़ँगामे अईपुगो चेलाकी सबए भिड बाके देखके सबए शक्ति शाली कामके ताहि खुसी होत, परमेश्वरको प्रशंसा करत बडे जोरसे चिल्लान लागे ।
\v 38 “परम प्रभुके नाउँमे आनबारो राजा धन्यको हए! स्वार्गमे शान्ति प्रमधाममे महिमा ।"
\p
\v 39 औ भिडके कोई कोई फरिसि बासे कहि,” हे गुरु तुमर, चेलनके डाँटव।"
\p
\v 40 पर बा कहि, “मइए तुमसे कहत हवँ जे चुप लग हएँ तव पत्थर फिर चिल्लाए उठङ्गे ।"
\p
\v 41 जब येशु जउने आए पुगो और शहेरके देखी बा बाके ताहि रोई,
\v 42 शान्ति कौन बातसे लातहए कहेके तए आज फिर जानो होतो! पर अभए जा बात तिर नजरसे लुको हए ।
\v 43 काहेकी तिर उपर अईसे दिन अमङ्गे, जब तेरो सत्रु तेरो आस पाश जमा हुईके बाधँके घेरा लगामङ्गे, और सबए घेनसे पकडके तोके बँधङ्गे ।
\v 44 बे तोके और तिर भितर बैठन बारे तिर सन्तानके जमिनमे उठाईके पटङ्गे और एक पत्थर उपर दुसरो पत्थर फिर न हुईहए, काहेकी तेरो अपनो उपर भव परमेश्वरको कृपा दृष्टिके तय चीन न पाओ ।
\p
\v 45 तव बा मन्दिर भितर कुचो और किनबेच करन बारेनके निकारी,
\v 46 और बिनसे कहि, “धर्मशास्त्रमे लिखो हए, 'मेरो घर प्रर्थाना को घर हुईहए,' पर तुम ता जाके डाकुको अड्डा बनाए हव ।"
\p
\v 47 बा हरेक दिन मन्दिर मे शिक्षा देत रहए । पर मुख्य पुजारी शास्त्री और जन्तानके प्रमुख आदमी बाके मारन ढुडि ।
\v 48 बे बाके मारन ताहि कोई उपय न पाई काहेकी सबए आदमी बाके बचनमे ध्यान दैके सुनत रहए ।
\c 20
\cl अध्धाय 20
\p
\v 1 येशू मन्दिरमे आदमीनके शिक्षा देत रहए। और बिनके सु-समाचार प्रचार करत रहए। धर्म गुरुके संग मुखिया पुजारि और सास्त्रि बाके ठिन आए।
\v 2 बासे पुछिं हमके बता कैन अधीकारसे तुम जा काम करत हौ, और तुमके अधीकार देन बारो कौन हए?”
\p
\v 3 बा बिनके जबाफ दै, मए फिर तुमसे एक बात पुछत हौ, मोके उत्तर देओ।
\v 4 युहन्नासे दौवभौ बप्तीस्मा स्वर्गसे रहए कि आदमी से?”
\p
\v 5 बे आपसमे बाहस करन लागे, “यदि स्वर्गसे काहमङ्गे कहेसे, तव बे कएहए, काहे बिस्वास नाकरत हौ?'
\p
\v 6 आदमीनसे काहामङ्गे तव, सब आदमी हमके पत्थर मरहए, काहेकी युहन्ना अगमवक्ता हए, कहीके विश्‍वास करत हए ।"
\v 7 जहे मारे बे जवाफ दै, “हम ना जानत हए कंहासे आओ हए ।"
\p
\v 8 तव येशु बिनसे कही,” महु फिर तुमके कौन अधीकारसे जा काम करत हौ, कहिके ना बताएहौ।"
\p
\v 9 बा आदमीनसे जा काहानी कही,” एक आदमी दाखबारी लगाई और अदीया दैके, बहुत दिनके ताही परदेश गओ।
\v 10 फरा पकन समयमे बा अपन हिस्साको फरा लेन अपनो एक नोकरके दाखबारिको मालिक अपनो अधीया बारो ठीन पठाइ, तव अधिया बारो बाके पिटके खालि हात पठाए दै।
\v 11 बा फिरके दुसरे नोकर के पठाइ, तव बे बाके फिर पिटी बेजत करके खाली पठाई दै।
\v 12 बा तिसरेके फिर पठाई बे बाके फिर घाएल बनाएके निकार दै।
\v 13 और दाखबारीको मालीख क, अब मए का करओ? मए अपन प्यारो लौणाके पठए हओ। शायद बाके बे आदर करङ्गे की।'
\p
\v 14 तव अधीय बारे बाके देख्के आपस मे बात करी, 'जा त हकबारो हए, हम जाके मारडारए और सम्पतीको हक हमर हुइहए ।'
\v 15 और बे बाके दाखबारीके बाहिर लैजाएके मारी ।अब दाखबारीको मालीक बिनके का करहै?
\v 16 बा आएके अधिया बारेनके मरहए, और दाखबारी औरेनके देहए ।“आदमी जा सुनके कही, अइसे कबहु ना होबए।“
\p
\v 17 तब बा बिनके देखके कहि, “जा धर्म शास्त्राको कहिनको अर्थ का हए” जौन पत्थरके भवन बनान बारे खारिच करिरह, बहे त कोनेको मुण पत्थर बनो।
\p
\v 18 बा पत्थर उपर गिरन बारे हरेक चकनाचुर हुइजए है, तव जौन उपर बा गिरएगो बा बाके भुवा बनएदेहए।"
\p
\v 19 तव शास्त्री और मुखिया पुजहारी बहे बेरा बाके पकणन ढुणी । बिनके पता रहए, कि जा काहानी बिनके बिरुध्दमे कहि रहए, तव बे आदमिसे डरात रहए।
\v 20 बे मौका देखन लागे, और धर्मि हुइके चुपरन बारे जासुसके बे बिनके ठीन पठाई । येशुके कहि बातके गलत सावित बानाएके, बाहए बातमे बाके फसाएके अधिकारीनके और हाकिमके हातमे बाके सौपङ्गे करके बे दाओ देखत रहए ।
\v 21 बे बासे पुछी” गुरुजी हम जानत हए तुम ठीक बोलत हौ और ठीक सिखात हौ, कोइको पक्षपात नकरत हौ, पर सत्यके सँग परमेश्वरको डगर सिखात हौ ।
\v 22 हमे कैसरके कर तिरन ठीक हए कि ना?”
\p
\v 23 येशू बिनको कपट समझके कहि,
\v 24 मोके एक सिक्का दिखाबओ, जामे कोनको चित्र और कौनको नाउँ लिखो हए? “बे कहि, कैसरको।"
\p
\v 25 बा बिनसे कहि,”जहए मारे जो कैसरको हए बा कैसारके देबओ और जो परमेश्वरको हए बा परमेश्वरके देओ।"
\v 26 आदमीके अग्गुबे बाके बातमे फसाए ना पाई, और बाके बातमे बे अचम्मो मानके छक्क पणके कछु ना कहेपाइ।
\p
\v 27 तव पिच्छू बाके ठिन कोइ सदुकी आए । मरके पुनरुत्थान ना होत हए, कहिके बिनको बिचार रहए। बे बासे पुछी,
\v 28 ”गुरुजी मोसा हमके लिखिरहए, कि कोई आदमीको विवाहित ददा बिना सन्तान मरतहए कहेसे, भईया बाके बैयरसे बिहा करके ददाको सन्तान खणा करन पणत रहए ।
\v 29 सात भईया रहए जेठोसे एक बैयर लाई और बिना सन्तान मारगौ
\v 30 और मझलोसे,
\v 31 और सझलोसे बहए बिहा करी और उइसे करके बे सातओ जनि बिना सन्तान मरिगए
\v 32 पिच्छु बा बैयर फिर मर्गइ,
\v 33 जहए मारे मरके पुनुरुत्थान हुइहए, बा बैयर बिन मैसे कौन कि बैयर हुइहए? काहेकि बा सातौ जनिकी बैयर भइरहए ।"
\p
\v 34 येशु बिनसे कहि जा युगमे, आदमी बिहा करतहए, और बिहा कर देत हए ।
\v 35 पर बा युग तक पुगन योग्य ठहेरन बारे और मरके जिन्दा हुइके उठन योग्य होन बारे ना विहा करत हए, ना विहा कर देत हए।
\v 36 बे फिर मरत ना हए कहेकी बे स्वर्गदुतके सामान होत हए, और पुनरुत्थानके सन्तान होनके कारन बे परमेश्‍वरके सन्तान हए ।
\v 37 पर मरन बारे जिन्दा हुइके उठङ्गे कहि बात मोसा फिर झुणाके विवरनमे परमप्रभुसके अब्राहमको परमेश्‍वर, इसाहकको परमेश्‍वर और याकुबको परमेश्‍वर कहेके दिखाइ दइ।
\v 38 बा मरन बारेन को परमेश्‍वर नाहए, पर जीन्‍दनको परमेश्वर हए, काहेकी सब बाके ताही जित हए ।"
\p
\v 39 और शास्त्रि मैसे कोइ कोइ कही गुरुजी तुम ठिकए कहे।"
\v 40 तब पिच्छु कोइ बासे प्रश्‍न पुछनको हिम्मत ना करी।
\p
\v 41 येशू बिनसे कही,”ख्रीष्ट दाउदको पुत्र हए कहेके बे कैसे काहत हए?
\v 42 काहेकी भजनके पुस्तकमे दाउद अपनए कहीहए,” परमप्रभु मिर प्रभुसे कही,”तुम मिर दहिना हात घेन बैठओ।
\q
\v 43 जब तक तुमर शत्रुनके तुमर पवदान ना बना मङ्गो।'
\p
\v 44 अइसिए दाउद ख्रीष्टसे प्रभु कहत हए, फिर कैसे बा दाउद को पुत्र भओ?”
\p
\v 45 और सब आदमी सुनत करत बा अपन चेलनसे कही,
\v 46 लम्बो कुर्ता पैधके इतए उतए नेगत, और बजारमे अभिबादन ढुणत, और सभाघरमे प्रमुख आसन और भोजमे आदरको स्थान रुचान बारे शास्त्रीनसे होसियार रहबओ।
\v 47 बे बिधवनको घर हणपत हए, और लम्बो देखावटी प्रार्थना करत हए ।जो जध्धा दण्ड पामङ्गे।
\c 21
\cl अध्धाय 21
\p
\v 1 बा धनीके देखि अपन-अपन भेटी दान पात्रमे धरत देखि।
\v 2 बा गरीब बिधवाके हुँवा दुई पैसा चढात फिर देखि।
\v 3 तब बा कही निहात्य मए तुमसे काहत हौ, जा गरीब विधवा औरनसे सबसे जाधा चढाइ है।
\v 4 काहेकी जे सब अपने प्रस्सता से भेटी चढाई हए, पर जा गरीबी मैसे अपन सबै जिविका दै।"
\p
\v 5 अब कोइ-कोइ सुतरे -सुतरे पत्थर और दानमे प्राप्त भए समान सुसज्जित भए मन्दीरके बारेमे बात करन लागे, येशु कहान लागो।
\v 6 तुम जो देखे हौ, अइसो समय आबैगो जब एक पत्थर उपर दुसरो पत्थर ना राहाबैगो, बे सबए भसम हुइजएहए ।"
\p
\v 7 बे बासे पुछी, गुरुजी जे सब कब हुई हए? और जे सब बात होत तव का चिन्ह हुइहए?
\p
\v 8 बा कहि, होसीयार रहो, तुमके कोइना बहकाबे ना । मिर नाउँमे तमान आदमी मए बहए हौ, और समय ढिगई आएगओ हए, कहिके काए हए । उनके पिछु तुम मत लागौ ।
\v 9 तुम जब लणाई और खैलाबैला कि बात सुनएगे तओ तुम मत डराबौ, काहेकि पहिले जे घटना होनए पणैगो, पर अन्त्य तुरुन्तए ना होबएगो ।"
\p
\v 10 तव बा बिनसे कहि, “राष्ट के बिरुध्दमे और राज्य राज्यके बिरुध्द मे उठँङ्गे ।
\v 11 भैयङ्कर हालाचाला आमङ्गे तमान जघामे भुक्मरी और हैजा आमङ्गे, भैयङ्कर लडाई होमङ्गे, औ बादरमे बणे बणे चिनह होमङ्गे ।
\v 12 पर जे सब बात होनसे अग्गु आदमी तुमके पकण्ङ्गे, और सतामङ्गे और तुमके सभा घरमे सौप देहए, और झेलमे डार देहए। तुमके मिर नाँउ के कारन राजा और हाकिमके अग्गु पुगएहै ।
\v 13 पर तुमर ताहि जा एक गवाही देनको अवसर हुइहए ।
\v 14 जहय मारे अपन बचावके ताहि का कहाङ्गो सो अग्गुसे मत सोचओ कहिके अपने मनमे पक्का करौ ।
\v 15 काहेकि मैतुमके अइसो मसकनके ताही बचन और बुद्धी देहओ ।कि तुमर बिरोधि उत्तर ना दै पैहए, और खन्डन फिर ना कर पैहए ।
\v 16 पर तुमर अइया- दउवा और दादा भैया, नातेदार और सँगी फिर तुमके पकणाए देहए, और तुम मैसे कोइ-कोइके बे मारङ्गे ।
\v 17 मिर नाउँके ताही तुमके सब आदमी घृणा करङ्गे।
\v 18 पर तुमर शरीरके एक बार फिर नष्ट ना हुइहए।
\v 19 तुमर धैरिय द्वाराके अपनो प्राण पाबैगे औ बचाबएगे।
\p
\v 20 पर जाब तुम येरुसलेमके, सेनानसे घिरो देखैगे, तव बाको बिनास जैने आइगैहए कहिके जानै ।
\v 21 तब यहुदियमे होनबारे पाहाण घेन भाजै । शहेर भितर होनबारे बाहिर भाजै, और बाहिर गाउँमे होनबारे शहेर भितर ना घुसए ।
\v 22 काहेकि लिखो भौबात सब पुरो होन हए, बे बदला लेनके दिन हुइहए ।
\v 23 बे दिन मे गर्बबति और दुध खबान बारी बैएरऐ! काहेकि बा देशके उपर बणे- सङ्कट आबएगो, और बे आदमीके उपर क्रोध आए पणएगो ।
\v 24 बे तरवारसे मारेजामङ्गे, और सब देशमे बे कैदी बनाएके लैजामङ्गे और गैर यहुदीयनको समय पुरो ना होन तक बे यरुसलेमके कैदी बनायके धरङ्गे ।
\p
\v 25 दिन, जोनि और तारामे चिहना दिखाइ देमङ्गे, और समुन्द्रको गरजन और छालसे ‘पृथ्वीके राष्ट शंकष्टमे पणके व्याकुल होमङगे
\v 26 संसारमे होनबारो घटनाको अशंकासे आदमी बेहोस होमङ्गे काहेकी बादरको शक्ती डगमगाबैगो ।
\v 27 तव आदमीक लैणके शक्ती और मह महीमासंग बादरमे आत बे देखङ्गे।
\v 28 जब जे बात होमङ्गी, तव उठव और अपन मुणीयाके उपर उठएके देखओ, काहेकी तुमर उद्धार जौने हए।"
\p
\v 29 येशू उनसे एक काहानीमए कही हुलर रुखा और सबै रुखाके देखओ,
\v 30 बिनको पतझर देखके तुम अपनै पता पएहओ, कि, ग्रिष्म ऋरु ढिङ्गै हए।
\v 31 जहेमारे तुम फिर जब जा बात होत देखैगे, तव परमेश्वरको राज्य ढिगैहए कहिके पतापाबैगे।
\v 32 निहात्या मै तुमसे काहत हओ, जे सब घटना पुरो ना होनतक जा पुस्ता ना बितैगो ।
\v 33 आकास और पृथ्वी बित जैहए, पर मिर बचन ना बितैगो ।
\p
\v 34 पर तुम अपने बारे मे होशियार राहबओ । नित भोक बिलास सराबी पन और जिबानको चिन्तासे तुमर मन भरए, और तुमर उपर बा दिन इकबरीए फाँसि हानि आए जएहए।
\v 35 काहेकि अइसिए त सारे पृथ्वीभरमे बैठन बारे सबैके उपर फाँसी हानि आए पणैंगो ।
\v 36 पर आनबारो जा सब बासे उम्कन, और आदमीके पुत्रके अग्गु ठाणंन सामर्थ होन ताहि, सब समय प्राथना करत राहओ।"
\p
\v 37 येशु दिनमे मन्दीर मे शिक्षा देत रहए, और रातके जैतुन काहन बारो डंगा मे रात गुजारत रहए ।
\v 38 बक बचन सुनन् ताहि सबै आदमी सबेरे से मन्दीर मे आत रहए ।
\c 22
\cl अध्धाय 22
\p
\v 1 अखमिरि रोटिको त्यूहार ढिगै आएगओ रहए । जासे निस्तार त्यूहार काहत हए ।
\v 2 मुख पुजारि और शास्त्री बाके कइसे मारै कहिके सल्लाहा करत रहए, पर बेआदमीनसे डरात रहए ।
\p
\v 3 बाह्र जनी मैसे यहुदा इस्करियोत के भितर शैतान घुसगओ ।
\v 4 येशूके बिनके हात मे कैसे पकणबामए कहिके मुख पुजारि और कप्तानके ठिन जाएके बा सल्लाहा करी ।
\v 5 बे खुशी भैय, और बाके रुपैया देन कबुल करी ।
\v 6 बा सहमत हुइगओ, और भिण ना भओ बेरामे बाके पकणन मौका ढुणन लागो ।
\p
\v 7 अखमिरी रोटीको त्युहारको दीन रहए जौनदीनसे निस्तारको थुमा (बकरा) बलीदान चणांन पणंत रहए ।
\v 8 बा पत्रुस और युहन्नाके अइसे कहिके पठाइ,” जाएके हमर ताहि निस्तार त्युहारको भोज (खानु) तयार करौ,
\v 9 बे बासे कही,” हम जा भोज (खानु) कहाँ तयार करएँ?
\p
\v 10 बा उनसे कहि, “सुनओ, जब तुम शहेर मे घुसओ, पानीको घल्ल बोकन बलो एक जनी आदमीसे मिलैगो । बा जौन घरमे घुसैगो हुँव तक बाके पिच्छु लगियो।
\v 11 तब तुम बा घरको आदमीसे कहियो, गुरु तुमसे पुछत है, मै अपन चेलन सँग निस्तार त्युहारको भोज खान बारो कोठा काहँ पर हए?'
\v 12 बा तुमके उपर तल्लामे सजोसजाओ भओ बणो कोठा दिखाबैगो, और हुँवए तयार करीओ ।
\v 13 अइसिए बे गैए और बा कहो हानिपाइगए, और बे निस्तार त्युहार भोजको खानु तयारि करी ।
\p
\v 14 और जब समय आओ, बा प्रेरितनके सँग भोजन करन बैठो।
\v 15 बा उनसे कहि, “मै दुःख भोगनसे अग्गु जा निस्तार त्युहारको भोजन तुमर सँग खान बणो इच्छा करो रहओ ।
\v 16 काहेकि मै तुमसे काहत हौ, परमेश्वरके राज्यमे जा पुरो ना होन तक मै जा भोज फिर ना खामङ्गो ।"
\v 17 तव येशू कटोरा लैइ, और जब बा धन्या बाद चढाएके बा कही,”जा लेबओ, और तुम आपस मे बँटओ ।
\v 18 काहेकि मै तुमसे काहत हौ, परमेश्वरको राज नाआन तक अब मै अङ्गुरको रस ना पिमङ्गो।"
\v 19 और बा रोटी लै, और धन्या बाद चढएके बाके तोडी और उनके अइसो कहिके दै, तुमर ताहि दौ भव जा मिर शरीर है ।मिर यादमै जा करीओ।
\v 20 अइसी कहिके खाएके बा कटोरा लईऔर कही,” जा कटोरा तुमर ताहि बाहो भव मिर खुनमे भओ नयाँ करार हए ।
\v 21 पर ध्यान देबओ । मोके धोका देन बारो जहे टेबुलमे हए ।
\v 22 काहेकि आदमीको लौणात कहो भओ समयमे जान पणत हए । पर बा आदमीके धिक्कार हए जौनसे बाके विश्‍वासघात होबएगो ।"
\p
\v 23 और बिन मैसे कौन अइसे करैगो बे अपनए प्रश्‍न करन लागे ।
\p
\v 24 अब बे मैसे सबसे बणों कौन हए कहिके बिनके बिचमे बाद बिवाद होन लागो ।
\p
\v 25 बा बिनसे कहि, अन्या जातिक राजा उनके उपर प्रभुत्व करत हए, और बिनके उपर अधिकार चलानबारेनसे आदरको अगुवा कहत हए ।
\v 26 पर तुम मे अइसो ना होबौ । तुम मैसे जैन बणो है, बा सबसे छोटो बनए और सबसे जरुरि बात काहए कहेसे बा सेबा करन जैसो होबए ।
\v 27 काहेकि बणो कैन है? खानु खान बैठन बारो कि सेवा करन बारो? का खनु खान बैठन बारो नाहए? पर मै त तुमर बिचमे एक जनी सेवा करन बारो जैसो हव ।
\p
\v 28 पर मिर परिक्षामे मोके साथ देन बारे तुमहीं हौ ।
\v 29 जैसे मिर पिता मोके एक राज्या दै हए, मए फिर तुमके दे हौ ।
\v 30 ताकि मिर राज्यामे तुम मिर टेबुलमे खाबैगे और पिबैगे, और इस्स्रयलके बाह्रए कुल मए न्याय करके सिंहासनमे बैठैगे ।
\p
\v 31 सिमोन, हे सिमोन देख शैतान तुमके गेहुं हानि निखारन बारो अनुमती मागी हए ताकि बा तुमके अपने हातमे करसकए ।
\v 32 पर मै तिर विषवास ना डगमगाए कहिके तिर ताहि प्रार्थना करो, और तुम फिर घुमके तिर भैयान के स्थिर करीए ।
\p
\v 33 तव पत्रुस बा से कहि, “हे प्रभु मै तिर सँग झेल खानामे और मृत्यु तक जान तयार हौ ।"
\p
\v 34 तव बा कहि, “पत्रुस, मै तोसे कहत हौ, तए मोके ना चिनत है, कहिके तिन चोटि अस्विकार ना करन तक, आज मुर्गा ना बासैगो ।"
\p
\v 35 येशु बिनसे कहि, जब मै तुमके थैलि और झोलि और जुता बिना पठाओ रहओ, का तुमके कोइ चिजको कमी भओ? बे कहि ना भओ ।
\p
\v 36 बा हकि, पर अब जौनके थैलि हौ, बा बाके बोकए, उइसी झोला फिर बोकए । और जौनक सँग तरवार ना हौ, और बा अपनो लत्ता कपडा बेचके तरवार लेबए ।
\v 37 काहेकि मै तुमसे काहत हौ, बा अपराधी सँग गिनैगो, कहिके मिर बारेमे जो अगमवाणी लिखि हए बा पुरो होनए हए । हाँ मिर बारेमे लिखो बात पुरा हुइ रहो हौ।
\p
\v 38 तब चेला कहीँ, हे प्रभु देख, हियं दुई तरवार हौ। “और बा कहि, इतका होएसे पुग जएहै ।"
\p
\v 39 बाहेर निकरके रोज दि हानि डंगामे गओ।और बके चेला फिर पच्छु-पच्छु लागे ।
\v 40 बा ठाँउमे पुगके बा उनसे कहि, “तुम प्रार्थना करे राहबओ, और परिक्षामे मत पणौ ।"
\v 41 बा बिनसे प्रायःतिस मिटर दुर जाएके घुटो टेकके प्रार्थना करि ।
\v 42 “हे पिता, तिर इच्छा हए कहेसे, जा कटोरा मिर ठिनसे हटाए दे । पर मेरि इच्छा नाए, पर तिर इच्छा पुरि होबए ।"
\v 43 तव स्वर्गसे एक दुत बाके बल देन बाके ठिन दिखाइ पणो ।
\v 44 गजब सँकष्टमे पणके आग्रह पुर्वक बा प्रार्थना करन लागो, और बक पसिना खुनको बुदा बुदा हानी जमिनमे गिरत रहै।
\v 45 जब बा प्रार्थनासे उठके चेला ठिन आतपेति, बा बिनके शोकके कारण निधानो देखि ।
\v 46 और बा उनसे पुछी, तुम काहे निधाए रहेहौ? उठौ और परिक्षामे ना पणन ताहि प्रार्थाना करौ ।"
\p
\v 47 देखओ बा मसकतय मसकत एक भिण हुंवा आएगइ । बाह्र चेला मैसे एक जनी यहुदा कहिन बारो अग्गु अग्गु आओ । बा येशूके चुमन, बाके ठिन आओ ।
\v 48 पर येशु बासे कहि, यहुदा का तय आदमीक पुत्रके चुम्बनसे विशवा घात करन चाहत है?”
\p
\v 49 तव बक झौने झौनेमे भए जो होत रहए, ब देखि, बे कहि, “प्रभु का हम तरवरा चलामै?”
\v 50 बे मैसे एक आदमि प्रधान पुजारिक नोकरके मारी, और बक दहिना कान काटदै ।
\p
\v 51 पर येशु कहि, “हुइगओ, “अब अइसो मत करओ ।" और बक आदमिक कान छुइके, बा बाके अच्छो कर दै।
\v 52 और बाके बिरुद्धमे आए भए मुख पुजारि, मन्दीरके कप्तान और धर्म गुरुसे बा कहि,” का तुम डँकुके विरुद्धमे आए हानि तरवार और लठ्ठी लैके आए हौ?
\v 53 मै रोज दिन मन्दीरमे तुमर सँग रहौ, तुम मिर बिरुद्धमे हात ना उठाए । पर अब तुमर समत है, और अन्धकारको शक्ति जहे है ।"
\p
\v 54 बे येशुके पकणके लैगै, और बाके प्रधान पुजारिके घरमे लाई । पर पत्रुस दुरसे बाके पिछु पिछु लागो ।
\v 55 हंवा आगनके बिचमे आगि पजारके आदमी जमा हुइके बैठे रहै ।पत्रुस फिर उनके बिचमे बैठो ।
\v 56 एक नेकर्नि आगिके उजियारेमे बाके बैठो देखके अच्छेसे देखी, और कहि, “जा आदमि फिर बिनके सँग रहै ।"
\p
\v 57 पर पत्रुस अएसो कहिके इन्कार करी, ए नारि, मै बाके ना चिनत हौ ।"
\p
\v 58 थोरि देर पिच्छु दुसरो बाके देख्के कहि, तए फिर बेहि मैसे कोइ एक हौ । तव पत्रुस जवफ दै,”ए आदमी, मै ना हौ ।"
\p
\v 59 लगभग घण्टा पिच्छु और एक जनी जोर दैके अइसो कहि, “निहात्य जा आदमी बहेके सँग रहै, काहेकि जा फिर गालीलीए है ।"
\p
\v 60 पर पत्रुस कहि, ए आदमी, तुम का काहतमै हौ, मै ना जानत हौ ।" बा मस्कतै मस्कत मुर्गा बास्दै ।
\p
\v 61 और प्रभु घुमके पत्रुसके देखी । आज “मुर्गा बासनसे अग्गु तए मोके तीन चोटी इन्कार करहए । कहीके प्रभुको कहो भौ बचन याद भौ ।"
\v 62 और बा बाहीर निकरके धर धरउटी रोन लागो ।
\p
\v 63 तव येशुके पक्रके आदमी बाके खिसबांइ और पिटिं ।
\v 64 बाकी आंखीमे पट्टीसे लपेटके बासे पुछी, तोके मारन बारो कौन हए? “ले अगमवाणी कहा!
\v 65 बे बा के बिरुद्धमे घृनापूर्ण बात कही और बाके उपर ईश्‍वार -निन्‍दाको आरोप लगाइ ।
\p
\v 66 उज्यारो होतए जमा भए, जनतनके धर्म गुरु, मुखीय पुजारी और शास्त्री दोने बाके अपन महासभामे लै गै।
\v 67 और कही,” तए ख्रीष्ट है कहेसे हमके बता ।" बा उनसे कही, मै बतै हौ कहेसे फिर तुम ना पतियए हौ ।
\v 68 मै प्रश्‍न करङ्गो कहेसे, फिर तुम जवाफ ना देहौ ।
\v 69 पर आदमीको पुत्र परमेश्वरको शक्तीको दहिना घेन बैठैगो ।
\p
\v 70 तव बे सब कही, तव का तै परमेश्वरको पुत्र हौ?”बा बिनके उत्तर दै, तुमही काहत हौ ।"
\v 71 बे कही,” हमके अब और का शाक्षीको आबश्यक्ता है का? कहेकी हम बहेके मुहसे सुन लै ।"
\c 23
\cl अध्धाय 23
\p
\v 1 बे सबए दलके उठे, और बाके पिलातस ठिन लैगए ।
\v 2 बे बाके उपर अइसो कहिके दोष लगान लागे, जा आदमी हमर देशके बहकात हम पाइगए । जा कैसरके कर तिरनसे रोकत है, अपनेके मै ख्रिष्ट, एक राजा हौ कहिके काहत है ।"
\p
\v 3 पिलातस बासे पुछी, का तै यहुदिक राजा है? “येशु “जबाफ दैके कहि, तुमही अइसो काहत हौ ।
\p
\v 4 तव पिलातस मुख्य पुजारि और भिडसे कहि, मै जा आदमीमे कुछु दोष ना पाओ ।
\p
\v 5 तव बे बणे जोर दैके कही, जा सारा यहुदिया और गालीलीसे जा ठाउँ तक शिक्षा देत आदमीके भडकात है ।"
\p
\v 6 तव पिलातस जा सुनके, जा आदमी गालीलीको है कि, कहिके पुछी ।
\v 7 तव बा हेरोदको इलाकाको आदमी है, कहिके पता पएके पिलातस येशूके हेरोद ठिन पठाइदै ।
\v 8 जब येशुके देखके हेरोद बेढम खुशी भौ । काहेकि बा बाके बारेमे सुनी रहए, बेढम दिनसे बाके देखन इच्छा करत रहए, और बा कुछ अछम्मो काम करो भौ देखन आशा करत रह ।
\v 9 हेरोद येशूसे बेढम प्रश्‍न पुछी, और येशू बाके कुछू जवाफ ना दै ।
\v 10 मुख पुजारी और शास्त्री ठाणके येशूके जोणतोणसे दोष लगान लागे ।
\v 11 हेरोद अपन सिपैया सँग मिलके बासे घृणापुर्ण व्यवहार करी, और बाको गिल्ला करी। पिच्छु बाके अच्छो कपडा पहिदायके पिलातसठीन घुमाएके पठाए दै।
\v 12 बहे दिन पिलातस और हेरोध दोनो आपसमे मित्र भए।काहेकि अग्गु बिनके बिचमे दुश्मनि रहै।
\p
\v 13 तव पिलातस मुख पुजारि शासक, और जनताके जमा करी।
\v 14 बा बिनसे कहि, तुम आदमीके भणकान मारे जाके मिर अग्गु लाए। तुमारी अग्गु मय शोद पुछ करो, तुम इनके उपर लगाय भौ दोष मय ना पाओ।
\v 15 १५ हेरोद फिर दोष ना पाई, कहिके बे जाके हमर ठिन घुमाइ दै। अब देखौ जा मृत्यु दण्ड पानको योग्या कुछु काम ना करी है।
\v 16 जहेमारे मै जाके सजाए करके छोड देहौ।
\v 17 त्युहारको उपलक्षमे बिनके ताही पिलातस एक जनी कैदीके छोडदेनपडत रहै।
\p
\v 18 बे सब एकसँग अइसो कहिके चिल्लाई “जाके हमरीबिचसे हटाए देओ, और हमर ताही बारब्बाके छोड देबौ ।"
\v 19 बारब्बा शहेरमे भव विद्रोह और हत्याको काण्डमे झेलमे थुनो भओ एक आदमी रहए ।
\v 20 येशुके छोणन इच्छा करके पिलातस फिर उनके सम्झाइ ।
\p
\v 21 पर बे अइसो काहत चिल्लाइ बाके क्रुसमे टाँग देओ और बाके क्रुसमे टँगदेओ ।"
\v 22 तव बा तिस्रो चोटी बिनसे कही, “काहे, जा आदमी का खराब करी हए? मै त जाके मृत्यु दण्ड देन कोइ बजैए ना पाओ, जहेमारे मै जाके सजाय करके छोड देहौ ।"
\v 23 तव बे बणो जोरसे चोल्लाई बाके क्रुसमे टँगन पणैगो, कहिके माग करन लागे ।बिनको चित्कार सफल भौ।
\v 24 तव पिलातस बिनको मंग पुरा करदेन फैसला करी ।
\v 25 पिलातस बारब्बाके छोडदई, जो विद्रोह और हत्या काण्डमे झेलमे पणो रहै बहेके छोड देओ कहिके बे माग करी रहै, पर येशुके त बे बिनके इच्छामे सौप दै।
\p
\v 26 बे बाके बाहुनासे लैजात पेती, गाँउसे आनबारो शिमोन नाउँको कुरेनि निबासीके पकणी, और क्रुस बोकके बाके पिच्छु पिच्छु जान लगाई।
\v 27 आदमीको बणो भिण बाके पिच्छु लागो, बा मे बैयर फिर रहै जो, बिलखात रहए और रोत रहै ।
\v 28 तव बिनके घेन घुमके येशु कही, यरुसलेमके लौणीय, मिर ताहीं मत रोबओ, पर तुम अपन ताही और अपन लौणा-लौणीयाके ताही रोबओ ।
\v 29 काहेकि बे दिन आन बारे है, जब आदमी काहामङ्गे धन्या बाँझी और गर्भधारन ना करन बारी कोख और दुध ना खबान बारी बैयर ।
\v 30 तव बे पाहडसे काहामङ्गी हमर उपर गिर और डँगासे काहामङ्गी हमके तोप ।'
\v 31 काहेकी बे ता, रुखा हरो होत जा काम करत है, तव सुक्खा होत का करङ्गे?”
\p
\v 32 अब बे दुई अपराधीनके फिर बाके सँग मृत्यु दण्ड देन ताही लैगए रहए ।
\v 33 जब बे खप्पेर कहिन बारो ठउँमे आए, तव हुँव बे बाके क्रुसमे टाँगी, और बे अपराधी मैसे एक आदमीके दहीना घेन और दुसरेके दिब्रा घेन क्रुसमे टाँगी ।
\v 34 तव येशु कही, “हे पिता, यिनके क्षमा करीए, काहेकि जे का करत है सो ना जानत है ।" तव बे बाको कपणाको चिट्टा डारी ।
\v 35 आदमी ठाणके देखत रहै, शासक बासे ठट्टा करत कहि, “जा परमेश्‍वरको ख्रिष्ट हए कहिसे जा औरनके बचाई औ अब अपनेके बचाबै ।"
\p
\v 36 सिपाहि फिर आएके बाके सीर्का देत अइसो कहिके अपमान करिइँ,
\v 37 तए यहुदिक राजा है कहेसेत अपने आपके बचा ।
\v 38 जा यहुदिनको राजा है “करके दोष-पत्र बाके फिर उपर रहए ।
\p
\v 39 क्रुसमे टँगो अपराधि मैसे एक जनी अपराधि बाके अपमान करत कही, “का तुम ख्रीष्ट ना हौ, तुम अपनेके और हमके बचाओ ।"
\p
\v 40 तव बा के ढाँटके दुसरो कहि, “तय फिर दण्डमे पणो है, तहु फिर परमेश्‍वरको डर ना मानत है?
\v 41 हमर दण्ड त न्यायसे है, काहेकि हम त अपनो कामको ठिक फल भोग रहे है, पर जा आदमी ता कोइ गलत काम ना करि हए ।"
\v 42 तव बा हकि, हे येशु तुम अपने राज्यमे आबौ तव मेके सम्झीयौ ।
\p
\v 43 बा बासे कहि सच्ची मै तुम से काहत हौ, आजै तुम मिर सँग स्वर्ग लोकमे हुइ हओ ।
\p
\v 44 लगभग दुपाहरको बाह्र बजे रहै, और तीन बजे तक सारे देशमे अन्धकारसे ढाग गओ ।
\v 45 दिनको तेज कम हुइगौ, और मन्दीरको पर्दा बिचसे फटके दुई भाग हुइगौ ।
\v 46 येशू बणो जोरसे चिल्लाइके कहि, “हे पिता मै मेरो आत्मा तुमारे हातमे सौपत हओ । यितकै कहिके बा अपने प्रान त्याग दै ।"
\p
\v 47 जा सब देख के कप्तान अइसो काहत परमेश्‍वरको महिमा करी, निहत्य जा धर्मी आदमी रहए ।"
\v 48 जा ठाउँमे आएभए सबए भिड हुआपर भओ घटना देख्के बे अपनी छाती पिटतए घुमगए ।
\v 49 तव बक चिनाजान और गालीलसे बाके पिच्छु आनबारे बैयरए दुरसे ठाणंके जा घटना देखी रहै ।
\p
\v 50 योसेफ नाउँ भव एक जनी अच्छो आदमी रहए ।बा माहा सभामको सदस्य फिर रहए ।
\v 51 बा बिनके सल्लाह और कर्यमे सहमति ना दै रहए । बा यहुदीनको अरिमाथीया शहरको आदमी रहए । बा परमेश्वरको राज्यको डगर देखत रहए ।
\v 52 जे आदमी पिलातस ठिन जाएके येशुको लास मागी ।
\v 53 बा को लास तरे उतारके मलमलको कपडामे लपेटके, और चट्टानमे ढोडर बनाएके एक चौरामे धरी, जहँ कबहु कोइके ना धरि रहै ।
\v 54 बा तयारीको दिन रहै, और शबाथ-दिन शुरु होन लागो रहए ।
\v 55 गालीलसे बाके सँगमे आन बारि स्त्री पिच्छु पिच्छु गई, और बा मृत्युके गड्डामे येशूकोशरीरके कैसे धरिरहए, बाके देखिं ।
\v 56 तव घुमके बे सुगन्धीत मलहिन और अत्तर तयार करके, तव व्यवस्थाके कहो जैसो शबाथमे बे विश्राम करी ।
\c 24
\cl अध्धाय 24
\p
\v 1 हप्ताक पहिलो दिन सबेरे बे बैयर तयर करके सुगन्धीत मसला मरघटैयामे लैके आई ।
\v 2 बे पत्थर गड्डासे हटो पाई ।
\v 3 तव बे भितर घुस्के प्रभु येशुक शरीर ना पाई ।
\v 4 जब बे जाके बारेमे अलमल्लमे पणीगए रहै, अचानकसे चमकन बारो लत्ता पैधे दुई लोग बिनके ठिन ठाणगए ।
\v 5 बे डराए गइ और जमिन घेन मुण झुकाई, तव बे दुई लोग कही,” तुम जिन्दाके मरेनके बिचमे काहे ढुणत हओ?”
\v 6 बा हियँ नाहए, पर जिन्दा हुइके उठिगओ है! गालीलमे होत बा तुमसे का कही रहए, बा याद करओ ।
\v 7 कि आदमिक पुत्रके पापीआदमीके हातमे सौंपङ्गे और क्रुसमे टँगङ्गे, और तीस्रो दिनमे जिन्दा हुईके उठन जरुरि हए ।"
\v 8 तब बे बैयर बाको बचन सम्झीं ।
\v 9 और मरघटैयासे घुम्के बे जा सब बात एघार चेलनके और सबैके बताई दै ।
\v 10 बे बैयर, मरियम मग्दलिनी, योअन्ना और यकुब कि अईया मरियम रहैं । बिनके सँग और बैयर फिर जा बात प्रेरितके बताई ।
\v 11 तव बे जा बातके बेकार हए कहिके ठानी और बे विश्‍वास ना करी ।
\v 12 तव पत्रुस उठके मरघटैयामे दौणके गओ, और निहारके देखि, सुती लत्ताक पट्टी इकल्लो देखी । तब पत्रुस बा घटना देखके अचम्मो मानके बा गइभव ।
\p
\v 13 बहे दिन बाके चेला मैसे दुई जनी यरुशलेमसे प्रायः साठी किलोमिटर दुरको इम्माउस नाउँको एक गाउँ घेन गए रहए ।
\v 14 घटे भए सब घटनक बारेम बे अपसमे बातचित करत रहै ।
\v 15 बे अपसमे बातचित करत और बहस करत बेरा येशु अपनए बिनके ठिन आएके बिनके सँग गओ ।
\v 16 पर बिनकि आँखी बाके ना चिनन् बारी बनाए दै रहै ।
\v 17 येशू बिनसे कही,” तुम नेगत आपसमे का बहस करत रहओ? बे उदास हुईके ठौण रुकिगए ।
\p
\v 18 बे दुई मैसे क्लोपास बाके जवाफ दै,” जे दिनमे यरुशलेममे भइ बातके पता ना पान बारे आदमी का तुम इकल्ले हओ?”
\p
\v 19 बा बिनसे पुछी, का बात, बे जवाफ दैः येशु नासरिक बारेम बा एक अगम वक्ता रहए, और परमेश्‍वार और सब आदमीके सामने काम और बचन मे शक्तीशाली रहै ।
\v 20 तव मुखीया पुजारि और हमर शासक बाके मृत्यु दण्डके ताही सौँपी, और बाके क्रुसमे टाँगी ।
\v 21 इस्राएलको उद्धार करन बारो बहे हए, कहिके हम आसा करे रहै । जा सब बात छोडके जा घटना घटके आज तिस्रो दिन है ।
\v 22 जाः बाहेक हम मैसे कोईकोई बैयर अचम्मो बताइ है । बे आज सबेरे चिहानमे गई रहै ।
\v 23 और येशुक शरीर ना पाई, बे आएके हमके सुनाई, हम स्वर्गदुत देखे, बा येशु जिन्दा हुइगव है कहि ।
\v 24 हम मैसे कोई-कोई मरघटैयामे गौ, और बे बैयर जो कही रहै, उइसी पाई, तव बाके ना देखी ।"
\p
\v 25 येशू बिनसे कही,” अबुझ आदमी तुमर ह्रदय यित्तो सुस्त काहे भव हए, का अगमवक्ता कही बातमे विश्‍वास ना करत हौ?
\v 26 का ख्रिष्टके जा कष्ट भोगनो और अपनी महिमामे प्रवेश करन जरुरी ना हए का?”
\v 27 तव मेशा और सब अगमवक्तासे सुरु करके बा धर्म शास्त्रमे अपने बारेमे लिखी बातको अर्थ बिनके खोल दै ।
\p
\v 28 बे जौन गाउँमे जात रहै, बाके ठीन पुगे। बा और दुर जानके चाहत रहए, जैसो करी ।
\v 29 तव बे बाके अइसो करके कर लगाई,” हमर सँग बैठओ, काहेकी साँझा होन लागो, और दिन बहुत ढल गओहै ।" और बा बिनके सँग बैठनके घर भितर घुसो ।
\v 30 जब येशु बिनके सँग खान बैठो बा रोटी लैके आशिर्वाद दै, और तोडके बिनके देन लागो ।
\v 31 तव बिनकि आँखी खुली, और बे बाके चिनी । और बा बिनके नजरसे अलोप हुइ गओ ।
\v 32 बे आपसमे कही, बा हमर सँग डगरमे बात चित करत, और हमके धर्म शास्त्रको अर्थ, खोल देन पेती का हमर हृदय भिरत प्रज्वलित ना भव रहए का?”
\v 33 बहे बेरा बे उठके और यरुशलेम घुमे । और एघार चेला और बिनके सँग जम्मा भएनके भेटी,
\v 34 और बिनसे अइसो कहि,” प्रभु सँच मे जिवित हुइके उठिगओ और सिमोन ठिन दिखानो रहए ।
\v 35 तुमर डगरमे भई बात और रोटि तोडत पेती कैसे प्रकट भओ, सो बताए दै ।
\p
\v 36 बे जा बात काहत पेती येशु बिनके बिचमे प्रकट भव रहए, और बे डरके मारे घबणाए गए । और बिनसे कहि तुमके शान्ती होबए ।"
\v 37 बे झस्के, और डरके मारे घब णाए गए, और हम त प्रेत देखे रहए कहिके सम्झी ।
\v 38 तव बा बिनसे कहि, “तुम काहे बिचलित होत हौ, और तुमर ह्रदयमे काहे प्रश्‍न उठात हओ?
\v 39 मिर हत और मिर पाओं देखै, महि हौ, मोके छुएके देखै । काहेकि प्रेतनको मासु और हड्डी ना होत हए, तव तुम देखत हौ, मिर त हए ।"
\v 40 अइसी कहिके पिच्छु बा बिनके अपन हात और पाओ दिखाई ।
\v 41 तव खुशिसे पत्यान नासकन जैसो बे अचम्मो पणत बा बिनसे कहि, का तुमर ठिन हियाँ कुछ खान बारो चिज हए ।
\v 42 बे बाके पकाओ भव एक मछरी दै ।
\v 43 तव बा बाके लैके बिनके अग्गु खाई ।
\p
\v 44 बा बिनसे कहि,”तुमर सँग होत पेति मै तुमसे बोलो रहओ, कि मोसाको व्यावस्ता, अगमवक्ता और भजनके पुस्तकमे मिर विषयमे लिखो सब बात पुरा होन पणैगो ।"
\v 45 तव धर्मशास्त्र समझन ताहि बिनको दिमाँकके खोल दै ।
\v 46 बा बिनसे कहि, अइसो लिखो हए की ख्रिष्ट दुःख भोगैगो और तिस्रो दिनमे मृत्युसे जिन्दा होन पणैगो ।
\v 47 तव यरुशलेमसे सुरु करके सब जातिनके बाको नाउँमे पश्‍चाताप और पाप क्षमाको प्रचार होन पणैगो।
\v 48 तुम जा बातके साक्षी हौ ।
\v 49 देखओ, मै मिर पिताको प्रतिज्ञा तुमर ठिन पठात हौ, पर उपरसे शक्ती ना पान तक तुम हियाँ शहरमे बैठीओ ।"
\p
\v 50 तव पिच्छु बा बिनके बेथनियँ तक लैगओ, और अपन हात उठएके बिनके आर्शिवाद दै ।
\v 51 बा बिनके आर्शिवाद देतए देत, बा बिनसे छुटिगओ और स्वर्गमे चले गओ ।
\v 52 बे बाको उपासना करी, और बणो आन्‍नद साथ यरुशलेम लौटआए ।
\v 53 और बे परमेश्वरको प्रशँसा करत मन्दिरमे रोज रहन लागे ।